बेकाबू हवस का अंज़ाम- 1

(My Wife Nude Massage Kahani)

सनी वर्मा 2023-06-01 Comments

हॉट वाइफ सेक्स स्टोरी में सेक्स को लेकर अति उत्साहित पति अपनी सेक्सी बीवी के जिस्म को गैर मर्दों के सामने नंगा करके उन्हें जलाना चाहता है, मजा लेना चाहता है.

दोस्तो, मैं सनी वर्मा इस साईट का एक पुराना लेखक हूँ. मैं अपने पाठकों के जीवन की घटनाएँ भी उनसे सुन कर कहानी के रूप में अन्तर्वासना पर भेज देता हूँ.

मेरी पिछली कहानी थी: ये चूत मांगे मोर

आज की हॉट वाइफ सेक्स स्टोरी अन्तर्वासना के बहुत पुराने पाठक हेमन्त और रूपाली की है।

हेमन्त की शादी रूपाली से हुए 8 साल हो गए हैं।
उनके एक ही लड़का है प्रिंस; जो बचपन से ही अपनी नानी के पास अजमेर रह कर पढ़ता है।
हर तीन महीने बाद हेमन्त और रूपाली दो दिन के लिए अजमेर चले जाते हैं या प्रिंस को बुला लेते हैं।

हेमन्त का अनाज मंडी में थोक का बहुत बड़ा काम है।
सुबह से लेकर दोपहर बाद तक वे बहुत व्यस्त रहता है, पर शाम को 4 बजे के बाद बिलकुल फ्री है, वे एक आध घंटे में घर आ जाता है.
दुकान पर अकाउंटेंट और स्टाफ रहता है जो अकाउंट का काम पूरा करके डेली की एक समरी हेमन्त को मेल कर देते हैं।

हेमन्त सेक्स का बहुत भस्सी है।
रूपाली उसके मुक़ाबले थोड़ी शांत और संकोची थी, पर हेमन्त के साथ ने उसे भी तेज बना दिया।

वे शादी के बाद से नाइट ड्रेसेस की बुटीक चलाती है।
रूपाली अपना बुटीक केवल दोपहर में खोलती है और हेमन्त के आने से पहले सारा काम बढ़ा कर सिर्फ हेमन्त की हो जाती है।

इससे उसका दिन भी निकल जाता है और उसके अपने शौक़ों के लिए पैसा भी आ जाता है।

हालांकि हेमन्त उसे कपड़ों, गहनों और पैसों से हमेशा भर कर रखता है पर अपनी कमाई का अलग स्वाद होता है।
उससे हेमन्त का बस यह ही कहना है कि जो करना है शाम 5 बजे तक कर लो, बस इसके बाद का सारा समय मेरे लिए।

हेमन्त को रूपाली जो अपने नाम के अनुरूप ही रूपसी है, कम से कम कपड़ों में अच्छी लगती।
रूपाली स्वभाव से शुरू में संकोची थी पर सेक्स में हेमन्त का पूरा साथ देती।

उन लोगों ने न कभी जगह देखी न माहौल, बस जब मौका मिलता शुरू हो जाते।
उन्होंने चलती गाड़ी में कई बार सेक्स किया.

रूपाली कहती भी कि चुपचाप गाड़ी चलाओ.
पर हेमन्त बार बार उसके उंगली करता, उसकी टी शर्ट उठा कर मम्मे दबाता तो रूपाली भी चालू हो जाती, उसकी जींस की ज़िप खोलकर उसके पप्पू को सहलाती या चूस देती।

घूमने में हेमन्त ने कभी भी रूपाली को ब्रा या पेंटी नहीं पहनने दी ताकि उसका हाथ बेरोकटोक अंदर जा सके।
वे जब भी कहीं ट्रेन से जाते तो हेमन्त फ़र्स्ट क्लास का कूपा ही बुक करता ताकि ट्रेन की रात भी बिना सेक्स के न निकले।

अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़कर और फ्री सेक्स कहानी साईट पर पॉर्न फिल्म देख देखकर हेमन्त फेंटसी में बहुत दिमाग लगता और रूपाली से वैसा ही करवाता।

रूपाली उसे अक्सर टोक देती कि ये सब कहानियों में होता है, असल में नहीं।

पर जब वे लोग विदेश टूर पर या समुद्री बीच पर जाते तो हेमन्त और रूपाली जमकर थ्रिल करते।

रूपाली के मम्मे मांसल और निप्पल नुकीले थे।
बिना ब्रा पहने टीशर्ट में उसके उभार खूब दिखते, रूपाली को अटपटा लगता; पर हेमन्त को पसंद था कि लोग उसकी बीवी को देखकर आहें भरें।

अब रूपाली को भी मजा आने लगा था इन सबमें; जब पति को अच्छा लगता है तो उसे क्या परेशानी!

