साले की दोनों बेटियों की एक साथ चुदाई
(Desi Ladkiyon Ki Chudai Kahani)
देसी लड़कियों की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैं अपने साले की दो लड़कियों को अलग अलग चोद चुका था. इस बार मैंने दोनों बहनों को एक साथ एक बिस्तर पर चोदा.
दोस्तो, मैं चन्दनसिंह अपनी पिछली सेक्स कहानी
साली की छोटी बेटी की कुंवारी चूत की चुदाई
का आगे का भाग ‘देसी लड़कियों की चुदाई कहानी’ लेकर हाजिर हूँ.
इस बार देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ. मुझे कोरोना होने के कारण एक सप्ताह अस्पताल में रहना पड़ा और दो सप्ताह होम आइसोलेट रहने के कारण इस बार पिछली कहानी को लिखने में देर हुई. इस देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ.
जब मैं अस्पताल में भर्ती था तो उधर एक रोचक घटना में घटित हो गयी थी.
उधर अप्रत्याशित रूप से बहुत ही रोमांचक चुदाई हो गई थी. किस प्रकार से ये सब हुआ था. कब और कैसे हुआ था. इस घटना को पहले प्रकाशित करना के बजाए मैं आपको पिछली सेक्स कहानी के भाग भेजने के बाद ही कोविड वार्ड में हार्डकोर सेक्स चुदाई की कहानी को लिख कर भेजूंगा.
मुझे विश्वास है कि हर बार की तरह आपको वो मस्त सेक्स कहानी भी खूब पसन्द आएगी.
आप बहुत लोगों के बड़ी तादात में ईमेल मिलते हैं. मैं सभी का जवाब नहीं दे पाता हूँ, जिसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.
हालांकि ज्यादातर ईमेल में मुझे मेरी इस सच्ची घटना के लिए बहुत सराहना मिली जिससे मेरा मनोबल भी बढ़ा.
इसी प्रकार आप मुझे मेल करके बताते रहें.
अब तक आपने जो पढ़ा था उसे संक्षेप में लिख दूँ कि किस तरह मैं सगाई के कार्यक्रम के लिए मुंबई से राजस्थान आया था. जब मैं वहां से रवाना हुआ, तो उसी वक्त साले साहब की लड़की अनिता को मुझे मेहसाणा में उसके घर तक छोड़ना था. पर लोकल ट्रेन मिलने के कारण अनचाही चाहत के चलते मेरे साले की लड़की अनिता की चूत चुदाई की थी.
इसके बाद अनु उर्फ अनिता ने अपने घर में ही अपने नामर्द पति कमल के सामने मुझसे अपनी चुत चुदवाई.
उसकी मौसी सास वीणा के आ जाने से मैंने मौसी उर्फ वीणा की चुदाई भी की.
दूसरे दिन अनिता के पति कमल ने मेरे लंड को एक नई चुत फाड़ने के लिए मुहैया करवाई.
उन सबसे निपट कर मैं मुम्बई आ गया.
इधर मुम्बई में मैंने अनिता को मकान दिला कर उसे यहीं शिफ्ट करवा दिया.
बाद में वादे के मुताबिक अनिता ने अपनी कुंवारी छोटी बहन अविना को मुम्बई बुला कर अविना को सैट करके मेरे साथ होटल भेज दिया और उधर मैंने उसकी कुंवारी चुत की सील तोड़ चुदाई का मजा लिया.
जब मैं अविना के साथ घर वापस लौटा तो मौसी वीणा का फोन आ गया.
वो बोल रही थी कि उसे मेरा लंड लिए काफी समय हो गया है, उसकी चुत में कीड़ा काट रहा है.
तो मैंने अनु उर्फ अनिता की मौसी सास वीणा को दो दिन के लिए मुंबई आकर रुकने का बोला.
अब तक आपने यह पढ़ा था. अब आगे की सेक्स कहानी पेश है.
