अहमदाबाद में मिली प्यारी गुजराती भाभी- 2

(Xx Bhabhi Hot Story)

आर्णव 1 2025-04-13 Comments

Xx भाभी हॉट स्टोरी में सोते हुए भाभी ने मेरा लंड देखा तो उनसे रुका ना गया और उन्होंने मेरे लंड पकड़ लिया. तो मैंने भी उन्हें पकड़ के किस कर लिया.

कहानी के पहले भाग
भाभी ने मेरा लंड देखा
में आपने पढ़ा कि एक भाभी के घर मेरा आना जाना हुआ और एक बार मैं उनके घर रुका. सुबह भाभी मुझे जगाने आई तो उन्होंने मेरा लंड देख लिया.

अब आगे Xx भाभी हॉट स्टोरी:

आज भाभी ने नहाने के बाद भी टी-शर्ट और पायजामा ही पहन रखा था जबकि वो दिन में सलवार-कमीज़ पहनती थीं।
मुझे कुछ अजीब लगा, पर मैंने ध्यान नहीं दिया।

शाम को करीब चार बजे मैं वहीं सोफे पर बैठे मोबाइल यूज़ कर रहा था।

भाभी दो कप चाय लेकर आईं और वहीं मेरे पास बैठ गईं।
एक चाय मुझे दी और बातें शुरू कर दीं।

मैंने एक बार उनकी ओर देखा।
इस बार वो नज़रें मिलाकर बात कर रही थीं.
पर मैं नज़रें नहीं मिला पाया और मोबाइल में देखने लगा।

अचानक भाभी बोलीं, “आर्णव, तुम्हें मेरे साथ हमारे घर रहना पसंद नहीं है ना?”
मैं बोला, “अरे, नहीं भाभी, ये आप ऐसी बातें क्यों कर रही हैं?”
भाभी: “नहीं, मैं सुबह से देख रही हूँ, मोबाइल में घुसे पड़े हो। क्या मैं इतनी बुरी हूँ?”

मैंने मोबाइल साइड पर रखा और थोड़ा भाभी की ओर घूमा।
फिर बोला, “अरे भाभी, आप तो मेरी प्यारी भाभी हैं। वो तो बस ऐसे ही। अच्छा, चलो सॉरी, प्लीज़ मुझे माफ कर दो।”

भाभी: “अरे नहीं, मुझमें तो काँटे लगे हैं ना? तुम चलाओ अपना मोबाइल, मेरा क्या है।”

वो उठकर जाने लगीं, तो मैंने उनका हाथ पकड़कर बैठा दिया।
मैंने आज पहली बार उनका हाथ ऐसे पकड़ा था।
उनके चेहरे पर नाराज़गी थी।

मैंने उनका हाथ दोनों हाथों में लिया और बोला, “अरे भाभी, मैं कभी आपके बारे में ऐसा सोच भी नहीं सकता। आप मेरा इतना ख्याल रखती हैं, मैं आपके बारे में ऐसा कैसे सोच सकता हूँ कि आप बुरी हैं? बल्कि आपका ये प्यारा, सुंदर चेहरा देखकर हमेशा प्यार करने की इच्छा होती है।”

भाभी: “चलो, अब मस्का मत लगाओ।”
वे थोड़ा शर्मा गईं।

मैं बोला, “अरे नहीं भाभी, आप सच में बहुत खूबसूरत हैं। प्लीज़ माफ कर दो, आगे से ऐसा नहीं करूँगा।”
भाभी: “ठीक है।”

फिर तो बातें ऐसे चलीं कि दो घंटे कहाँ चले गए, पता ही नहीं चला।
अब मेरे अंदर से भी डर निकल गया था।

फिर भाभी खाना बनाने चली गईं।
हम सबने खाना खाया, फिर भाभी काम करने लगीं।

मैंने रोहन का होमवर्क कराया, फिर हॉल में आकर टीवी देखने लगा।

भाभी भी रोहन को सुलाकर दो दूध के ग्लास लेकर मेरे पास आकर बैठ गईं और एक ग्लास मुझे दिया।
हम फिर बातें करने लगे।

बातों-बातों में भाभी ने मुझे पूछा, “आर्णव, तुम दोपहर को जो बोल रहे थे, वो सच है? क्या मैं तुम्हें उतनी खूबसूरत लगती हूँ?”

