रिश्ते में दूर की बुआ के जिस्म की प्यास- 2

(Free Nude Show In Bathroom)

फ्री न्यूड शो का मजा मुझे मेरी दूर के रिश्ते की बुआ ने विडियो कॉल करके मुझे दिया. बुआ ने कैमरे के सामने मुझे दिखा कर अपने कपड़े उतारने शुरू किये और मैं बुआ को नंगी होती देखता रहा.

मेरी कहानी के पहले भाग
रिश्ते में दूर की बुआ के साथ अश्लील बातें
में अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे हमने फोन पर सेक्स चैट की और मजे किये.

मेरा नाम अभिराज है मैं उत्तर प्रदेश रहने वाला हूं।
मेरी दूर की बुआ जो मुझे पसंद थी उनके साथ मैं फोन पर सेक्स कर चुका था।
एक दिन बुआ ने नहाते समय बाथरूम से ही वीडियो कॉल की थी.
लेकिन मैं ज्यादा कुछ नहीं देख पाया था. मेरी तमन्ना थी कि मैं अपनी बुआ के गोर नंगे जिस्म को खूब देर तक निहारूं और मजा लूं.

अब आगे फ्री न्यूड शो:

उस घटना के बाद से बुआ अपनी नंगी तस्वीरें अक्सर भेज देती थी। हालांकि सिर्फ बूब्स की, अभी तक मैंने बुआ की हॉट, सेक्सी, रसीली चूत का दीदार नहीं किया था लेकिन मंजिल दूर नहीं थी।
अब वह अपने पति के साथ हुए सेक्स के बारे में भी बताने लगी.

जब भी उनके बीच सेक्स होता था, वह बोलती- अभिराज पता है कल हमने सेक्स किया।
मैं- हां, तुम भरपूर आनंद उठाओ और मैं यहां तड़पता रहूं।

चित्रा- अरे नहीं यार, आनंद कहां इनके साथ करने में मजा नहीं आता, एक तो ये देर तक टिकते नहीं हैं और ऊपर से इन्हें नये तरीके, नयी पोजीशन वगैरा नहीं आता है।
मैं- अच्छा!
चित्रा- पता है सेक्स करते समय मैं तुम्हें ही याद करती हूं, तुम्हारे बड़े हथियार से तुम कैसे करोगे, क्या क्या करोगे, किस पोजीशन में करोगे, कितना मज़ा आएगा, कितना दर्द होगा, ये सब सोच कर मैं बहुत गर्म हो जाती हूं। लेकिन मैं पूरा मजा ले ही नहीं पाती हूं और तुम्हारे फूफा फिनिश हो जाते हैं।
मैं- फिर क्या करती हो?
चित्रा- क्या करूंगी, तड़पती रहती हूं. कभी मन हुआ तो खुद से उंगली कर ली। लेकिन यार, अब और नहीं रूका जाता बस अब तुम्हारा हथियार लेना है।

मैं- मुझसे भी बर्दाश्त नहीं होता यार, कब आ रही हो मायके, कुछ प्लान करो।
चित्रा- कुछ जुगाड़ लगाती हूं, कोशिश करती हूं।

अभी तक बुआ मुझसे इतनी नहीं खुल पाई थी कि लंड, चूत, चुदाई आदि गंदी बातें कर सके क्योंकि उसने ऐसे शब्दों का प्रयोग कभी किसी और से खुले तौर पर किया नहीं था।

अब मैं बिल्कुल नंगी वीडियो कॉल में हस्तमैथुन करने के लिए काफी जोर देने लगा था.
पर बच्चों की वजह से अभी यह सम्भव नहीं हो पा रहा था।

लेकिन कहते हैं न जहां चाह वहां राह!

नवम्बर के आखिरी सप्ताह में बच्चों के परीक्षा होनी चालू हो गई।

तीसरी या चौथी परीक्षा के दिन मैं सोकर उठा और चाय बना कर पी रहा था.
तभी बुआ ने कॉल किया- गुड मॉर्निंग, क्या हो रहा है बेबी?
मैं- गुड मॉर्निंग, चाय पी रहा हूं, तुम?
चित्रा- बस नहाने जा रही थी.

