रीमा की चूत में मोनू भाई का लंड-2

(Rima Ki Chut Me Monu Bhai Ka Lund- Part 2)

Antarvasna 2016-10-11 Comments

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अब तक आपने पढ़ा..

मोनू को मैं नंगा करके उसका लण्ड अपने मुँह में भर लिया था।

पहली बार अपना लौड़ा किसी लड़की से चुसवाने के कारण मोनू की आनन्द के अतिरेक से तेज आवाज निकलने लगी.. जिससे मैंने उसको रोका।

अब आगे..

मोनू बोला- सॉरी.. लेकिन मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं खुद को रोक ना सका।

मैं मुस्करा दी और उसकी तरफ देख कर आँख मारी..

मोनू बोला- प्लीज़ रीमा दीदी, मेरा लंड फिर से मुँह में ले लीजिए।

पहली बार मोनू के मुँह से लंड शब्द सुन कर मैं हँस पड़ी।
उसके लंड में से प्री-कम की बूँदें निकल आई थीं।

मैंने अपने होंठों को सिकोड़ कर प्री-कम पी लिया और सुपारा फिर से मेरे मुँह के अन्दर लेकर पहले की तरह जीभ फिराने लगी।

मोनू पहली बार किसी खूबसूरत औरत से लंड चुसवा कर बहुत उत्तेजित हो रहा था।
अचानक उसने अपने चूतड़ नीचे से उठा दिए। इससे उसका आधे से ज्यादा लंड मेरे मुँह में चला गया।
मेरे गले तक पहुँच गया।

मोनू धीरे-धीरे बोलने लगा- प्लीज़ रीमा दीदी चूसिए.. ज़ोर से.. जोर से.. प्लीज़ आहह ओह अहहा.. बहुत मज़ा आ रहा है.. आप बहुत अच्छी हैं रीमा दीदी.. प्लीज़ ज़ोर से.. और ज़ोर से.. आह आह आह ह..

मुझे लगा कि कहीं जोश में आ कर मोनू मेरे मुँह में ना झड़ जाए, इसलिए मैंने लंड मुँह से बाहर कर दिया।

मोनू तड़फ़ कर बोला- ओह रीमा दीदी, मुँह से लंड बाहर क्यों निकाल दिया?
मैंने कहा- अब मेरी बारी.. तू अब मुझे मज़े दे।
मैंने अपनी मैक्सी उतार दी।

मोनू आँखें फाड़-फाड़ कर मुझे देखने लगा और बोला- रीमा दीदी आप तो एकदम मॉडल जैसी सुन्दर लग रही हैं। फिर मैंने ब्रा निकाल दी.. मेरी चूचियाँ उछल कर बाहर आ गईं।

मेरी चूचियाँ ज्यादा बड़ी नहीं हैं.. लेकिन एकदम सख्त हैं।
मोनू ने कहा- दीदी मैं इन्हें छू कर देख लूँ?
मैंने हँस कर कहा- तेरे लिए ही तो मैं नंगी हो रही हूँ।

मोनू खुश हो कर चूचियों से खेलने लगा, उसने अचानक से एक चूची मुँह में ले ली।

मुझे बड़ा मज़ा आने लगा.. मेरी चूत पानी छोड़ने लगी।
आख़िर कई महीनों से मैं सेक्स के लिए तड़फ़ रही थी और मोनू का लंड देख कर मैं पागल सी हो गई थी।
मैंने मोनू से कहा- अब तू दूसरी चूची भी चूस न।

वो वैसा ही करने लगा.. मोनू का मोटा लंड उत्तेजना के कारण ऊपर-नीचे हो रहा था।

चूत में लंड

मैंने सोच लिया था कि चाहे कुछ हो जाए आज तो पूरा लंड चूत में डलवाना ही है। मैंने मोनू को रोका और अपनी चड्डी उतारने लगी।

