उन्मुक्त वासना की मस्ती- 11
(Full Sex In The Family)
फुल सेक्स इन फॅमिली जिसमें एक जवान लड़की, उसका पति, उसके सास ससुर, भाई माँ बाप सब शामिल हैं. ये लोग मिल कर फुल सेक्स का मजा ले रहे हैं.
कहानी के दसवें भागपरिवार में ही ग्रुप सेक्स का माहौल
में अब तक आपने पढ़ा कि शालू के विवाह को एक वर्ष होने के उपलक्ष्य में अपनी सेक्सी बहू शालू के सुझाव पर सोनिया एक रेव पार्टी का प्रबंध करती है, जिसमें केवल दोनों परिवारों के लोग ही सम्मिलित होते हैं। उस पार्टी में सिगरेट, शराब और वासना, हर तरह के नशे की पूरी व्यवस्था थी।
पार्टी के प्रारंभ में सब पहला पैग हाथ में ले कर सब लोग सिगरेट सुलगाते हैं।
दूसरा पैग रवि अपने लंड पर से शराब डाल के बनाता है।
शालू अपने दोनों स्तनों की निप्पलें शराब में भिगो के शेखर और सुधीर को चुसवाती है और मुंह में शराब भरकर दोनों स्तनों पर गिरा गिरा कर, अपने पिता और ससुर को पिला के मस्त करती है।
सब लोग इन कामुक हरकतों से चकित थे।
अब आगे फुल सेक्स इन फॅमिली:
काम लिप्सा और लालसा से भरी इस पार्टी में तीन तीन जीवंत पोर्न फिल्में चल रही थी.
एक की हीरोइन सोनिया थी, एक की सपना और एक की शालू!
रवि सपना को शराब में लंड डूबा डूबा के चुसवा रहा था.
सपना को भी रवि का शराब में तरबतर जवान लंड बहुत अधिक आनन्द दे रहा था।
उसके नाजुक होंठों और निपुण जुबान, चूसने की गति और चूषण क्षमता से रवि के मोटे तगड़े लंड को अत्यधिक उत्तेजना मिल रही थी।
रवि को सपना के मुखचोदन में चूत चोदने से भी अधिक आनन्द मिल रहा था इसलिए रवि की नीयत खराब होने लगी।
उसने सोचा कि चुदाई की बाद में सोचेंगे, पहले कम मेहनत में अधिक आनन्द उठा लिया जाए।
जब रवि के धक्कों में तेजी आने लगी तो सपना ने मुंह में से लंड निकाला और पूछा- दामाद जी, तुम्हारा इरादा मुंह में पानी निकालने का तो नहीं है?
रवि ने कहा- हां सासू मां, बहुत मन कर रहा है। आज रोकना मत यार!
सपना ने कहा- यदि मुंह में वीर्य निकाल दिया तो फिर जल्दी लंड खड़ा करके मुझे चोदना भी पड़ेगा, सोच लो?
रवि ने कहा- सोच लिया सासू मां … लेकिन पहले मेरा लंड चूस के आज तो मेरा वीर्य पान कर के मेरी इच्छा पूरी कर दो, यार!
यह सुनकर सपना ने मुस्कुराते हुए ‘बहुत हरामी है मेरा बेटा’ कह कर फिर से रवि के लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
रवि बीच-बीच में सिगरेट का कश खींच के उसका खुशबूदार धुंआ सपना के मुंह पर छोड़ रहा था.
सपना सोच रही थी कि रवि के मुंह में सिगरेट है और मेरे मुंह में रवि का मोटा सिगार!
रवि हौले हौले अपनी कमर हिला रहा था.
शराब के हल्के सुरूर में सपना के मुंह की नमी, गर्मी और मुख लार की चिकनाई से हो रही लंड की मालिश रवि को मदहोश किए दे रही थी।
सपना ने रवि के लंड को हाथ से कस के पकड़ रखा था इसलिए रवि को मुंह में लंड के अंदर बाहर करने में हस्तमैथुन और मुख मैथुन दोनों का आनन्द मिल रहा था।
बहुत देर धीरे-धीरे चुसवाने के बाद, रवि के धक्कों में तेजी आने लगी, उसके मुंह से आनन्द की सिसकारियां निकलने लगीं।
उसकी कमर जल्दी-जल्दी हिलने लगी.
