पराई नारी की चुदाई से बसा एक परिवार- 4
(Xxx Desi Bhabhi Story)
Xxx देसी भाभी स्टोरी में मकान मालिक की बहू किरायेदार से अपनी चूत चुदवाकर बच्चा पैदा करना चाहती थी. पर किरायेदार ने उसके पति को समझाया और दोनों के सम्बन्ध सुधारे.
देसी भाभी स्टोरी के तीसरे भाग
मकान मालिक की बहू ने चुदाई की मौज कर दी
में आपने पढ़ा कि रोज मकान मालिक की बहू किरायेदार के पास आकर अपनी चूत की प्यास बुझाने लगी.
अब आगे Xxx देसी भाभी स्टोरी:
अबकी बार जैसे ही मनोज शाम को घर पहुंचा, जतिन उसे अपने साथ घुमाने ले गया.
उसने एक रेस्तरां में बैठकर एक घंटे मनोज को समझाया और नशा छोड़ने को कहा.
मनोज रुआंसा होकर बोला- मुझे रागिनी हाथ नहीं लगाने देती, इसी गुस्से में मैं नशा करता हूँ.
जतिन ने उससे कहा- तुमने अपनी हालत देखी है, कितने गंदे रहते हो. ऐसे में कोई बीवी कैसे हाथ लगाने देगी.
जतिन ने मनोज को एक सैलून ले जाकर उसका हुलिया ठीक करवाया, शेव करवाई, बाल कटवाए, नाख़ून कटवाए.
फिर उसे एक नयी लुंगी और कुर्ता दिलवाया.
घर ले जाकर उसने मनोज से कहा- जाकर खुशबूदार साबुन से रगड़ कर नहाओ और पाउडर लगा कर नए कपड़े पहन कर आओ.
मनोज पर न जाने जतिन का क्या जादू काम किया, वह वैसा ही करता गया जैसा जतिन कह रहा था.
रागिनी रसोई में खाना तैयार कर रही थी.
जतिन ने उसे आवाज देकर कहा- आज मैं भी खाना खाऊँगा सबके साथ … मेरा टिफिन भी तुम खाने में मिला लेना. हम सब नीचे चादर बिछा कर खाना खायेंगे.
रागिनी मुंह बिचका कर बोली- इस घर में ऐसा कहाँ होता है. बाबा तो अभी आकर नशा करेंगे और उनका लाडला ऊपर बैठा नशा कर रहा होगा. मेरे तो करम फूट गए यहाँ आकर!
जतिन हंस कर बोला- मैं जैसा कह रहा हूँ, वैसा करो. खाना बन गया हो तो तुम भी नहाकर कपड़े बदल कर आओ. मनोज अभी थोड़ी देर में आयेगा.
जतिन ने मनोज से कह दिया था कि नहाकर वह उसके कमरे में बैठ जाए.
रागिनी कुछ समझी नहीं थी पर उसका खाना बन चुका था.
वह जतिन पर बहुत विश्वास करने लगी थी.
तो उसके कहने पर नहाकर साफ़ नाईटी पहन कर आ गयी.
इधर जतिन ने बाबा को भी आज न पीने को कह दिया था.
तो वे और अम्मा भी बाहर दालान में बैठे थे.
रागिनी ने झुंझलाहट से कहा- अब क्या करूं?
जतिन ने उससे कहा- बाहर दालान में चादर बिछाओ और खाना लगाओ सबके लिए. और ये रखो मिठाई का डिब्बा.
खाना लगा दिया रागिनी ने और फिर उसने पूछा- मनोज कहाँ है? कहीं बाहर तो नहीं गिरा पड़ा नशे में?
जतिन ने हँसते हुए मनोज को आवाज दी.
मनोज आया तो उसे देख कर बाबा अम्मा और रागिनी तीनों चौंक गए.
इतना साफ़ सुथरा तो उसे उन्होंने शादी के दिन ही देखा था.
जतिन ने उससे कहा- चल अपनी अम्मा और बाबू ज़ी के पैर छू और माफ़ी मांग!
मनोज मदारी के चेले की भांति जैसा जतिन कह रहा था, करता गया.
रागिनी बहुत खुश थी.
शायद इतने दिनों बाद वह मनोज के करीब बैठी थी और उसकी थाली में से ही खा रही थी.
खाने के बाद जतिन ने कहा- आप सब जानते हो कि मैं दरोगा हूँ, भले ही पुलिस में न सही. पर अब इस घर में किसी ने शराब पी या नशा किया तो उसे थाने में बंद करा दूंगा. और मनोज, अब तुम सोमवार की सुबह 4 बजे वापिस जाया करोगे. मैं सुबह तुम्हें स्टेशन छोड़ दिया करूँगा.
