मेरी बीवी की सहेली की बच्चे की चाह
(Meri Biwi Ki Saheli Ki Bacche Ki Chah)
मैं आपका दोस्त, आप सभी को नमस्कार करता हूँ और महिला मित्रों की टपकती चुतों को प्रणाम करता हूँ.
आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ कि आपने मेरी पिछली कहानी
चलती ट्रेन के गेट पर परम आनन्द
को खूब पसंद किया. आप मुझे मेल करते रहें और मुझे अपने विचार भेजते रहें, जिससे मुझे आगे कहानी लिखने की प्रेरणा मिले.
यह कहानी मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है. इस सेक्स कहानी का आनन्द लीजिएगा.
बात 2010 के दिसम्बर की है. मेरी शादी को दो साल हो गए थे और मैं और मेरी पत्नी रश्मि अपनी शादी की सालगिरह मना रहे थे. हम दोनों अपनी जिंदगी में बड़े खुश थे. मैं अपनी बीवी की क्या तारीफ करूं. उसकी मस्त गांड पर मैं मरता था, उसकी जानलेवा 36-28-38 की फिगर देखकर तो मुर्दे के लंड में जान आ जाए. मैं और रश्मि दिन में एक बार और रात में दो बार चुदाई जरूरी में करते ही थे. मैं 28 साल का एक जवान मर्द हूँ. मेरा 8 इंच लंबा लंड देखकर तो मेरी बीवी की चुत गीली हो जाती है.
फिर एक दिन ऐसा आया कि जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी. मेरी बीवी किसी से फ़ोन पर बात कर रही थी. वो परेशान थी.
मैंने रश्मि से पूछा कि क्या बात है … कुछ परेशान सी दिख रही हो?
उसने मुझसे बोला कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है … सब ठीक है.
मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया और रश्मि को पीछे से पकड़ कर उसके गालों को चूमने लगा.
रश्मि ने मुझे चूमते बोला- आप हर टाइम तैयार रहते हो.
मैं रश्मि को अपनी तरफ करके उसके होंठों को चूमने लगा. रश्मि मदहोश हो गयी और उसने मेरी छाती पर अपने दांत से काट लिया. मैंने रश्मि की चूचियों को कपड़ों के ऊपर से ही दबा दिया और उसकी चूचियों को अच्छे से रगड़ने लगा.
कुछ ही पलों में चुदास भड़क गई और मैंने रश्मि के ब्लाउज को उतार दिया. वो अब सिर्फ ऊपर से एक लाल ब्रा में थी, जिसमें उसके 36 के चूचे बाहर आने को फड़क रहे थे.
ठीक उसी तरह जैसे मेरे भाइयों का लंड आने के लिए तड़प रहा है. मुझे पता है कुछ तो ऐसे सोच रहे होंगे कि काश रश्मि (मेरी बीवी) की चूचियों में वो अपना लंड रगड़ दें और रश्मि की चूत को अपने माल से भर दें.
मैं रश्मि के मम्मों को ब्रा के ऊपर से चूसने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने ब्रा को भी उतार फेंका. मैं उसकी चूचियों को 15 मिनट तक चूसता रहा.
रश्मि भी वासना से भर गई. उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरा एक झटके में लोअर निकाल दिया. मेरा 8 इंच का लंड एकदम हवा में सीधा खड़ा हुआ था. मेरे लंड की मोटाई और लंबाई के कारण मेरा लंड दुनिया में कुछ ही लंडों में से एक था, जिसकी हर किसी लड़की, औरत … सबको जरूरत होती है.
ठीक उसी तरह, जिस तरह मेरी प्यारी चुत वाली मित्रों की चुत गीली होकर मेरे लंड के बारे में सोच रही है. मेरी तरफ से सबको इजाजत है कि वो मेरे लंड को चूसते हुए खुद को ऐसे तगड़े लंड से चुदवाने का सोच सकती हैं.
रश्मि ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे दस मिनट तक डीप ब्लो जॉब देती रही. रश्मि ने अब अपने शरीर से बाकी बचे सारे कपड़े निकाल दिए. उसने सिर्फ पैंटी को छोड़ दिया. मैंने रश्मि को 69 में ले लिया और उसकी पेंटी को एक बाजू करके चुत को चाटने लगा.
रश्मि की गीली चुत मेरे मुँह में अपना रस निकाल रही थी, जिसे मैं बड़े चाव से चाट रहा था.
अब रश्मि से कंट्रोल नहीं हो रहा था उसने मुझसे बोला- राज मेरी चुत को फाड़ दो, बना दो इसका भोसड़ा … डाल दो अपनी मूसल जैसा लंड … अहई … अहहह … अहजझह..