और जब उसका वीर्य स्खलित होने वाला था तो उसने दम लगा के पूरा लंड सपना के मुंह में घुसेड़ दिया।
चूंकि सपना सोफे पर बैठी थी तो रवि का लंबा, मोटा लंड उस के गले तक पहुंच गया और फड़कती नसों से वीर्य के कतरे उछल-उछलकर लंड से बाहर आने लगा।
सपना तो लंड चूसने की दक्ष खिलाड़ी थी, ढेर सारा वीर्य बिना मुंह में स्वाद छोड़े, सपना के हलक से नीचे उतर गया।
रवि ने आनन्द के शिखर को छू लिया था।
उसने वीर्य की अंतिम बूंद निकल जाने तक लंड को सपना के गले तक घुसाए रखा।
सपना की जुबान पर वीर्य का स्वाद नहीं आया किंतु उसकी सांसों में रवि के वीर्य की महक आने लगी।
बरसते आनन्द में रवि की आंखें बंद थीं और सांसें फूली हुई थीं.
बिना अधिक मेहनत किए भी उसके चूतड़ पर मस्ती के प्रतीक स्वेद कण दमक रहे थे।
रवि का वीर्य निकलने के बाद जब उसका लंड नर्म पड़ गया तो ओरल के महासुख से कृतज्ञ रवि, नीचे बिछे कार्पेट पर फैल गया।
रवि ने देखा कि अपने दामाद को अनोखा सुख पहुंचा कर सपना के चेहरे पर एक अत्यंत मधुर मुस्कान थी।
अपने साथी को सुख पहुंचाना भी तो संबंधों की सरसता के लिए आवश्यक है।
रवि ने बड़े प्यार से सपना को नीचे खींच लिया और उसे बांहों में कसके उसका आलिंगन किया और कहा- बहुत मजा आया सैक्सी सासू मां … तुम सचमुच अद्भुत हो।
सपना ने कहा- हालांकि तेरे मोटे लन्ड ने मेरा मुंह दुखा दिया किंतु तेरे को आनन्द और तृप्ति प्रदान करके मेरे मन में भी बहुत संतोष है, मुझे भी बहुत बहुत अच्छा लगा रवि बेटे!
जब कि सच तो यह था कि सपना बेचैन थी.
उसकी चूत तगड़ी वाली चुदाई के लिए तरस रही थी।
उसको चुदना था और रवि के असामान्य लंबे, मोटे लंड से ही चुदना था।
इसलिए उसने रवि को कहा- लेकिन मेरे लाल, तुझे अभी मेरी चूत को भी करना है हलाल!
रवि ने कहा- जरूर करूंगा सासू मां, मेरा लंड अभी-अभी खाली हुआ है, थोड़ा सा उस को रेस्ट तो दे दूं।
सपना ने हंसते हुए हामी भरी.
रवि तुरंत सो गया।
सपना ने अपनी चूत को एक शानदार चुदाई के लिए आश्वस्त किया और स्वयं भी झपकी लेने का प्रयास करने लगी।
उधर शालू के बोबों से गिरती शराब की धार पीकर नशे में झूम रहे शेखर और सुधीर को थ्रीसम के लिए सोफा छोटा लग रहा था.
इसलिए उन दोनों ने शालू को सोफे पर से उठाया और नीचे कार्पेट पर खींच लिया।
सुधीर ने अपना तन्नाया हुआ लंड हाथ से सीधा करके शालू को इशारा किया।
शालू ने उसके लंड को अपनी, लंड निगलने को सहमत, चूत के मुंह पर लगाया और खड़े लन्ड पर बैठती चली गई।
दो-चार बार कमर हिला कर उसने लंड को सेट कर लिया फिर कमर हिला हिला के ससुर के लंड के मजे लेने लगी।
कुछ देर बाद वह उस के सीने पर सिर रखकर शेखर के लंड का अपनी गांड में घुसने का इंतजार करने लगी।
शेखर ने शालू की गांड में लंड डालने के पहले उस के संवेदनशील छिद्र पर जुबान अड़ा दी, शालू की गांड में गुदगुदी होने लगी।
शालू चिल्लाई- पापा घुसेड़ो न लौड़े को!
शेखर ने गांड को अपनी मुखलार से चिकना किया और अपने लंड का लाल सुर्ख सुपारा टिकाया।
फिर एक लंबी सांस भर के, धीरे-धीरे दम लगाकर लंड का पहले टोपा घुसाया.
जब गांड सेट हो गई तो फिर एक झटके से पूरा लन्ड गांड में घुसा दिया।
शेखर का लंड शालू की चूत में घुसे हुए सुधीर के लंड के ऊपर फिसलता हुआ आगे बढ़ा.