अगली दोनों रात रागिनी के कमरे से झगड़े की आवाज नहीं आई.
पहली रात तो रागिनी ने बस चूमने और हाथ लगाने दिया मनोज को, पर दूसरी रात दोनों ने सेक्स किया.
हालांकि मनोज का वीर्य सारा बाहर ही बह गया पर रागिनी ने कोई झगड़ा नहीं किया.
सोमवार की सुबह रागिनी तीन बजे ही उठ गयी और मनोज के लिए खाना बना कर पैक कर दिया.
जतिन उसे स्टेशन छोड़ आया.
अब इसका इनाम उसे रागिनी ने इसे दिया कि जैसे ही साढ़े चार बजे करीब जतिन मनोज को छोड़ कर घर आया और अपने बेड पर लेटा, रागिनी चुपके से आ गयी और उसे चुम्बनों की बौझार कर दी.
रागिनी ने अपना हाथ उसके बरमूडा में डाल कर लंड पकड़ लिया और नीचे झुक कर उसे चूमने चूसने लगी.
उसने उसके लंड को थूक से गीला किया और फिर जतिन के ऊपर चढ़ कर बैठ गयी और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में कर लिया और लगी उछलने!
वह कह रही थी- दो रात से तड़प रही है मेरी मुनिया अपने राजा के लिए!
अब रागिनी पूरे हफ्ते चुदती.
मनोज की स्थिति भी रागिनी का प्यार पाकर सुधरती गयी.
जतिन ने उसका इलाज भी लोकल डॉक्टर से शुरू करवा दिया था.
पर रागिनी गर्भवती नहीं हो पा रही थी.
वह तो पीछे पड़ती जतिन के- तुम्हीं मेरे बच्चे के बाप बन जाओ!
पर जतिन दूर की सोचता था.
धीरे धीरे उसके कहने पर रागिनी ने मनोज से कहना शुरू किया- अब तुम्हारी चुदाई में मजा आता है.
मनोज ने नशा बिल्कुल छोड़ दिया.
अब उधर हिना भी ठीक हो गयी थी.
हालाँकि उसकी डेलिवरी में दो महीने थे पर जतिन की मां उसे अपने घर ले आई थीं.
जतिन जाता तो था, पर हिना ने चूमा चाटी के अलावा उसे नजदीक नहीं आने दिया था.
अब जतिन और रागिनी ने भगवान का नाम लेकर यह मन बनाया कि वे इस महीने से बिना डर के सेक्स करेंगे इस उम्मीद से कि रागिनी गर्भवती हो जाए, चाहे जतिन से चाहे मनोज से!
माहवारी के बाद जब उन दिनों जब गर्भधारण की उम्मीद ज्यादा थी, जतिन ने बाबा और अम्मा को बहला फुसलाकर दो दिन के लिए पास ही हरिद्वार भेज दिया.
अब वह और रागिनी घर पर दो रात के लिए अकेले थे.
रागिनी अब ब्यूटी पार्लर भी चली जाती थी, अब उसके पास जतिन के दिए पैसे होते और मनोज भी उसे रूपये देता था.
तय प्रोग्राम के अनुसार रागिनी दिन में पार्लर हो आई.
जतिन भी समय से घर आ गया था.
आज उसने बढ़िया खाने का आर्डर बाहर कर दिया था.
जतिन ने ऑफिस से निकलते ही रागिनी को फोन कर दिया कि वह उसे चौराहे के पास मिल जाए.
रागिनी खूब अच्छे से तैयार होकर बाहर चौराहे पर पैदल ही पहुँच गयी.
जतिन वहीँ खड़ा था.
रागिनी मोटर साइकिल पर दोनों ओर पैर कर के जतिन से चिपक कर बैठ गयी.
जतिन उसे एक घंटे शहर के बाहरी इलाके में घुमाता रहा.
दोनों बार बार मौक़ा देख कर चूमा चाटी कर रहे थे.
रागिनी ने जतिन की शर्ट के बटन खोल कर उसकी छाती पर अपनी उंगलियों से उसके निप्पल के पास घेरे बनाए शुरू किये तो जतिन का लंड तो तन गया.
उसने रागिनी का हाथ नीचे करके अपनी जींस पर लंड के ऊपर रख दिया.
रागिनी ने उसे वहीँ मसल दिया.
अब मामला बेकाबू हो चला था.
दोनों वापिस घर आ गए.
थोड़ी देर में ऑर्डर किया डिनर भी आ गया.
जतिन तब तक नहाकर लुंगी पहने बैठा था.
उसने डिनर रिसीव किया और रागिनी को आवाज दी खाने के लिए.
डिनर उसने अपने रूम में बेड पर ही लगा लिया था.
