ससुराल में चुदाई की कामुक दास्ताँ- 9

(Desi X Family Kahani)

देसी X फॅमिली कहानी में मेरे ससुर मेरी मम्मी, बुआ और मेरे पापा के ग्रुप सेक्स की बातें बता रहे थे. मेरा भाई मुझे लेने आ रहा था तो ससुर जी मुझे मेरे भाई के सामने चोदना चाहते थे.

कहानी के पिछले भाग
मेरे ठरकी ससुर, पापा मम्मी और बुआ
में आपने पढ़ा कि ससुर जी मुझे मेरे मम्मी पापा, बुआ के साथ के सेक्स कारनामे बता रहे थे कि तभी ससुर जी को कुछ याद आया और वो अचानक से हंसते हुए बोले.

अब आगे देसी X फॅमिली कहानी:

यह कहानी सुनें।

वे अचानक हंसते हुए बोले:

“अच्छा हां, एक बात और याद गयी … जब तुम्हारी शादी तय गयी तो मोना ने एक बार मजे लेते हुए मुझसे बोला भी था कि अब तो गरिमा आप ही के घर में जा रही है। आपके लिए तो बढ़िया मौका है अपनी ख्वाहिश पूरी कर लीजिएगा।”
इस पर तेरे पापा ने हंसते हुए कहा- फिर तो तेरी बेटी को मैं भी बहू बनाकर लाऊंगा ताकि दोनों तरफ से बात बराबर रहे।

मैंने भी मजे लेते हुए कहा कि और क्या रोहित (मेरे हसबैंड) को भी तुम्हारी जैसी मस्त और सेक्सी सासू मां मिल जाएगी। फिर ससुर जी, बहू के साथ और सासू मां, दामाद के साथ मजे लेना।

जिस पर हम तीनों ठहाके मार कर हंस दिये।”

ससुर जी के चुप होने पर मैं हंसती हुई हैरानी जताकर बोली- हे भगवान … मुझे जरा भी पता नहीं था कि मम्मी भी इतनी रोमांटिक और मजेदार हैं।
फिर मैंने ससुर जी से मुस्कुराते हुए पूछा- तो अब आपने क्या मम्मी-पापा को अपने और मेरे बारे में बता दिया है?

ससुर जी मुस्कुराते हुए बोले- नहीं, अभी तक तो नहीं बताया है। वैसे पहले सोचा था कि बता दूं लेकिन उस समय तुम्हारे बारे में ज्यादा नहीं जानता था इसलिए नहीं बताया कि कहीं ऐसा ना हो कि मोना तुमसे कभी कुछ मजाक में कह दे और तुम्हें बुरा लग जाए और जो मजा मिल रहा है वो बंद हो जाए, ये सोचकर कुछ नहीं बताया।

मैं हंसकर बोली- खैर, अब तो आप मुझे अच्छी तरह जान गये हैं. तो क्या अब बताएंगे मम्मी और पापा को?
ससुर जी मुस्कुराते हुए बोले- अगर तुम कहो तो बता दूंगा।

मैं मुस्कुराकर बोली- फिर अभी कुछ मत बताइयेगा किसी से! अब होली से लौटूंगी तब देखूंगी कि बताना है या नहीं।
ससुर जी बोले- ठीक है, जैसा तुम चाहो। वैसे भी तेरे मम्मी-पापा खुश हो जाएंगे ये जानकर!

दरअसल मैंने ससुर जी को इसलिए बताने से मना किया कि जब पापा ने उन्हें मेरे और अपने बारे में नहीं बताया है तो मैं भी अपने और ससुर जी के बारे उन्हें नहीं पता चलने देना चाह रही थी।
वहीं इतनी बातें जान लेने के बाद मेरे मन में कुछ और प्लानिंग भी चल रही थी।

तभी मेरे फोन की घंटी बजी तो देखा सोनू की कॉल थी।
मैंने ससुर जी को चुप रहने का इशारा किया।

सोनू बोला- मैं निकल चुका हूँ घर से, 9.30-10 बजे तक आ जाऊंगा।

मैंने ‘ठीक है’ बोल कर फोन काट दिया।
मैं बोली- चलिए अब सोनू आने वाला है, जो करना है जल्दी कर लेती हूं ताकि पायल के जाने के बाद आराम से सिर्फ बातें करेंगे।

ससुर जी भी खुश होते हुए हां में सिर हिलाते हुए बोले- हां ठीक कह रही हो।

इतनी बातचीत में ससुर जी का लण्ड खड़ा हो चुका था जिसे मैं हाथ से पकड़कर सहला भी रही थी.