मैंने रश्मि की चुत पर अपना लंड लगाया और एक बार में ही पूरा अन्दर डाल दिया. रश्मि के मुँह से एक तेज कराह निकल गई- आहहआह … मर गई … आहआ … ईईई … पूरे जल्लाद हो … साले जंगली सांड …
मैं हंस दिया और अपना पूरा लंड झटके एक बार खींच कर फिर से उसकी चूत की जड़ तक ठांस दिया. फिर मैं रश्मि को ऐसे ही हल्के हल्के ही चोदने लगा. उसके सामान्य होते ही मैं उससे उस बात को पूछने लगा कि वो क्यों परेशान थी.
रश्मि की आवाज में मदहोशी छाई हुई थी. तभी रश्मि का फ़ोन बजा. रश्मि ने बोला- राज कुछ देर रुकना.
मैंने बोला- ऐसे ही बात कर लो, मैं कुछ नहीं करूँगा.
रश्मि ने हैलो बोला, उधर से रश्मि की बचपन की दोस्त मधु का फ़ोन था.
मधु- रश्मि, तूने क्या सोचा, मेरा इस दुनिया में सिर्फ तेरे सिवाए कोई नहीं है. अगर तूने मेरी मदद नहीं की, तो मैं जान दे दूंगी.
उसने इतना कह कर फ़ोन काट दिया.
रश्मि का मूड ऑफ़ सा होने लगा.
मैंने रश्मि से पूछा- क्या बात है? मुझे सब बताओ.
रश्मि- राज, मैं आपको सब बताऊँगी पहले आप मुझसे वादा करो कि मेरा साथ दोगे.
मैं- हमेशा तुम्हारे साथ हूँ, तुम जो बोलोगी … वही करूँगा.
इतना बोलने के बाद मैं अपना लंड रश्मि की चुत में चलाने लगा और उसके निप्पलों को दांतों से काटने लगा.
रश्मि एक फिर से मस्त होने लगी ‘आहआह … ऊऊऊ … ईसीसीसी … जरा धीरे काटो यार..’
मैंने कहा- ओके अब बताओ?
रश्मि- राज बात ये है, तुम तो जानते हो मधु और मैं बचपन से साथ थे और उसके माँ बाप न होने की वजह से मेरे पापा ने ही उसकी शादी की है. उसकी शादी को भी 2 साल हो गए हैं और उसको अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है. हमने तो अभी प्लान ही नहीं किया, लेकिन वो बहुत बार ट्राय कर चुकी है. पर उसको कभी कुछ हुआ ही नहीं.
मैं- तो वो दोनों पति पत्नी किसी अच्छे डॉक्टर से चैक कराएं न.
रश्मि- उसने दिखाया है और जो रिपोर्ट्स आयी है, उसमें उसका पति बाप नहीं बन सकता है. उसकी सुसराल में सब रश्मि को निकालने की धमकी दे रहे हैं. उसका पति बस उसके साथ है, लेकिन वो घर वालों के सामने कुछ नहीं बोल सकता. डॉक्टर ने उनको बोला है कि आप ऐसे आदमी से कांटेक्ट करो, जो आपकी मदद कर सके.
मैंने कहा- फिर?
रश्मि- मधु और उसका पति राहुल दोनों ही बहुत परेशान है. इसीलिए मधु ने राहुल को मेरे बारे में बताया है. उसका पति चाहता है कि मधु तुम्हारे साथ सेक्स करके अपने परिवार को बचा ले. यदि तुमसे उनको एक बच्चा मिल जाएगा, तो वो हमारा जिंदगी भर अहसान नहीं भूलेंगे.
मैंने रश्मि की बात का कोई जबाव नहीं दिया और बस उसे तेज गति से चोदने में लगा रहा. दस मिनट बाद मैंने उसकी चूत से लंड निकाल कर उसके पेट पर वीर्य छोड़ दिया और झड़ने के बाद बाजू में लेट गया.
रश्मि ने मेरी छाती के बालों से खेलते हुए मुझसे मधु के बारे में कुछ कहने को कहा.
मैंने मधु को बुलाने के लिए रश्मि से कह दिया.
अगले दिन मधु और राहुल हमारे घर आए. मधु को देखकर तो मेरे होश उड़ गए. वो एकदम काजल अग्रवाल की तरह लग रही थी. क्या मस्त तनी हुई चूचियां थी उसकी … उसका फिगर 34-28-38 का था. उसकी गदरायी हुई गांड ने मुझे पागल कर दिया. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं खुद जल्दी से जाकर अभी का अभी मधु को चोद दूँ.