सुधीर और शेखर दोनों को एक दूसरे के लंड की उपस्थिति की अनुभूति के कारण अजीब सी सरसराहट हो रही थी।
शालू की चूत में लंड डाले सुधीर चुपचाप निष्क्रिय पड़ा हुआ था और शेखर उसकी गांड मार रहा था।
कई धक्के लगाने के बाद में शेखर ने धक्के रोके और शालू को साथ लेकर करवट लेता हुआ चित्त लेट गया।
अब सुधीर शलाका के ऊपर जाकर उसकी चूत को अपने लंड के रगड़े लगा कर चोदने लगा।
कई धक्के लगाने के बाद जब सुधीर के लंड में सनसनी होने लगी तो वह रुक गया और चूत में से लंड निकाल कर अपने आप को नियंत्रित किया फिर उसने शेखर को इशारा किया।
शेखर समझ गया कि अब सुधीर शालू की गांड मारेगा.
इसलिए उसने भी शालू को अपने ऊपर से हटा कर, उसकी गांड में से लंड निकाल लिया।
थोड़ी देर के रेस्ट के बाद सुधीर ने पलंग के किनारे बैठकर शालू को अपने लंड पर बिठाया।
उसका लंड शालू की गांड में बड़े आराम से घुस गया क्योंकि अभी शेखर के लंड ने उसकी गांड के रास्ते को चौड़ा किया हुआ था.
और उसके बाद सुधीर अधलेटा हो गया और शेखर ने खड़े होकर शालू की चूत चोदना शुरू की।
कुछ देर यह खेल चला.
दोनों आसन बदल बदल के शालू के दोनों छेदों को अपने लंड से रगड़ के तीनों के लिए घर्षण सुख का सृजन करते रहे।
शालू की मुंह से कभी सिसकारी निकलती, कभी चीख!
उसे अपने पापा और ससुर यानि दोनों समधियों के लंड एक साथ लेने का अद्भुत आनन्द मिल रहा था।
शालू की एक चीख से सपना की नींद टूटी.
उसने मुग्ध भाव से शालू की ओर देखा, शालू के बाप और ससुर उस के आगे पीछे लग के उसके तन बदन से दीवानों की तरह खेल रहे थे।
यह दृश्य देख कर वह आश्वस्त थी कि ज़िंदगी भर उसकी बेटी की धधकती हुई चूत के कामसुख के लिए लौड़ों की कभी कोई कमी नहीं आ सकती।
आधा घंटे की झपकी वह ले चुकी थी.
उसने अब रवि की ओर नजर डाली.
वह अभी भी बेसुध सोया हुआ था।
लेकिन उसके औजार में हल्का-हल्का कंपन हो रहा था.
शायद इस पार्टी के प्रभाव में वह सपने में भी किसी के साथ रंगरेलियां मना रहा था।
सपना की चूत की बेचैनी बढ़ने लगी.
उसने झुक कर रवि की आंड की थैली को आंड के ऊपर से अपने दोनों हाथ से पकड़ लिया।
आंड ऐसे बाहर निकल आए जैसे कि सपना के हाथ में पान की गिलौरी हो।
सपना ने दोनों आंडों को जुबान से चाटना शुरू किया।
आंडों में मीठी मीठी सरसराहट होने के कारण रवि की नींद खुल गई।
उसने सपना की ओर मुस्कुरा कर देखा।
सपना ने कहा- अब उठ भी जा यार, मेरे से अब और इंतजार नहीं होता! मेरी चूत तेरे लंड के लिए तड़प रही है. अब तो तू जल्दी से इसकी चुदाई शुरू कर!
रवि ने कहा- तो ठीक है सासू मां, अब तैयार हो जाओ. आज तुम्हारी चूत और मेरे लंड में भीषण युद्ध होगा, जिसमें तुम्हारी गांड का भी भुर्ता बनना निश्चित है।
यह सुनकर सपना के पूरे तन बदन में जैसे मस्ती की लहर दौड़ गई।
वह तो खुद चाह रही थी कि आज उसका दामाद अपनी सासू मां की ऐसी चुदाई करें कि लंबे समय तक याद रहे।
उसने रवि के आंडों को चाटने के बाद रवि के आंड से लेकर गांड तक की कोमल सतह को अपनी जुबान से सहलाया।
रवि के मुंह से निकला ओह … सासू मां।
उसका लन्ड अभी भी सपना के हाथ में था.