मैं बोला, “अरे भाभी, आप सच में बहुत खूबसूरत हैं।”
भाभी शर्मा गईं, “पर ये बात भैया को मत बताना, वरना मुझे लात मारकर घर से निकाल देंगे।”

इस बात पर हम दोनों हँस पड़े।

थोड़ी देर बाद भाभी ने पूछा, “शादी कब कर रहे हो?”
मैं बोला, “क्या जल्दी है? थोड़ा सेट हो जाऊँ, अगले एक साल के बाद देखते हैं।”

भाभी: “कोई गर्लफ्रेंड पटा रखी है क्या?”
आज भाभी कुछ अलग ही बातें कर रही थीं।

मैं बोला, “क्या भाभी, मैं ठहरा सामान्य परिवार से। हम पैसा बचाना जानते हैं। यहाँ गर्लफ्रेंड बनाऊँगा, तो पैसे कैसे बचाऊँगा? आजकल की लड़कियों को घूमना-शॉपिंग करना बहुत पसंद है, तो वो सब भी करवाना पड़ेगा ना।”

भाभी: “तो सच में कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?”
मैं बोला: “नहीं।”

भाभी: “तो तुम्हारा अकेले कैसे चल जाता है?”

इस बार मुझे लगा कि भाभी सेक्स की बात कर रही हैं, पर मुझे डाउट था तो मैंने भाभी से पूछा, “क्या मतलब?”

भाभी थोड़ा संभल गईं, फिर बोलीं, “मेरा मतलब है, कोई गर्लफ्रेंड हो, तो अकेलापन नहीं रहता। बातें करने के लिए कोई साथी हो, तो अच्छा होता है।”

मेरा एक दोस्त है, जो लड़कियाँ पटाने में माहिर है।
वो पहले प्यारी-प्यारी बातें करता है, फिर धीरे-धीरे सेक्स की बातों की ओर जाता है।
ऐसे उसने कई लड़कियाँ पटाई थीं।
मैंने भी भाभी पर ट्राई करने का सोचा।

मैं बोला, “मेरी बात छोड़ो भाभी, आप बताओ। आप कॉलेज में थीं, तो आप पर तो कई लड़के लाइन मारते होंगे ना?”
भाभी बोलीं, “मेरे पापा बहुत सख्त थे। वो मुझे सिर्फ़ एग्ज़ाम देने ही जाने देते थे। हाँ, पर मोहल्ले में कई लड़के मुझे ताड़ते रहते थे।”

मैं बोला, “तो आपको कोई पसंद आया था?”
भाभी बोलीं, “नहीं, पापा का डर था, तो मैंने किसी के बारे में सोचा ही नहीं। तुम बताओ, तुम्हारी लाइफ में अब तक कितनी लड़कियाँ आ चुकी हैं?”

मैं बोला, “अब तक एक भी नहीं आई है।”
भाभी बोलीं, “तो अब तक तुम…”
भाभी अचानक चुप हो गईं।

मैं बोला, “अब तक क्या भाभी?”
भाभी बोलीं, “कुछ नहीं।”

मैं समझ गया था कि वो क्या बोलना चाहती थीं।

मैंने बात घुमा दी और बोला, “तो भैया से पहले आपकी लाइफ में कोई लड़का नहीं था?”
भाभी शर्माते हुए ना में सिर हिलाया।

मैं बोला, “तो वो भी पहली बार भैया के साथ ही…”
मैं चुप हो गया, पर भाभी समझ गईं।

वो और शर्मा गईं और बोलीं, “क्या वो? तुम बहुत गंदे हो। अभी बहुत लेट हो गया है, सो जाओ।”

और वो अपने कमरे में भाग गईं।
मैं भी अपने कमरे में आकर सोचने लगा कि भाभी मुझसे सेट होगी या नहीं?

फिर बेड पर लेटे हुए ख्याल आया कि ये सही नहीं है। मैं भाभी की बहुत रिस्पेक्ट करता हूँ और भैया भी मुझ पर बहुत ट्रस्ट करते हैं। मुझे ये नहीं करना चाहिए। अगर भाभी बुरा मान गईं, तो गड़बड़ हो जाएगी। तो मैंने डिसाइड किया कि मैं अब भाभी को पटाने की कोई कोशिश नहीं करूँगा।

बस यही सोचते-सोचते सो गया।
वैसे भी अगले दिन छुट्टी थी।

तो अगले दिन भी मैं देर तक सोता रहा।

तब अचानक मुझे लिंग पर कुछ महसूस हुआ। मेरी नींद खुल गई, पर बिना हिले आँखें बंद किए पड़ा रहा।