उधर ससुर जी के मुंह से इतनी बातें सुनकर मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी।

ससुर जी बोले- चलो फिलहाल इन लंड महाराज चूस कर शांत कर दो नहीं तो दिन भर ऐसी ही खड़े रहेंगे।
मैं हंसती हुई बोली- तो फिर आप भी जीभ से मेरी खुजली मिटा दीजिएगा नहीं तो ये भी दिन भर खुजलाती ही रहेगी।

ये कहकर मैं बेड से उतरकर ससुर जी के सामने नीचे घुटनों के बल बैठ गयी और उनका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी।

करीब 5 मिनट तक चूसने के बाद ससुर जी मेरे सिर को पकड़ कर तेजी से अपने लण्ड पर दबाने लगे और फिर उनके मुंह से ‘आह हह हहह …’ की तेज सिसकारी निकली और कमर को तीन-चार झटके देते हुए उन्होंने पूरा वीर्य मेरे मुंह में निकाल दिया।
मेरा मुंह उनके वीर्य से भर गया।
जिसे मैं एक झटके में गटक गयी।

फिर मुंह पौंछकर खड़ी हुई और बेड पर पीठ के बल लेट गयी।
ससुर जी भी बेड से उतर कर नीचे आ गये, झुककर मेरी टांगों को फैला दिया और मेरी चूत को जीभ से चाटने लगे।

मैं उनके सिर को हाथ से पकड़कर कमर हिलाते हुए चूत चटवाने लगी।
आंख बंद की तो मैं इमैजिन करने लगी कि इसी तरह मम्मी भी ससुर जी से चूत चटवाती होंगी।

ये सोचते ही उत्तेजना में मेरे रोएँ खड़े हो गये और मैं तेजी से सिसकारियां लेती हुई चूत चटवाने लगी।

करीब 5 मिनट के बाद मुझे बर्दाश्त नहीं हुआ और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैंने ससुर जी के सिर को पकड़कर अपनी दोनों जांघों के बीच दबा दिया और तेजी से कमर को झटका देते हुए झड़ गयी।

मैं तेजी से हांफ रही थी करीब एक मिनट बाद सांसों पर काबू पाने के बाद खड़ी हुई और कपड़े ठीक किये और अपने कमरे में आ गयी।

देखा तो पायल अभी सो रही थी।

मैंने कमरे में आकर धीरे से फिर से सोनू को फोन पर ससुर जी के साथ जो बात हुई वो देसी X फॅमिली वाली बातें उसको बता दी और कहा कि वो बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तुम्हारा!
सोनू भी खुश था कि चलो आज एक बार फिर रेलवे स्टेशन वाला अनुभव लिया जाएगा।

दरअसल मैंने और सोनू ने एक बार अपने गांव के रेलवे स्टेशन पर एक अनजान आदमी के साथ थ्रीसम के किया था, सोनू उसी अनुभव की बात कर रहा था।
वो कहानी आप
अंकल और छोटे भाई को दिखाई गांड
इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

लेकिन ससुर जी की बातें मेरे दिमाग में अभी भी थीं।
दरअसल पिछले दो दिनों में ससुर जी ने जो मम्मी, पापा और बुआ के बारे जितनी बातें मुझे बतायी थीं जिनकी वजह से एक सवाल था जो मेरे दिमाग में घूम रहा था।
वो सवाल ये कि जब मम्मी को पापा और बुआ के बारे में सब पता है तो उस दिन पापा रात में चोरी से क्यों बुआ के कमरे में चुदाई करने गये थे।

ये कहानी आप
मैंने पापा को बुआ की चुदाई करते देखा
इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

हालांकि मुझे पता था कि इस सवाल का जवाब सिर्फ घर पहुंचने पर पता चलेगा क्योंकि जवाब सिर्फ पापा ही दे सकते हैं।

खैर … फिर मैं जल्दी-जल्दी अपने काम निपटाने लगी।

उधर पायल भी सोकर उठने के बाद कॉलेज जाने की तैयारी करने लगी।

पौने दस बज चुके थे।

पायल के कॉलेज का टाइम हो गया था तो कॉलेज निकल गयी।
लेकिन जाते-जाते वह बोली- भाभी, मेरे कॉलेज से लौटकर आने के बाद मुझसे मिलकर ही जाइयेगा।

मैं हंसती हुई बोली- अरे तुमसे मिले बिना थोड़ी जाऊंगी. आराम से आना मैं 6 बजे तक ही निकलूंगी।

हमारे मायके से ससुराल कार से आने-जाने में करीब तीन-साढ़े तीन घंटे लगते हैं।

सोनू को आते-आते करीब दस बज गये।
अब सिर्फ मैं, सोनू और ससुर जी घर में थे।
ससुर जी बोले- चलो, सब लोग साथ नाश्ता कर लेते हैं।