अनु मुझे एकान्त में जाकर पहले होंठों का चुम्बन लेकर बोली- फूफाजी, देखा मैंने अपना वादा पूरा कर दिया. अब आगे क्या करना है … वो सोच लो.
मैंने उसे बांहों में लेकर चूमा और कहा- थैंक्स मेरी जान.
अनु मेरा लंड टटोल कर बोली- फूफाजी … अविना के साथ रात कैसी बीती?
मैंने उसे पूरी बात सुनाई.
वो चुदाई की कहानी सुनकर गर्म हो गई और बोली- आज एक चुदाई मेरे संग भी हो जाए!
ये कहते हुए अनु ने अपना एक हाथ मेरी पैंट के अन्दर डाल दिया और लंड सहलाते हुए चूमने लगी.
मैंने उसके मम्मों को दबा कर कहा- कुछ देर रुक जाओ … एक बार फ्रेश नींद लेकर दोपहर बाद आऊंगा, तब लंड सहला कर मजा ले लेना. अभी मुझे जाने दो आगे मैं हनीमून का प्रोग्राम भी बनाता हूँ.
हनीमून की सुनकर अनु खुश हो गई और मुझे चूम कर छोड़ गई.
मैं अनु और अविना को छोड़ कर घर आ गया और चादर तानकर सो गया.
मैं शाम को चार बजे उठा, चाय पीकर सीधा ट्रेवल वाले से मिला और हनीमून का प्रोग्राम सैट करके वहां से एक निकला.
तो रास्ते में मेरा मेडिकल स्टोर वाला दोस्त मिल गया.
उसे अपने साथ लेकर मैं उसकी दुकान आ पहुंचा.
आधा घंटा की बातचीत के पश्चात मैंने उससे पूछा- कुछ नया आया है?
तो उसने कहा- हां एक स्पेशल टेबलेट लेडीज के लिए आयी है. जिस तरह वियाग्रा मर्द के लिए काम करती है, उसी प्रकार ये गोली लेडी के ऊपर काम करती है.
मैंने उससे एक शीशी ले ली और सीधा अनु के पास आ पहुंचा.
उस समय दोनों बहनें अभी सो कर उठी थीं और बेड पर बैठी थीं.
दोनों ही अलसाई सी दिख रही थीं.
जैसे ही उन दोनों ने मुझे आया देखा, तो एक साथ मुस्करा पड़ीं.
मैं उन दोनों के पास जा बैठा. फिर मैंने उन दोनों को हनीमून की टिकट और प्रोग्राम बताया, तो ख़ुशी के मारे दोनों ही मेरे बदन से चिपक कर बैठ गईं.
अनु मेरे दाईं और बैठी थी, उसने खींच कर मुझे अपनी गोदी में लिटाया और जोर से मेरे होंठों का चुम्बन ले लिया.
अविना ने मेरे पैरों को ऊंचा उठा दिया सामने लंबा करके फैला दिए. फिर पैरों के सामने आकर उसने मेरे पैंट की चैन खोल दी और लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी.
दोनों बहनें बिंदास होकर मुझसे खेलने लगीं.
अविना पैंट और अंडरवियर को खोल कर मेरे लंड पर चुम्बन देने में मग्न हो गयी. उधर अनिता ने मेरे ऊपर के कपड़े हटा कर नाभि से चुम्बन लेना चालू कर दिया.
जब वो मेरे सीने पर आई, तब हर बार की तरह कामुक हरकत करते हुए मेरे सीने की घुंडियों को बारी बारी से चूसने लगी.
उसकी घुंडियां चूसने की ये अदा मुझे बहुत पसंद आई.
मेरी घुंडियों को चूसते हुए वो कभी कभी उन पर अपने दांतों से काट भी देती, तो मैं चिहुंक उठता.
दोनों बहनें अत्यन्त उतेजित अवस्था में थीं.
उन दोनों को एक साथ खुश करना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था.