मैं- अकेली अकेली … मैं भी आऊं?
चित्रा- हां हां … आ जाओ!
और हंसने लगी।
मैं- आज बड़े मूड में हो, अकेली हो क्या?
चित्रा- हां, आज अकेली ही हूं, बच्चे स्कूल गये, और तुम्हारे फूफा जी काम से निकल गये. शाम तक कोई नहीं है।

इतना सुनते ही मैंने कॉल काट कर तुरंत वीडियो कॉल कर दी।
बुआ बस बाथरूम में पहुंची ही थी।

थोड़ी सी इधर उधर की बात करके मैंने कहा- तो आज हो जाये फिर!
तो वह शर्मा गई लेकिन कुछ ही देर में मान गई।

उसने मोबाइल स्टैंड पर रख दिया और बड़े ही कामुक तरीके से एक-2 कर के अपने कपड़े उतारने लगी.
इधर मैं भी अंडरवियर में था।

बुआ ने नीले रंग की सेक्सी सी नाइटी पहनी हुई थी जो उसके कातिलाना जिस्म से चिपकी हुई थी जिसमें से झलक रहे सेक्सी बदन की गोलाइयां मुझे उत्तेजित कर रही थी।

उसने नाइटी उतारनी शुरू की और जैसे जैसे नाइटी ऊपर उठ रही थी और बुआ का बदन मेरे सामने बेपर्दा हो रहा था .फ्री न्यूड शो शुरू हो चुका था.
सबसे पहले बुआ की गोरी, चिकनी, मांसल जांघें नजर आई.
फिर गहरे नीले रंग की पैंटी, जिसमें से मुझे भरी पूरी, फूली हुई चूत का अंदाजा हो रहा था.

आआह हह … बुआ की चूत के बारे में सोच सोच कर मैं तो जैसे पागल ही होने लगा था.

उसके ऊपर गोरा, चिकना पेट और गहरी नाभि, मेरा लंड मेरे ही काबू में ही नहीं था।
मैं बड़ी बेसब्री से जिनका इंतजार कर रहा था … बुआ की गोरी चूचियां आखिर नाइटी ऊपर होते ही उछलकर बाहर आ गई.

मेरे पूछने पर बुआ ने बताया कि वह रात को सोते समय ब्रा नहीं पहनती।

बुआ के गोरे, बड़े बूब्ज़, भूरे चूचुक देख मेरा मन किया कि अभी इन्हें अपने हाथों में भरकर जोर से दबा लूं, निप्पल को मुख में ले कर चूस लूं, जीभ घुमा घुमाकर चाटूं.

मैं अपना लंड हाथ से हिलाने लगा।

मेरी बुआ ने अभी पैन्टी नहीं उतारी थी।

फिर उसने शावर चलाया.
पानी में भीगता हुआ बुआ का जिस्म बहुत सेक्सी लग रहा था.

वह बड़ी अदा से अपने उरोजों को दबाने लगी और सिसकारियां भरने लगी- आआ आआह हहहह ईश … अभिराज, कैसे लग रहे हैं मेरे ये?
मैं- बुआ, बहुत सेक्सी हैं आपके स्तन … मेरा मन कर रहा है कि अभी इन्हें अपने मुख में भर कर चूस लूं और हाथों से दबा कर मसल डालूं!
चित्रा- हां अभि, दबाओ और जोर से चूसो इन्हें … मुझे मजा आयेगा. आआ आहहह!

बुआ धीरे धीरे गर्म होने लगी, उसकी सांसें तेज और भारी होने लगी.

वह अपने लबों पर जीभ फिराने लगी, होंठों को दांतों से हल्के हल्के काटने लगी और जोर जोर से स्तन दबाने लगी।

इधर मैंने बुआ को अपना लौड़ा कैमरे के सामने ला कर दिखाया.
मेरा खड़ा लंड देखकर वह बोली- आआ आहह हहह अभिराज … कितना जबरदस्त है तुम्हारा हथियार! आओ जल्दी से इसे मेरी प्यासी चूत में डाल दो … उम् ईस्स्स् सस!
मैं- लेकिन पहले अपनी सेक्सी चूत के दर्शन तो कराओ!

