ममेरी बहन की ननद-1
(Mameri Bahan Ki Nanad- Part 1)
आज मैं आप लोगों को अपनी कहानी
के आगे सुनाने जा रहा हूँ, उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी।
और सबसे जरुरी बात कि मुझे आप लोगों के पत्र मिले और मुझे बहुत ख़ुशी हई, आप मुझे ऐसे ही अपनी राय भेजते रहिए।
तो अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ :
मेरी ममेरी बहन की शादी हो गई है और मुझे अब इतनी चुदाई का मौका नहीं मिलता दीदी के साथ और दीदी की सहेली भी घर पर कम ही आती है।
लेकिन मेरी किस्मत काफी अच्छी है क्योंकि मेरी ममेरी बहन की शादी हमारे ही शहर में हुई है और मुझे अक्सर वह जाना पड़ता है, कुछ न कुछ काम पड़ता रहता है।
जब मैं वहाँ पहली बार गया था तो मैंने वहाँ पर जाते ही सोचा कि यहाँ कोई न कोई अच्छी लड़की तो मिल ही जाएगी और मुझे वहाँ पर काफी लड़कियाँ दिखी पर सबसे ज्यादा मुझे दीदी की ननद पसंद आई। वो हमारी ही उम्र की थी, उसका नाम सोनिया था, वो इन्जीनियरिंग कर रही थी और देखने मैं बहुत ही ज्यादा सुन्दर और सेक्सी थी।
सोनिया…… हाय क्या बयान करूँ सोनिया के बारे में : एकदम हूर ! खूबसूरत गोरा चेहरा, छाती पर दो बड़े बड़े संतरे जैसी दूधिया रंग की चूचियाँ, एकदम मस्त पीछे को निकली हुई गाण्ड, पतली कमर…… हाय जो देखे बस देखता ही रह जाये।
मैंने सोनिया को बस एक दो बार ही देखा था पर जबसे देखा था मैं तो दीवाना हो गया था सोनिया का। उसको देखते ही मेरे लण्ड ने सलामी देना शुरू कर दिया। मैंने जैसे तैसे कण्ट्रोल किया पर बार बार उस पर नज़र जा रही थी और रहा नहीं जा रहा था।
अब मेरे दिमाग में उसको चोदने के विचार बार बार आ रहे थे, पर क्या करता, कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। फिर मैंने सोचा कि क्यों न मैं आज कुछ बहाना करके यहीं पर रुक जऊँ।
फिर मैंने यह सारी बात ममेरी बहन को बताई क्योंकि हमारे बीच में कुछ भी छुपा नहीं है और दीदी की भी तो मैं कई बार चुदाई कर चुका हूँ। मैं दीदी से जिद करने लगा कि मुझे कैसे भी यहाँ पर रोक लो।
फिर दीदी बोली- मैं कुछ चक्कर चलाती हूँ।
दीदी ने कहा- तू जाकर कोने वाले कमरे में बैठ ! मैं आती हूँ।
मैं वहाँ से चला गया, थोड़ी देर बाद वहाँ दीदी आई और दीदी ने कहा- मैंने चक्कर चला दिया है, कल सोनिया का एक्ज़ाम है और तूने उसको इकोनोमिक्स पढ़ाना है।
मैं ख़ुशी के मारे दीदी से चिपक गया।
फिर दीदी बोली- अब तुझे मेरा एक काम करना होगा !
मैं बोला- बोलो, क्या करना है?
दीदी बोली- अभी सब घर वाले बाहर जा रहे हैं, तू मुझे एक बार अपना लण्ड चुसवा दे।
मैं बोला- यहाँ पर कहीं कोई आ गया तो?
दीदी बोली- थोड़ी देर सभी लोग घर से बाहर जायेंगे किसी की शादी में और तुम्हारे जीजा जी शाम को देर से आयेंगे।
फिर मैंने कहा- ठीक है ! फिर घर पर और कौन होगा?
दीदी ने कहा- सोनिया, तू और मैं !
मैंने कहा- ठीक है !
सभी के जाने के बाद दीदी मेरे कमरे में आ गई और कहा- जल्दी से मुझे ठंडा कर दे, मुझ से रहा नहीं जा रहा।
मैं बोला- क्यों ? जीजा जी नहीं करते क्या?
वो बोली- तेरे जीजा जी तो अपने बिजनेस में ही लगे रहते हैं, रात को देर से आते है और सुबह जल्दी चले जाते हैं।
दीदी ने कहा- जल्दी कर ! नहीं तो कोई आ जायगा।
मैंने कहा- क्यों नहीं !
मैंने झट से अपना सात इंच का लौड़ा दीदी के हाथ में दे दिया। दीदी चूसने लगी।
मैंने कहा- बस आप ही मज़ा लोगी या मुझे भी कुछ चुसवाओगी?
दीदी ने झट से अपनी साड़ी ऊपर कर दी और कहा- ले तेरी पसंद की चीज़ चाट ले।
मैंने अपनी जीभ दीदी की चूत पर लगा दी और चाटने लगा। दीदी तो एक दम पागल हो गई। मैंने भी जोर जोर से चाटना शुरू कर दिया। फिर मैंने दीदी की गांड पर भी जीभ लगा दी। दीदी और पागल हो गई और बोली- अब मुझ से रहा नहीं जा रहा है, मुझे चोद दे जल्दी से नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
मैंने अपना लण्ड दीदी की चूत पर रखा और जोर जोर से झटके मारने लगा। कुछ देर बाद मेरा छुटने वाला था।
दीदी बोली- चूत में नहीं, मेरे मुँह में छोड़ना।
मैंने दीदी के मुँह में छोड दिया।
फिर दीदी बाहर चली गई। मैं कुछ देर बाद बाहर आया तो देखा कि सोनिया टीवी देख रही थी। मैं भी वहाँ जाकर बैठ गया। टीवी में टाईटेनिक फिल्म आ रही थी। हम दोनों में से कोई बात नहीं कर रहा था।
फिर थोड़ी देर बाद दीदी आई और हम दोनों को देख कर बोली- तुम्हारी लड़ाई हो गई है क्या? कोई कुछ बोल ही नहीं रहा है !
तो सोनिया बोली- आपका भाई ही कुछ नहीं बोल रहा है।
मैंने कहा- दीदी, सोनिया भी तो कुछ नहीं बोल रही है, तो मैं क्या बोलूँ?
फिर दीदी ने कहा- तुम दोनों एक दूसरे बात करो, मैं कॉफ़ी बना कर लाती हूँ।
शेष कहानी दूसरे भाग में !
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