चुदाई का मौका और किस्मत-2
मेरा नाम अमित है, गाज़ियाबाद से हूँ, 27 साल उम्र है। मैं एक बार फिर से हाजिर हूँ अपने साथ हुई एक औ घटना के साथ !
मेरी पिछली कहानियाँ बहुत से लोगों ने पढ़ी, उम्मीद है आपको यह भी पसंद आयेगी।
हमारे यहाँ रिश्तेदारी में एक शादी थी तो उस शादी में सभी सम्बन्धी मौजूद थे। उन्ही में से एक परिवार बहुत ही खास था मेरे लिए र या कहास कब बन गयी या आपको कहानी से पता चल जायगा
तो उस परिवार में एक लड़की थी कोमल ! तब तो मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया क्योंकि सर्दी के दिन था, शादी कुछ ज्यादा ही करीब के रिश्तेदार के घर में थी तो शादी के काम भी देखने थे, साथ साथ मेहमानों का भी ख्याल रखना था। मैंने अपने स्वास्थ्य का भी कुछ ख्याल नहीं रखा था ज्यादा काम होने के कारण !
रात के करीब दस बजे होंगे कि मेरे पेट में ठण्ड के कारण दर्द हो गया। घर में आकर मैंने अपनी मामी को बयाया कि मेरे पेट में दर्द है तो मामी ने कहा- तुम थोड़ा आराम कर लो !
दूल्हा और दुल्हन को स्टेज पर ले जाने की तैयारी चल रही थी तो मैं उसी कमरे में जाकर कुछ देर के लिए रुक गया जहाँ सभी मेहमान रुके हुए थे। उसमें सभी महिलाएँ ही थी और कोमल भी थी।
सभी औरतें जयमाला देखने के लिए जाने लगी, कमरे में मैं, कोमल और उसकी मौसी ही रह गये थे। कोमल मेरी तरफ़ ही देख रही थी जब मैंने उसे देखा ! तो मैं उसके पास गया और उससे पढ़ाई और उसके कॉलेज के बारे में पूछा तो उसने मुस्कुरा कर कहा- कॉलेज पढ़ाई बंद कर दिया !
मैंने उसे पूछा- क्यों?
तो उसने मुस्कुरा कर कहा- बस ऐसे ही !
और वो मेरी तरफ़ देखती रही। मुझे उसकी बात कुछ समझ में नहीं आई तो मैंने उसे बोला- रूम से बाहर आओ, बात करते हैं।
तो वो बिना कुछ बोले रूम से बाहर मेरे साथ आ गई। बाहर कुर्सियाँ डली हुई थी तो हम वहाँ बैठ कर बात करने लगे। मैंने उसे दोबारा पूछा- तुमने अपना कॉलेज क्यों छोड़ दिया?
तो उसने बोला- मन नहीं करता पढ़ने का !
तो मैं उसके मन की बात जानने के लिए उसके और पास आ गया, मैंने उससे पूछा- मुझसे दोस्ती करोगी?
तो उसने बोला- दोस्ती तो मुझसे बहुत करना चाहते हैं मगर निभाता कोई नहीं।
तो मैंने उसे कहा- मैं हूँ ना तुम्हारे साथ !
तो उसने मेरी तरफ़ देखा और मैंने अपन हाथ आगे बढ़ा कर उसका हाथ मांगा तो उसने अपन हाथ मेरे हाथ में दे दिया। मुझे यकीन हो गया कि अब रास्ता साफ है, मैं उसे अपने साथ लेकर रसोई में चला गया और मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर चूसना शुरू कर दिया। दो-तीन मिनट चूसने के बाद मैं उससे अलग हुआ क्योंकि बाहर से कोई भी आ सकता था तो अचानक उसने गिलास लिया, मैं समझ नहीं पाया कि वो क्या करने जा रही है। वो उसमें पानी लेकर आई और बोली- इसे पी लो पर कुछ मेरे लिए बचा देना।
तो मैंने कुछ पानी पिया, बाकी उसे दे दिया। बाकी का पानी उसने पी लिया।
मैंने उससे पूछा- तुमने ऐसे क्यों किया?
तो उसने बोला- इससे दोस्ती पक्की होती है !
तो मैंने उसे कहा- तुम ऐसा ना भी करती तो कौन सा मैं तुम्हारी दोस्ती को तोड़ने वाला था !
उसके बाद हमने कुछ लोगों के अंदर आने की आवाज़ सुनी तो मैं जल्दी से बाहर आ गया और बाद में वो भी !
मैंने देखा कि दूसरे रूम में सिर्फ बच्चे सोए हुए हैं तो मैंने इशारे से कोमल को उस रूम में बुला लिया और उसके लबों पर अपने लब रख कर चूसने लगा। बहुत मज़ा आया !
