तू भी बेवफा मैं भी बेवफा- 5

(Xxx Hotel Sex Kahani)

सनी वर्मा 2024-03-03 Comments

Xxx होटल सेक्स कहानी में एक भाभी अपने पति के दोस्त के बड़े लंड से चुदाई का मजा लेने के लिए गुरुग्राम से मुम्बई पहिंच गयी. वहां होटल में उसने अपनी चूत में वो मोटा लंड ले लिया.

कैसे हैं दोस्तो,
कहानी के चौथे भाग
सेक्सी बीवी को दोस्त से चुदवा दिया
में आपने पढ़ा कि

सारिका के मोबाइल पर तभी गौरव का फोन आ गया, पूछ रहा था कि कहाँ हो.
तो सारिका बोली- कजिन के साथ घूमने जा रही हूँ. रात को देर हो जायेगी, आकर फोन करती हूँ.

कहकर उसने फोन वहीं बेड पर रख दिया और फिर बातों बातों में रवि के साथ रूम से बाहर आ गयी.
मोबाइल वहीं भूल आई.

अब आगे Xxx होटल सेक्स कहानी:

चौपाटी पर चिपट कर घूमते हुए सारिका ने रवि को मदहोश कर दिया.

रवि अपने नसीब पर यकीन नहीं कर पा रहा था.
उसने सारिका को कुरेदकर पूछा- गुरुग्राम में तो तुम मुझे घास ही नहीं डालती.
सारिका बोली- मैं तुम्हें पसंद तो बहुत करती हूँ पर गौरव के मूड से डरती हूँ कि पता नहीं मेरी और तुम्हारी नजदीकी को वह पसंद करे या न करे.

रवि के मन में आया कि वह सारिका को गौरव और कामिनी के बारे में हिंट दे.
पर उसने अपने को संभाला कि इससे तो उसी का नुकसान होगा.

सारिका उससे लिपट कर चल रही थी.

अब रात हो गयी थी.
हालाँकि मरीन ड्राइव पूरी जवान थी.

सारिका बोली कि अब उसे घर जाना है.
रवि बोला कि अभी तो डिनर लेना है, भूख भी लगी है. तुम अपनी कजिन को फोन कर दो और हो सके तो रात को रुक जाओ. क्योंकि अब डिनर लेकर घर जाओगी तो रात देर हो जायेगी.
सारिका बोली- रुकूंगी तो नहीं. गौरव का फोन भी आता होगा.

कहकर जब सारिका ने अपना पर्स टटोला मोबाइल के लिए तो वह उसमें नहीं था.
उसे ध्यान आया कि मोबाइल वह शायद होटल रूम में ही बेड पर भूल आई है.

रवि ने होटल रिसेप्शन पर फोन करके उनसे कहा लो मास्टर की से रूम खुलवा कर मोबाइल चेक करवाएं.
थोड़ी देर में ही उनका फोन आ गया कि मोबाइल बेड पर ही था और उसमें कई मिस्ड काल थीं.

सारिका घबरायी और बोली- डिनर छोड़ो … पहले होटल चलते हैं. पता नहीं किस किस की कॉल होंगी.

दोनों होटल पहुंचे.
मुंबई में रोड पर समय बहुत लगता है. होटल पहुँचते पहुँचते साढ़े दस बज गए.

रूम में जाकर सारिका ने मोबाइल चेक किया तो उसमें गौरव और उसकी कजिन की कई काल थीं.

सारिका ने रवि की और देखा.
रवि ने उसका हाथ प्यार से हाथ में लेकर कहा- तुम गौरव को फोन करके कह दो कि शोर में घंटी सुनाई नहीं दी, अब सुबह बात करती हूँ. और अब पहले डिनर करते हैं. अगर अब भी तुम अपनी कजिन के पास जाना चाहोगी तो मैं छोड़ आऊंगा. पर तुम्हें उनके घर पहुँचते पहुँचते 12 से ज्यादा बज जाएंगे. बेहतर है कि तुम उससे फोन पर कह दो कि तुम अपनी सहेली के पास ही रुक रही हो और सुबह आओगी.