रागिनी आई तो जतिन उसे देखता रह गया.
उसने जतिन की लायी हुई छोटी सी नाईट ड्रेस पहनी थी.
लाल लिपस्टिक लगाए वह बहुत सुंदर लग रही थी.
जतिन ने उसे अपने से चिपटाते हुए चूम लिया.
फिर जतिन ने उसे अपनी गोद में बिठाया.
दोनों ने चूमा चाटी के बीच एक दूसरे को खाना खिलाया.
खाने से निबटते निबटते रात के 9 बज गए थे.
दोनों को मालूम था कि आज की रात तो सेक्स की महा-रात होगी.
आज पहली बार वह दोनों बिना किसी डर के बल्कि कहें तो गर्भ धारण करने के लिए सेक्स करने जा रहे थे.
रागिनी खाने के बर्तन नीचे रख आई और सीधे जतिन की बाँहों में आ समाई.
वह उसे चूमते हुए बोली- आज मेरी सूनी कोख भर दो, मैं तुम्हारा ये अहसान का भी नहीं भूलूंगी.
जतिन ने उसके होंठों से अपने होंठ चिपका दिए.
दोनों लिपट गए एक दूसरे से.
जतिन ने रागिनी की छोटी सी फ्रॉक के नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूत का दाना मसलना शुरू किया तो रागिनी की आह-आउच शुरू हो गयी.
उसने भी जतिन के होंठों पर काट लिया.
दोनों बाहर बरामदे में ही लिपटा-लिपटी में लगे थे.
रागिनी नीचे बैठ गयी और जतिन की लुंगी खोल कर उसका लंड लपक लिया और मुंह में ले लिया.
वह बार-बार उसे थूक लगती, हाथ से मलती और फिर चूसती.
जतिन उसके मम्मे मसल रहा था.
अब दोनों की आग भड़क चुकी थी.
जतिन ने रागिनी को गोद में उठा लिया और बेड पर ले जाकर आहिस्ता से लिटाकर उसके कपड़े उतार दिए.
रागिनी ने मुस्कुरा कर अपनी टांगें चौड़ा दीं.
जतिन नीचे झुका और उसकी फांकों के बीच जीभ घुसा दी.
आज जतिन की चुदास भड़की हुई थी.
वह जल्दी से जल्दी Xxx देसी भाभी रागिनी की चूत में अपना लंड डालना चाह रहा था.
उसने फटाफट रागिनी की चूत को थूक से भरा और थोड़ा थूक अपने लंड के मुंहाने पर लगा कर पेल दिया पूरे जोर से अंदर!
रागिनी ने भी भरपूर चीख निकाली.
आज कोई था जो नहीं उनकी आवाज़ सुनने को.
फिर जो जतिन की चुदाई एक्सप्रेस ने स्पीड पकड़ी, रागिनी भी तौबा कर गयी.
वह बार बार कोशिश करती रही नीचे से निकल कर ऊपर आने की … पर आज जतिन की पकड़ इतनी मजबूत थी कि रागिनी उसकी गिरफ्त से निकल ही नहीं पायी.
थोड़ी देर की धमाचौकड़ी के बाद जतिन हांफते हुए रागिनी के ऊपर लुढ़क गया.
उसका और रागिनी दोनों का एक साथ हो गया था.
रागिनी की चूत में जतिन का वीर्य भरा हुआ था.
दोनों शांत लेटे थे.
थोड़ी देर में जतिन बगल में लुढ़क गया पर रागिनी ऐसे ही पड़ी रही.
ऐसा उसके डॉक्टर ने कहा था.
दोनों ऐसे ही लिपट कर सो गए.
रात को 2 बजे करीब रागिनी उठकर बाथरूम गयी तो अपनी चूत धो आई.
आकर उसने जतिन का लंड फिर मुंह में ले लिया.
जतिन का लंड तो पहले से ही तना हुआ था, जीभ की गर्मी पाकर और तन गया.
जतिन की आँख भी खुल गुई.
रागिनी ने उसे कोई मौक़ा न देते हुए उसके ऊपर चढ़ आकर अपने हाथ से उसका लंड अंदर ले लिया और उछल उछल कर घुड़सवारी करने लगी.
जल्दी ही वह हांफ गयी.
जतिन ने उसे नीचे किया और स्पीड न तोड़ते हुए जम कर उसे पेला और आपकी बार भी सारा वीर्य उसकी चूत में खाली कर दिया.
अगले दिन जतिन ने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी.
दोनों दोपहर को बाहर गए, खाना खाया और मूवी देख कर घूमते घामते शाम को 7 बजे करीब घर आये.
पेट भरा हुआ था.