मैं ‘ठीक है’ बोलकर रसोई से तुरंत नाश्ता वगैरह लाकर मैंने डायनिंग टेबल पर लगा दिया।
ससुर जी और सोनू नाश्ता करने बैठ गये।

तब ससुर जी बोले- तुम भी आओ, साथ ही नाश्ता करते हैं।

मैं बोली- बस एक मिनट मैं थोड़ा कपड़े बदल कर आ रही हूँ। इन कपड़ों पर थोड़ा तेल वगैरह लग गया है।

ये कहकर मैं अपने कमरे में चली आयी।
दरअसल मैं उस समय कुर्ती और लेगिंग में थी लेकिन पायल के कॉलेज जाने का वेट ही कर रही थी कि ताकि वो जब चली जाए तो मैं स्कर्ट और टीशर्ट पहन लूँ।

वैसे तो मैं रात में अक्सर स्कर्ट पहन कर रहती थी।
लेकिन पायल और रोहित के रहने पर ससुर जी के सामने स्कर्ट नहीं पहनती थी।
इसलिए मैं उसके कॉलेज जाने का वेट कर रही थी।

उसके बाद मैं जल्दी से कमरे में गयी और टाइट टीशर्ट और स्कर्ट पहन लिया।
टीशर्ट मैंने आगे से चेन वाली पहनी थी और अंदर ब्रा नहीं पहना।
जिससे चेन खोलते ही मेरी चूचियां नंगी बाहर आ जातीं।
मैं एकदम तैयार होकर बैठना चाह रही कि कोई दिक्कत ना हो।

जैसे ही मैं स्कर्ट और टीशर्ट में बाहर निकली, ससुर जी और सोनू मुझे एकटक देखने लगे।

मैं मुस्कुराती हुई सोनू से बोली- क्या घूर रहे हो? पहली बार देख रहे हो क्या?
सोनू हंसकर बोला- देख रहा हूँ कि तुम्हें देखकर लग नहीं रहा कि शादी हो चुकी है। लग रहा है कोई कॉलेज गोइंग लड़की है।

फिर हम तीनों हंस दिये।
हालांकि हम तीनों ही समझ रहे थे कि मैंने स्कर्ट और टीशर्ट क्यों पहनी है।
लेकिन किसी ने कुछ बोला नहीं इसके बाद मैं सोनू के बगल जाकर बैठ गयी।

तभी ऐसा लगा कि ससुर जी को कुछ याद आया हो, वो बोले- एक मिनट में आ रहा हूँ!
ये कहकर वो कुर्सी से उठे और अपने कमरे में चले गये।

मैं और सोनू बातें करने लगे।

मुश्किल से 25-30 सेकेण्ड बाद ही ससुर जी वापस कमरे से बाहर निकले।
मैं सोच ही रही थी कि इतनी जल्दी कौन सा काम करने गये थे वो?
लेकिन उनके डायनिंग टेबल के पास आते ही मैं समझ गयी कि वो अंदर क्यों गये थे।
मैं मन ही मन हंस पड़ी थी।

दरअसल लुंगी के आगे उनके उभार को देखते ही मैं समझ गयी कि ससुर जी अंदर अपना अंडरवियर उतारने गये थे, तभी इतनी जल्दी वो वापस आ गये।
हालांकि सोनू नहीं समझ पाया था।

सोनू अभी भी टी-शर्ट, जींस और जूते में था।

तभी सोनू बोला- मैं भी जूते भी उतार देता हूँ, सुबह से पहने हुए हैं।

मेरे दिमाग कुछ सूझा मैंने कहा- अरे जींस भी चेंज कर के लोअर पहन ले ना!
ससुर जी बोले- हाँ और क्या, टाइट जींस में ठीक से नाश्ता भी नहीं होगा। शाम तक रहना है तो कपड़े बदल कर आराम से बैठो।

जिस पर सोनू ‘ठीक है’ बोलता हुआ उठा और मेरे कमरे में चला गया।

उसने बैग मेरे कमरे में ही रखा था।
करीब दो मिनट बाद सोनू ने जींस और जूते उतार कर टीशर्ट-लोअर पहनकर बाहर आया।

उसकी लोअर देखकर भी मैं समझ गयी कि उसने भी अंदर अण्डरवियर नहीं पहना है।

अब मैं चेन वाली टी शर्ट और स्कर्ट में, सोनू लोअर और टीशर्ट में और ससुर जी लुंगी और बनियान में थे।