हालांकि सारिका भी यही चाहती थी पर उसने यह दिखाया कि और कोई चारा न देख सारिका ने ऐसा ही किया.

रवि ने डिनर रूम में ही मंगवा लिया और रिसेप्शन पर इन्फॉर्म कर दिया कि मेरी एक रिलेटिव रात को यहीं रुकेंगी.

इस खेल की शुरुआत तो सारिका ने जोश में की थी पर अब सारिका की फट रही थी … पता नहीं क्या हो.
रवि से नजदीकी तक तो बात ठीक थी, पर रात को एक कमरे में या एक बेड पर सोना … वह पशोपश में थी.

उसकी फीलिंग रवि समझ गया.
उसने कहा- तुम चिंता नहीं करो, आराम से डिनर करो, फिर तुम बेड पर सोना, मैं सोफे पर सो जाऊंगा. और हाँ, कभी किसी को मालूम नहीं पड़ेगा कि तुम मेरे साथ रात को रुकी थीं.

अब सारिका नार्मल हुई क्योंकि असल में तो यह वाही सब हो रहा था जैसा उसने सोचा था.

तब दोनों ने हँसते बोलते डिनर ख़त्म किया.
डिनर करते करते 11 से ऊपर समय हो गया.

इस बीच रवि ने तो फ्रेश होकर चेंज कर लिया.
वह शॉर्ट्स और टी शर्ट में था.

अब सारिका क्या पहने?
रवि के पास एक फ्रेश टी शर्ट थी.
तो सारिका ने फ्रेश होकर वह टी शर्ट और नीचे से अपनी स्कर्ट पहन ली.

सारिका बेड पर लेट गयी और रवि सोफे पर तकिया और चादर लगा लिया.

तब सारिका बोली- चलो अब सोते हैं, सुबह उठना भी है.
हालाँकि नींद दोनों को ही नहीं आ रही थी.

इस बीच रवि ने कॉफ़ी मंगा ली थी.
रवि ने उसे कॉफ़ी का कप पकड़ाया उर खुद सोफे पर बैठने लगा तो सारिका बोली- यहीं बेड पर बेड कर पी लो, फिर चले जाना.

रवि उसकी बगल में ही बैठ गया.
कॉफ़ी पीते पीते सारिका ने रवि के कंधे पर सर रख दिया और बोली- आज का दिन मेरी जिन्दगी का बड़ा दिन है. किसी पराये मर्द के साथ पहली बार हूँ वह भी बेड होटल में! पर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.

रवि ने उसकी आंखों में झांका तो सारिका को न जाने क्या हुआ उसने रवि का सर पकड़ कर उसे चूम लिया.
फिर तो दोनों इसे चिपटे की बरसों पुराने आशिक हों.

रवि संभला और उसे छोड़ कर बोला- यह गलत है. तुम सो जाओ.
कहकर वह अपने सोफे पर जाने के लिए मुड़ा.
तो सारिका ने हाथ पकड़ लिया.

अब रवि भी आखिर मर्द ही तो था … वह पलटा.
सारिका ने उसे बेड पर खींच लिया और कहा- यहीं सो जाओ.

बात रवि के भी बेकाबू थी.
उसने लाईट बुझाई और बेड पर आ गया.

सारिका ने उसका हाथ थाम रखा था.
पर अब पहल रवि की करनी थी.
वह लिपट गया सारिका से!

दोनों के होंठ फिर मिल गए.
ताबड़तोड़ चूमने के साथ साथ रवि के हाथ सारिका की टीशर्ट के अंदर पहुँच गए.

सारिका ने नीचे कुछ नहीं पहना था.
उसके गोल कबूतर रवि की गिरफ्त में थे.

रवि ने अपनी टीशर्ट उतार फेंकी और सारिका की टीशर्ट भी खींच दी.

बाकी के कपड़े भी प्याज के छिलके की तरह उतर गए.