शाम ढल रही थी, रात की ख़ामोशी गहराने लगी थी.
इस समय मुझे शराब की तलब हुई तो मैंने उन्हें कहा.
उन दोनों ने झट से उठ कर इंतजाम किया और टेबल पर शराब परोस दी.
अब इस वक्त हम तीनों पीने में मग्न थे.
इस बीच अनिता के बच्चे आ गए और उन्होंने खाना की इच्छा व्यक्त की.
अनिता उठ कर रसोई में जाकर खाना बनाने लगी. अनिता का काम जल्द समाप्त हो जाए, इसलिए अविना भी रसोई में उसका साथ देने लगी.
कुछ देर में दोनों खाना बना कर बच्चों को खिला कर उन्हें अपने कमरे में सोने का कह कर आ गईं.
अबकी बार शराब की टेबल बेडरूम में लगा दी गई.
रात के नौ बज चुके थे. हम तीनों बेड पर बैठ कर ही शराब पीने लगे.
मेरे एक ओर अविना थी और दूसरी तरफ अनु थी. हम तीनों बेड पर चिपक कर बैठे थे.
मैं आपको कमल के बारे में बताना भूल गया.
अनीता ने कमल को दिमाग से इतना गुलाम बना लिया था और उसके दिमाग में ये बात बैठा दी थी कि तुम नामर्द हो और अपनी बीवी की चुत को शांत नहीं कर सकते हो.
इस वजह से कमल अपने आपको नामर्द मान चुका था. वो सप्ताह में अपनी दुकान से एक या दो बार ही घर आता था. वो बस धुले कपड़े आदि लेकर और गंदे कपड़े धोने के लिए दे जाता था.
अनीता के बच्चे सो गए थे या नहीं, वो एक बार उनको देखने गयी.
उधर अविना बाथरूम चली गयी.
मैंने जल्दी से मेडिकल दुकान से लाई शीशी को खोला और एक गोली अविना के गिलास में डाल दीं. फिर एक गोली अनीता के गिलास में भी डाल कर चम्मच से गोली को घोल दिया.
आखिर आज मैं भी जानना चाहता था कि इस गोली का क्या और कितना प्रभाव पड़ता है.
इसके बाद मैंने भी बाथरूम जाकर एक विशेष गोली एक साथ दो निगल लीं.
क्योंकि दोनों बहनें अगर ज्यादा उत्तेजित हो गईं … तो मुझे बीच में ही रुकना पड़ेगा.
मेरे मुँह में अभी गोली थी, इसीलिए बाथरूम से वापिस आकर पानी पीकर उनको निगला.
तभी डोरबेल बजी, तो मैंने घड़ी की तरफ देखा.
रात के दस बजे थे.
मैं सोचने लगा कि इस समय कौन हो सकता है. मैं खुद उठा और दरवाजा खोला तो सामने कमल खड़ा था.
कमल को घर के अन्दर लेकर मैंने दरवाजा बन्द किया.
उसकी आंखें नशीली सी लग रही थीं, चेहरा कुछ अजब ही लग रहा था.
कमल मुझे नमस्ते कह कर कमरे में आ गया.
वो बोला- फूफाजी आज मेरा भी लंड उत्तेजित हुआ पड़ा है … आज मेरी भी चुदाई की इच्छा है. मैं आपके पैर पड़ता हूँ, आज मुझे अपनी बीवी चोद लेने दो.
इतना कह कर उसने मेरे पैरों में अपना सर रख दिया.
उसकी ये हरकत देखकर मुझे हंसी सी आ गई.
अनु और अविना कमरे में ये सब देख रही थीं.
मैंने कमल को उठाते हुए पूछा कि आज तेरा चेहरा कुछ अलग लग रहा है … शायद तुम किसी प्रकार का नशा करके आए हो!
कमल बोला- फूफाजी, सचमच आप सही कह रहे हैं. आप भी करके देखिए … एक बार इसका मजा लेंगे तो आगे से आप भी शराब छोड़ कर इसे ही पिएंगे.
