रैगिंग ने रंडी बना दिया-38

(Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 38)

पिंकी सेन 2017-10-04 Comments

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अब तक की इस हिंदी सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि संजय ने पूजा की चुदाई के बाद उसको चलने में दिक्कत को लेकर समझा दिया था कि कह देना कि स्कूल में गिर गई थी.
अब आगे..

संजय ने झूठा नाटक किया, तब उसकी मॉम ने बता दिया कि सब ठीक है उसकी माँ ने उसके पैर पर दर्द की ट्यूब लगा दी है.

उसके बाद इधर-उधर की बातें करने के बाद संजय खाना ख़त्म करके ऊपर चला गया और रोज की तरह पूजा भी पढ़ाई के बहाने ऊपर चली गई. जब सब सो गए तो संजय ने पूजा को दवा दे दी और अपने हाथ से उसकी सूजी हुई चुत पे मलहम लगा दी.
यहाँ भी ऐसा कोई खास सीन नहीं हुआ. ये दोनों भी थके हुए थे तो सो गए.

उधर मोना दोपहर तक घर पहुँच गई थी गोपाल ने बाहर से खाना मंगवा रखा था दोनों ने साथ लंच किया, फिर रूम में जाकर बैठ गए.
गोपाल- क्यों मेरी जान मेरे बिना वहाँ तू बड़ी बेचैन रही होगी ना?
मोना- हाँ गोपाल, आपकी बहुत याद आती थी.. पूछो मत मेरा क्या हाल था!
गोपाल- अच्छा ये बात है.. चल आज तुझे बेचैनी से मुक्त कर देता हूँ.. तेरी चुत प्यासी होगी ना!
मोना- नहीं गोपाल मैं बहुत थकी हुई हूँ मुझे सोना है.
गोपाल- क्या बात कर रही हो.. तुम मना कर रही हो, मुझे यकीन नहीं होता!
मोना- उस दिन की बात तुम भूल गए.. मैं नहीं भूली गोपाल!
गोपाल- अरे यार उस दिन में गुस्से में था सॉरी यार ग़लती हो गई.
मोना- नहीं गोपाल तुमने मुझे रंडी कहा था.. कैसे भूल जाऊं मैं?

गोपाल ने मोना को अपने से लिपटा लिया और प्यार से माफी माँगी तो वो पिघल गई.
मोना- अच्छा माफ़ किया मगर दोबारा ऐसी बात मत कहना समझे.
गोपाल- ओके मेरी डार्लिंग नहीं कहूँगा अब तो मान जाओ, बहुत दिन हो गए मुझे भी तुम्हारी चुत की बहुत याद आई.
मोना- ओह अच्छा ये बात है तो मेरे प्यारे पति देव आज सच में थकान बहुत है, फिर चुत भी क्लीन नहीं है कल सुबह जब आप वापिस आओगे, तब करेंगे.
गोपाल- तुम ही तो कहती हो चुदाई से थकान दूर हो जाती है फिर मना क्यों कर रही हो.. मान जाओ ना!
मोना- अरे आप इतने बेसब्र क्यों हो? यदि चाहो तो आपका लंड चूस कर पानी निकाल देती हूँ मगर चुदाई कल ही करेंगे.
गोपाल- तुम बहुत जिद्दी हो.. मानोगी नहीं, रहने दो अब कल ही लंड को चूसना, चलो सो जाओ. मैं भी सुबह ठीक से नहीं सोया था, अभी सो जाता हूँ. आज शाम को जल्दी जाना है एक अर्जेंट काम है, उसके बाद जॉब पे भी जाना है.. तो सोने में ही भलाई है.

दोनों आराम से चिपक कर सो गए. गोपाल तो थोड़ी देर में सो गया मगर मोना को टेंशन में नींद नहीं आ रही थी. काका ने उसकी चुत का भोसड़ा बना दिया था अगर अभी वो गोपाल से चुदवाती तो उसको पता लग जाता और दूसरी टेंशन साधु वाली बात की थी. बस ये सब सोचते हुए वो भी सो गई.

करीब 5 बजे गोपाल रेडी होकर निकल गया तब मोना ने अपनी फ्रेंड मीना को कॉल किया और उसे घर आने को कहा.

दोस्तो, आपसे माफी चाहती हूँ.. मैंने मीना के बारे में आपको नहीं बताया. आपको याद होगा जब गाँव जाने के पहले गोपाल और मोना का झगड़ा हुआ था, ये उसी दिन मोना से मिलने आई थी. यदि एक बार थोड़ा सा पीछे चलकर देख लो ताकि अच्छे से कहानी समझ आ जाएगी.