अब दोनों एकदम नंगे चादर के अंदर चिपटे पड़े थे.

सेक्स के दोनों प्रेमी थे, पुराने खिलाड़ी थे.
दोनों के जिस्म कामाग्नि से धधक रहे थे.

रवि ने सारिका को कस के भींच लिया.
सारिका भी उससे सूखी बेल की तरह लिपट गयी.

रवि की आज बरसों की कामेच्छा आज पूरी हो रही थी.
और इधर सारिका के मन में भी, जबसे सुरभि ने कामिनी की काया की तारीफ़ की थी, यह इच्छा जग गयी थी कि वह कामिनी से रवि को चुरा ले.

रवि ने सारिका पर पकड़ ढीली की और उसके मम्मे मसलने शुरू कर दिए.

वह थोड़ा नीचे हुआ और एक एक करके मम्मे चूसने लगा.
सारिका मचल रही थी.

मर्द का दिल तो बेईमान होता ही है … रवि को सारिका इस समय किसी कामदेवी से कम नजर नहीं आ रही थी.
उसके जिस्म से आती खुशबू उसे मदहोश कर रही थी.

रवि ने सारिका की चूत पर हाथ फेरा और उंगली दोनों फांकों के बीच कर दी.
सारिका सिहर उठी.
उसकी चूत गीली हो रही थी.

रवि ने अपनी उंगली अंदर घुसा दी.
सारिका कसमसाई और उसने भी रवि का लंड पकड़ लिया.

रवि का लंड मजबूत था गौरव के मुकाबले!

अब रवि नीचे हुआ और सारिका की टाँगें फैलाकर उसकी फांकों के बीच अपनी जीभ घुसा दी.

रवि अपनी जीभ सारिका की चूत की गहराई तक पहुंचा रहा था साथ ही एक हाथ से सारिका के गदराये मम्मी भी मसल रहा था.

सारिका कसमसाती हुई अपने हाथों से अपनी चूत की फांकों को और चौड़ा कर रही थी.
उसके पैर मचल रहे थे और रवि के पैरों से लिपट रहे थे.

सारिका की चूत ने पानी छोड़ दिया, रवि ने सारा नमकीन पानी चाट लिया और ऊपर होते हुए सारिका के मम्मों को मुंह में ले लिया.

अब बारी सारिका की थी. उसने रवि का लंड पकड़ लिया और कसमसाते हुए उससे कहा- मुझे चूसना है.

रवि और ऊपर हुआ और उसने नीचे लेती सारिका के मुंह में लंड दे दिया.
सारिका ने लंड को लपका और लगी लोलीपोप की तरह चूसने.

रवि का वजन सारिका पर पड़ रहा था क्योंकि वह सारिका के मांसल मम्मों दबा रहा था.

सारिका लंड चूसने में असहज थी तो उसने रवि को कहा कि वह नीचे आ जाए.
और फिर उसने घुटनों पर आकर दोनों हाथों से रवि के लंड को पकड़ा, पहले थूक लगे लंड को हाथों से रगड़ा, उसके टोपे को चूमा और फिर पूरा मुंह में ले लिया.

उसकी जीभ की पकड़ इतनी जबरदस्त थी रवि के लंड पर की जल्दी ही रवि की हालात खरब हो गयी.
उसे लगा कि वह सारिका के मुंह में ही खलास हो जाएगा.
ऐसा अनुभव रवि को अपनी पत्नी कामिनी के साथ कभी नहीं हुआ था.

उसने सारिका को हटाया और नीचे लिटाया.
अब रवि ने सारिका की टांगों को चौड़ायीं.

सारिका बेकरारी से मुस्कुरा रही थी.
उसे इंतज़ार था पहली बार एक गैर मर्द का लंड अपनी चूत में लेने का!

आज उसे ख़ुशी भी थी कि उसने कामिनी के पति को आखिर चुरा ही लिया.