इतना कह कर उसने जेब से एक बोतल निकाली, दूसरी जेब से एक स्ट्रा को बोतल में डाला और स्ट्रा से एक घूंट खींच कर बोतल को मेरे आगे कर दिया.
मैंने उसकी नकल करके एक घूंट लिया तो कुछ अजीब सा लगा. मैंने कमल को ही पीने का बोलते हुए वापस दे दी.
मगर अगले ही पल उस खींचे हुए घूंट से आसमान उड़ान भरने लगा. मुझे एक अलौकिक आनन्द की अनुभूति होने लगी.
पूछने पर कमल ने बताया कि ये एक एनर्जी ड्रिंक थी जो एक विदेशी मदिरा के साथ मिला कर बनाई जाती है. भारत में ये अभी ज्यादा नहीं मिलती है, इसलिए उसने किसी से मंगाई थी.
मैंने अनु को इशारा किया तो वो उसे लेकर दूसरे कमरे में चली गई.
कमल अपनी बीवी की चुदाई करने चला गया तो मैं सोचने लगा.
जब मुझे कोविड के कारण अस्पताल में रहना पड़ा था. तब एक महिला के साथ आंख मिचौली का खेल चला था. हम दोनों के मुँह पर मास्क होने के कारण और थोड़ा दूर बैठी होने के कारण मैं आई-कॉन्टेक्ट के माध्यम से बात करने की कला सीख गया था. दूसरी तरफ अविना के साथ नंगा होकर उसको लंड चुसवाने में माहिर करने में लगा हुआ था.
कमल ने जो पाइप से घूंट खिंचवाया था, उसका नशा मुझ पर हावी होने लगा था.
आज इस एनर्जी ड्रिंक की मस्ती में अविना से लंड चुसवाने का जो मजा मिल रहा था, मुझे उसमें अलौकिक आनन्द आ रहा था.
इससे पहले मुझे ऐसा आनन्द कभी नहीं मिला था. मस्त अनुभूति हो रही थी.
मैं मन ही मन समझ चुका था कि यह सब कमल के द्वारा दी गई एनर्जी ड्रिंक का असर है.
कुछ देर बाद अनीता भी कमल को ठंडा करके उसके साथ बाहर आ गई.
बाहर आते ही कमल चैन लगाता हुआ बोला- थैंक्स फूफाजी, आपका अहसान कभी नहीं भूलूंगा. मेरी कभी कभी ही इच्छा होती है, आप इसी तरह इजाजत देकर पूरी करवा देना, मैं आपका एहसान नहीं भूलूंगा.
दोस्तो, जब व्यक्ति के दिन और जब पास में पॉवर हो, तब वो सब कुछ कर सकता है … चाहे वो नैतिक हो या अनैतिक.
मैंने भी कमल की पत्नी को अपनी रंडी बना रखा था.
कमल की पत्नी के अलावा और भी कई स्त्रियों के साथ मेरे रेगुलर सम्बन्ध हैं. आज भी बने हुए हैं.
मेरे पास बहुत से ईमेल आते हैं, उनमें सब यही कहते हैं कि यार हमें भी चुत दिला दो.
इस समय मुझे इसलिए लिखना पड़ रहा है क्योंकि यह सब कुदरत के देन है. कोई लाख चाहे तो भी औरतों को नहीं पटा सकता है.
दूसरी तरफ साधारण शब्दों में कहूँ तो एक तो आप का व्यक्तित्व शानदार होना चाहिए, दूसरा आप में वाकपटुता हो, तीसरी बात जो सबसे बड़ी बात, पैसा हो … जो औरतों को आकर्षित करने में अहम रोल निभाता है.
खैर … अब आगे चलते हैं.
मैंने कमल से एनर्जी ड्रिंक के लिए बोला.
तो वो मुस्कुराते हुए मुझे देखने लगा.
