दोस्त की भतीजी की सील पैक चूत मिली- 1
(Phone Sex Chat story)
मैंने अपनी दोस्त को फोन करके सेक्सी बातें शुरू कर दीं. बाद में पता चला कि वो कॉल किसी और ने उठाया था. इस चक्कर में एक सीलपैक चूत सेट हो गयी! कैसे?
नमस्कार दोस्तो. मेरा नाम विकी है. मैं फिर से अपनी एक और नई कहानी के साथ हाजिर हूं जो मेरे साथ ज्यादा दिन पहले नहीं घटी है। यह साल 2019 के सितंबर महीने की घटना है।
आपने मेरी पिछली कहानी
तन्हा चूत की प्यास लंड से बुझी
को खूब पसंद किया. उसके लिए मैं आप सभी पाठकों का दिल से धन्यवाद करता हूं.
इस बार भी मैं उम्मीद करता हूं कि आपको मेरी आज की ये फोन सेक्स चैट कहानी भी पसंद आयेगी और आपका भरपूर मनोरंजन होगा.
एक बात और कहना चाहता हूं कि आपके जो भी मेल मुझे प्राप्त होते हैं उनको पढ़कर बहुत अच्छा लगता है. आप इसी तरह अपना प्यार मुझे देते रहिए, इसी से मुझे आपके लिए कहानियां लिखने की प्रेरणा मिलती है.
दोस्तो, मेरी पिछली कहानियों की नायिकाओं के साथ कभी कभी फोन पर बात होती थी. समय समय पर मैं उनसे वार्तालाप करता रहता था ताकि नाता जुड़ा रहे और जरूरत पड़ने पर चूत मिल सके.
नॉर्मल बात करने के अलावा कभी कभी सेक्स चैट भी हो जाती थी. कई बार फोन सेक्स भी कर लिया करता था. सेक्स चैट के दौरान पता नहीं वो संतुष्ट हाती थीं या नहीं, लेकिन अगर उनको मजा आता था तो उसके बाद मैं उनसे पर्सनली मिलने जाया करता था.
इसी तरह मेरी पिछली कहानी की नायिका थी. उसका नाम मैं आफिया रख लेता हूँ.
वो अब दिल्ली शिफ्ट हो चुकी थी. अब जो भाई लोग दिल्ली में रहते हैं वो ये कतई न सोचें कि मैं आफिया का नम्बर आपको दूंगा.
मैं उसके लिए क्षमा चाहता हूं क्योंकि मैं ऐसे किसी की इजाजत के बगैर उसका कॉन्टेक्ट नम्बर आपको नहीं दे सकता हूं. यह किसी की प्राइवेसी का मामला है. इसलिए आप लोगों से विनती है कि इस तरह की रिक्वेस्ट के मेल मुझे न भेजें.
तो आफिया दिल्ली जा चुकी थी. दिल्ली शिफ्ट होने का उसका कारण यह था कि उसके भाई की दो 2 बेटियां थीं। हम उम्र ही थी. दोनों को पढ़ाई करनी थी.
बाहरवीं तो दोनों ने दिल्ली से ही की थी लेकिन फिर आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें दिल्ली जाना पड़ा. आफिया जब मुझे बुलाती थी तो मुझे जाना पड़ता था. मगर वो कभी कभी ही बुलाती थी.
अब मैं आपको इस कहानी की नायिका का नाम बताता हूं. उसका नाम शगुफ्ता है.
एक दिन मैं ऐसे ही घर पर बैठा हुआ बोर हो रहा था तो मैं आफिया को कॉल लगा दिया. सोचा कि उससे फोन पर सेक्सी बातें करते हुए लंड हिला लूंगा.
मैंने कॉल किया तो उधर से फोन पिक हुआ लेकिन कोई आवाज नहीं आई.
तो मैंने सोचा कि आफिया मजाक के मूड में है और चुप रहकर मेरा बेवकूफ खींच रही है.
इसलिए मैंने बिना जाने अपनी ओर से उत्तेजक और रोमांस भरी बातें करना शुरू कर दिया.
मैं बोला- कैसी हो मेरी जान! तुम्हारी बहुत याद आती है. बहुत दिन हो गये तुमसे सेक्स चैट किये हुए. फोन सेक्स ही कर लिया करो कभी? तुम्हारी चूत चाटने और तुम्हें चोदने का बहुत मन करता है. बुलाओ न मेरी रानी कभी अपने पास!
इतनी बात होने के बाद फोन एकदम से कट गया.
मैंने सोचा कि कुछ कनेक्शन प्रॉब्लम होगा.
फिर मैंने दोबारा से उसी नम्बर पर कॉल किया तो वो पहुंच से बाहर बताने लगा.
मैंने सोचा कि जरूर कुछ न कुछ नेटवर्क का ही प्रॉब्लम है. फिर मैंने तीसरी बार फोन करने के लिए नहीं सोचा और अपने काम में लग गया.
उसके थोड़ी देर के बाद एक अनजान नम्बर से मेरे पास मैसेज आया.
उसमें केवल हैलो लिखा हुआ था.