तब वह धीरे धीरे अपनी पैंटी उतारने लगी।
भारतीय नारी में शर्म होती ही है तो बुआ शरमा भी रही थी.
लेकिन वह अनुभवी औरत है तो उसकी अदायें मुझे पागल कर रही थी।

जैसे ही उसकी पैन्टी जिस्म से अलग हुई … वाओ … आ आहहह क्या चूत थी उसकी!
चूत पर छोटे छोटे भूरे बाल, रस से भरी, ऊपर चूत के होठों से घिरा हुआ चने के दाने जैसी भगनासा … लंड तो एकदम रॉड जैसा सख्त हो गया।

पहले तो वह अपने हाथ से चूत रगड़ कर मादक आहें भरती रही, फिर उसने अपनी उंगलियों से चूत की फांकों को खोल कर चूत के दर्शन कराये.
क्या बताऊं … शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है।

वह खुद इतनी गोरी है, गोरे बदन पर हल्की भूरी चूत और अन्दर से गुलाबी छेद … मन कर रहा था कि बस अभी बुआ की चूत को चाट जाऊं, उसकी भगन को होंठों से दबा दबा कर चूसूं और जीभ से चाटूं. उसके छेद के अंदर तक जीभ डाल दूं।

सब कुछ इतना मनमोहक और कामुक लग रहा था।
तब समझ में आया कि सके लिये ऋषि मुनियों का ईमान भी क्यों डोल जाता था।

अब हम दोनों सेक्स चैट करते हुये हस्तमैथुन करने लगे.
उसने एक हाथ से अपने स्तन दबाने जारी रखे और दूसरे हाथ से पहले तो चूत के दाने को रगड़ना शुरू किया।
चित्रा- आआह हहह … उफ्फ अभिराज बहुत मज़ा आ रहा है।

फिर उसने दो उंगलियां अपनी चूत में डाली और जोर जोर से अंदर बाहर करने लगी।
बुआ बहुत कामुक हो गई थी।
मैं भी अपने लंड को जोश में आकर हिला रहा था- आहहह बुआ, कितनी सेक्सी और हॉट हो आप … मैं बता नहीं सकता. आपकी प्यारी, सेक्सी चूत देख मेरा लंड खड़ा हो गया है। ये लो बुआ, मेरा लंड पूरा अपनी चूत में ले लो।
चित्रा- आहह उफ … डाल दे अपना बड़ा मोटा लंड पूरा … ईसस आह … बहुत मज़ा आ रहा है … आह उह ओह यस!

फिर उसने मोबाइल उठाया और कमोड पर अपनी चिकनी जांघें फैला कर बैठ गई.
मोबाइल को चूत के बिल्कुल सामने करके बुआ फिर से चूत में उंगली करने लगी।
मुझे उसकी उंगली करने की पच पच की आवाज भी सुन रही थी।

मैं देख रहा था कि कैसे उंगलियां बुआ की गीली चूत में अंदर बाहर हो रही हैं.
उंगलियों के अंदर जाते ही गुलाबी, रसीला छेद किस तरह से फैल रहा है और बाहर आते ही किस तरह से सिकुड़ रहा है.
बुआ की गर्म चूत का वह नजारा सच में बहुत उत्तेजक था।

बुआ की उंगलियां चूत रस से भीग चुकी थी।
वह इतनी गर्म हो चुकी थी कि कभी भी झड़ने वाली थी- आह अभिराज, मेरा होने वाला है बाबू … ईश्श … कितना मज़ा आ रहा है आईई ईई ययय यस उम्माह उह आह ओह!
और बुआ जोर जोर से अपनी चूत में उंगली चलाने लगी।

अचानक से उसका बदन अकड़ने लगा और वह जोर जोर से सिसकारियां, आहें भरती हुई झड़ने लगी- उम्म आ आआह हह … उफ ईश्शस!