रवि की बरसों की तमन्ना आज पूरी हो रही थी.
पता नहीं कितनी बार उसने सारिका की चुदाई की इच्छा से मुठ मारी … और आज वही चूत उसके नीचे थी और चुदने को बेकरार थी.

रवि ने सारिका की टांगों को चौड़ाते हुए अपना लंड सारिका की चूत के मुंहाने पर रखा.
सारिका की चूत के आसपास बहुत गीलापन और चिकनापन था.
रवि का लंड फिसल रहा था.

सारिका ने मुस्कुराते हुए उसे पकड़ा और अपनी चूत की गुफा के मुहाने पर रख दिया.
रवि ने एक ठेल मारी और उसका औज़ार सीधा सारिका की चूत में गहराई तक उतर गया.
सारिका की आह निकल गयी.

उसने रवि को भींच लिया.
दोनों के होंठ मिल गए.

अब रवि के चुदाई एक्सप्रेस चालू हो गयी.
पूरे दमखम से वह सारिका की चुदाई में लग गया.
सारिका उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी.

दोनों पागलों की तरह दो जिस्म एक जान हो रहे थे.

रवि के हाथ में सारिका के मम्मे थे.
सारिका ने अपनी टांगें रवि की कमर पे लपेट ली थीं.

वह अपनी आदत के अनुसार जोर जोर से आवाजें निकालकर रवि को और तेज करने के लिए उकसा रही थी.
रवि भी पूरी ताकत से उसकी चूत फाड़ने के मूड से धक्के लगा रहा था.

सारिका दम लगाकर रवि के नीचे से निकली और उसे नीचे धक्का देकर चढ़ गयी रवि के ऊपर!

तब सारिका ने अपनी चूत को रवि के लंड के ऊपर सेट किया.
रवि ने तुरंत ही पेल मारी, कुछ सहारा सारिका ने हथ से दिया और रवि का लंड पूरा अंदर ले लिया.

अब सारिका ऊपर से उछल रही थी और रवि नीचे से धक्के लगा रहा था.
दोनों चुदाई से थक गए थे.

कमरे का माहौल पूरा वासनामय हो रहा था.
“और जोर से … आह मजा आ गया … आज फाड़ दो मेरी चूत को … आज तो पूरा खा जाउंगी तुम्हारे औजार को!”
ये सब सीत्कारें गूँज रही थीं.

सारिका क मुंह से थूक मिश्रित झाग निकल रहे थे.
वह बार बार रवि की छाती के निप्प्ल को अपने नाखूनों से नोच देती.
उसने रवि की पीठ और गर्दन पर नाख़ून से लम्बे लम्बे निशान बना दिए थे.

रवि ने भी उसकी गर्दन पर दांत से काटकर और चूमकर निशान बना दिए थे.

रवि उसके मम्मे गोलाई में मसल रहा था.
सारिका के दूधिया मम्मे लाल हो गए थे.

अब सारिका वहशियों की तरह उछलती झूमती अचानक रवि की छाती पर लुढ़क गयी.
उसका और रवि दोनों का चरमोत्कर्ष हो गया था.

सारिका ऐसे ही रवि की बगल में लुढ़क गयी.
दोनों नंगे ही एक दूसरे के आगोश में चिपक कर सो गए.

सुबह रवि की आँख जल्दी खुली.
सारिका नंगी बेसुध उसकी बगल में पड़ी सो रही थी.

Xxx होटल सेक्स की अगली सुबह के सात बज गए थे.

रवि ने कामिनी को फोन मिलाया, थोड़ी देर बात करी, फिर उसने सारिका को उठाया.

सारिका ने भी उठकर गौरव को फोन मिलाया और पूछा- क्या कर रहे हो?
उधर से गौरव ने हँसते हुए कहा- चुदाई कर रहा हूँ.
सुनकर सारिका भी हंस पड़ी और बोली- अच्छे से करना, बाकी मैं रात को पूरा मज़ा दूंगी.

अब सारिका और रवि दोनों फटाफट तैयार हुए.

