सुनीता का इलाज़
Sunita ka Ilaaj
दोस्तो, मेरा नाम राज है, मैं हिसार (हरियाणा) का रहने वाला हूँ। सभी सेक्सी लड़कियों और भाभियों की मस्त चूतों को मेरे 7.5 इंच के लंड का सलाम!
मैं अन्तर्वासना का पिछले 3 सालो से नियमित पाठक हूँ, मैंने अन्तर्वासना डॉट कॉम की लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं।
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ, यह मेरी पहली कहानी है।
मैं एक फ़ार्मा कंपनी में मार्केटिंग की जॉब करता हूँ। हमारी गली में अगर कोई बीमार होता है तो सबसे पहले मुझसे सलाह लेता है और मैं उनको अपनी समझ से सैंपल की दवाईयाँ दे देता हूँ।
मेरे पड़ोस वाले घर में एक परिवार रहता है, अंकल आंटी और उनका छोटा बेटा नीचे के पोरशन में रहते हैं, उनका बड़ा बेटा, जिसकी 6 महीने पहले शादी हुई है वो ऊपर के कमरे में रहता है। उसका नाम प्रमोद है, वो किसी दुकान पर काम करता है। वो सुबह 9 बजे घर से जाता है ओर रात को 8 बजे वापिस घर आता है।
उसकी बीवी का नाम सुनीता है, सुनीता लगभग 23 साल की जवान ओर बहुत खूबसूरत लड़की है। जबसे उसकी शादी हुई है तब से मोहल्ले के सभी लड़के उस पर लाइन मारने लगे हैं।
उसके चूचे 34, कमर 26 ओर चूतड़ 36 इंच के हैं। जब वो चलती है तब उसकी चूचियाँ उपर नीचे होकर सब लड़कों के दिलों को जलाती हैं।
मोहल्ले का हर लड़का उसको एक नज़र देखने को तरसता है। ऐसे में मेरी किस्मत बहुत अच्छी है क्यूंकि मैं उसका पड़ोसी हूँ और मैं भी ऊपर वाले कमरे में रहता हूँ।
मैंने कई बार उसके शर्ट में से उसके चूचे देखे हैं जब वो झुक कर अपने घर का कुछ काम करती है।
जब वो मुझे देखती है तो जानबूझ कर झुक झुक कर काम करती है।
पड़ोस में रहने के कारण मेरी कभी कभी उससे बात हो जाया करती थी।
एक दिन सुनीता बीमार हो गई, उसको चक्कर आने लगे और वो काम करते करते गिर गई।
आंटी ने मुझे बुलाया ओर उसकी तबीयत के बारे में बताया।
मैंने उसको कुछ दवाई दी, आराम करने के लिए कहा और अपने घर आ गया।
थोड़ी देर में आंटी ने मुझे फिर से बुलाया ओर कहा- सुनीता को उल्टियाँ आ रही हैं।
मैं सुनीता के पास गया ओर देखा कि सुनीता को उल्टी आने की फीलिंग हो रही है।
मैंने आंटी को थोड़ा गर्म पानी लाने को कहा और सुनीता के पास बैठ कर उसकी कमर मसलने लगा।
उसकी कमर मसलते हुए मुझे कुछ अजीब सा होने लगा।
उसकी ब्रा का हुक बार बार रुकावट बन रहा था।
इतने में आंटी पानी लेकर आई, मैंने सुनीता को दवाई दे दी ओर आराम करने को कहा।
मैं ना चाहते हुए भी घर वापिस आ गया।
अगले दिन मैंने सुनीता से उसका हाल पूछा तो उसने कहा- अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ, और होती भी क्यूँ ना, ट्रीटमेंट आपने जो किया है।
ऐसे ही कुछ दिन बीत गये और हमारी दोस्ती अच्छी हो गई।
एक दिन उसने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने कहा- उसकी तो शादी हो गई है।
तो उसने कहा- कोई बात नहीं, कोई नई गर्लफ्रेंड बना लो।
मैंने कहा- मैं तो बनाना चाहता हूँ पर सोचता हूँ कि उसको कैसे कहूँ?
तो वो बोली- हो सकता है कि वो लड़की भी तुमसे प्यार करती हो और तुम्हारे कहने की प्रतीक्षा कर रही हो।
फिर मैंने कुछ देर सोचा और उसको बोल दिया- क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?
