लॉकडाउन में भाभी की चूत को देवर के लंड का सहारा
(Devar Ne Bhabhi Ko Choda)
देवर ने भाभी को चोदा इस कहानी में! भाई लॉकडाउन में फंसे थे तो मैंने भाभी की चूत को अपने गर्म लंड का सहारा दिया. भाभी पूरा मजा लेकर चुदाई करवाती थी.
नमस्कार दोस्तो, मैं राजीव गुड़गांव से एक बार फिर से अपनी आपबीती को आगे लिखने आया हूँ.
आप सभी ने मेरी आपबीती के पहले भाग
लॉकडाउन में भाभी ने मेरी प्यास बुझायी
में देवर ने भाभी को कैसे चोदा, यह पढ़ा और बहुत पसंद किया, उसके लिए शुक्रिया.
मैंने भाभी को चोद दिया था. हम दोनों ने चुदाई के बाद एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिए.
फिर भाभी उठ कर कपड़े पहनने लगीं. कुछ देर बाद वो नीचे चली गईं.
अब आगे देवर ने भाभी को चोदा:
शाम हो चुकी थी मम्मी और पापा दोनों अपने रूम में थे और भाभी रसोई में खाना बना रही थीं.
मैं मम्मी पापा के पास स्थिति का जायजा लेने गया तो देखा कि वो दोनों अपने रूम में टीवी देख रहे थे.
मैं रसोई में गया और भाभी को पीछे से जकड़ लिया.
भाभी ने पीछे मुँह किया और स्माइल दे दी.
फिर उन्होंने इधर उधर देखते हुए मुझे किस किया और बोलीं- अभी कोई देख लेगा, तुम ऊपर जाओ, मैं चाय लेकर आती हूँ.
मैं ऊपर अपने कमरे में चला गया और भाभी के आने का इन्तजार करने लगा.
दस मिनट में भाभी कमरे में आ गईं.
उनके अन्दर आते ही मैंने भाभी से चाय लेकर साइड में रखी और उन्हें चूमने लगा.
भाभी भी बेताबी से मुझसे चिपक गईं.
करीब दस मिनट तक हम दोनों चूमाचाटी में खोए रहे.
इतने में फोन बज गया.
हम अलग हुए और भाभी ने देखा तो भैया का फोन था.
भाभी भैया से बात करने लगी थीं और साथ साथ चाय भी पी रही थीं.
मैं उनसे मजे ले रहा था.
कभी मैं उनके पीछे जाकर उनके कान पर किस कर देता, तो कभी गर्दन पर.
भाभी बड़ी मुश्किल से अपनी सीत्कार दबाती हुई भैया से बात कर रही थीं.
दस मिनट तक बात करने के बाद भाभी उठीं और मुझे बेड पर धक्का देकर मेरे ऊपर चढ़ गईं.
भाभी बोलीं- बड़ी मस्ती आ रही है, अभी बताती हूँ तुझे!
वे मुझे फिर से चुम्बन करने लगीं.
यूं ही बेताबी से मेरे होंठों को चूमती हुई भाभी नीचे को आ गईं और उन्होंने मेरी गर्दन पर चूमना चूसना शुरू कर दिया.
मेरे मुँह से ‘सीसीई आह …’ की आवाजें निकल रही थीं.
मगर भाभी बस मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस किए जा रही थीं. वो मुझे हिलने भी नहीं दे रही थीं.
कुछ ही देर बाद भाभी ने मेरी टी-शर्ट ऊपर कर दी और मेरी छाती की घुंडियों को अपने होंठों से चुभलाने लगी थीं.
उनका हाथ लोअर के ऊपर से ही मेरे लंड को टटोल रहा था.
फिर भाभी और नीचे आ गईं और मेरे लोअर के ऊपर से ही लंड को किस करने लगीं.
मेरा लंड भाभी की हरकतों से अपने विकराल रूप में आ गया.
मैं लोअर नीचे करने लगा.
तो भाभी बोलीं- अभी नहीं, रात को.
मैं मान गया और हम दोनों दस मिनट तक एक दूसरे को चूम-चाट कर प्यार करते रहे.
फिर भाभी नीचे रसोई में चली गईं.
मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, तो मैं मुठ मार कर घर के बाहर चला गया.
करीब दो घंटे बाद मैं वापस घर आया तो खाना तैयार था.
खाना खाने के बाद मैं अपने रूम में जाने लगा था.
तभी भैया का फोन आया और भाभी फोन पर भैया से बात करने लगीं.
मम्मी से भाभी ने पूछा- कोई काम तो नहीं है, मैं अपने कमरे में जा रही हूँ.
भाभी ने भैया से बात करते हुए इशारे से मम्मी को जाने के लिए कह दिया और मम्मी कमरे में चली गईं.
मैं भी मेन गेट बन्द करके अन्दर आ गया.
आधा घंटे के बाद मम्मी वाले रूम की लाईट बंद हुई तो मैं भाभी के रूम के बाहर रुक गया.
