भांजी ने घर में नथ खुलवाई -7
(Bhanji Ne Ghar Me Nath khulwai -7)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left भांजी ने घर में नथ खुलवाई -6
-
View all stories in series
गहरी सांसें लेता हुआ मैं रीना रानी के ऊपर ढह गया। वो भी चुदाई की मस्त क्रिया से मग्न होकर ढीली सी पड़ी थी।
एक मंद मंद मुस्कान उसके सुन्दर मुखड़े पर छाई हुई थी और वो बहुत ही संतुष्ट लग रही थी। उसने अपने बदन को दबाते हुए मेरे अस्सी किलो के भार से एक चूं तक न की थी।
मैंने बार बार रीना रानी के होंठ चूमे। मुझे उस पर बेइंतिहा प्यार आ रहा था। वो भी आनन्दमयी होकर मेरा मुखड़ा बारम्बार चूम रही थी।
तब तक रात के साढ़े तीन बज चुके थे, मैंने रीना रानी को जबरन उठक कपड़े पहनने को विवश किया, वो तो यूँ ही नंगी ही सो जाती और सुबह समस्या हो जाती।
उसको चुदाई के नशे में यह बात दिखाई नहीं पड़ रही थी।
खैर जैसे तैसे उसने कपड़े पहने और लेट गई। मैं तब तक वहीं बैठा रहा जब तक वो गहरी नींद नहीं सो गई।
फिर मैंने भी कपड़े पहने और उठकर अपने कमरे में जाकर सो गया। इतनी मस्त चुदाई के बाद सोने में शायद ही एक दो सेकंड से ज़्यादा का वक़्त लगा हो।
अगले दिन मैं फिर से मीटिंग का बहाना कर के रीना रानी को लेकर सुबह 11 बजे लैंडमार्क होटल चला गया।
रीना रानी ने अपनी एक सहेली मधु को बुलाया था मुझ से मिलने।
मधु के साथ वो बहुत फ्री थी, दोनों आपस में लड़की से लड़की वाली चुदाई भी किया करती थीं।
रीना रानी ने उसको मेरे बारे में बता रखा था और वो भी बहुत उत्सुक थी मेरे से मिलने को।
बड़ी बिंदास लड़की थी, चुद चुकी थी कई बार…
थोड़ी सी सांवली थी लेकिन नैन नक्श बहुत सुन्दर थे। क़द कोई 5 फुट 6 इंच, खूब बड़े बड़े मस्त चूचे, शायद 38 साइज के होंगे। अच्छे हसीन हाथ, बाहें और पांव।
उसके साथ मिल के बड़ा मज़ा आया। मैंने उसको वादा किया कि अगली बार जब मैं रीना रानी को छोड़ने कानपुर आया तो उसे भी चोदूंगा।
मधुरानी की कहानी मैं फिर कभी लिखूँगा, पहले कुतिया को चोद तो लूँ!
अगले दिन रात को फिर से पहली रात का कार्यक्रम दुहराया गया।
जब घर में बिलकुल सन्नाटा छा गया तो मैं रीना रानी के कमरे में चला गया, वो कल की भांति नंगी एक चादर ओढ़े लेटी हुई थी।
मुझे देखते ही हरामज़ादी ने चादर उतार फेंकी और उछल कर मुझसे लिपट गई।
इस रात मैंने रीना रानी की एक बार चुदाई की, एक बार 69 के पोज़ में चूस चूस के उसकी चूत का रस पिया और उसके मुंह में मलाई झाड़ कर उसको टुन्न किया और आखिर में उसकी गांड भी मार ली।
लड़की की गांड मारते हुए यारों अगर मज़ा चौगुना करना हो तो चूत में एक मोटा सा खीरा या गाजर घुसा देनी चाहिए और उसके बाद की लण्ड को गांड में ठोकना चाहिए।
मैंने भी ऐसा ही किया, एक बहुत लम्बा मोटा खीरा रीना राय की चूत में घुसा दिया, फिर उसको कुतिया की तरह बना दिया यानि की पैर फर्श पर, वो झुकी हुई, उसके हाथ बेड पर टिके हुए और चूतड़ पीछे को उठे हुए। इस पोजीशन में एक ही शॉट में लण्ड उसकी छोटी सी गांड में सूत दिया।
दर्द थोड़ा सा हुआ लेकिन चूत में घुसे हुए खीरे के कारण मज़ा ज़्यादा आया क्यूंकि लण्ड और खीरा चूत और गांड के बीच के परदे के पीछे से आपस में टक्कर मार रहे थे।
ज्यों ही मैं एक धक्का मारता तो लण्ड की टक्कर से खीरा भी हिल जाता। खीरा रीना रानी की चूत में फंसा रहे इसके लिये मैंने एक हाथ से उसे थाम रखा था।
इस प्रकार गांड मरवाते हुए रीना रानी को इतना बेतहाशा मज़ा आया कि वो अनेकों बार चरम सीमा पार कर गई। यह हाल हो गया कि चूत से बहते ढेर सारे रस की वजह से खीरे को टिकाये रखना दूभर हो गया।
आखिर में दनादन ज़ोर दार धक्के मार मार कर मैंने झाड़ के सारा लावा उसकी ज़रा सी गांड में भर दिया।
आनन्द में चूर होकर रीना रानी मचल उठी।
उस रात तो रीना रानी को सोते सोते 5 बज गए। सुबह नींद खुलते ही मौका देखकर मैं रीना रानी के कमरे में गया और उसे ज़बरदस्ती जगा के उसका मधुर मस्त स्वर्ण रस पिया।
ऊऊऊ !!! आआआआ !!! म्म्म्म्म म्म्म्म्म!!!
दिन भर अपने साले से गप्पें लगाईं ताकि टाइम पास हो सके। उस हरामज़ादे की बेटी की नथ खोली थी, गांड मारी थी उसके ही अपने घर में तो इतना तो मेरा फ़र्ज़ बनता ही था कि मैं कुछ देर उसके साथ गप्पें मारूं।
क्यों मेरे चुदासे यारों, ठीक है ना?
अब मेरे वापिस जाने का टाइम हो गया था। मुझे शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली जाना था, सब लोग मुझे स्टेशन छोड़ने के आये।
रीना रानी बहुत परेशान थी कि अब आगे चुदाई कैसे हुआ करेगी क्यूंकि मैं रोज़ तो कानपुर आ नहीं सकता।
मैंने उसको समझाया कि रानी तेरे इम्तेहान खत्म हो चुके हैं तो तू अपने बाप से कह कि तू छुट्टियों में बुआ के घर कुछ दिन रहेगी। मैं भी हाँ हाँ कह दूंगा। तू फिर आकर हमारे घर में रह और रोज़ चुदवाया कर।
इस पर रीना रानी को यह प्रॉब्लम थी कि मैं अपने घर में उसको कैसे चोदूंगा। फिर मैंने समझाया कि मेरा नाम चूतेश है, कमीनी मैं पहले तेरी बुआ जूसी रानी को चोदूंगा और जब वो सो जाएगी तो आकर तुझे चोदूंगा।
इस बात से चुदक्कड़ रीना रानी अति प्रसन्न हुई और यारों ऐसा ही हुआ।
रीना रानी के साथ उसके बाद कई चुदाई के प्रसंग हुए, मेरे ही घर में मेरी बीवी जूसी रानी के होते हुए, जिनको मैं अपनी अगली कहानी में बयान करूँगा।
तक तक के लिए सभी पाठकों को खूब चुदाई करने की शुभकामनायें !
हैप्पी फकिंग!!!
चूतेश
What did you think of this story??
Comments