गोपाल ने गुस्से में जो कहा उसे सुनकर मोना का पारा सर पे चढ़ गया. एक तो वैसे ही सेक्स उसके दिमाग़ में चढ़ा हुआ था, ऊपर से ये बातें उसको बहुत बुरी लगीं. वो गोपाल से बुरी तरह झगड़ने लग गई और गोपाल भी गुस्से में था तो उसने भी ना जाने क्या से क्या बोल दिया. उसके बाद गोपाल ने कपड़े पहने और घर से बाहर निकल गया.

मोना वहीं बैठी देर तक रोती रही.

थोड़ी देर बाद घर की घंटी बजी तो मोना को होश आया. वो उठी अपने कपड़े पहने, बाल वगैरह ठीक किए और मेन गेट खोलने चली गई.
जैसे ही मोना ने गेट खोला, उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई क्योंकि उसके सामने उसकी खास सहेली मीना थी.

मीना की उम्र 22 साल थी.. दिखने में ठीक-ठाक सी है. उसकी शादी को 2 साल हो गए हैं. ये अक्सर मोना से मिलती है मगर कुछ महीने ये पति के साथ घूमने गई थी.. और आज ही वापस आई थी.

मोना- अरे मीना तू.. क्या बात है आज ऐसे अचानक कैसे? वो भी इतने महीनों के बाद?
मीना- अब सारी बात यहीं बताऊं या अन्दर भी बुलाएगी?

मोना और मीना अन्दर आ गए और मीना ने मोना को देखते ही पहचान लिया कि वो अभी रोई हुई है, उसकी आँखें सूजी हुई थीं.
मीना- ये क्या हाल बना रखा है तूने.. और तेरी आँखें सूजी हुई क्यों हैं? जीजू से झगड़ा हुआ क्या?
मोना- अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है.. मैं सोई हुई थी ना तो बस!

मीना ने बहुत ज़िद की, तब कहीं जाकर मोना ने अपनी सारी कहानी उसको सुनाई और फूट-फूट कर रोने लगी.
मीना- अरे यार प्लीज़ रो मत.. ये मर्द साले ऐसे ही होते हैं, अपना मतलब निकल जाए बस उसके बाद औरत क्या चाहती है, ये ज़रा भी नहीं सोचते और गोपाल को ज़रा भी शर्म नहीं आई तुमको रंडी कहा उसने..! छी: घिन आती है ऐसे आदमी से..

मीना की बात सुनकर मोना को तसल्ली मिल रही थी.

मोना- यार तू मुझे जानती है ना.. मैंने कभी कुछ ग़लत काम नहीं किया और गोपाल ने मुझे क्या बना दिया?
मीना- हाँ यार तू तो शुरू से ही बहुत सीधी है, कॉलेज में भी तूने कभी ब्वॉयफ्रेंड तक नहीं बनाया.
मोना- उसी बात का पछतावा है मीना.. अगर उस टाइम लाइफ के मज़े ले लेती तो आज रोना नहीं पड़ता.

मीना- यार एक बात समझ नहीं आ रही, तू तो बड़ी सीधी है फिर तुझमें इतना सेक्स कहाँ से आया, जो तेरी प्यास मिटती ही नहीं?
मोना- ये सब भी गोपाल ने किया है.. शादी की रात उसने पॉवर वाली गोली ली थी. मेरी सील तोड़ने के बाद पता है 5 बार उसने सेक्स किया था..! मैं रोती रही, चिल्लाती रही, मगर पूरी रात उसने मेरी चुत को चोद-चोद के सुजा दिया था. इस पर भी उसका मन नहीं भरा.. वो एक महीने तक हर रात गोली लेता रहा और मेरी जमकर चुदाई करता रहा. अब तू ही बता मेरी शुरुआत ही ऐसे हुई थी. अब मुझे तो वैसी ही आदत पड़ गई और अब वो एक बार भी ठीक से नहीं करता तो मुझे आग लगी रहती है. मैं क्या करूँ कहाँ जाऊं.. उउउन उउऊँ.

मीना- अरे यार रो मत.. मेरी बात सुन, वो गोपाल बड़ा हरामी है, शुरू में तो उसने तेरे खूब मज़े लिए, अब अपना मतलब भर निकालता है.
मोना- कभी-कभी मन करता है कि मर ही जाऊं.
मीना- तू पागल हो गई क्या.. इतनी सी बात के लिए मरना चाहती है?
मोना- तुझे ये इतनी सी बात लगती है? मेरी लाइफ बर्बाद हो रही है.
मीना- अरे पागल जब तेरा पति तेरी प्यास ना बुझा पाए तो कोई दूसरा जुगाड़ कर ले ना!