कॉफ़ी पीते पीते सारिका ने रवि को साफ़ कहा दिया कि इस रात के बारे में कभी भी गौरव को मालूम न पड़े. अगर गलती से भी ऐसा हुआ तो वह तो गौरव को संभाल लेगी पर कामिनी रवि को तलाक दे देगी.

साथ ही सारिका ने रवि से कहा कि उसे गौरव के जॉब के लिए हर स्तर पर मदद करनी होगी. हाँ जब जॉब मिल जाएगा तो वह एक और पार्टी रवि को देगी.

पार्टी का मतलब रवि जानता था.
वह यह भी जानता था कि भले ही कामिनी ने गौरव के साथ सेक्स कर लिया हो, पर वह यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगी कि रवि सारिका से सेक्स करे.
क्योंकि कामिनी को गौरव के साथ सेक्स के लिए रवि ने ही मजबूर किया था.

कामिनी यही सोचेगी कि रवि ने कामिनी को गौरव के साथ सेक्स इसलिए कराया क्योंकि उसकी निगाहें सारिका पर थीं.
रवि डरपोक भी था.
इसलिए उसने सारिका की सारी शर्तें मान ली.

गौरव को उसकी कम्पनी में जॉब मिले इसके लिए भी उसने पूरी मदद का वादा किया.

सारिका की फ्लाइट रात की थी और रवि की दोपहर की.

उधर गुरुग्राम में क्या गुल खिले.

जब सारिका और रवि चौपाटी पर घूम रहे थे, उसी समय गुरुग्राम में गौरव अकेला बोर हो रहा था तो वह मार्किट घूमने निकल गया.

मार्किट में उसे कामिनी भी दिख गयी.
विश करने के बाद दोनों ने ही यह कहा कि घर पर बोर हो रहे थे तो मार्किट आ गए.

गौरव ने कामिनी को कॉफ़ी पीने का ऑफर दिया, कामिनी मान गयी.

दोनों एक कैफ़े में बैठकर इधर उधर की बात करने लगे.

आखिर यह बात खुल ही गयी कि सारिका और रवि दोनों मुंबई में हैं.

कामिनी ने धीरे से गौरव से कहा- मुझे शक है कि इस समय वे दोनों साथ हैं.
गौरव ने पूछा कि उसे ऐसा क्यों लगा.

तो कामिनी ने बताया कि वह शाम से रवि से बात करने की कोशिश कर रही है पर रवि फोन नहीं उठा रहा. उसके ऑफिस से उसके एक दोस्त से मालूम पड़ा कि उनका काम दोपहर तक ख़त्म हो गया. उसके दोस्त तो आज रात की फ्लाइट से वापिस आ रहे हैं. पर रवि यह कह कर रुक गया है कि उसे किसी से मिलना है.

कामिनी ने आगे बताया- जब मैंने होटल के रिसेप्शन से उसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि रवि किसी महिला क्लाइंट के साथ बाहर गया है. मैंने जब क्लाइंट का नाम पूछा तो उन्होंने सारिका बताया.

अब गौरव को भी उसकी बात सुन कर सारी कहानी समझ में आ गयी.
दोनों दुखी से हो गए.

खैर कॉफ़ी पीकर दोनों वापिस जाने लगे तो गौरव ने कामिनी को घर छोड़ने की पेशकश की.

गाड़ी पार्क करके गौरव ने कामिनी से कहा- आओ घर पर कुछ देर बैठते हैं, अकेले घर जाकर भी क्या करोगी.

कामिनी की समझ में कुछ नहीं आ रहा था … वह बिना कुछ बोले गौरव के साथ उसके फ्लैट में गयी.

गौरव ने फ्लैट में आकर अपने लिए एक ड्रिंक बनायी और एक हल्का पेग कामिनी के लिए भी बना दिया.
कुछ रोस्टेड ड्राई’फ्रूट और नाश्ता लगा लिया.

दोनों बिना कुछ बोले चुपचाप ड्रिंक लेते रहे. दोनों के मन में तूफ़ान उफान पर था.

