जोशीली सुनयना मामी का गीला बदन
मेरा नाम सूरज सिंह है, मैं 23 साल का दिल्ली का रहने वाला नौजवान लड़का हूँ।
यह कहानी पिछले साल की है जब मैं दिल्ली में ही अपने मामा के घर घूमने गया था। तो वहाँ मैंने अपनी सुनयना मामी को जो कि 44 साल की थीं लेकिन लगती 35 से भी कम की थीं, उन्हें उनके घर में ही जोश में आकर चोद दिया।
घर में मामी को छोड़ कर कोई भी नहीं था, मामी कपड़े धो रही थीं, तब मैंने मामी के चूचों के बीच की मस्त दरार को देखा।
उनके हिलते हुए मस्त जोबन ने तो मेरा लंड खड़ा कर दिया। मेरा मन किया कि अभी मामी की भूरी चूत में अपने कड़क लंड को घुस कर मामी की ढलती जवानी को दुबारा जवान बना दूँ।
तभी मामी ने पूछा- अरे सूरज तू आज कैसे आया?
मैंने कहा- मामी आपकी बहुत याद आ रही थी तो आपसे मिलने आ गया।
वो बोलीं- चल झूठे !
मैंने कहा- अगर आपको झूठ लगता है तो झूठ ही सही।
तभी मामी ने कहा- चल बैठ जा, मैं तेरे लिए पानी लेकर आती हूँ।
मैंने पूछा- मामी और कोई नज़र नहीं आ रहा, कहाँ गए हैं सब?
तो वो बोलीं- तेरे मामा तो काम पर गए हैं। तेरा भाई भी दोस्तों के साथ खेलने गया है और अनुष्का अपने इंस्टिट्यूट गई है। आरती अपनी ससुराल में है और बाबूजी सुशीला बहनजी के घर हिमाचल गए हुए हैं और तू सुना.. घर में सब कैसे हैं?
उसके बाद मामी पानी का गिलास लेकर मेरे पास आईं और जैसे ही उन्होंने मेरे हाथ में पानी का गिलास पकड़ाया मैंने गिलास पकड़ने के बहाने से उनका हाथ भी पकड़ लिया।
थोड़ी देर तो मामी ऐसे ही खड़ी रहीं, फिर उन्होंने मुस्कुरा कर अपना हाथ पीछे खींच लिया और थोड़ी देर बाद मेरे लिए चाय बना कर लाईं। मेरे चाय पीते-पीते उन्होंने सारे कपड़े भी धो लिए थे।
फिर वो बोलीं- तू थोड़ी देर बैठ.. मैं नहा कर आती हूँ.. सारी की सारी गीली हो गई हूँ।
मैं ‘हाँ’ में सर हिलाया और उनकी गीली देह को कामुकता से निहारता रहा।
वो नहाने चली गईं थोड़ी देर बाद मुझे आवाज आई- सूरजी तौलिया लाइयो… मैं कमरे में ही भूल गई हूँ..!
तब मैं तौलिया लेकर कमरे में गया तो गुसलखाने के बाहर दरवाजे से उनका नंगा हाथ बाहर आया हुआ था। मैंने तौलिया पकड़ाया और साथ में उनके हाथ तो फिर छू कर वहीं खड़ा हो गया और उन्होंने थोड़ी देर बाद जैसे ही अपना हाथ पीछे खींचा, मैंने दरवाज़े को धक्का दिया और गुसलखाने में अन्दर घुस गया।
मामी बोलीं- यह तुम क्या कर रहे हो.. मैं तुम्हारी मामी हूँ।
मामी पूरी नंगी थीं और मामी की भूरी चूत पर एक भी बाल नहीं था। मैंने मामी को दीवार के साथ चिपका दिया और उनके होंठों को जोर से चूसने लगा।
वो स्तब्ध थीं और फिर वो भी थोड़ी देर आना-कानी करने के बाद मेरा साथ देने लगीं।
अब हमारी मस्ती होने लगी।
मामी ने मुझे पूरा गीला कर दिया। चूमा-चाटी करते समय फिर मैं भी पूरा नंगा हो गया और मामी को दीवार के साथ लगा कर उनकी चूत को चाटने लगा।
मैं उनकी चूत को चूस-चूस कर चूत के रस का आनन्द लेने लगा। मामी भी मेरे 7 इंच लम्बे लौड़े को अपने हाथ से हिला कर आनन्द लेने लगीं।
मामी तो 44 साल से जैसे 24 साल की लड़की बन गई थीं और बने भी क्यों न आखिर 22 साल के लड़के का लंड जो पा गई थीं। फिर हम 69 की स्थिति में लेट कर चुसाई का मजा लेने लगे।
मेरी पूरी पीठ पानी से गीली हो गई थी लेकिन लंड फिर भी पूरा सख्ती पर था। मैं मामी को उनके कमरे में लेकर चल गया और मामी को पलंग पर लेटा दिया और मैं पलंग के किनारे पर खड़ा हो कर अपना गरम-गरम लंड उनकी आग सी धधकती चूत में घुसेड़ दिया। मामी ने लम्बी साँस ली और मेरे हाथों को कस कर पकड़ लिया। मैं भी जोर-जोर से झटके मारने लगा और थोड़ी ही देर में झड़ भी गया, पर मामी नहीं झड़ी थीं।
मामी बोलीं- तू तो इतना जवान है तो इतनी जल्दी कैसे झड़ गया?
उसके बाद मामी मेरे लंड को चूसने लगीं। करीब 10 से 12 मिनट बाद मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया और उसके बाद मैंने मामी को पलंग पर लेटाया और उनकी गांड के नीचे तकिया रख दिया और घुटने के बल बैठ कर चूत में लंड घुसा दिया और बहुत आराम-आराम से झटके मारने शुरू किए।
जब लंड सैट हो गया तो धीरे-धीरे चुदाई की गति को तेज किया। लगभग 8 से 10 मिनट बाद मामी झड़ने लगीं और उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया, जिससे उत्तेजित होकर मैं भी झड़ गया।
मामी और मैं दोनों ही आनन्द में एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए। मेरे जल्द झड़ने की वजह सिर्फ मेरा अनुभवहीन होना था। उसके बाद मामी और मैंने उस दिन दो बार और चुदाई की और ये चुदाई काफी देर तक चली।
इसके बाद से मुझे जब भी मौका मिलता है मैं अपनी 45 साल की मामी को चोदने का कोई अवसर नहीं छोड़ता था।
मेरी आपबीती पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद, मुझे ईमेल कीजिए।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments