सेक्स में सनक या पागलपन -3
(Sex Me Sanak Ya Pagalpan - Part 3)
अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को अरुण का नमस्ते!
इस लेख के पिछले दोनों भाग
सेक्स में सनक या पागलपन-1
सेक्स में सनक या पागलपन-2
मैंने कोई महीने भर पहले लिखे थे, पर इस भाग को लिखने में मुझे बहुत विलम्ब हो गया, वो सिर्फ इसलिए कि मैंने कहा था के ये भाग में अन्तर्वासना के पाठक पाठिकाओं के स्वानुभूत अनुभवों के आधार पर ही लिखूँगा।
और मेरे पास अन्तर्वासना के पाठक पाठिकाओं के मेल आते ही चले गए अजीबोगरीब, कुछ बेहद ही गंदे, कुछ बहुत ही गलत जो नहीं होने चाहिए, कुछ बहुत ही मज़ेदार मज़ाकिया और साहसिक कामुक प्रदर्शन वाले!
तो दोस्तो, इस बार कोई एक लंबा किस्सा तो नहीं है बल्कि अन्तर्वासना के पाठक पाठिकाओं के भेजे हुए मेल का संकलन जैसा है, जिसे मैं अपने अंदाज़ में लिखने की कोशिश कर रहा हूँ।
एक युवती ने लिखा है कि उसके पति को महिलाओं के अंतःवस्त्रों को लेकर अज़ब सा पागलपन है।
वैसे तो अधिकतर पुरुष महिलाओं के अंतःवस्त्रों के दीवाने होते हैं, और शायद इसलिए महिलाओं के अंतःवस्त्र बनाने वाली कम्पनियाँ महिला की योनि और उसके उरोजों के सार सम्भाल सहूलियत के डिज़ाइन वाले लेडीज़ अंडरगार्मेंट्स बनाते समय उनका सेक्सी लुक भी हो और वो मर्दों को पसंद आये इस बात कभी बहुत ख्याल रखते हैं।
बहरहाल वो युवती लिखती है कि उसके पति अलग अलग लड़कियों की चड्डी को चुरा लेते हैं, उनमें अधिकतर उनकी रिश्तेदार लड़कियों, महिलाओं, बहन, बुआ, मौसी, साली या फिर पड़ोसन की चड्डियाँ होती हैं।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
फिर सम्भोग के दौरान किये जाने वाली यौन क्रीड़ाओं में उन चड्डियों को अपने पूरे नंगे बदन पर बिखरा कर रखते हैं, किसी चड्डी की टोपी जैसे पहन लेते हैं, किसी को गर्दन में लटका लेते हैं, और फिर मुझे उस औरत का नाम लेकर उसकी चड्डी पकड़ा देते हैं और फिर मैं उस औरत (जो उनकी रिश्तेदार ही होती है) की चड्डी से अपने पति के लण्ड को सहलाती हूँ, उस पर मसलती हूँ, कभी कभी बहुत कस के उनके लण्ड को बांधना भी पड़ता है, और किसी अन्य चड्डी से उनके पूरे बदन को सहलाना भी पड़ता है।
इन सब हरकतों से वो जबरदस्त उत्तेजित हो जाते हैं, उनका लण्ड फौलाद जैसा हो जाता है एकदम गर्म्…
मुझे उनकी ऐसी हालत बहुत अच्छी लगती है क्योंकि कामुकता के उनके इस तूफ़ान का मज़ा अंततः मुझे ही मिलता है, वो मुझे ज़बरदस्त चोदते हैं, वो भी भरपूर प्यार के साथ…
इसलिए अब मैं भी उनके इस चड्डी चोर काम में शामिल हो गई हूँ, मैं अपनी बहन, अपनी माँ की पुरानी चड्डी और अपनी कुछ ख़ास सहेलियों की चड्डी ले आई हूँ जिसे मैं उनका नाम ले ले कर अपने पति पर इस्तेमाल करती हूँ।
एक और मज़ेदार बात… जब भी वो टूर पर जाते हैं, अपने साथ कुछ चड्डियाँ भी लेकर जाते हैं, क्योंकि वो हस्तमैथुन भी किसी की चड्डी से अपने लण्ड को रगड़ रगड़ कर ही करते हैं।
और किसी की चड्डी को मुंह में ठूसना या सूंघना तो आम बात है, कभी कभी तो मुझे कोई थोंग (बहुत ही छोटी चड्डी) उनकी गुदा में भी घुसानी पड़ती है।
कुल मिला कर लेडीज़ पेंटी, कच्छियाँ, हमारे सेक्स का एक अहम हिस्सा बन चुकी है, यही हमारे सेक्स टॉयज है।
तो दोस्तो, इस युवती के पति की ऐसी सनक को हम क्या कहें?
चलिए दोस्तो, यह चड्डी तो निष्प्राण वस्तु है, एक अन्य लड़की ने लिखा है कि उसका लगभग एक साल का बेटा है और बहुत ही शरारती उछल कूद करने वाला… उसके पति अपने बेटे की मौजूदगी में सेक्स में मज़े लेने लगे है, इस बात को लेकर मेरा उनसे बहुत झगड़ा भी होता है लेकिन वो मानते ही नहीं है।
वैसे वो बहुत अच्छे हैं, केयरिंग हैं लेकिन उनकी यह सनक अजीब सी है।
हम दोनों निर्वस्त्र होते हैं, चूमाचाटी में लगे होते हैं और हमारा बेटा भी हमारे नंगे बदन पर लोटपोट होता रहता है, उसके नाज़ुक नाज़ुक हाथों से मुझे अपने अंगों पर बहुत गुदगुदी भी होती है, पर क्या करूँ !
पागल हो गए हैं मेरे पति!
जब बेटे को दूध पिलाती हूँ तो मेरे पति मुझे पूरी नंगी कर देते हैं और फिर खुद भी दूसरे निप्पल से मेरा दूध पीते हैं, मुझे चूसते रहते हैं, और इन सब हरकतों से उन्हें गज़ब उत्तेजना मिलती है, यहाँ तक कि कई बार तो चुदाई के समय जब वो मुझे ऊपर नीचे ऊपर नीचे कर के पेल रहे होते है तब वो उनकी पीठ पर सवार होकर हिचकोलों का झूला झूलता है।
तो दोस्तो, सेक्स में सनक या पागलपन की कोई सीमा ही नहीं है।
कुछ और बातों का जिक्र आगे करूँगा अभी आज के लिए इतना ही!
आप लोग मुझे मेल करते रहिये, मेरा वाट्सएप्प नंबर मुझे मेल करके मालूम कर सकते हैं, कुछ पाठक पाठिकाओं ने मुझसे मेरा शहर जानना चाहा है, तो दोस्तो, मैं जयपुर से हूँ।
मेरा मेल आई डी है
[email protected]
आपका अरुण, जयपुर
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