मोनू बोला- आपकी चड्डी बहुत बड़ी है।
मैंने हँसते हुए कहा- तेरा लंड बड़ा है, मेरे चूतड़ बड़े हैं।

मोनू बोला- रीमा दीदी क्या सचमुच आपको मेरा लंड बड़ा लग रहा है।
मैंने कहा- हाँ इतना मोटा और बड़ा लंड तो मैंने सिर्फ़ ब्लू-फिल्म में ही देखा है।
अब मैंने अपनी चड्डी निकाल दी।

मोनू कहने लगा- आपके चूतड़ तो बहुत बड़े और गोल हैं, एकदम गोरे हैं।
वाकयी मेरे चूतड़ काफ़ी बड़े हैं और बाहर की तरफ निकले हुए हैं।
मैं हंसने लगी।

अब मैं पूरी नंगी हो चुकी थी।
मोनू आँखें फाड़-फाड़ कर कर मेरे गोरे बदन को देख रहा था। उसकी हालत देख कर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

मैं लेट गई और अपनी टाँगें चौड़ी करके कहा- मोनू अच्छी तरह से देख ले मेरी चूत को।
मोनू हैरानी से देखने लगा।

मैंने पूछा- छेद दिख रहा है?
वो बोला- हाँ.. एक बिल्कुल छोटा सा छेद है।
मैंने कहा- इसी में तेरा लंड जाएगा।

मोनू बोल पड़ा- लेकिन यह तो बहुत छोटा है।
मैंने कहा- कई महीनों से मैंने सेक्स नहीं किया है न.. इसलिए छेद सिकुड़ गया है। छेद से थोड़ा ऊपर एक आधा सेंटीमीटर का लम्बा दाना दिख रहा है?
मोनू बोला- हाँ…

मैंने कहा- यह मेरा लंड है।
वो बोला- वो कैसे?
मैंने कहा- इसे भगनासा कहते हैं.. यह औरत का लंड होता है। जब तू इसे चाटेगा, तो यह भी तेरे लंड की तरह खड़ा हो जाएगा। चल तू अब अपनी जीभ से मेरी चूत को चाट।

मोनू तुरंत चूत की तरफ झुका और एकदम से बोल पड़ा- रीमा दीदी इसमें से तो बहुत अच्छी खुशबू आ रही है।
मोनू ने अपनी जीभ मेरी चूत पर टिका दी और बोला- इसका स्वाद तो नमकीन है.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

वो मजे से मेरी चूत को चाटने लगा।

मैंने महीनों बाद अपनी चूत चटवाई थी सो मुझे आनन्द आने लगा।
मैंने मोनू के बाल पकड़ लिए और बोली- शाबाश मोनू.. ज़ोर-ज़ोर से चाट.. आह्ह.. शाबाश..
मैं अपने चूतड़ों को ऊपर उठाने लगी ‘आह आह.. ओह मोनू.. ऐसे ही लगा रह.. आह आह.. ऊई माँआ.. आह मोनू तू बहुत अच्छी तरह से चूत चाट रहा है.. आह आह.. मोनू मेरे लंड को चाट!

मोनू समझ गया और मेरे भगनासा को चाटने लगा।
भगनासा लंड की तरह खड़ा हो गया।
मेरा भगनासा उत्तेजित होने पर लगभग एक सेंटीमीटर लम्बा हो जाता है।

मोनू बोल पड़ा- रीमा दीदी यह तो बिल्कुल लंड की तरह खड़ा हो गया है और कांप रहा है।
मैंने कहा- अपने होंठों से इसे कसके पकड़ और चूस।

मोनू तुरंत समझ गया। मैं अपने बड़े-बड़े चूतड़ों को ऊपर उठा-उठा कर अपने लंड से मोनू का मुँह चोदने लगी। मैं तो एकदम मदहोश हो गई।

‘आह आह.. आह मोनू.. तू बहुत अच्छा लड़का है.. शाबाश ऐसे ही चूसता रह.. आह आह.. ओह बहुत मज़ा आ रहा है.. बस मैं झड़ने वाली हूँ.. मोनू ज़ोर से चूस आह.. आह बस मैं जाने वाली हूँ.. ओह मोनू आह आह.. गई मैं गई.. मोनू यस आह.. माय गॉड.. ओह माय गॉड.. मैं गई.. अहह..’

इस तरह मैं महीनों के बाद जोरों से झड़ गई।
फिर मैंने उठ कर मोनू के होंठों पर किस किया। मेरी चूत की खुशबू उसके मुँह से आ रही थी।

मोनू बोला- रीमा दीदी क्या मैंने आपको ठीक से मज़ा दिया।
मैं हँस कर बोली- हाँ.. तू तो एक्सपर्ट हो गया है।
फिर इसी तरह हम एक-दूसरे को किस करते रहे।

थोड़ी देर बाद मैंने कहा- मोनू चल अब तू मुझे चोद!
अब मैंने अपने टाँगें चौड़ी करते हुए कहा- चल अपने मोटा लंड मेरी चूत में डाल दे।

मोनू मेरी टांगों के बीच आ गया और अपना लंड जैसे ही मेरी चूत पर टिकाया.. हम दोनों की ‘आह’ निकल गई।
मैंने कहा- मोनू थोड़ा ज़ोर लगा..

लेकिन उसका मोटा लंड मेरी छोटी सी चूत में जा ही नहीं रहा था।
मोनू बोला- रीमा दीदी आपका छेद बहुत छोटा सा है।

सच में मोनू का लंड मोटा बहुत था और मेरी चूत का छेद बहुत छोटा था। मोनू बार-बार घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन लंड फिसल जाता था।

मैं बेचैन हो गई और बोली- चल.. तू लेट जा.. मैं तुझे चोदती हूँ।

मैंने उसके लंड पर ढेर सारा थूक लगा दिया। थोड़ा थूक मैंने अपनी चूत पर भी लगाया। अपनी टाँगें मोनू के चूतड़ों के अगल-बगल की और उसका लंड अपनी चूत पर लगा दिया..

तभी मोनू उछल पड़ा।
‘क्या हुआ?’ मैंने पूछा।
वो शरमाते हुए बोला- आपकी चूत बहुत गरम है।

मैं मुस्कराई और धीरे-धीरे लंड पर बैठने लगी.. लेकिन तब भी लंड अन्दर जा नहीं रहा था।
‘मोनू तेरा लंड बहुत मोटा है..’ मैं बोली।

मैं फिर से मोनू के लंड पर बैठ गई और ज़ोर से धक्का लगाया।
मेरी चीख निकल गई.. मोनू घबरा कर बोला- क्या हुआ.. रीमा दीदी?
मैंने कहा- तेरा सुपारा अन्दर चला गया है.. माय गॉड तेरा सुपारा बहुत मोटा है। सुपारा अन्दर जाकर अटक गया है।

मैंने उसके सुपारे को चूत में ही फँसा रहने दिया। सच में मेरी तो जान सी निकल गई। मेरे मोटे चूतड़ 6 इंच हवा में ऊपर उठ गए थे।
फिर हिम्मत करके मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए, मुझे दर्द के साथ मजा आने लगा।
करीब तीन इंच लंड अन्दर चला गया था। मुझे लग रहा था कि जैसे कोई मूसल मेरी चूत में घुस रहा हो।

उधर मोनू आँखें बंद कर सिसकारियां ले रहा था ‘ओह रीमा दीदी.. आपने यह क्या कर दिया है.. बहुत मज़ा आ रहा है।’

उसकी बातों से मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई, मैंने पूरा ज़ोर लगा कर एक ज़ोर से धक्का लगाया।
इसके साथ ही मेरी ज़ोर की चीख कमरे में गूँजी। उसका मूसल लंड, पूरे का पूरा मेरी चूत में घुस गया था।