शुरू-शुरू में तो जब वे लोग समुद्री बीच पर जाते तो रूपाली या तो सलवार सूट पहनती या स्विम सूट के नीचे लेगिंग; पर अब तो वह बिना परेशानी टू पीस स्विम सूट पहन लेती जिसमें उसके मम्मे खूब बाहर उछलते।

थाईलैंड में तो दोनों ने मस्ती की हद ही कर दी थी। वहाँ तो कपड़े नाम मात्र के ही पहनते थे दोनों और अक्सर समुद्र किनारे हेमन्त ने उसके मम्मे बाहर निकाल दिये।

रात को भी जब रिज़ॉर्ट के स्विमिंग पूल में दोनों मस्ती करते तो हेमन्त उससे अपना लंड पूल के किनारे चुसवा लेता या उसकी चूत में उंगली कर देता।

बैंकाक में दोनों ने कपल मसाज भी ली।
रूपाली तो तैयार नहीं हो रही थी मेल मसाजर से मसाज करवाने के लिए … पर जब हेमन्त ने समझाया कि आए तो मस्ती के लिए हैं, फिर मस्ती पूरी करनी चाहिए।

पर फिर भी रूपाली के कहने पर दोनों ने एक ही रूम में मसाज करवाई।
बस दोनों के बीच में एक भारी पर्दा था जो करवाने वाले की इच्छा थी कि खुला रखें या पर्दा डाल कर रखें.
तो जाहिर सी बात है हेमन्त ने पर्दा डाला हुआ ही रखा।

हेमन्त की मसाजर फ़ीमेल थी और रूपाली का मसाजर मेल!
दोनों ही जवान और चिकने!

हेमन्त तो दिमागी रूप से तैयार था बिना कपड़ों की मसाज के लिए; पर रूपाली को उसके मसाजर को मनाना पड़ा ब्रा पेंटी उतारने के लिए!
पर बाद में रूपाली ने हेमन्त को बताया कि उसे बहुत मजा आया।

हेमन्त के क्लब में उनका एक दोस्त था गौरव!
वह हेमन्त से उम्र में छोटा था, लगभग रूपाली की उम्र का रहा होगा।

गौरव पंजाबी था, उसकी बीवी मोना एक जवान पंजाबी लड़की की तरह उड़ती तितली थी।
पर गौरव दिलफेंक आशिक था।
रात में बीवी के साथ मजे लेता और दिन में इधर उधर मुंह मारने का जुगाड़ करता।

उसके पिता की एक फ़ैक्टरी थी। उसके पिता भी एसे ही रंगीन मिजाज थे; उनके भी शहर में चर्चे रहते।
जब पैसा होता है तो किसी का कोई शौक बुरा नहीं होता।

पर बाप बेटे अपने शौक़ों पर कुछ ज्यादा ही पैसा उड़ाते; इसलिए काम में पैसे की कमी हमेशा रहती।
पंजाबियों के खर्चे कुछ होते भी ज्यादा हैं कमाई के मुक़ाबले।

पिताजी बाहर वालियों पर पैसे उड़ाते तो गौरव घरवाली को चुप रखने के लिए उसकी हर डिमांड पूरी करता और भाभियों को इम्प्रेस करने के लिए महंगे गिफ्ट देता रहता।

एक दिन रूपाली ने हेमन्त से कहा कि गौरव ने उसे दो तीन दिन पहले मेसेज किया था ‘भाभी मैं आपकी ड्रेसेस का ऑनलाइन काम मोना को कराना चाहता हूँ।’ और अब वह रोज गुड मॉर्निंग के मेसेज भेज रहा है। पर जब मैंने मोना से ऐसे ही बात की तो उसे इसमें कोई इंटरेस्ट ही नहीं था, बल्कि उससे तो कभी गौरव ने बात भी नहीं की थी।
हेमन्त हंस कर बोला- उस नालायक का दिल तुम पर आ गया है, वह तुम्हें इम्प्रेस करने के लिए चुग्गा डाल रहा है।

इस पर रूपाली बोली- तो फिर मैं उसे कोई जवाब नहीं देती।
तो हेमन्त ने उसे उकसाया- हाय हैलो में क्या दिक्कत है; बस ध्यान रखना कि वह कहीं तुम्हारा बेवकूफ न बना दे।
इस पर रूपाली बोली- मेरा कोई बेवकूफ नहीं बना सकता।

हेमन्त ने रूपाली का फोन लेकर खुद ही गौरव के व्हाट्सएप्प पर हाय का मेसेज डाल दिया।
तुरंत ही गौरव का जवाब आ गया- भाभी क्या कर रही हो?

अब रूपाली ने हेमन्त से कहा भी कि क्यों मजे ले रहे हो। अब वे रोज मेसेज करेगा।
तो हेमन्त बोला- कोई बात नहीं; जैसा तुम्हें अच्छा लगे, वैसा कर लेना।

अगले दिन गौरव के दिन में कई मेसेज आए और रूपाली ने भी उसके हर मेसेज का जवाब दिया।
गौरव ने रूपाली से कहा- भाभी, अगर बुरा न मानो तो एक बात कहूँ कि कहीं हेमन्त को बुरा न लग जाये मेरे इतने मेसेज देखकर तो प्लीज़ इन्हें डेलीट कर देना।

रूपाली से बस यही गलती हो गयी जो उसकी ज़िंदगी की नासूर बन गयी।
उसने भी बिना सोचे समझे गौरव के मेसेज डेलीट कर दिये।