अन्दर माहौल गरमाया हुआ था. भाभी भैया के साथ फोन सेक्स कर रही थीं और अपनी चूचियों को सहला रही थीं.
मैं गेट पर खड़ा मजे ले रहा था.
उधर शायद भैया झड़ गए थे तो भाभी ने फोन रख दिया.
मैं साइड में हो गया.
इधर भाभी गर्म थीं तो मैंने फिर से अन्दर झांका.
मैंने देखा कि भाभी अपनी चुत सहला रही थीं.
मैं अन्दर चला गया और बोला- भाभी मुझे बुला लेतीं, मैं कब से इन्तज़ार कर रहा था.
भाभी मुझे देख कर पहले तो एकदम से चौंक गईं … फिर मुझे देख कर खड़ी हुईं और मुझे अपने गले से लगा लिया.
उन्होंने मुझे धक्का देती हुई बेड पर गिराया और सीधा मेरे ऊपर आकर बोलीं- अब फटाफट लंड अन्दर डाल दे, नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मेरा वैसे ही खड़ा था.
भाभी ने मेरा लोअर उतार दिया और अपना लोअर भी उतार कर मेरा खड़ा लंड चुत के अन्दर लेकर गांड हिलाने लगीं.
दस मिनट तक धकापेल हुई और भाभी एक बार झड़ कर मेरे ऊपर गिर गईं.
अभी मैं बाकी था तो मैं उनके ऊपर आ गया.
मैं एक बार मुठ मार चुका था तो जल्दी नहीं निकलने वाला था.
भाभी के ऊपर आकर मैं उनकी चुत में शॉट लगाने लगा.
दस मिनट के बाद फिर से भाभी का शरीर अकड़ने लगा तो मेरा भी काम उनके साथ हो गया और हम एक दूसरे पर पड़े रहे.
करीब बीस मिनट के बाद भाभी खड़ी हुईं और वाशरूम में चली गईं.
कुछ देर बाद भाभी कमरे में अन्दर आईं तो बहुत खुश थीं.
मैं भी खड़ा हुआ और फ्रेश होकर आ गया.
भाभी के बाजू में लेटकर मैं बोला- भाभी, भैया फोन सेक्स कर रहे थे न!
मैं उनकी टांग खींचते हुए बोला तो भाभी बोलीं- हां यार … वो बेचारे वहां फंस गए हैं, तो उनको भी तो खुश रखना है.
तो मैं बोला- हां ये भी है, पहला हक तो उनका ही है.
अभी तक भाभी और मैंने सिर्फ टी-शर्ट पहनी हुई थी. नीचे से हम दोनों नंगे थे. एसी ऑन था, हम दोनों ने चादर ओढ़ रखी थी.
हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे तो भाभी ने फिर से मेरे होंठों से होंठ लगा दिए और लम्बी स्मूच करने लगीं.
इस बार भाभी बहुत ही अलग तरीके से स्मूच कर रही थीं.
वो कभी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल रही थीं, तो कभी मैं उनके मुँह में.
थोड़ी देर बाद भाभी मुझसे अलग हुईं और मुझे बांहों में समेट कर मेरी गर्दन पर किस करने लगीं.
मैं उनकी चूचियों से अपनी छाती को रगड़ कर मजा दे रहा था.
भाभी ने मुझे किस करते करते मेरी टी-शर्ट उतार दी.
मैंने उनकी टी-शर्ट उतार दी. भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी.
वो मुझे किस करती हुई नीचे मेरे लंड तक पहुंच गईं. मेरे लंड के आस पास भाभी किस करने लगीं और लंड चाटने लगीं.
अपना लंड चाटे चूसे जाने से मैं सातवें आसमान पर उड़ रहा था.
वो इतने अच्छे से लंड की चुसाई कर रही थीं कि जैसे प्रोफ़ेशनल रंडी हों.
मैं बस उनके सिर पर हाथ लगाए एन्जॉय कर रहा था.
जब तक मेरा रस नहीं निकला, तब तक भाभी गजब तरीके से लौड़े को चूसती रही थीं.
जब मेरा माल निकला तो मैंने भाभी को हटाने की कोशिश की.
मगर वो मेरे वीर्य को भी पी गईं.
मैं हैरान था कि भाभी इस हद तक पागल हो गई थीं.
मेरा काम हो चुका था और मैं संतुष्ट नजर आ रहा था.
भाभी होंठों पर जीभ फेर रही थीं.
मैं खुश होकर बोला- भाभी मजा आ गया.
भाभी बोलीं- हां यार, तेरे भैया ने इतना गर्म कर दिया था कि चूसना तो छोड़, मैं इसे खा तक जाती.
मैंने भाभी को पकड़ा और उनके चूचे दबाने लगा.
भाभी के मुँह से सी सी की आवाजें निकल रही थीं.
मैं एक हाथ से एक चूची को दबा रहा था तो दूसरी को चूस रहा था.
भाभी अपना हाथ मेरे सिर पर बालों में फेरती हुई मुझे आना दूध पिला रही थीं.
