भांजी ने घर में नथ खुलवाई -5

(Bhanji Ne Ghar Me Nath khulwai -5)

चूतेश 2015-06-08 Comments

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थोड़ी देर में जब मेरी हालत कुछ ठीक हुई तो मैंने कहा- बधाई हो रीना रानी… मेरी चुदक्कड़ कुतिया… आज तेरी नथ खुल गई… आज तेरी ज़िंदगी का एक महान दिन है… बहुत बहुत बधाई… ईश्वर करे कि तुझे जीवन भर इसी प्रकार तगड़े लंड मिलें… चल मैं कुछ मीठा लेकर आता हूँ… मेरी रानी की नथ खुली है… मीठा मुंह तो होना चाहिये न!

मैं उठकर गया और अपने बैग से बादाम कतली का डिब्बा निकाला जो मैं इसीलिए साथ लेकर आया था।

रीना रानी बिस्तर पर चित पड़ी हुई थी, बाल बिखरे हुए थे और माथा पसीने से लथपथ था, उसकी टांगें चौड़ी फैली हुई थीं और तमाम चूत के आस पास का बदन, झांटें इत्यादि सब खून में लिबड़ा हुआ था, यहाँ तक कि उसकी जाँघों तक भी खून के बड़े बड़े धब्बे थे।
खून वाकयी में अधिक मात्रा में बहा था।
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मैंने गर्दन झुका के अपने आप को देखा तो मेरा भी बदन लंड के सब तरफ खून में लथपथ था। मैं जल्दी से एक तौलिया बाथरूम से भिगो कर लाया और रीना रानी को भली भांति साफ किया और फिर अपने बदन की सफाई की।
रीना रानी के चूतड़ों के नीचे बिछा हुआ तौलिया भी खून में सन गया था, मैंने धीरे से खींच के तौलिये को बाहर निकाला। इसकी चार चार तहें पार करके लहू का एक छोटा सा दाग तकिये पर भी लग गया था।

सफाई के बाद मैंने रीना रानी को प्यार से उठाया और उसके मुंह में एक कतली देते हुए कहा- ले हरामज़ादी… आज तेरी नथ खुल गई है… तो जश्न तो मना ले बहन को लौड़ी… अभी तो मादरचोद शुरुआत हुई है… आगे आगे देख मैं तुझे कितना आनन्द देता हूँ… याद रखेगी कमीनी कुतिया ज़िन्दगी भर… कल से रोज़ चुदा कर.. बहनचोद रास्ता साफ़ है अब!

रीना रानी ने आधी कतली अपने मुंह में ले ली और बाकी की आधी मेरे मुंह में देकर खाते हुए कहा- बहनचोद राजे के बच्चे… तू नहीं करेगा क्या मीठा मुंह? हरामी की औलाद तूने ही तो चूत फाड़ी… तेरा हक़ तो सबसे पहले बनता है बहन के लण्ड.. साला कहता है रोज़ चुदा कर… माँ के लौड़े… यहाँ तू रोज़ आएगा चोदने?

हम काफी देर तक ऐसे ही पड़े रहे और एक दूसरे से एक मस्त चुदाई करने के बाद लिपटे रहने का मज़ा भोगते रहे, रीना रानी भी मस्ता के बार बार लौड़े से खेल रही थी, कभी सुपारा नंगा कर देती तो कभी टट्टों को सहला देती।
अब हरामज़ादी की शर्म पूरी तरह भाग चुकी थी, मादरचोद नंगी पड़ी हुई मस्ती लूट रही थी, बड़े मज़े से साली मेरे लण्ड से प्यार भरी अठखेलियाँ कर रही थी… बहन चोद चुदक्कड़ !!! उसके नाज़ुक हाथों के खिलवाड़ से लौड़ा दुबारा अकड़ गया था।

रीना रानी ने हँसते हुए कहा- अरे राजे… तेरी मां की चूत साले… तेरा लंड तो फिर से अकड़ गया… लगता है बहुत मज़ा आया इस हरामी को मेरे छूने से… साला हरामी भोला शंकर…
चंदा रानी ने लौड़े को प्यार से एक हल्की सी चपत लगाई और बोली- अभी करती हूँ इस कमबख्त तो ठंडा… आ जा राजा, आ जा अपनी रीना रानी के मुंह में घुस जा… देख तुझे जन्नत ले नज़ारे मिलेंगे मादरचोद!
और फिर गप्प से उसने लण्ड मुंह में ले लिया और चूसने में लग गई।

यारों चूसने में यह पहली बार चुदी लड़की इतनी माहिर होगी इसका मुझे स्वप्न में भी गुमान न था… हरामज़ादी ने ऐसा चूसा, ऐसा चूसा कि मस्ती से मेरी गांड फट गई।
कभी वो काफी देर तक लंड को पूरा जड़ तक मुंह में घुसाये रखती, तो कभी सिर्फ टोपे को मुंह में लिये लिये चूसती और कभी वो टट्टे सहला सहला के नीचे से ऊपर तक लंड चाटती।
उसके मुखरस से लंड बिल्कुल तर हो चुका था।
रीना रानी ने मचल मचल के लौड़े को चूस चूस के तर कर दिया।

अब मैं ज़रा भी रुक नहीं पा रहा था, एक ज़ोर की सीत्कार भरते हुए मैंने अपनी कमर उछाली और झड़ गया, रीना रानी सारी की सारी मलाई पी गई।
जब मैं बेहोश सा हो के बिस्तर पे गिर गया, तो उसने मेरे लंड को खूब भली प्रकार जीभ से चाट चाट के साफ किया और बोली- चल राजे अब तुझे मैं स्वर्ण रस पान कराऊँ… दोपहर दो बजे से रोक के रखा है… आजा मेरे राजे… नीचे बैठ जा और अपनी मम्मा की चूत से मुंह लगा ले… आज बहुत गाढ़ा पीने को मिलेगा!
इतना कह के रीना रानी पलंग पे टांगे चौड़ी करके, पैर फर्श पे टिका के बैठ गई। मैं नीचे घुटनों के बल बैठ गया और रीना रानी की चूत के होंठों से अपने होंठ चिपका दिये।
कुछ ही देर में रीना रानी के स्वर्णामृत की पहले चंद बूंदें और फिर तेज़ धार मेरे मुंह में आने लगी।

सच में बहुत ही गर्म और गाढ़ा रस था। एकदम स्वर्ण के रंग का दिख रहा था मोमबत्ती की रौशनी में।
अति स्वादिष्ट ! अति संतुष्टिदायक !!
मैं लपालप पीता चला गया। उस समय मेरी सिर्फ एक ही ख्वाहिश थी कि उस योनि-अमृत की एक भी बूंद नीचे न गिरने पाये, सो मैं उसी रफ़्तार से पीने की चेष्टा कर रहा था, जिस रफ़्तार से वो प्यारी सी अमृतधारा मेरे मुंह में आ रही थी।
सच में बहुत देर से रूका हुआ रस था क्योंकि खाली करने में रीना रानी को काफी वक़्त लगा।

जब सारा का सारा रस निकल चुका तो मैंने अपने मुंह हटाया और जीभ से चारों तरफ का बदन चाट चाट के साफ सुथरा कर दिया।

मैं और रीना रानी फिर एक दूसरे की बाहों में लिपट कर लेट गये और बहुत देर तक प्यार से भरी हुई बातें करते रहे।
कहानी जारी रहेगी।

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