उसके बाद मैंने अपना एक हाथ उसकी एक चूची पर रखा, बहुत बड़ी थी उसकी चूची, मैं हैरान हो गया ऊपर से इतनी बड़ी दिख तो नहीं रही थी। बस मैं उसे अपने नीचे लिटा कर उसके लब चूसता रहा और चूचियाँ दबाता रहा।
बाहर जयमाला का कार्यक्रम चल रहा था। कुछ देर बाद मैं अलग हुआ क्योंकि लोग अंदर आना शुरू हो रहे थे। मेरे पेट में दर्द तो था पर मज़ा इतना आया कि मैं अपना दर्द भूल गया।
उसके बाद फ़ेरों को टाइम हो गया और मैं दोबार काम करने लगा। उसके बाद हमें कोई मौका नहीं मिला।
शादी के बाद 5 दिन बाद मैंने सोचा कि क्यों ना उसके घर मिलने जाया जाए।
तो मैं उसके घर गया, वो मुझे देख कर काफ़ी खुश हुई और मुझसे बोली- थोड़ी देर पहले आ जाते तो अच्छा होता ! मम्मी घर पर नहीं थी !
मैंने उसे बोला- मुझे क्या मालूम था कि तुम्हारी मम्मी घर पर नहीं है।
हम बात करने लगे, उसकी मम्मी नीचे थी। तब उसने मुझे बताया- आपने उस दिन मुझे छुआ, बहुत अच्छा लगा मुझे ! इस तरह से तो मुझे कभी दूसरे के छूने से कभी नहीं लगा।
तो मैंने उसे कहा- क्या मतलब?
तो उसने बोला- पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड था, अब नहीं है, उसके साथ मैंने सेक्स किया था।
तब उसने मुझे बताया- आप में और उसमें बहुत अंतर है।
मैंने सोचा कि मेरा रास्ता तो साफ है पर इसके साथ सेक्स किया कैसे जाए?
इतने में उसकी मम्मी आ गई, मेरा हालचाल पूछा, मैंने उनसे इधर उधर की बात की, कोमल मेरे लिए कॉफ़ी लेकर आई।
मैंने कोमल से इशारे में कहा- अपनी एक चूची मुझे दिखाओ !
तो वो शरमा कर अपना सिर नीचे करके दूसरे रूम में जाकर, दरवाजा खोल कर, जहाँ से मैं देख सकूँ, अपनी मम्मी से बच कर उसने अपन कुर्ता ऊपर किया, मैंने ब्रा में कैद उसकी अधनंगी चूची देखी, उसकी चूचियाँ काफ़ी बड़ी थी, मैंने पहले कभी नहीं देखी थी। उसकी चूचियाँ ब्रा फाड़ कर बाहर आने के लिए बेताब थी। मेरे दिमाग में एक ख्याल आया कि क्यों ना उसके कमरे में जाया जाए किसी बहाने से ! मैंने उससे कहा- कोमल, तुम्हारे पास किसी अच्छी मूवी की सीडी है?
कहते कहते मैं उसके कमरे में चला गया इस बहाने से पर बाहर उसकी मम्मी थी इसलिए डर के कारण मैं कुछ कर नहीं सका।
उसे बोला- जब तुम अकेली हो तो मुझे फ़ोन करना, तब मैं आऊँगा !
तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ़ घुमा लिया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख कर चूसने लगी। बाहर उसकी मम्मी थी तो मैं उससे अलग हटा, कहा- फ़िर किसी दिन आऊँगा अच्छा सा मौका मिलेगा तब खूब प्यार करेंगे !
उसके बाद मेरी उससे मोबाइल पर बात होती रही। इससे उसके घर वालों को शक हुआ तो उन्होंने उससे मोबाइल ले लिया और मेरी बात होनी बंद हो गई। मैं उसके घर दो महीने बाद गया मगर उसकी मम्मी-पापा दोनों घर पर थे तो ना किस हुई ना और कुछ !
मैं वहाँ काफ़ी बार गया पर जितनी बार भी गया, कुछ नहीं हो पाया ! इसका मतलब तो यही है कि मेरी किस्मत ही बेकार है ! अगर ऐसा नहीं होता तो ना जाने कब का लंड चूत में और चूत लंड पर होती ! लंड चूत की धारा में गोता लगा रहा होता !
मैं जानता हूँ कि ऐसा सिर्फ़ मेरे साथ ही नहीं हो रहा है, दुनिया में मेरे जैसी किस्मत बहुत सारे लोगों की है चाहे वो मर्द हों या औरतें !
मेरी कहानी काफ़ी लोगों को बकवास और झूठी भी लगेगी मगर मेरा दिल ही जानता है कि क्या गुज़री है मेरे दिल पर !
एक शादीशुदा लेडी थी, उसे पटाने का चक्कर में मैं उसके घर के सामने 3 से 4 घंटे खड़ा रहता था, जब उसको नम्बर दिया तब मोबाइल ने साथ छोड़ दिया। उसने कॉल भी की थी मगर लगी नहीं थी। वो थी तो सांवली पर कमाल की सुन्दरी थी ! उसका आदमी उसे लेकर पता नहीं कहाँ चला गया और वो हमेशा के लिए मेरी नज़र से दूर हो गई। अगर मेरी किस्मत साथ देती तो कसम से उस लेडी सा ज्यादा सेक्सी और नहीं होती ! मस्त गाण्ड थी उसकी ! सेक्स लाइफ ही ऐसी है कि हर किसी की किस्मत में नहीं होती मगर जिसकी किस्मत में है उन लोगों की बात ही क्या करनी !
आप लोगों का धन्यवाद कि आपने मेरी करुणा भरी दास्ताँ पढ़ी। आप सभी मुझे अपनी राय भेज सकते हैं।
प्रकाशित : 08 मार्च 2014
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