भतीजी को चोदने के मजे लिए
(Bhatiji Ko Chodne Ke Maje Liye)
हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम आकाश है और मैं 22 साल का हूँ। मैं पुणे में रहता हूँ और यह मेरी अन्तर्वासना को भेजी पहली कहानी है।
ये बात तब की है जब मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता था। हमारे घर के पास ही मेरे भैया (कज़न) अपने परिवार के साथ रहते थे।
उनकी 2 बेटियाँ थी, जिनमे से बड़ी वाली का नाम सपना और छोटी का नाम अदिति था। सपना 18 साल की थी।
यूँ तो मेरे अपनी दोनों भतीजियों के साथ अच्छे रिश्ते थे पर सपना के साथ मैं ज्यादा नजदीक था।
सपना भी मुझसे काफी घुल मिल रखी थी और मैं भी।
वो मुझे अपने भाई की तरह मानती थी।
वैसे जब तक मैं 12वीं कक्षा में नहीं आया था तब तक मैंने सपना की तरफ किसी ऐसी वैसी नज़र से नहीं देखा था पर 12वीं में आने के बाद वो मुझे अचानक ही बहुत अच्छी लगने लगी, शायद यह उसके बढ़ते हुए उभारों की वजह से था।
एक दिन मैं घर पर अकेला था, गर्मियों के दिन थे, मैने हाफ पैन्ट और टी-शर्ट पहनी थी । मैं काफ़ी बोर हो रहा था तो मैने सोचा क्यों ना सपना से मिलने चलूं !
यह सोचकर मैं उसके घर गया और मैने बेल बजाई । शायद मेरी किस्मत अच्छी थी, सपना ने दरवाज़ा खोला तो मैने देखा कि उसने काला स्लीवलेस टॉप और लाल रंग की कॅप्री पहन रखी थी, और वो अत्यंत सेक्सी लग रही थी।
मैने पूछा क्या कर रही थी?
तो उसने बोला- कुछ खास नहीं, ऐसे ही !
हम दोनों अंदर गये तो मैने पूछा- भैया भाभी कहाँ हैं?
तो उसने बताया कि वो तो अदिति को ले कर बाज़ार गये हैं। उसके बाद हम दोनों पढ़ाई की बातें करने लगे और एकदम से हम बाय्फ्रेंड और गर्लफ्रेंड की बातों पर भी आ गये (असल में हम दोनों एक दूसरे के बीच काफ़ी फ़्रैन्क थे)
हम बात कर ही रहे थे कि उसने चाय के लिए पूछा और मैने कहा ठीक है।
सपना चाय बनाने किचन में चली गयी।
मैं भी उसका साथ देने रसोई में चला गया, पर जैसे ही मैं रसोई में घुसा, मेरा ध्यान सपना की मोटी गाण्ड की तरफ गया और मैं आकर्षित हो गया।
तभी सपना मेरी तरफ मुंह करके बोली- चीनी कितनी लोगे?
मैने साहस जुटाया और सपना के पास गया और बोला सपना क्या तुम मेरी एक बात मानोगी?
सपना ने पूछा- कौन सी बात?
तो मैंने कहा- मैं एक बार तुम्हारे चोचे दबाना चाहता हूँ।
इस बात पर वो सहम गयी और बोली- यह क्या कह रहे हो?
तो मैंने कहा- किसी को पता नहीं चलेगा क्यूंकि हम दोनों के घर वाले घर पर नहीं है और शाम तक नहीं आने वाले।
इस पर उसने कहा- ठीक है, तू मेरा चाचा लगता और मैं तेरी भतीजी हूँ तो हम दोनों के बीच इतना रिश्ता तो हो ही सकता है।
मैं खुश हो गया और सपना को गोदी में उठा कर बेडरूम में ले गया।
वहाँ मैने पहले तो उसके होठों पे किस किया जिसका उसने भी जवाब दिया, उसके बाद मैने उसका लाल टॉप उतार फेंका और उसके चोचे उसकी ब्रा के बाहर से ही दबाने लगा, इतने में वह गरम हो गयी।
उसके तुरंत बाद मैने अपनी टी-शर्ट उतार दी तो सपना कहने लगी- आकाश तुम क्यों अपने कपड़े उतार रहे हो?
तो मैने कहा- क्या इससे तुम्हें कोई परेशानी है?
तो सपना ने कहा- नहीं !
और धीरे से मुस्कुरा दी।
मैं समझ चुका था की रास्ता साफ है।
इसके बाद मैने सपना की ब्रा उतार दी और पागलों की तरह उसके चोचे चूसने लगा, सपना भी मज़े ले रही थी और आ आ की आवाज़ निकल रही थी।
मैने ज़्यादा देर नहीं की और उससे पूछा क्यों ना हम चुदाई करें?
तो सपना ने जवाब दिया जैसा मर्ज़ी वैसा करो पर किसी तो पता नहीं चलना चाहिए तो मैने उसे निश्चिंत होने के लिए कहा।
बस फिर क्या था, मैने सपना की कैप्री और चड्डी भी उतार दी और अपना भी अंडरवीयर उतार दिया मेरा लण्ड टंकार खड़ा हो गया कम से कम 7 इंच तक।
मेरे लण्ड को देखकर सपना ने उसे अपने मुंह में ले लिया और जम के चूसने लगी, यह सिलसिला 10 मिनिट तक चला।
इसके बाद मैने अपना लण्ड सपना की चूत पे लगाया और एक ही झटके में उसकी चूत में घुसा दिया, इस पर वह ज़ोर ज़ोर से आ आ की आवाज़ें निकालनें लगी।
मैने कहा- चिंता मत करो।
उसके बाद तो हमने एक दूसरे के साथ करीब 20 मिनट तक कभी डोगी स्टाइल में तो कभी घोड़ी बनकर सेक्स किया।
उसके बाद मैने सपना से पूछा कि तुमने आज तक कितनी बार चुदाई कराई है तो उसने कहा 4-5 बार कराई थी पर मेरे चाचा जैसा मज़ा किसी ने नहीं दिया जिस पर मैं मुस्कुराए बिना नहीं रह सका।
उस दिन के बाद जब भी हम दोनों के घर पर कोई नहीं होता है हम दोनों एक दूसरे में खो जाते है और एक दूसरे की प्यास बुझाते हैं।
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