गौरव ने कई काल सारिका के फोन पर लगायी पर फोन नो रिप्लाई रहा.

दो दो पेग लगाने के बाद कामिनी अब गौरव से सट कर बैठ गयी.
वह उसके कंधे पर सर रख कर रो पड़ी.

गौरव ने कहा- वे दोनों ये गलत कर रहे हैं. अगर सारिका या रवि मुझसे कहते तो मैं उन्हें मना नहीं करता. पर धोखा क्यों दे रहे हैं.

कामिनी सुबक का रो पड़ी.
गौरव ने उसे अपने से चिपका लिया.

अब माहौल बदल गया था.
गौरव ने कामिनी को चुप करते हुए उसे चूम लिया.

कामिनी ने सर उठाया तो दोनों के होंठ मिल गए.
अब दोनों एक दूसरे से लिपट गए.

गौरव कामिनी को बेड पर ले आया.
दोनों चिपके हुए थे और दोनों के मन में अब बदले की भावना और कामाग्नि धधक उठी थी.

गौरव ने कामिनी की ड्रेस को उसके जिस्म से अलग करते-करते अपने कपड़े भी उतार दिए.
दोनों निपट नंगे बेड पर चादर के अंदर घुस गए. दोनों के जिस्म एक दूजे में सामने को मचल उठे.

अब किसी फोरप्ले की गुंजाईश नहीं थी.
दोनों मदहोश और बदहाल थे.

गौरव कामिनी में और कामिनी गौरव को आत्मसात करने को बेताब थी.
दोनों की कुछ अमझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना है और कैसे करना है.

सेक्स उनका उद्देश्य नहीं था पर एक दूसरे को समझाने और सँभालते हुए एक दूसरे में समा जाने को बेताब थे.

अब एक दूसरे में समाने की प्रक्रिया में लंड का चूत से मिलन और चूत की गहराई तक समाना उस कामाग्नि का प्रवाह था.

दोनों की जीभ एक दूसरे का रसस्वाद ले रही थीं.

कामिनी के मम्मे गौरव की छाती से भिड़े हुए थे. कामिनी घायल शेरनी की तरह उठी और गौरव के ऊपर चढ़ कर बोली- जब वे वहां मौज मस्ती कर रहे हैं तो आओ हम भी एक दूसरे की भूख मिटायें.
कह कर कामिनी ने गौरव का लंड अपनी चूत में कर लिया और घुसा लिया गहराई तक!

अब अगली कुछ देर तक जो कुछ उस बिस्तर पर हुआ वह शायद किसी सुहागसेज पर भी नहीं हुआ होगा.
गौरव ने भी कामिनी को नीचे करके उसे जम कर चोदा.

आज उनकी चुदाई का आलम ऐसा था कि बिस्तर की हालात बता रही थी कि कोई तूफ़ान आया है.
और यह तूफ़ान रात को दो बार उठा.

दोनों ऐसे ही नंगे सोये.

कामिनी की आँख रवि के फोन से खुली.
रवि ने उसे बताया कि रात को मीटिंग में काफी देर हो गयी थी इसलिए बात नहीं कर पाया.

तब रवि ने कामिनी से पूछा- और क्या कर रही हो?
कामिनी हँसती हुई बोली- सेक्स के मजे ले रही हूँ.

रवि चौंका तो कामिनी हंस कर बोली- सुबह सुबह घर के काम कर रही हूँ. और क्या तुम सोच रहे हो कि किसी का लंड घुसा रखा हैं मैंने अंदर?
तब रवि हंस पड़ा दूसरी ओर!

और इधर गौरव ने फिर से अपना लंड पेल दिया कामिनी की चूत में … कामिनी ने भींच लिया अपने आशिक को अपने से!

दोस्तो, कैसी लगी मेरी Xxx होटल सेक्स कहानी?
लिखियेगा मुझे मेरी मेल आई डी ‘[email protected]’ पर.

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