रात को हेमन्त को फिर चुल्ल उठी।
उसने रूपाली से पूछा- क्यों आज तुम्हारे आशिक का मेसेज नहीं आया?
रूपाली ने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कहा- तुम होगे आशिक उसकी बीवी के; मेरा कोई आशिक-वाशिक नहीं है।

हेमन्त हंस पड़ा और उसने रूपाली की निगाह बचाकर गौरव को एक लाल गुलाब का मेसेज कर दिया।
जवाब में गौरव का गुलाब को किस करते हुए की इमेज आई।

हेमन्त ने भेजा और आया मेसेज दोनों डिलीट कर दिये।

रात को बेड पर सेक्स करते समय हेमन्त ने रूपाली को थ्रीसम सेक्स की क्लिप्पिंग दिखाई जिसमें दो लड़के एक साथ लड़की की चुदाई कर रहे थे।
इस तरह की पॉर्न मूवी देखना उनका रोज का शगल था तो रूपाली को अजीब नहीं लगा.

पर हाँ सेक्स के चरमोत्कर्ष पर हेमन्त ने रूपाली से कहा- यार, ये दो के साथ करने में मजा तो बहुत आता होगा।
रूपाली भी चुदाई के खुमार में थी तो बोली- मुझे क्या पता, मैंने तो कभी नहीं किया; अगर तुमने किया हो तो बताओ।
हेमन्त बोला- करोगी?

बस इतना कहते ही हेमन्त की स्पीड बढ़ गयी और उसका हो गया।
बात यहीं की यहीं रह गयी।
दोनों चिपक कर सो गए।

रात को रूपाली के फोन व्ट्सऐप सन्देश आया, रिंग टोन बजी तो रूपाली की आँख खुली।
वह संभाल कर हेमन्त से अलग हुई और घूमकर अपना मोबाइल चेक किया।
गौरव का गुड नाइट मेसेज था।
रूपाली ने भी उसे GN लिख कर भेज दिया और दोनों मेसेज डिलीट कर दिये।

अब दिन में भी रूपाली और गौरव की फोन पर लंबी बातें होनें लगीं।
रूपाली को गौरव की हर बात अच्छी लगती कि वह उसका कितना ध्यान रखता है, वह कितना हंसमुख है वगैरा वगैरा।

होता क्या था कि कभी रूपाली कहती कि आज सिर में दर्द है तो गौरव कहता कि सिर दबाने आ जाऊं क्या!
वह दिन में दो-चार बार फोन करके हाल पूछता, इधर उधर की दवाई बताता।

एक दिन रूपाली ने उसे बताया- कल मेरा व्रत है.
तो गौरव ने कहा- ठीक है, मैं भी व्रत रखूँगा; जब तुम भूखी रहोगी तो मैं कैसे खा सकता हूँ।

और उधर रूपाली को अब हेमन्त की कमियाँ दिखनी शुरू हो गईं।
उसे लगने लगा कि हेमन्त तो उसके पास केवल जिस्म की भूख मिटाने आता है, बाकी तो उसे उसकी परवाह ही नहीं है।

अब हेमन्त उसे कोई गहने या कपड़े दिलाता तो गौरव रूपाली के दिमाग में भर देता कि हेमन्त तो उसे बिस्तर के लिए पटाने के लिए ये सब करता है।
जो कभी नहीं हुआ वे अब रूपाली और हेमन्त के बीच होने लगा, रात को झगड़ा।

हेमन्त हमेशा की तरह सेक्स मांगता और रूपाली अब उसे टालने लग गयी थी, कई बार तो वह तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर अलग कमरे में सोती।

जब अगले दिन रूपाली ये बात गौरव को बताती तो गौरव बहुत खुश होता और कहता- तुमने सही किया।

यहाँ तक कि अब रूपाली घर की बातों में भी गौरव से राय करने लगी।
गौरव ने उसका दिमाग इतना घुमा दिया कि रूपाली अब हेमन्त को लालची, बेईमान, दूसरे की संपत्ति पर निगाह रखने वाला मानने लग गयी।

हुआ यूं कि हेमन्त ने रूपाली के भाई के साथ साझेदारी में कोई व्यापार किया और उसमें घाटा हो गया जिसे रूपाली का भाई देना नहीं चाह रहा था।
रूपाली को गौरव ने कुछ ऐसे भरा कि वे अपने भाई का पक्ष लेने लगी और हेमन्त को बेईमान मानने लगी।
जबकि हेमन्त ने तो उसके भाई से यहाँ तक कह दिया- आप पहले हिसाब समझ लो, फिर जब हों तब दे देना, मैं टोकूंगा नहीं।

रूपाली हर बात गौरव को बताती और गौरव चटकारे लेकर उसे हेमन्त के खिलाफ भड़काता।

प्रिय पाठको, इस हॉट वाइफ सेक्स स्टोरी का पहला भाग आपको कैसा लगा?
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हॉट वाइफ सेक्स स्टोरी का अगला भाग: बेकाबू हवस का अंज़ाम- 2

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