मेरा लिंग पूरा टाइट था और चड्डी ऐसी थी कि उसको ज़रा भी एडजस्ट करने की कोशिश करूँ, तो उसका टॉप वाला हिस्सा चड्डी से बाहर आ जाए।

मुझे अंदाज़ा हो गया था कि भाभी के अलावा कोई नहीं हो सकता।
तो मैं ऐसे ही पड़ा था और वो चड्डी के ऊपर से हाथ में पकड़कर देख रही थीं।

अब मैंने सोच लिया था कि जब भाभी ही पहल कर रही हैं, तो मज़े लेने में क्या बुराई है? जब दोनों तरफ से चुदाई की आग लगी है, तो क्यों न इस आग को भी शांत कर दिया जाए।

उन्होंने थोड़ी देर चड्डी के ऊपर से ही हाथ फिराया, फिर टॉप वाले हिस्से को छुआ।
वो लिंग की पूरी साइज़ महसूस करने की कोशिश कर रही थीं।

फिर उन्होंने थोड़ा दबाया और टॉप वाला भाग मसलने लगीं।
ऐसे ही थोड़ी देर किया।

अब उन्होंने चड्डी के इलास्टिक वाले हिस्से को थोड़ा हटाया, तो लिंग का टॉप बाहर आ गया।
फिर उन्होंने उसे छुआ, फिर लिंग की लकीर वाले हिस्से पर उँगली ले गईं और घुमाई।

मैं इतनी हद तक बर्दाश्त नहीं कर सकता था क्योंकि किसी औरत ने पहली बार मेरे लिंग को छुआ था।

तो मुझे जब सहन नहीं हुआ, तो मैंने अपनी मुट्ठी भींच दी।

भाभी को पता चल गया कि मैं जाग रहा हूँ। तो उन्होंने हाथ हटा लिया।

मैंने आँख खोलकर देखा, तो वो जा रही थीं।
मैंने खड़े होकर उनका हाथ पकड़ लिया।

उन्होंने मेरी ओर देखा तो मैं बोला, “भाभी, आग मुझमें भी लगी है और आपमें भी लगी है। तो ऐसे क्यों? खुलकर ही कर लेते हैं ना।”

भाभी ने अपनी आँखें झुका लीं।
मैंने उनकी हाँ मानकर उनका चेहरा हाथ में लिया और उनके गाल पर एक किस ली।
उन्होंने अपनी आँखें बंद कर दीं।

भाभी के बारे में आपको बता दूँ: भाभी की उम्र 33-34 साल होगी।
उनका रंग काफी गोरा था, साइज़ 36-32-36।
शरीर भरा हुआ था, पर चर्बी ज़रा भी नहीं थी।
पेट एकदम सीधा, ज़रा भी बाहर नहीं था।

मैंने फिर उनके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए।
मेरे होंठ लगते ही वो मुझ पर टूट पड़ीं।
वो ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगीं।

मैं भी उनका साथ देने की कोशिश करने लगा।
मेरा पहली बार था, तो मैंने हो सके उतना उनका साथ दिया।

मैं थोड़ी देर सोच में पड़ गया कि ज़रूर कुछ गड़बड़ है।
भाभी इतनी आसानी से मेरे साथ ये सब कैसे करने लगीं? फिर सोचा कि जो होगा, वो बाद में देखा जाएगा। अभी इस पल का मज़ा लिया जाए।

वो गज़ब की किस किये जा रही थीं।
मैं भी उनका साथ दे रहा था।

वो अनुभवी थीं, तो जो वो करतीं, वो मैं दोहराता जाता।

कभी वो ऊपर का होंठ चूसतीं, तो कभी नीचे का। कभी दाँतों में भींचकर मेरे होंठों को खींचतीं, तो मैं भी थोड़ी देर बाद वहीं उनके साथ करता।

फिर वो अपनी जीभ मेरे मुँह में घुमाने लगीं, तो मैं उसे चूसने लगा।
फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी।

उनका तो जवाब ही नहीं था इस मामले में।
वो तो ऐसे चूसतीं कि अलग ही मज़ा आता था।

ऐसे ही साथ में मैंने अपना हाथ उनके गाल से हटाकर उनकी पीठ पर घुमाने लगा।
टी-शर्ट के ऊपर से पूरी पीठ सहलाने लगा, फिर धीरे-धीरे हाथ आगे लाकर उनके स्तनों के ऊपर रख दिए और धीरे से एक स्तन दबाया।