मोनू बोला- क्या हुआ आप इतनी ज़ोर से क्यों चीखीं?
मैंने कहा- तेरा लंड इतना मोटा और लंबा है कि मेरी तो जान निकल गई।

थोड़ा आराम मिलने के बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए।
अब मुझे बड़ा मज़ा आने लगा। मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, मेरे बड़े-बड़े गोरे-गोरे चूतड़ 6 इंच ऊपर-नीचे होने लगे।

मैंने कहा- मोनू दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को पकड़ ले और ऊपर-नीचे कर।

मैंने घूम कर ड्रेसिंग टेबल के आईने में देखा तो मेरी साँस रुक गई।
मेरी चूत का छेद बहुत चौड़ा हो गया था और उसमें मोनू का मोटा सा लंड फंसा हुआ था।

मैं जन्नत में सैर करने लगी और मैंने पूछा- मोनू कैसा लग रहा है.. अपनी रीमा दीदी को चोदते हुए?
‘बड़ा मज़ा आ रहा है..’ मोनू बोला।

मैं झुक कर उसके होंठों पर और गर्दन पर किस करने लगी। मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगी। थोड़ी देर बाद मेरी चूत सिकुड़ने लगी और मोनू के मोटे लंड को कसने लगी।

अचानक मोनू मेरे कान में धीरे से बोला- रीमा दीदी.. मेरा निकलने वाला है।
मैंने कहा- मैं भी झड़ने वाली हूँ।

मेरी चूत ने मोनू के लंड को बुरी तरह से जकड़ लिया।

मैं बोली- मोनू मेरी चूत में छोड़ दे पिचकारी.. अपने चूतड़ को ऊपर उठा ले और मार पिचकारी.. शाबाश मोनू।
मोनू ने अपने चूतड़ ऊपर उठाए और ज़ोर से चिल्लाया- आह्ह.. रीमा दीदी मैं गया.. और उसने एक जोरदार पिचकारी मेरी चूत में मार दी।

मैंने मोनू का गर्म-गर्म वीर्य अपने प्यासी चूत में महसूस किया। उसके बाद रुक-रुक कर उसके लंड ने चार-पाँच बार पिचकारी मारी।

मेरी आँखें बंद हो गईं और ज़ोर-ज़ोर से चीखते हुए बोली- आह्ह.. मोनू.. मैं भी जा रही हूँ.. आह ओह आहा ऊउ माँआ.. मैं गई.. ओह ओह.. बस बस.. गई ओह मोनू.. तूने तो आज अपनी रीमा दीदी को जन्नत की सैर करा दी.. मैं आने वाली हूँ ओह.. ओह आहा ओईए माँ ओईईए माँ ओह अहह.. मैं गई मोनू..’

मैंने मोनू को कस कर दबोच लिया और झड़ गई।
कई मिनट तक मैंने मोनू का लंड चूत में ही रहने दिया।

जैसे ही मैंने अपने चूतड़ ऊपर किए.. लंड चूत में से बाहर निकल गया और मेरी चूत में से वीर्य निकल कर मोनू की झांटों में गिर गया।

मैं हैरान रह गई कि इतना सारा वीर्य!
मैंने पूछा- मोनू, तूने कबसे मुठ नहीं मारी थी?

मोनू बोला- करीबन एक महीने से..
‘ओह तभी तेरा इतना वीर्य निकला..’ मैंने उसे किस किया और कहा- आज तूने मुझे बहुत मज़ा दिया।

मोनू बोला- रीमा दीदी अपने भी तो मुझे इतना मज़ा दिया.. जिसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था।
मैं हँसी और कहा- बाथरूम में हेयर रिमूवर पड़ा है.. कल तू नहाने से पहले अपनी झांटें साफ कर लेना।

उसके बाद हम दोनों बाथरूम में जा कर फ्रेश हुए और सो गए।
हम दोनों सुबह देर तक सोते रहे।

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