झड़ने के बाद थोड़ी देर वह वैसे ही शान्त बैठी रही.
उसका सीना तेज सांसों के कारण ऊपर नीचे हो रहा था जिससे मैं और उत्तेजित हो गया।

उसके बाद मैं भी जल्दी ही झड़ गया.

इस तरह हमने वीडियो सेक्स चैट में बहुत मज़ा लिया।

फिर बुआ ने विडियो कॉल काट दी और नहाने लगी.
मैं भी फोन बंद करके अपने काम में लग गया।

अब तो मैं उस दिन का इन्तज़ार कर रहा था जब मुझे इस गर्म बुआ की चूत की चुदाई का मौका मिलेगा।

बुआ साल में 2-3 बार तो मायके आती थी तो मुझे जल्दी ही मिलन की आशा थी.

और फिर कुछ दिन बाद बुआ ने बताया कि नए साल में जनवरी में वह मायके आ रही है।

मैं बेसब्री से उसके आने की प्रतीक्षा करने लगा।

इसी बीच मैंने बुआ की चूत मारने के लिए कमरे वगैरा का सब प्रबंध कर लिया था.

पर बुआ ने कमरे में आने से मना ही कर दिया.
पता नहीं लड़कियों को क्या समस्या है … दूर से तो वे सब कुछ करने को तैयार रहती हैं. लेकिन जब अवसर मिलता है तो क्यों आनाकानी करने लगती हैं।

दो तीन दिन तक मैं बुआ को कमरे में आने के लिये मनाता रहा.
पर वह नहीं मानी.

तो मैंने उसके घर जाने का निश्चय किया।
उसके पापा गांव गये हुये थे और छोटी बहन नौकरी करती थी तो बुआ दिन में कुछ दिनों के लिये अकेली थी।

जब मैं उसके घर पहुंचा तो उसे देखकर खुद पर काबू नहीं रख पाया. तुरन्त मैंने उसे बाहों में भर लिया और चूमने लगा.
बुआ के रसीले होंठ थे … चुम्बन करने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

तभी मैं मैक्सी के ऊपर से ही बुआ के चूचे दबाने लगा।
उसके स्तन इतने बड़े बड़े थे कि मेरे हाथों में नहीं आ रहे थे.
कसे बूब्स दबाते हुये मैं लगातार बुआ के लब चूसे जा रहा था।

वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.
और छूट कर अन्दर भाग भी गयी.

पर मैंने दौड़कर उसे पकड़ा और अंदर ही डबलबेड पर गिरा लिया।

मैं बुआ के ऊपर लेट गया और चूचे दबाने लगा.

फिर मैंने उसे अपनी गोद में बैठाकर उसकी मैक्सी उतारने की कोशिश की.
लेकिन वह मैक्सी उतारने नहीं दे रही थी.

मैं इतने जोश में था तो मैंने मैक्सी के अन्दर हाथ डाल दिया।

वाह आहह … क्या गजब अहसास था जब मैंने पहली बार उसके नंगे चूचों को अपने हाथों में लिया.

मैं बुआ के उरोज दबा रहा था, मसल रहा था।
वह आआह ऊहहह किये जा रही थी लेकिन पूरी तरह सहयोग नहीं कर रही थी.

इसी छीना झपटी में बुआ की मैक्सी थोड़ी सी फट गई।

कुछ देर बाद उसने अपने आप को छुड़ा लिया और दूर खड़ी हो गई.
फिर ना तो बुआ ने मुझे मैक्सी उतारने दी, न चूचे दिखाये और ना ही चूत के दर्शन करवाए, छूने का तो सवाल ही नहीं था।

उस दिन तो मुझे बस चूमा चाटी करके और चूचे मसल कर वापिस आना पड़ा।
शायद बुआ उस दिन मानसिक रूप से तैयार नहीं थी सेक्स के लिए!

तो प्रिय पाठको, आपको किसी लगी अब तक की फ्री न्यूड शो की कहानी?
मुझे बताएं.
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फ्री न्यूड शो की कहानी का अगला भाग:
रिश्ते में दूर की बुआ के जिस्म की प्यास- 3

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