मोना थोड़ी चौंकती हुई सवालिया नज़रों से मीना की तरफ़ देखने लगी.
मीना- चौंक मत मेरी जान.. तेरे यहाँ दूध वाला या पेपर वाला कोई तो हट्टा-कट्टा मर्द आता होगा.. उसको पटा ले ना.. तेरी प्यास भी मिट जाएगी और तेरा घर भी नहीं टूटेगा.
मोना- तू पागल है क्या.. ये कैसी गंदी बातें कर रही है.. किसी गैर मर्द के साथ? ना बाबा ना ये सोच कर ही मेरा तो मन घबरा गया.

मीना को पता था कि मोना शुरू से ही सीधी रही है, ये जल्दी मानेगी नहीं. उसने मोना को बड़े प्यार से विश्वास दिलाया कि ये सब आजकल फैशन बन गया है, कुछ औरतें तो बस शौकिया ये सब करती हैं, तेरी तो मजबूरी है.

ऐसे ही बहुत सारी बातें मोना को उसने बताई तब जाकर वो मान गई.

मोना- यार तेरी बातों से जिस्म में गर्मी बढ़ गई है.. मगर ये दूध वाला सही नहीं होगा.. कोई और आइडिया बता मुझे जिससे किसी को पता ना लगे.. और दूसरी बात मैं किसी को कैसे कहूँ कि मेरे साथ चुदाई करो?
मीना- मेरी जान.. लड़की को कुछ करने की जरूरत नहीं होती, ये मर्द जात होती ही ऐसी है. अपने आप चुत की खुशबू लेते हुए तेरे पास आ जाएँगे समझी!
मोना- नहीं यार.. मुझे कुछ भी समझ नहीं आया.

मीना ने उसको कुछ टिप्स दिए जिसे सुनकर मोना के चेहरे पर ख़ुशी के भाव नज़र आने लगे.

मोना- मगर आज तो गोपाल के दादा जी की मौत हो गई है, अब कुछ दिनों के लिए गाँव जाना पड़ेगा. वहाँ से आकर ही तेरे ये आइडिया आजमाऊंगी.
मीना- अरे नहीं इससे अच्छा मौका तुझे कहाँ मिलेगा, ये गाँव के लोग जो होते हैं, ये शहर वालों से ज़्यादा मज़ा देते हैं. तुझसे अब क्या छुपाना जब में गाँव गई थी, मेरे पति के चाचा के बेटे यानि भाई ने ही मुझे दबोच लिया था.
मोना- क्या बात करती है.. फिर तूने क्या किया.. शोर मचाया क्या?
मीना- पागल है क्या.. ऐसा मौका कोई जाने देता है क्या.. बस थोड़ा सा नाटक किया मैंने.. उसके बाद मान गई. यार सच में क्या मोटा लौड़ा था उसका.. सारी जिंदगी ढूंढती तब भी ना मिलता. मैंने तो एक हफ्ते तक उसके लंड से पूरा मज़ा लिया.

मोना तो ये सुनकर सोच में पड़ गई कि इतने करीब के रिश्ते में भी ये सब होता है क्या?

मीना- अब देख तू गाँव जाए ना.. तो हो सकता है वहाँ तुझे भी ऐसा मौका मिल जाए, बस हाँ कह देना और लाइफ के मज़े लेना.

वो दोनों काफ़ी देर तक इसी टॉपिक पे बातें करती रहीं. मीना ने अपनी तरफ़ से जितना हो सका मोना को चुदने के लिए मना लिया, उसके बाद वो चली गई.

तो दोस्तो ये हुआ था उस दिन. उसके बाद गोपाल आया था और वो गाँव चले गए थे.

दरअसल ये पार्ट उसी दिन बताना था मगर कहानी भेजने के टाइम मुझसे ये ग़लती से रह गया था.. तो अब समझ आया आपको, चलो कहानी पे वापस आते हैं.

मोना भी नहा कर फ्रेश हो गई थी. उसके कॉल करने के आधे घंटे बाद मीना वहाँ आ गई थी.

मेरे प्यारे साथियो, आप मुझे मेरी सेक्स स्टोरी का आनन्द लें और कमेंट्स करें.

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हिंदी सेक्स स्टोरी जारी है.

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