कॉलर आईडी पर मैंने चेक किया तो पाया कि वह नम्बर किसी शगुफ्ता का था.
मैं ये नाम देखकर हैरान सा हुआ कि ये कैसा नाम है. फिर मैंने उसको कॉल करने का सोचा क्योंकि ट्रू कॉलर पर हमेशा सही नाम नहीं दिखाता है.
मैं सोच रहा था कि शायद किसी दोस्त ने मैसेज किया होगा. मैंने फोन किया और वहां से फोन पिक हुआ.
मैंने पूछा- हैलो, कौन?
उधर से कोई आवाज नहीं आई और फिर से कॉल कट गया.
उसके बाद मैंने ट्राई नहीं किया. फिर रात में 12 बजे फिर से वही हैलो का मैसेज आया.
मैं अब सोचने लगा कि ये कौन है जो केवल हैलो-हैलो के ही मैसेज किये जा रहा है?
मैंने उसको कॉल किया और पूछा- आप कौन हैं? आप केवल हैलो किये जा रहे हैं. कुछ तो आगे बोलिये?
उधर से एक लड़की की आवाज आई- आप कौन हैं और कहां के रहने वाले हैं?
उसने मेरा नाम और शहर का नाम पूछा तो मैंने उसको बता दिया.
वो बोली- आप आफिया को कैसे जानते हैं?
ये सुनकर मैं सकपका गया. मैंने अनजान बनने का नाटक करते हुए कहा- कौन आफिया?
उधर से वो बोली- वही आफिया, जिसको आप कुछ देर पहले फोन कर रहे थे.
मैं बोला- मैं तो किसी आफिया को नहीं जानता. आप किसकी बात कर रही हैं?
उसने कहा- अच्छा जी! अब आप आफिया को नहीं जानते? आपका कॉल मैंने ही उठाया था और आप उसी का नाम ले रहे थे. आपकी कोई झूठ नहीं चलने वाली मेरे पास.
मैं जानती हूं कि आपने आफिया के पास फोन किया था. अब आप मुझे बताइये कि आप उसको कैसे जानते हैं?
मैंने सोचा कि जब इसको पता ही चल गया है और इसने सारी बात सुन ही ली है तो फिर अब छुपाने का क्या फायदा?
फिर मैंने कहा- अच्छा, तो आपने क्या सुना था कॉल पर? मैंने तो किसी को कॉल नहीं किया था. हां ये हो सकता है कि मेरी तरफ से गलती से आपके पास रॉन्ग नम्बर मिल गया हो.
वो बोली- आप ज्यादा चालाक बनने की कोशिश न करें. आपने आफिया का ही नाम लिया था. जिस तरह की बात आप फोन पर बोल रहे थे ऐसे तो कोई किसी को सही तरह जान पहचान कर ही बोल सकता है.
अगर मैं मान भी लूं कि आपकी तरफ से रॉन्ग नम्बर लग गया था फिर मुझे ये बताओ कि यहां पर आपका नाम विकी कैसे सेव था? जब आपके नम्बर से कॉल आ रहा था तो उस पर विकी नाम ही लिखा हुआ था. आपका कोई बहाना नहीं चलने वाला. मैं जानती हूं कि जरूर आप आफिया को जानते हैं.
मैं फिर से बात को टालने की कोशिश की और बोला- अरे मैडम, आपको जरूर कुछ गलतफहमी हो रही है. विकी नाम के दो लोग भी तो हो सकते हैं. क्या पता किसी और विकी ने फोन किया हो?
वो बोली- मैं इस फोन के इनबोक्स मैसेज और व्हाट्सएप मैसेज भी पढ़ चुकी हूं. आप ज्यादा बनने की कोशिश न करें. अगर आप नहीं बतायेंगे तो मैं फिर इसकी शिकायत कर दूंगी.
मैंने सोचा कि ये तो सारी डीटेल निकाल चुकी है. अब होशियारी दिखाने का कोई फायदा नहीं.
मैंने कहा- ठीक है मैडम, जब आपने सारे मैसेज पढ़ ही लिये हैं तो फिर अब क्या रह गया है. आप ही बता दो कि आपने अब मुझे क्यों फोन किया है?
वो बोली- ठीक है, मैं थोड़ी देर के बाद चैट पर आपसे बात करती हूं.
इतना कहकर शगुफ्ता ने फोन रख दिया.
मैं सोचने लगा कि जरूर इसके मन में कुछ चल रहा है. अगर इसको किसी बात का बुरा लगता तो ये शुरू में ही शिकायत करने की बात कहती. मगर ये तो मुझसे बात करना चाह रही है.
अब मैं उसके फोन का इंतजार करने लगा.
कुछ देर के बाद मेरे व्हाट्सएप पर अलर्ट आया.
मैंने देखा तो उसी का मैसेज था.
उसने लिख कर पूछा था- हैलो विकी जी, आप दोनों का ये सब कब से चल रहा है?
मैं उसको मैसेज मैं सारी बात बताने लगा.
मेरा लंड भी खड़ा होने लगा.