वो शरमा कर अपने कमरे में भाग गई।
उसके बाद कुछ दिन तक हमारी कोई बात नहीं हुई, वो बस मुझे देख कर मुस्कुरा देती थी, मैं उसकी इसी मुस्कुराहट पर फिदा हो गया था।
फिर एक दिन वो अपने घर का काम निपटा कर ऊपर अपने कमरे में जा रही थी और मैं अपने कमरे के बाहर खड़ा था।
मैंने उसे आवाज़ दी, कहा- आज तो तुम बहुत सुंदर लग रही हो।
वो सच में उस दिन बहुत कमाल लग रही थी, उसने काले रंग की पटियाला सलवार और कुर्ता पहना हुआ था।
वो शरमा कर अपने कमरे में चली गई। मैंने हिम्मत करते हुए दीवार फांदी ओर उसके घर चला गया।
पहले मैंने सीढ़ियों के दरवाजे को बंद किया, फिर उसके कमरे में चला गया।
जाते ही मैंने उसको पीछे से अपने बाहों में जकड़ लिया।
उसकी तो जैसे साँसें ही रुक गई हों, वो कुछ बोल पाती कि उससे पहले मैंने उसको सीधा किया और अपने होंठ उसके रसभरे होंठों पर रख दिए।
वो मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी, मगर कुछ ही देर में वो भी मेरा साथ देने लगी।
उसने एकदम से मुझे पीछे हटाया ओर बोली- ये सब ठीक नही है, कोई देख लेगा तो क्या कहेगा?
मैंने उसको कहा- कोई नहीं देखेगा, मैंने तुम्हारे और हमारे घर की सीढ़ियों के दरवाजे बंद कर दिए हैं।
यह कहते हुए मैंने उसके कमरे का दरवाजा भी बंद कर दिया और उसको अपनी बाहों में भर कर उसके होंठ चूसने लगा।
मैंने उसको बोला- सुनीता आई लव यू !
वो बोली- आई लव यू टू राज! जबसे तुमने मेरी कमर मसली है, मैं तो तुम्हारी दीवानी हो गई हूँ।
मैंने धीरे धीरे उसके चूचे दबाने शुरू किए और वो सिसकारियाँ भरने लगी, गर्म होने लगी।
मैंने उसका कुर्ता उतार दिया और उसकी पटियाला सलवार का नाला खोल कर नीचे छोड़ दी।
मैं उसके बदन को देखता ही रह गया।
संगमरमर जैसे गोरे बदन पर काली ब्रा और प्यारी सी चूत पर गुलाबी रंग की पेंटी!
फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला ओर उसके नर्म और गर्म चूचों को ब्रा की कैद से आज़ाद कर दिया।
फिर मैंने उसकी पेंटी उतारी और उसको बेड पर लिटा दिया।
वो शर्म के मारे लाल हो रही थी।
मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और उसके उपर लेट गया।
मैंने उसको सिर से लेकर पैर तक चूसा-चूमा।
वो बस मदहोश होकर सिसकारियाँ भरती रही, फिर हम 69 पोज़िशन में आ गये, वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।
कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गये।
फिर थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड हाथ में लिया और हिलाने लगी।
मैं भी उसकी चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था। जब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया तब वो बोली- अब मत सताओ, बुझा दो मेरी प्यास, बना लो मुझे अपनी गर्लफ्रेंड, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में!
मैंने मौके की नज़ाकत को समझते हुए उसकी चूत पर अपना लंड रखा और रगड़ने लगा। वो एकदम मस्त होती जा रही थी और उसके मुख से कामुक आवाज़ें आ रही थी। मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में पूरा घुसा दिया।
उसको थोड़ा सा दर्द भी हुआ।
फिर मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार तेज़ कर दी।
मैं- ले मेरी जान, ले मेरा लंड!
सुनीता- आई लव यू बाबू… आई लव यू राज… आहह… आहह…
मैं- ले मेरी रानी… तूने बहुत तंग किया है मुझे… ले साली मेरा लंड… आज मैंने तुझे अपनी बना ही लिया!
सुनीता- आहह… ओर ज़ोर से जानू… ओर ज़ोर से…
मैं- मेरी रानी, मैं आने वाला हूँ, कहाँ निकालूँ?
सुनीता- मेरी चूत में ही भर दो अपना माल, मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ।
मैंने उसकी चूत में अपना सारा माल डाल दिया और निढाल होकर उसके उपर ही लेट गया।
उस दिन मैंने उसको दो बार ओर चोदा।
फिर हमें जब भी मौका मिलता हम सेक्स करते।
अब मैंने उसके साथ 3 महीने से कुछ नहीं किया है, क्योंकि उसने अभी मेरे बेटे को जन्म दिया है।
अगली कहानी में मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने सामने वाली लड़की को चोदा।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल ज़रूर कीजिए।
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