मैंने कमल से कहा- तुम ये एनर्जी ड्रिंक मुझे दे दो. तुम और खरीद लेना.
जेब से मैंने हजार रुपये निकाल कर देते हुए ये बोला था.
इस पर कमल बोला- आपकी कृपा से अब मेरे पास बहुत पैसे हैं. आप एनर्जी ड्रिंक रख लीजिए और अब मुझे जाने की आज्ञा दें … मैं चलता हूँ.
कमल को घर से बाहर छोड़ कर दरवाजा पुनः बंद करके मैं कमरे में आ गया.
अनीता और अविना बोलीं- ये सब क्या था फूफाजी?
मैंने कहा- एनर्जी ड्रिंक … बहुत ही शानदार चीज है. जब पियोगी … तब मालूम पड़ेगा.
अनीता बोली- आपने पिया तो है … क्या आपको मजा आया?
मैं बोला- अनु … सच में जो मजा आज मिला है. गजब की ताकत का अनुभव हो रहा है. मैंने इससे पहले इसे कभी नहीं लिया था. इसलिए तो मैंने कमल से ले लिया … ताकि तुम दोनों भी इसका मजा लेकर देखो.
अनु और अविना को भी उत्सुकता होने लगी थी. मैंने बोतल मुँह से लगाई और एक घूंट खींच कर उसे अनीता को दे दी.
अनीता भी घूंट लेकर बोली- इसमें तो कुछ भी स्वाद नहीं है. इससे अच्छी तो मुझे अपनी दारू और सिगरेट ही लगती है.
अविना ने भी घूंट लगाया और बोतल मुझे दे दी. इस तरह से चार चार बार घूंट लेना सभी के हिस्से में आए, तो बोतल से ड्रिंक खत्म हो गई.
दस मिनट बाद अब हम तीनों को अलौकिक आनन्द की अनुभूति होने लगी. एक अजीब सी ताकत का अहसास होने लगा.
मैंने इसी जोश की मस्ती में उन दोनों बहनों को अपने पास खींच लिया और अविना को नीचे की ओर इशारा कर दिया.
वो फिर से मेरी पैंट को खोल कर लंड को चूसने लगी.
ऊपर मैं अनीता के मुँह से मुँह मिला कर उसके होंठों का चुंबन लेने लगा.
अनीता खूब जोर से जीभ को जीभ लड़ा कर चूसने लगी … साथ ही अपनी तरह से वहशियाना तरीके से मेरे एक हाथ सर के पीछे दूसरा हाथ मेरे सीने पर रस कर सख्ती से मेरी एक घुंडी को मसलने लगी.
नीचे अविना मुँह में से लंड बाहर निकाल कर नंगी होकर लंड के ऊपर बैठ गई और उसे मुझे पेलना आरम्भ कर दिया.
वो लंड लेते हुए चिल्लाती जा रही थी.
अनीता तिरछी लेट कर आधे ऊपरी शरीर पर वहशियाना तरीके से मुझे चूम और चाट रही थी. उन दोनों की आंखें नशे के मारे अजीब सी हरकतें कर रही थीं.
इस तरह दस मिनट में ही अविना का शरीर अकड़ गया और वो धड़ाम से मेरे सीने पर गिरने लगी.
उधर अनु लगी थी तो अविना ने अनीता को हटा दिया और मेरे सीने पर लेट गई.
उसने अपने दोनों पांव से पांव लपेट कर अपने जिस्म को मेरी छाती से रगड़ा और मेरे कंधे के पीछे हाथ डाल कर लिपट गई.
उसकी चुत में मेरा लंड एकदम जड़ तक घुसा हुआ था.
तभी उसने तेजी से तीन चार शॉट मार दिए और एक बार फिर से जोर से चिल्ला कर शांत होकर ठंडी हो गयी.
दो मिनट बाद अनीता ने उसे खींच कर हटा दिया और मुझे बांहों में जकड़ लिया.