क्या बताऊँ दोस्तो, क्या एहसास था! एकदम मुलायम।
मेरे लिंग ने तो एक ज़ोर का झटका मारा।

मुझे तो इतना मज़ा आया कि पूछो ही मत।

भाभी भी मेरा हाथ स्तन पर लगाते ही और जोश में आ गईं और वो मेरे गले में बाँहें डालकर पूरी ताकत से किस करने लगीं।
वो मुझसे काफी लिपट गई थीं।

मैं भी पूरे जोश से उनका साथ देने लगा और दोनों स्तनों को दोनों हाथों में लेकर दबाता जा रहा था।

धीरे-धीरे जोश बढ़ता जा रहा था और मैं पूरी ताकत से स्तन मसल रहा था।

करीब दस मिनट से मसल रहा था तो भाभी ने एक हाथ मेरे हाथ पर रख दिया।
मुझे लगा कि भाभी को दर्द होने लगा है तो मैंने स्तन मसलना बंद कर दिया।

भाभी ने मेरा चेहरा दोनों हाथों से पकड़ा और मेरे गाल, नाक और पूरे चेहरे पर हर जगह किस करने लगीं।
मैंने भी एक हाथ उनके नितंब पर रखा और मसलना शुरू किया।
और दूसरे हाथ से निपल ढूँढकर दो उंगलियों में पकड़कर मसल रहा था।

निपल छूते ही भाभी ने फिर से होंठों पर किस करना शुरू कर दिया।
अब तो उनकी साँस फूलना भी शुरू हो गई थी, पर वो थीं कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही थीं।

अब मैंने टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर ब्रा को थोड़ा एडजस्ट करके निपल को पकड़ लिया और उसके साथ खेलने लगा।

मैं जितना निपल पर उँगली घुमाता, उतना वो और उत्तेजित हो जातीं और ज़ोर से किस करतीं।

मैंने धीरे से दूसरा हाथ नितंब से हटाया और चूत पर ले जाकर उस पर घुमाने लगा।
चूत पर हाथ लगते ही भाभी थोड़ा हिल गईं, पर किस करना बंद नहीं किया।

मैंने भाभी की चूत को एक बार मुट्ठी में भींच दिया।
फिर थोड़ी देर बाद हर जगह उंगलियाँ घुमाकर महसूस करने लगा।

भाभी थोड़ा कसमसा रही थीं।

भाभी अपना हाथ मेरे लिंग पर घुमाने लगी।

ऐसे ही दो मिनट ही हुए थे उनकी चूत पर हाथ घुमाते हुए कि उनका खड़ा रहना मुश्किल हो गया।
वो बहुत ज़्यादा कसमसा रही थीं।

मैंने भी उन्हें समझते हुए बेड पर लिटा दिया।
उनकी साँसें बुरी तरह चल रही थीं, आँखें बंद थीं और छाती ऊपर-नीचे हो रही थी।
मैं उनके ऊपर गया, पर अपना वज़न उन पर आने नहीं दिया।

मैंने उनके गाल, आँखें और पूरे चेहरे पर किस करना शुरू कर दिया।

कपड़ों के ऊपर से ही स्तन पर हाथ घुमाते हुए, गले पर, कान की लोब पर, हर जगह किस करता रहा।

भाभी मेरी पीठ पर, मेरे सिर पर हाथ घुमा रही थीं।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, तो मैंने उनकी टी-शर्ट उठानी शुरू की।
उन्होंने भी मेरा साथ दिया और टी-शर्ट निकाल दी।

मैंने ब्रा में किसी औरत को इतनी नज़दीक से पहली बार देखा था तो मैं उन्हें थोड़ी देर निहारने लगा।

वो आँखें बंद किए लेटी थीं।

मैंने गले के पास उँगली रखी और घुमाते हुए स्तन की घाटी में फिराई।
भाभी ने बेड की चादर को मुट्ठी में पकड़ लिया और ज़ोर की साँस ली।

मैंने धीरे से ब्रा के ऊपर से स्तन पर हाथ घुमाया।

अब मैंने स्तन की दरार में मुँह लगाया और किस करना शुरू कर दिया।

भाभी अपना हाथ मेरे सिर के पीछे लाईं और बालों में हाथ घुमाने लगीं।
फिर मेरे सिर को हाथों से अपने उरोजों पर दबाने लगीं।

मैंने हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोल दिया।
मैंने किस करना बंद किया और ब्रा को हटाया।