अब उसने रवि के लंड के फूल के लाल सुर्ख हो चुके सुपारे को मुंह में लेकर लंड में और भी अधिक मस्ती की लहरें उठाना शुरू की।
रवि का पिलपिला पड़ा हुआ लंड अब दैत्याकार रूप ले चुका था।
वह उठा और उसने सपना को पलंग पर घोड़ी बनाया, थोड़ी देर सपना की चूत को चाट चाट कर उसे चिकना किया।
सपना की बेचैनी और भी बढ़ गई, वह चिल्लाई- अबे अब अपना मूसल लंड डाल भी दे कमीने, क्यों तड़पा रहा है?
सास की बेताबी को देखकर रवि की हंसी छुट गई।
उसने अपने लंड को हाथ से पकड़ा और सपना की चूत पर टिका के एक ही झटके में पूरा प्रवेश कर दिया।
रवि के मोटे लंड के प्रवेश से सपना की करार पाने को बेकरार चूत की उम्मीदें जाग गई।
वह घोड़ी बने बने ही आगे पीछे होकर रवि के लन्ड के मजे लेने लगी।
10 मिनट की चुदाई के बाद में रवि ने अचानक अपना लन्ड, चूत से बाहर निकाला और सपना की गांड में डाल दिया।
अचानक लंड डालने के कारण सपना के मुंह से एक चीख निकल गई।
लेकिन सपना तो गांड मरवाने की भी शौकीन थी इसलिए उस की गांड भी रवि के मोटे लंड को सेट कर के रगड़ों के मजे लेने लगी।
रवि ने एक गांडू विशेषज्ञ की भांति सपना की गांड को उस के मनपसंद लंड से घिसना शुरू किया।
सपना रवि जैसा चोदू दामाद प्रकार अत्यंत प्रसन्न थी क्योंकि वह सपना और बेटी शालू की एक समान दमदार चुदाई करता था।
उधर शालू की दो अनुभवी लौड़ों द्वारा चूदाई बदस्तूर जारी थी।
आधा घंटे की आनन्ददायक कड़ी मेहनत के बाद शेखर और सुधीर के धक्कों में तेजी आने लगी।
तीनों का चरम आने वाला था, शालू भी जितना सम्भव हो पा रहा था, अपनी कमर को हिला हिला कर दोनों पिताओं को स्वर्गिक सुख पहुंचा रही थी और उन दोनों लौड़ों के मजे लूट रही थी।
जैसे ही चरम सुख का क्षण आया चूत और गांड दोनों में ऑर्गेज्म के कारण संकुचन विमोचन होने लगा।
शालू, शेखर और सुधीर तीनों के अंग फड़क रहे थे।
शालू की चूत और गांड दोनों शेखर और सुधीर के वीर्य से भरने लगी।
तीनों एक दूसरे के अंगों की फड़कन को अनुभव करके आनन्दित हो रहे थे।
सोनिया की ओरल से अभी अभी झड़ी हुई चूत फिर से झड़ने के लिए आतुर हो रही थी इसलिए वह बोली- संजू बेटे, तेरे करारे धक्कों की रगड़ का अपना एक अलग मजा है लेकिन मेरी चूत को करारे मगर लगातार रगड़े चाहिए, अब ज़रा कस के रगड़ दे यार इस निगोड़ी चूत को।
संजू ने सोनिया की बात मानकर बिना रुके उसकी चूत में पूरे जोश के साथ शक्तिशाली धक्के लगाने प्रारंभ कर दिए।
कार्पेट पर पड़ी सोनिया की चूत में संजू के रगड़े इतनी जोर से लग रहे थे कि धक्कों के कारण कई बार सोनिया ऊपर की ओर खिसक जाती थी।
एक बार तो मस्ती और जोश भरी इस चुदाई की उत्तेजना में सोनिया ने संजू को कहा- स्साले, यदि मैं रण्डी होती तो ऐसी चुदाई करने वाले ग्राहक से दोगुनी फीस वसूल करती।
संजू ने इसे अपनी प्रशंसा माना, फिर उसने भी सोनिया के हुस्न और उफनती जवानी के कसीदे पढ़ते हुए कहा- क्या करूं … तुम हो ही ऐसी ज़ालिम चीज! और सोनिया डार्लिंग, तुम्हारी जो चूत है वह तो रेशम की बनी है रेशम की, जिसे चोदने में इतना आनन्द आ रहा है कि मुझ से मेरे जोश पर काबू नहीं हो पा रहा।
संजू के लगातार 20-25 मस्ती भरे झटकों के बाद सोनिया के मुंह से एक तेज आवाज निकली- वाह … संजू वाह … मजा आ गया यार!