जतिन रागिनी को बाथरूम में जबरदस्ती ले गया.
दोनों ने लिपट कर नहाते हुए एक बार वहीं सेक्स की कोशिश की.
पर खड़े होने से बात नहीं बन रही थी.
अब रागिनी वहीँ नीचे लेट गयी और जतिन को अपने ऊपर खींच लिया.
जतिन ने शावर के नीचे उसकी घमासान चुदाई की.
पर वहां स्पीड नहीं बन पा रही थी तो दोनों की आग ठंडी नहीं हुई थी.
जतिन रागिनी को ऐसे ही भीगी उठाकर उसके कमरे में ले गया और नीचे गद्दे पर लेटा कर घुसेड़ दिया अपना मूसल उसकी चूत में!
रागिनी का जिस्म भी कामाग्नि से जल रहा था.
वह जतिन की चुदाई में भरपूर साथ दे रही थी.
आज तो दोनों का ज्वार थमने का ही नाम नहीं ले रहा था.
न जतिन का लंड माल निकलने को तैयार था न रागिनी की चूत की आग ठंडी हुई थी.
दो बार रागिनी ऊपर भी चढ़ चुकी थी.
दोनों थक गए थे … पर चुदाई थी कि रुकने का नाम नहीं ले रही थी.
अब जतिन ने फिर दम लगाया और पूरे जोर से रागिनी की चूत में लंड घुसेड़ कर बिना रुके पेल लगानी शुरू की.
रागिनी भी नीचे से उछल रही थी.
अब जतिन का भी होने वाला था.
रागिनी का तो हो चुका था पर वह जतिन से चिपटी हुई थी.
जतिन ने उसे कस के भींचा और सारा माल उसकी चूत में खाली कर दिया.
तब तक जतिन की सांस उखड़ गयी थी तो वह बगल में लेट गया.
रागिनी ऐसे ही पड़ी रही.
दोनों ऐसे ही सो गए.
देर रात रागिनी उठी और जतिन को उठाकर उसके रूम में भेजा और अपने को सही किया क्योंकि सुबह जल्दी ही बाबा और अम्मा आने वाले थे.
अगले दिन शुक्रवार था.
मनोज शाम को आ गया था.
इस बार वह दो दिन की छुट्टी और लेकर आया था.
असल में रागिनी ने ही उससे कहा था छुट्टी लेने के लिए ताकि गर्भधारण के इस मौके का हर तरह से फायदा उठाया जाए.
उसने यह बात अपनी सास को भी बता रखी थी.
जतिन का वीकेंड पर घर जाने का बन गया तो उसने भी दो दिन की छुट्टी और ले ली.
वहां हिना हल्ला मचाये हुए थी.
उसकी डिलीवरी थी अगले महीने.
इस बार मनोज अम्मा और रागिनी के लिए कपड़े और बाबा के लिए कुर्ता पायजामा भी लाया.
सब खुश थे.
नशा छोड़ने से अब मनोज की सेहत भी सुधरने लगी थी.
उसे जतिन ने कुछ सेक्स पॉवर बढाने की गोलियां दी कि सेक्स से पहले ले लेना.
कुल मिला कर इन तीन चार दिनों में उसने और रागिनी रोज सेक्स किया और रागिनी को पहली बार उसका वीर्य अपने अंदर जाता महसूस हुआ.
सोमवार को रागिनी ने व्रत रखा और शाम को मंदिर जाकर मन्नत मांगी कि अगर उसकी कोख भर गयी तो वह मनोज को भरपूर प्यार देगी. वह एक अच्छी पत्नी और बहू बनेगी.
हालाँकि जतिन ने जो उसकी जिन्दगी में उजियारा किया तो रागिनी तो उसे भगवान मानती थी.
इस महीने उसकी माहवारी नहीं हुई.
डॉक्टर ने चेकअप में कन्फर्म किया कि वह गर्भवती है.
रागिनी तो ख़ुशी से पागल थी.
उसने बाबा अम्मा के सामने ही जतिन के पाँव छुए कि उसके आने के बाद यह घर घर बन गया.
जतिन भी अब पन्द्रह दिन की छुट्टी पर घर जा रहा था और उसके बाद तो हिना के साथ आने पर उसे घर बदलना ही होगा.
अबकी बार जब मनोज घर आया तो इस घर में एक उत्सव का सा माहौल था.
कोई किसी से नाराज नहीं था.
मनोज ने बताया कि अगले महीने उसका तबादला इसी शहर में हो जाएगा.
दोस्तो, बताइयेगा कैसी लगी मेरी Xxx देसी भाभी स्टोरी?
लिखिएगा मुझे मेरी मेल आई डी पर!
[email protected]
What did you think of this story??
Comments