वाह, क्या नज़ारा था! बेदाग, गोरा शरीर, मेरे मसलने से लाल हुए स्तन, उन पर हल्की भूरी चूचियाँ, नीचे सपाट पेट और उस पर गहरी छोटी नाभि।

क्या करूँ, समझ में ही नहीं आ रहा था।
मैं तो देखता ही रह गया।

मैंने धीरे से हाथ बढ़ाया और एक उँगली निपल के पास रखी और प्यार से निपल के आसपास घूमने लगा।
भाभी उत्तेजित हो उठीं और मुझे पूरे ज़ोर से किस करने लगीं।

मैं दोनों हाथों से दोनों उरोज पकड़े और दबाने लगा।
भाभी ने मेरा मुँह दोनों हाथों से जकड़ा हुआ था।

मैंने एक हाथ पायजामे के ऊपर से ही चूत पर रख दिया और घुमाने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने चूत पर से हाथ हटाकर पेट पर घुमाना शुरू किया।
एक हाथ पहले से ही उरोजों को दबाए जा रहा था।

पेट पर हाथ घुमाते हुए नाभि के पास ले जाकर एक उँगली से नाभि कुरेदना शुरू किया।

मैंने थोड़ी देर बाद हाथ नाभि से हटाकर पायजामे में डालना शुरू किया।
थोड़ा नीचे जाते ही कड़क-कड़क छोटे-छोटे बाल महसूस हुए।

थोड़ा और नीचे जाते ही एक दाने जैसा महसूस हुआ।

जैसे ही मैंने दाने को छुआ, भाभी के शरीर में एक झुरझुरी दौड़ गई।
भाभी का पूरा शरीर काँप गया।
उन्होंने अपने हाथ मेरे मुँह से हटाकर गले में कसकर बाँहें डालीं और किस और ज़ोर से करने लगीं।

मैंने पहली बार चूत को छुआ था, तो मैं उंगलियों से सब महसूस करने की कोशिश कर रहा था।
कभी चूत के होंठों को पकड़ता, कभी खींचता, कभी दाने को रगड़ता।

थोड़ी देर ऐसा करने के बाद एक उँगली के पास छेद महसूस हुआ।
मैंने अपनी बड़ी उँगली चूत के छेद में डाल दी।

भाभी ने कसकर दोनों पैर भींच लिए।
मैं वहीं रुक गया और किस करने में साथ देने लगा।

भाभी ने मेरा पूरा हाथ दोनों पैरों से जकड़ रखा था।
मुझे अपनी उँगली पर चूत की गर्मी महसूस हो रही थी और चूत काफी गीली भी थी।

थोड़ी देर बाद भाभी ने पैर ढीले छोड़े।
मैंने उँगली चूत में चलानी शुरू कर दी।

जैसे-जैसे उँगली चलाता, पानी निकल रहा था और चिकनाहट बढ़ती जा रही थी।

मैंने अपना मुँह छुड़ाया और फिर निपल मुँह में भर लिया।
मैंने एक जगह पढ़ा था कि ऐसे उँगली करने से ऑर्गेज़म जल्दी आता है।

भाभी ने अपनी गांड ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया जैसे कि वो चुद रही हों।

फिर अपना हाथ मेरे सिर पर रखकर उस उरोज पर दबा दिया।
मैंने दूसरी उँगली भी धीरे से चूत में उतार दी।

Xx भाभी ने कमर चलाने की स्पीड बढ़ा दी।
उनकी साँस फूलने लगी।

उनके मुँह से आवाज़ें आने लगीं, “आह आह, ऐसे ही, हाँ करते रहो, और तेज़, और तेज़, आह आह…”
और भी बहुत कुछ बोलने लगीं।
थोड़ी देर में चूत से झरना बहने लगा।

अचानक उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया।
मैंने हाथ चलाना बंद कर दिया।

ऐसे ही बीस-पच्चीस सेकंड भाभी ने मेरा हाथ पकड़े रखा, फिर मेरा हाथ चूत से निकाला और फिर छोड़ दिया।
वो आँखें बंद किए लेटी थीं।
भाभी अपने चरमोत्कर्ष का आनन्द ले रही थी.
मैं भी उनके सीने में सिर रखकर लेट गया और निपल पर हाथ घुमाने लगा।

थोड़ी देर बाद भाभी थोड़ी हिलीं।
मैंने उनकी ओर देखा, तो वो मुस्कुराईं और फिर मुझे किस करने लगीं।

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