मेरी जिन्दगी बर्बाद हो गई
(Meri Jindgi Barbad ho Gai)
मैं माधुरी के साथ पिछले साढ़े तीन वर्ष से रिलेशनशिप में हूँ.
पिछले साल शायद अप्रैल के महीने की घटना है।
मैंने उसे एक प्रौढ़ पुरुष की कार में से उतरते हुए देखा और कार से उतरने से पहले उसने उसे गाल पर चूमा…
गाड़ी के नंबर से पता लगाने कि कोशिश की तो पता चला कि वह पुरुष माधुरी का बॉस है, उसके दो बच्चे भी हैं।
मैंने माधुरी से जब इस विषय में बात की तो वह रोने लगी।
उसने तुरन्त अपनी हरकतों के लिए सॉरी फील करना शुरू कर दिया, माफी मांगने लगी।
मैं उसे बहुत चाहता था इसलिए मैंने दिल पे पत्थर रख कर उसे माफ कर दिया।
इस घटना के दो सप्ताह बाद एक सुबह मैंने अपनी मेल का इनबॉक्स चेक किया तो माधुरी की मेल आई हुई थी.
उसमें लिखा था- Thank You Jaanu… ! Luv U ! Thank you for wonderful Dinner on Satureday and after-night…
मैं उससे कई दिन से नहीं मिला था, शनिवार को भी नही तो ऐसे में नाइट का तो सवाल ही पैदा नहीं होता…
इसके बाद मैंने उसके सैल फोन पर काल किया तो उसने उठाया ही नहीं।
साफ़ दिख रहा है कि गलती से उसने वह मेल मुझे भेज दी थी।
खैर, इस बात के महीने भर बाद उसने मुझे काल किया और सॉरी बोल कर रोने लगी, कहने लगी- माफ कर दो।
एक दिन वो सुबह-सुबह मेरे रूम पर आ गई और वहाँ नौटंकी करना शुरू कर दिया, वही रोना-धोना।
मैंने दरवाजा नहीं खोला तो आधे घंटे बाद वह चली गई।
इस घटना को कई महीने बीत गए हैं।
इस बीच में मेरी जिन्दगी में एक और लड़की आई- श्रुति।
हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे थे।
लेकिन जिस दिन मैंने श्रुति के सामने अपने प्यार का इज़हार किया और उसने स्वीकार किया, उसी दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी सारी खुशियाँ बिखर गई।
मैं श्रुति के साथ डेट से वापिस आ रहा था कि तभी कहीं से माधुरी आ गई, हमारे सामने खड़ी होकर बोलने लगी- अच्छा ! तो अब इसकी बारी है? घुमाया-फिराया, यूज़ किया और फिर छोड़ दिया…??
मैं अवाक रह गया.
इससे पहले कि मैं कुछ सोच समझ पाता और वो रोने लगी और वहां श्रुति के सामने सीन क्रिएट कर दिया।
कहने लगी- तुम्हारे लिए इमोशन्स की कोई कीमत नहीं, क्यों किया तुमने मेरे साथ इस तरह से?
जैसे-तैसे अपना पीछा छुड़ा के मैं वहाँ से निकला, लेकिन श्रुति ने उस वाकये के बाद मेरे साथ बात करना ही बंद कर दिया।
मैं उससे एक बार मिला तो उसने रोते हुए मुझे उसकी लाइफ से दूर चले जाने को कहा।
माधुरी के लिए मेरे दिल में अब जरा सी भी जगह नहीं बची।
अब मैं सिर्फ श्रुति को चाहता हूँ… मगर मैंने कुछ बुरा किया भी नहीं और मेरी जिन्दगी बर्बाद हो गई।
कभी तो मन करता है कि अनु को सबक सिखाऊँ… वह कहती है कि मेरी जिन्दगी में किसी को नहीं आने देगी।
मुझे समझ नहीं आ रहा कुछ… अब तो जीने का भी मन नहीं करता।
What did you think of this story??
Comments