भाभी ने मुझे चोदा-1
(Bhabhi Ne Mujhe Choda-1)
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अर्पित
जब चोदने में मजा नहीं आ रहा है तो तेरा लंड मुझे देख कर क्यों खड़ा हो जाता है? बोल कमीने …?
इस तरह की बातों के साथ मेरी चुदाई हो गई। मेरी अपनी भाभी ने मुझे इस कदर पागलों की तरह से चोदा कि उस चुदाई को मैं आज तक नहीं भूल पाया हूँ। तो दोस्तों मैं बताता हूँ अपनी जीवन की एक घटना जिसमें भाभी ने मुझे चोदा।
तो पेश है मेरी कहानी।
मेरी पहली चुदाई के बाद भाभी मुझसे इतनी घुल मिल गई थीं कि मुझे कभी भी चुम्बन कर लेतीं, तो कभी मेरे लंड को पकड़ लेतीं।
जब मैं कहीं से घूम कर आता तो वो अपने बदन से साड़ी का पल्लू उतार कर दरवाजा बोलतीं- ले पी ले अपनी भाभी का दूध !
मुझे घर में सिर्फ उनका दूध ही पीने की इज़ाज़त थी पर अब मुझे भी इसमें मजा आता उनके सामने तो मैं भी उन्हें निचोड़ कर पीता। उनके गुलाबी निप्पल देख कर तो मेरा मेरे लंड पर कंट्रोल ही नहीं रहता था। मेरा लंड खड़ा हो ही जाता, मेरी भाभी थीं ही इतनी सेक्सी।
मुझे सारा दिन चुदाई करनी पड़ती थी, कभी-कभी तो कुछ भी कहने नहीं देती थीं।
उनका 34-28-32 का फिगर मुझे उन्हें चोदने के लिए मजबूर कर देता, मेरे लंड को देख कर वो खुश हो जातीं।
रोज रात को अब मेरे लंड को मालिश मिल रही थी और रोज मालिश और चुदाई से मेरा लंड और भी मोटा तगड़ा होता जा रहा था।
मेरे लंड का सुपारा अब और भी गुलाबी हो गया है और इतनी मालिश के बाद एक बहुत अच्छी सी चुदाई करने का मौका मिलता था।
उसमें भाभी मेरे लंड को ऐसे चोदती थीं कि ऐसा लगता कि मैं खयालों में हूँ..!
वो मेरे लंड पर अपनी जीभ कुछ इस तरह फिरातीं कि बस मैं पागल हो जाता।
मैं भी भाभी को चुम्बन करता और उनके मम्मों को चूसता। कसम से उन्होंने तो मेरी दिन और शाम ही बदल दी।
एक साल तक चली हमारी यह चुदाई, मैं आज तक नहीं भूल पाया हूँ। वैसे वो मुझे आज भी बुलाती हैं, पर इस घटना के बाद मुझे बहुत बुरा लगा और मैंने उनसे सारे रिश्ते तोड़ दिए।
तो दोस्तों हुआ कुछ यूँ कि मैं जॉब करता था। भाई की शादी हुई, हम सभी बहुत खुश थे।
3-4 महीने बाद ही मुझे यह बात समझ गया कि भाभी उदास हैं। उन्हें वो सब नहीं मिल रहा है जिसकी उन्हें जरुरत है और मेरा तभी से उनके प्रति नजरिया बदल गया।
मैं उन्हें अब खुश करने की सारी नाकाम कोशिश करने लगा, पर भाभी को न समझा पाया।
भाभी को अब भैया से बात करना भी पसंद नहीं था, वो मुझमें ज्यादा रुचि लेती थीं पर यह बात मुझे करीब एक साल बाद पता चली, जब मैंने उन्हें रंगे हाथों मेरे लंड को छूते हुए पकड़ लिया।
गर्मी का दिन था और मैं बहुत गहरी नींद में सो रहा था, सुबह के करीब 5 बज रहे थे, मुझे पेशाब लगने के कारण मैं उठ गया, पर बिस्तर पर लेटा हुआ था।
मेरा 6.5 इंच का लंड मेरे शॉर्ट्स से बाहर निकल रहा था।
मेरा सुपारा तो पहले से ही बहुत मोटा है, उस दिन कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा था, शायद पेशाब लगने के कारण हो गया था।
मैंने आँखें बन्द की हुई थीं।
तभी मेरे लंड पर कुछ हलचल सी होती महसूस हुई। मैंने आँखें खोलीं तो देखा कि भाभी मेरे लंड को छू रही हैं।
मैंने तुरंत उठ कर लंड को शॉर्ट्स के अन्दर डाला, पर जैसे वो अभी अन्दर जाने को तैयार नहीं था।
मैंने अपने लंड को ठीक से पकड़ा और शॉर्ट्स के अन्दर किया, पर उसका उभार मुझे सता रहा था।
फिर मैंने भाभी से कहा- भाभी यह क्या कर रही हो? पागल हो क्या…!?!
मेरी बात सुन कर भाभी ने मुझे कहा- तुम जवान हो ग़ए हो, मैं तो हमेशा तुम्हें बच्चा ही समझती थी, पर तुमने तो कमाल का ‘वो’ पाया है।
मैं इस बात पर शरमाया, पर मैंने भाभी को गुस्से से बोला- भाभी, यह क्या बकवास है और भैया कहाँ हैं…!
उन्होंने कहा- वो सो रहे हैं।
मैंने कहा- भाभी तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, तुम्हें उनका खयाल रखना चाहिए और तुम यहाँ मेरा ‘वो’ देख रही हो…!?
तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और मेरे थोड़ा और करीब आईं और मुझे चुम्बन कर दिया।
मैं हैरान था, मैंने अपनी भाभी का ये रूप पहली बार देखा था। मैंने उन्हें अपने बिस्तर पर जोर से धक्का दिया और वहाँ से चला गया।
उस दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी और भैया को उसी दिन दुबई जाना था। उनकी फ्लाइट दिन मैं नौ बजे थी। जल्दी ही वो तैयार हो गए और मैं उन्हें एअरपोर्ट पर छोड़ आया।
मेरा दिल अभी भी धड़क रहा था कि कहीं भाभी कुछ और न करें।
घर गया तो भाभी ने मुझसे कुछ नहीं कहा।
मैंने सोचा कि चलो अच्छा है, इन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है।
ऐसे ही कुछ दिन निकल गए थे, भाभी मुझसे जरा भी बात नहीं कर रही थीं, मुझे वक्त पर खाना मिल जाया करता था।
फिर मैं एक दिन रात में टॉयलेट करने के लिए उठा, तो देखा कि भाभी अपने बिस्तर पर बैठ कर रो रही हैं।
वैसे तो वो रोने की आवाज मैंने कई बार सुनी थी, पर कभी इतना ध्यान नहीं किया।
जब मैंने भाभी को देखा तो वो और जोर-जोर से रोते हुए मेरे गले से लग गईं।
मैं नींद में था और कुछ समझने की स्थिति में नहीं था। भाभी मुझसे लिपटी हुए थीं और मैं सिर्फ शॉर्ट्स में था।
मैंने भाभी को कहा- क्या हुआ भाभी?
तो वो कुछ नहीं बोलीं।
मैं उन्हें अपने कमरे में लेकर आया और अपने बिस्तर पर बैठाया और उनके लिए पानी लाया।
उन्होंने पानी पिया और मेरी जांघ पर अपना सर रख कर लेट गईं।
मैंने प्यार से उनके सर पर हाथ रखा और फिर पूछा- भाभी आपको क्या हो गया है… पहले तो आप ऐसी नहीं थीं?
उन्होंने कहा- अर्पित, तेरे भईया मुझे शादी के बाद कभी सेक्स का सुख नहीं दे सके हैं। मैं सारा दिन तड़पती रहती हूँ। मैंने जब से तेरा लंड देखा है, मेरा मन और भी ज्यादा मचलने लगा है। मेरी प्यास और बढ़ गई है, मुझे कुछ समझ में नहीं आता कि मैं क्या करूँ… तू भी मुझे अपने पास नहीं आने देता है।
भाभी बताने लगी कि उन्होंने कई बार मेरा लंड देखा है। अब मेरे जिस्म में अजीब सी बैचैनी होने लगी थी।
भाभी ने बताया- मैं रात-दिन तड़पती हूँ और तेरे भैया तो नपुंसक हैं। उनका लंड तो खड़ा ही नहीं होता और अगर हो भी गया तो एक-दो मिनट में झड़ जाता है और वो मुझे ऐसे छोड़ देते हैं। मैं सारी रात तड़पती हूँ, घर की मान मर्यादा के कारण कभी किसी और से सम्बन्ध भी नहीं बनाया, पर मैं तुझमें अपने पति का रूप देखती हूँ। मुझे लगता है कि तुम ही अपने भाई की जगह ले सकते हो। तुम्हें देख कर मेरा मन मचलने लगता है। तुम ही बताओ अर्पित मैं क्या करूँ..!
भाभी की यह सारी बात सुन कर मुझे भैया पर गुस्सा आ रहा था, तो वहीं भाभी पर प्यार आ रहा था। भाभी का मेरी जांघों के बीच सर रख कर लेटने के वजह से अब मेरे शरीर में भी गर्मी पैदा होने लगी थी। मैं कई बार सोच रहा था कि क्या करूँ और क्या न करूँ।
उस दिन मैंने अपनी कुंवारापन खो दिया। भाभी ने मेरी टाँगों के बीच में मेरा बढ़ता हुआ लंड महसूस किया और मेरी तरफ देखने लगीं। मेरी आँखों में उन्हें उनके लिए बहुत सारा प्यार था।
मैंने कहा- भाभी आज से मैं तुम्हारा हूँ। मैं तुम्हें ऐसे उदास नहीं देख सकता हूँ। मैं चाहता हूँ कि तुम वो सारे सुख पाओ जो भैया ने तुम्हें कभी नहीं दिए।
भाभी की आँखों में चमक थी।
वो उठीं और मुझे मेरे माथे पर चुम्बन किया, मैंने उन्हें अपने सीने से लगा लिया, मैं केवल शॉर्ट्स में था। मैंने अंडरगारमेंट्स तक नहीं पहना था। मेरा सीना भाभी के सीने से रगड़ खा रहा था।
मैंने तो ऊपर कुछ पहना नहीं था और भाभी ने भी अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी और हम एक-दूसरे से इस तरह चिपके थे, जैसे कितने सालों से प्यासे हों और प्यास थी भी…!
कहानी जारी रहेगी।
यह कहानी मेरी है और आप मेल कर सकते हैं।
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मैं आप सभी की ख़ुशी के लिए ही यहाँ हूँ तो आप खुल कर मुझसे बात कर सकते हैं।
ज्यादातर लड़कियाँ सोचती हैं कि ये सब झूठ होता है, पर मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि यह हमारी अन्तर्वासना साईट सच है और यह पंजाबी मुण्डा अर्पित भी बिल्कुल सच्चा है।
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