ऊपर तो सबके कपड़े थे लेकिन अंदर किसी ने अंडरवियर नहीं पहना था।

कुल मिलाकर हम तीनों आगे होने वाले खेल की तैयारी के साथ बैठे थे।
फिर हमने साथ ही नाश्ता किया।

नाश्ता करने के बाद ससुर जी ने कहा- ड्राइंग रूम में चलते हैं और आराम से सोफे पर बैठकर चाय पीते हुए बात करते हैं।

जिसके बाद हम तीनों ड्राइंग रूम में आकर सोफे पर बैठ गये और चाय पीते हुए बातें करने लगे।
मैं और सोनू बड़े वाले सोफे पर अगल-बगल बैठे थे और ससुर जी सामने की तरफ बैठे थे।

हम तीनों ही नहीं समझ पा रहे थे कि बात कहाँ से शुरू की जाए।

ससुर जी सोनू से उसके कॉलेज और सेमेस्टर के बारे में बात करने लगे।

तभी मुझे मौका मिला मैंने सोनू से हंसते हुए कहा- जल्दी से अच्छी नौकरी ढूंढ लो, लड़की हम लोगों ने ढूंढ रखी है तुम्हारे लिए!
सोनू मुस्कुराकर- अच्छा, मुझे भी तो बताओ ना कौन है?

मैं बोली- पायल, तेरी शादी पायल से करेंगे।
फिर ससुर जी की ओर इशारा करती हुई बोली- पापा जी भी तैयार हैं पायल से तेरी शादी करने के लिए।

ससुर जी हंसते हुए बोले- अरे सोनू से भी तो पूछ लो उसकी पसंद! हो सकता है उसे कोई और पसंद हो तो?

मैं आंख मारते हुए हंसकर बोली- सोनू को कौन पसंद है ये मत पूछिए। क्योंकि उसकी पहली पसंद और प्यार तो मैं ही हूँ।

मेरी इस बात पर पर तीनों जोर से हंस दिये।

ससुर जी हंसते हुए सोनू से पूछे- क्यों सोनू तुम्हारी बहन सच बोल रही है क्या?
सोनू मुस्कुराते हुए बोला- तो आप ही बताइये इसमें गलत क्या है हर भाई अपनी बहन को पसंद करता है और उससे प्यार करता है।

फिर मेरे गाल पर चुटकी काटता हुए बोला- और अगर बहन इतनी प्यारी हो तो भाई को प्यार करने का मन करेगा कि नहीं!

ससुर जी बोले- हां भाई, सोनू तो ठीक कह रहा है इसमें गलत क्या है।
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- वो तो ठीक है लेकिन इससे पूछिए कि कैसा वाला प्यार करना चाहता है ये भी तो बता दे।
ससुर जी मुस्कुराते हुए बोले- कैसा वाला प्यार करना चाहते हो भाई बता दो।

अभी सोनू कुछ बोलता उससे पहले ही मैंने मुस्कुराते हुए कहा- ये नहीं बताएगा आपको, मैं ही बताती हूं दरअसल ये मुझसे शादी के बाद वाला प्यार करना चाहता है।
मेरी बात पर ससुर जी भी मुस्कुराते हुए बोले- ओहो … भाई ये शादी के बाद वाला कौन सा प्यार है हमें भी बता दो।

सोनू इस बात पर बिना कुछ बोले हंसने लगा।
इस पर फिर मैं हंसते हुए आंख मारकर बोली- अरे पापा जी से कुछ छिपाने की ज़रूरत नहीं है ये भी तुम्हारी तरह ही अपनी रश्मि दीदी को बहुत पसंद करते थे। और उनसे भी वही शादी के बाद वाला प्यार करना चाहते थे।

सोनू हंसते हुए ससुर जी से बोला- अरे वाह पापा जी (सोनू भी ससुर जी को पापा जी ही कहता था), सच बात है क्या, फिर तो मेरी और आपकी बहुत जमेगी।
ससुर जी हंसकर बोले- हां ये बात तो है।

मैं मुस्कुराती हुई ससुर जी की तरफ इशारा करते हुए बोली- लेकिन ये बेचारे तेरी तरह कुछ ज्यादा कर नहीं पाए अपनी दीदी के साथ!

ससुर जी को जैसे मौका मिल गया और वो तुरंत मुस्कुराते हुए सोनू से बोले- मतलब, क्या-क्या किया है तुमने अपनी दीदी के साथ भाई कुछ हमें भी बताओ?

सोनू में मेरे ससुर को क्या बताया?
यह कहानी के अगले भाग में!
आप देसी X फॅमिली कहानी पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बतायें.
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देसी X फॅमिली कहानी का अगला भाग: ससुराल में चुदाई की कामुक दास्ताँ- 10

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