जब किसी लड़की से सेक्स की बात कर रहे हों तो लंड बहुत जल्दी खड़ा हो जाता है.
मैं कहानी तो आफिया की बता रहा था लेकिन चूत मुझे शगुफ्ता की दिखाई दे रही थी.
एक हाथ से मैं फोन में चैट कर रहा था और दूसरे से अपने लंड को भी साथ साथ सहला रहा था.
काफी देर तक उसके साथ चैट होती रही. जब तक आफिया के साथ सेक्स की बात खत्म हुई तब तक मैंने पानी निकाल दिया था.
उसके बाद उसने गुड बाय बोला और ऑफलाइन चली गयी.
मैं भी पानी निकाल कर सो गया.
उस दिन के बाद से अक्सर वो चैट करने लगी.
उसकी बातों से लग रहा था कि वो मुझसे कुछ कहना या पूछना चाह रही है.
मैं उत्साहित तो था लेकिन आगे बढ़कर पहल नहीं करना चाह रहा था. मैं चाहता था कि वो खुद ही सामने निकल कर आये. मैं बस शगुफ्ता को बोलने का मौका देता जा रहा था.
ऐसे ही धीरे धीरे चैट पर हमारी बात खुलकर होने लगी.
वो अपने मन की बात भी अब मुझसे कहने लगी.
अब मैं उसकी पसंद नापसंद भी जान गया था. उसको कैसे लड़के पसंद हैं, इस तरह की बात भी वो मुझसे करने लगी थी.
अब नॉर्मल से आगे भी बात करने लगी.
एक दिन वो बोली- आपने अपनी सेक्स चैट में जो बताया है, क्या आप सच में ऐसा करते हो?
मैं बोला- मैं एकदम से आपको खुलकर ये सब कैसे बताऊं? मुझे थोड़ा असहज लग रहा है. वैसे भी वो तो केवल लिखी लिखाई बात है. किसी की लिखी लिखाई बात पर इतना भरोसा नहीं करना चाहिए. ऐसी चीजें अनुभव करके देखी जाती हैं.
इस बात पर वो थोड़ा गुस्सा हो गयी और बोली- मैं आपको ऐसी वैसी लगती हूं क्या जो पहली बार में ही आपके साथ ये सब कर लूंगी?
मैं बोला- अरे नहीं मैडम, मैं तो बस एक बात कह रहा था. मैंने ऐसा तो बोला ही नहीं कि आप मेरे साथ ही ये सब करके देखो.
फिर वो थोड़ी नॉर्मल हुई. उसके बाद ऐसे ही कई दिन तक बातें होती रहीं.
अब वो सेक्स की बात करते हुए भी काफी नॉर्मल सी रहने लगी थी. उसकी झिझक खुल गयी थी.
एक दिन उसने कहा- क्या आप मुझसे मिल सकते हो?
मैं बोला- इसका जवाब मैं आपको बाद में दूंगा. आपने वैसे सारी बातें पढ़ ली हैं जो मैंने आफिया से की थीं. मगर मैं जानना चाहता हूं कि क्या आप अंतर्वासना की सेक्स कहानियां भी पढ़ती हैं?
वो बोली- हां, पढ़ती हूं.
फिर मैंने उसको अपनी कहानियों के लिंक भेज दिये.
लिंक भेजकर मैंने कहा- आपके पास मैंने जो लिंक भेजे हैं उनमें मेरी सेक्स कहानियां हैं. आपको ये कहानियां पढ़कर पता लग जायेगा कि मैं किस तरह का इन्सान हूं. आप पहले इन कहानियों को पढ़ लें और उसके बाद बात करना.
इसमें आपकी बुआजी की कहानी भी है. हो सकता है कि आपको उनकी कहानी पढ़ना थोड़ा अटपटा लगे लेकिन आप पढ़कर जरूर देखें. इससे आपको हमारे रिश्ते के बारे में बहुत सी बातें पता चलेंगी. उसके बाद मैं आपसे मिलने के बारे में बात करूंगा.
उस दिन शगुफ्ता से मेरी इतनी ही बात हुई.
अब मैं उसके कॉल का इंतजार करने लगा. मैंने उसको कहानियां पढ़ने के लिए इसलिए दी थीं ताकि वो और ज्यादा खुल जाये.
मैं जानता था कि अन्तर्वासना की गर्म कहानियां पढ़कर उसकी चूत में खुजली जरूर उठेगी. फिर मेरे लिए उसकी चूत तक पहुंचना और ज्यादा आसान हो जायेगा.
दोस्तो, इस अनजानी की चूत चुदाई करने में मैं कामयाब हुआ या नहीं, और हुआ तो कैसे, ये सब बातें आपको कहानी के अगले भागों में पता चलेंगी.
आपको ये फोन सेक्स चैट कहानी पसंद आई हो तो अपना फीडबैक दें और मुझे मेरे ईमेल पर बतायें.
मैंने अपना ईमेल पता नीचे दिया हुआ है.
[email protected]
फोन सेक्स चैट कहानी का अगला भाग: दोस्त की भतीजी की सील पैक चूत मिली- 1
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