सोनिया की चूत बहुत जोर जोर से फड़क रही थी।
तभी संजू के मुंह से भी ‘ओह सोनिया … ओह सोनिया …’ निकला और उस के लंड से चरम सुख पहुंचाता वीर्य का झरना पूरे आवेग से सोनिया की चूत में समाने लगा।
सोनिया ने अपने दोनों पैर संजू की कमर के ऊपर क्रॉस करके बांध लिए और जोर से अपनी ओर दबाव बढ़ाया।
वह आंखें मूंदे ऑर्गेज्म के इन पलों में खोई हुई थी।
संजू का लंड सोनिया की चूत में जड़ तक समाया हुआ था और वीर्य की अंतिम बूंद निकल जाने के बाद भी अभी वह नर्म नहीं हो रहा था।
सोनिया ओरल से झड़ने के तुरंत बाद ऐसी मस्त चुदाई से भी मल्टीपल ऑर्गेज्म का आनन्द उठा कर निढाल पड़ी थी।
संजू भी अपनी पसीने से लथपथ देह को सोनिया की देह पर शिथिल कर रहा था।
चोदते समय फूल जैसा हल्का लगने वाला संजू अब उसे चट्टान की तरह भारी लग रहा था।
उसने यह कहकर संजू को अपने ऊपर से हटाया- मेरा दम निकाल दिया तूने भोसड़ी के, अब तो हट जा गेंडे!
संजू ने खिलखिलाते हुए सोनिया की चूत में से वीर्य में सना हुआ लंड निकाला, नेपकिन से पोंछा और नेपकिन को सोनिया की चूत पर डाल दिया।
सोनिया संतुष्टि भरी मुस्कान के साथ संजू को निहारते हुए उसके वीर्य और चूत रस से सनी चूत को पोंछने लगी।
संजू सोनिया की बाजू में लेट गया और सोनिया को बांहों में ले लिया।
सोनिया ने भी लाड़ लड़ाते, होंठों को चूमते हुए उसको कहा- मेरा बच्चा!
फुल सेक्स इन फॅमिली का मजा लेने के कुछ ही देर में दोनों सुख की नींद सो गए।
जब संजू और सोनिया की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि सब लोग सेंटर टेबल के आसपास एकत्रित हो गए थे।
सबने वासना भरी मस्ती का एक दौर भोग लिया था।
अब आगे के खेल खेलने के लिए, शरीर में रमी हुई वासना को जगाने के लिए फिर से थोड़ा नशा जरूरी लग रहा था और भूख भी जोरों की लगी हुई थी।
चारों मर्दों के लंड अभी सुप्तावस्था में थे, कुछ समय पहले जो पके हुए केलों की तरह दमक रहे थे, अभी अपनी खोल में घुसे हुए मूंगफली की तरह लग रहे थे।
शालू ने छेड़ा और कहा- देख लो मर्दो, एक बार के डिस्चार्ज में तुम्हारे लौड़ों ने दम तोड़ दिया. जबकि हमारी चूतें वैसी की वैसी, खिली हुई हैं!
शालू के हास परिहास से सब हंस पड़े।
रवि और संजू पैग बनाने लगे.
सोनिया ने सपना और शालू को इशारे से अपने पास बुलाया और कुछ खुसुर पुसुर की, शेखर और सुधीर ने सिगरेट के पैकेट उठाए और सबको ऑफर की।
सबने सिगरेट सुलगाई, एक कश खींचा और खुशबूदार धुंआ, एक दूसरे के ऊपर छोड़ने लगे।
तीनों औरतों के हाथों में भी सुलगी हुई सिगरेट थीं।
सबको एक और मस्ती भरा दृश्य तब देखने को मिला जब तीनों औरतों ने सिगरेट को अपनी अपनी चूतों में लगाया और चूत को अंदर की ओर सिकोड़ के कश खींचा और फिर धुंआ उगल दिया।
सब की निगाहें उनकी चूतों पर थीं, तीनों चूतें धुंआ छोड़ती हुई मर्दों को उत्तेजित कर रही थीं।
दो दो पैग लगाने के बाद सबने खाना अपनी अपनी प्लेटों में लगाया और पेट की भूख शांत की।
अब फिर पेट के नीचे की भूख को शांत करना बाकी था।
अन्तर्वासना के रसिक पाठको एवं मेरी कामुक लेखनी के प्रशंसको, मुझे पूरा विश्वास है कि दो परिवारों के सामूहिक सेक्स से भरी अब तक की इस फुल सेक्स इन फॅमिली कहानी ने आपको बहुत रोमांचित किया होगा।
अपनी प्रतिक्रिया से अवगत करावें।
मेरी आईडी है
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फुल सेक्स इन फॅमिली की कहानी का अगला भाग: उन्मुक्त वासना की मस्ती- 12
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