मैं भाभी के दोनों टाइट चुचों को बारी बारी से चूसता रहा और भाभी मस्ती से मुझे अपना बच्चा समझ कर दूध चुखाती रहीं.
फिर मैं थोड़ा नीचे आया और भाभी के पेट पर किस करने लगा.
जब मैंने अपनी जीभ को नुकीली करके भाभी की नाभि में डाली तो भाभी मचल उठीं और हाथ पैर झटक कर छटपटाने लगीं.
मैं भाभी को मजा देता रहा.
फिर मैं थोड़ा सा नीचे को आ गया और चुत से थोड़ा ऊपर अपनी जीभ को फेरने लगा.
मैं उनको वहां किस कर रहा था.
भाभी ने मेरे बालों में हाथ डाल कर मेरे सर को अपनी दोनों टांगों के जोड़ तक कर दिया और अपनी चुत पर मेरे मुँह को टिका दिया.
मैं भाभी की चुत चाटने लगा.
जितना मजा उन्होंने मुझे दिया था, उससे कहीं ज्यादा मैं उनको देना चाहता था.
मैं कभी भाभी की चुत की दोनों फांकों पर जीभ फिरा रहा था तो कभी चुत के दाने को होंठों से पकड़ कर खींचता, तो कभी जीभ की नोक से उसे छेड़ता.
इससे भाभी की मस्ती अपने पूरे चरम पर थी और वो गांड उठा कर मुझे और तेज चुत चूसने को उकसा रही थीं.
फिर मैंने भाभी की चुत के अन्दर जीभ पेल दी और जीभ से भाभी की चुत चोदने लगा.
वो अपनी दोनों टांगों को पूरी तरह से खोल कर मुझे चुत चाटने के लिए रास्ता देती हुई अपनी गांड उठा रही थीं.
उनके मुँह से सिर्फ ‘सी सी और आह …’ की आवाज निकल रही थी जो मुझे और उत्तेजित कर रही थी.
मैं लगातार चुत चाट रहा था.
इतने में भाभी ने अपने शरीर को अकड़ा दिया और एक फुट ऊंची गांड उठाने लगीं.
तो मैं समझ गया कि भाभी का काम तमाम होने वाला है.
मैं लगातार जीभ चलाता रहा और चुत में जहां तक जीभ मार सकता था, मार कर जीभ से चोद रहा था.
जैसे ही भाभी झड़ने लगीं तो उन्होंने अपने हाथ से मेरा सिर चुत पर दबा दिया.
मैं उनका माल पीने लगा.
पहले तो मुझे घिन सी आने लगी पर बाद में चुत रस अच्छा लगने लगा.
मैं सब चाट गया.
कुछ ही पलों में भाभी निढाल हो गई थीं और मैं कड़क लंड के साथ गर्मा गया था.
मैंने तुरंत भाभी के ऊपर आकर अपना लंड भाभी की गर्म चुत में पेल दिया.
अभी भाभी चुदने के लिए तैयार नहीं थीं पर मैंने एक झटके में पूरा लंड चुत के अन्दर डाल दिया.
भाभी की आह निकली और मुझे गाली देने लगीं- आह भैनचोद … आराम से डाल न भोसड़ी के!
मैं बोला- भाभी, मैं बहनचोद नहीं हूँ. मैं तो भाभीचोद हूँ.
बस ये कह कर मैंने जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया.
भाभी आह आह कर रही थीं और फुल एन्जॉय कर रही थीं.
वो साथ में उछल उछल कर भरपूर साथ दे रही थीं.
करीब 20-25 झटकों में भाभी फिर से गर्माने लगीं तो उन्होंने भी मजा लेना शुरू कर दिया.
मैंने लंड पेलते हुए कहा- ऊपर आ जाओ भाभी!
भाभी ने लंड लिए हुए ही मुझे पकड़ा और मुझे औंधा करती हुई मेरे लंड पर सवार हो गईं.
धकापेल चुदाई चलने लगी.
भाभी मेरे मुँह में चूची देती हुई बोलीं- आम चूस लो मेरी जान.
मैं भाभी के दोनों चूचों को मसलते हुए चूसने लगा.
भाभी की गांड लगातार तेज होती हुई हिल रही थी.
मेरा लंड भाभी की चुत में अन्दर बच्चेदानी तक ठोकर मार रहा था जिससे भाभी को बेहद मजा आ रहा था.
कुछ देर बाद भाभी ने मुझे टाइट पकड़ लिया और झड़ गईं.
मैं भी भाभी के साथ ही झड़ गया.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और कब सो गए कुछ पता ही नहीं चला.
भाभी के साथ चुदाई का मजा अभी और आना बाकी है. वो मैं कभी अगली कहानी में बताऊंगा. अभी के लिये धन्यवाद.
दोस्तो, मेरी देसी भाभी सेक्स कहानी जिसमें देवर ने भाभी को चोदा, कैसी लगी, जरूर मेल और कमेंट्स करना.
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