मैंने अनीता को नीचे लिटाया और उसकी चूत को वहशियाना तरीके से पेलने लगा.
आज हम दोनों को काफी मजा आ रहा था. अनीता बार बार मुझे दांतों से काट रही थी.
मैं भी अनीता के गालों को दांतों से काट रहा था. आज हम दोनों को जरा भी दर्द नहीं हो रहा था.
अनीता मेरे नीचे लेटने के बावजूद वो मर्दों की तरह ऊपर नीचे हो रही थी. मैं भी उसकी गति से लय मिलाते हुए अनीता की चुत में लंड पेलते हुए ऊपर नीचे हो रहा था.
अनीता जब अपनी चूत को ऊपर लाती, तब मैं ऊपर से जोर लगा कर उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़ देता.
इस समय अनीता ने अपने एक हाथ को मेरी गर्दन के पीछे रखा हुआ था और दूसरा हाथ मेरी पीठ पर सहला रही थी. सच में आज हम दोनों की चुदाई एक अलग अन्दाज और अलौकिक अनुभूति के साथ हो रही थी.
आधा घंटे की चुदाई के बाद जब हम निवृत हुए, तो अनीता ने दस मिनट तक तो मुझे अपने से अलग ही नहीं होने दिया.
उसने ढेर सारे चुंबन लिए. मेरे होंठों और गर्दन, कान पर वो चूमे जा रही थी.
अंत में वो बोली- फूफाजी, आज के आनन्द को मैं जिन्दगी भर नहीं भूलूंगी.
मैं भी बोला- तू क्या मेरी जान … मैं भी इस मजे को कभी नहीं भूलूंगा.
दूसरी तरफ मैंने अविना को देखा, तो वो थकान में होने के कारण बेसुध हो चुकी थी. उसे झंझोड़ कर देखा तो वो गहरी नींद में थी. लग रहा था कि अब वो सुबह से पहले उठने वाली नहीं थी.
हम दोनों फिर से मस्त होने लगे और मैं रात भर अनु के साथ चुत चुदाई करता रहा.
जैसे जैसे रात बीतने लगी थी, एनर्जी ड्रिंक का असर कम होने लगा था.
इस तरह से मैंने दो देसी लड़कियों की चुदाई की.
सुबह अनीता मेरे सीने पर लेटी हुई थी. इस समय वो पूर्ण होशो हवाश में आ गई थी.
वो बोली- फूफाजी, आखिर इस घर में मुझे कमल के साथ कब तक रहना होगा.
उसकी बात बहुत गहरी थी.
मगर मैं किसी एक को अपने गले में हड्डी की तरह नहीं बांधने वालों में से था.
मुझे नित नई चुत के साथ सेक्स की इच्छा बनी रहती थी.
ना जाने कितनी औरतें आज भी मुझे चुदवाने के लिए बुलाती हैं. इस कारण मुझे कई कई बार अपने मोबाईल के नंबर तक बदलने पड़ते हैं.
मैंने किसी तरह से अनु को इस बात से भटकाया और हनीमून के लिए कमल को साथ ले चलने के लिए मना लिया.
उससे आगे की तैयारी के लिए बोला.
कमल को साथ लेना इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि एनर्जी ड्रिंक लाने वाला कमल ही था.
दूसरा कारण कमल को भी चुदाई का मौका देकर मुझे उसकी बीवी को चोदने में मजा आता था.
एक लड़की से सेक्स करने में मुझे जब अधिक मजा आता है, जब उसका पति सामने हो और वो अपनी बीवी को मुझसे चुदते हुए देख रहा हो.
वो दोनों जब एक साथ होते हैं, तब मेरा चुदाई मजा दोगुना हो जाता है.
आपको देसी लड़कियों की चुदाई कहानी का ये भाग कैसा लगा, प्लीज़ मुझे मेल करना न भूलें. अगली बार मैं कोविड वार्ड में चुदाई की कहानी को लिखूंगा.
धन्यवाद.
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