मधु ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा दी. उसकी इस मुस्कान से मेरा लंड एकदम पैंट से बाहर आने को तड़पने लगा. मेरा ध्यान उसकी मदमस्त चूचियों से हट ही नहीं रहा था.
रश्मि ने उन दोनों का स्वागत किया और हम सब बैठ कर बातें करने लगे. बात राहुल ने शुरू की और बोला- जैसा आपको पता ही है कि हमारे साथ क्या प्रॉब्लम है. क्या आप हमारी मदद करेंगे?
रश्मि ने मुझे कुछ भी बोलने से मना किया हुआ था, लेकिन अब मेरे मन में कुछ और ही चल रहा था. मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था, सिर्फ लंड ही सोच रहा था.
मैं अपने मन ही मन में मधु को चोदने के सपने देखने लगा. मेरे मन में मधु के लिए एक अलग ही भावना आने लगी. मैं सोच रहा था कि मधु मेरे लंड के नीचे रोज ही होनी चाहिए, वो मुझसे डेली चुदे … वो भी सभी की मंजूरी से.
मैं इसी ख्याल को लेकर अपने दिमाग में प्लान बनाने लगा.
रश्मि- राहुल जी, हमने बहुत सोचा आपके बारे में … और राज इसके लिए तैयार है. लेकिन मधु और राज सिर्फ एक या दो बार सेक्स करेंगे, जब तक कि मधु को बच्चा न रुक जाए.
मैं बीच में सबको रोकते हुए बोला- देखो बच्चा आप लोगों की लाइफ को बचा सकता है. मेरे दिमाग में एक प्लान है.
राहुल- जी बताइए.
मैं- देखो तुम और मधु एक अच्छा बच्चा चाहते हो … और मैं भी एक सुन्दर और गुणवान बच्चे में विश्वास रखता हूं. मैं चाहता हूँ कि पहले मुझे और मधु को कुछ दिन एक साथ रहना चाहिए, जब मधु खुद अपने आप मेरे साथ चुदने के लिए राजी न हो, तब तक हमें सेक्स नहीं करना चाहिए.
राहुल- हां ये बात बिलकुल सही है. लेकिन मुझे अभी लन्दन जाना है, तो मैं और मधु आपके यहाँ रोज नहीं आ सकते हैं.
मैं- इसकी चिंता नहीं करो. आप अपने घर पर बोलो कि तुम और मधु एक साथ लन्दन जा रहे हैं और उसके बाद मधु को हमारे घर छोड़ दो. जब तक तुम आओगे, मधु भी मेरे साथ सहज हो चुकी होगी. क्यों मधु??
मधु- हाँ जी … राज जी सही कह रहे हैं.
रश्मि- हाँ ये बिलकुल सही है और मैं और मेरी बहन दोनों एक साथ रहेंगे. मैं खुद मधु को राज के लिए तैयार करूंगी. देखना मधु तुम्हारा बच्चा राज की एक चुदाई में ही रुक जाएगा.
मधु ने हामी भर दी.
रश्मि- लेकिन इसके बाद अगर तुम्हें राज के लंड की आदत लग गयी, तो मेरा क्या होगा?
उसकी इस बात पर सब हँसने लगे.
मधु- कोई नहीं … लग जाने दो आदत, मेरे लिए तो राज सब कुछ हैं. मैं अपना सब कुछ इन्हें सौंप देना चाहती हूँ.
इसके बाद रश्मि ने मुझसे बोला कि राज अभी राहुल को जाना है, ये दोनों हमें कल मिलेंगे.
उसके बाद जब वो चले गए, तो रश्मि मेरे पास आई और मेरी गोदी में बैठ गयी. वो बोली- राज तुम दिल से तैयार तो हो न … मेरे लिए सब कुछ कर रहे हो! आई लव यू माय डार्लिंग.
मैं- मैंने तुमसे कहा है, जो तुम बोलोगी, वो मैं करूँगा.
रश्मि ने मेरा लंड एकदम से मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी. मैंने रश्मि के सारे कपड़े निकाल दिए और उसे सोफे पर लिटा कर उसकी चुत में लंड डाल दिया.
इस वक्त मेरा लंड रश्मि की चूत में था पर मुझे मेरे दिमाग में सिर्फ मधु घूम रही थी. इसीलिए मैं रश्मि को मधु समझ कर बहुत जोरों से चोदने लगा.
रश्मि- आहआह … कितना मस्त चोदते हो यार …
धकापेल चुदाई में मैंने रश्मि को कुतिया बना कर भी चोदा उस वक्त भी मेरे दिमाग में लंड के नीचे मधु की ही चूत थी.
मैं और रश्मि एक साथ 20 मिनट में झड़ गए.
अब मेरे दिमाग में एक प्लान चल रहा था कि मैं कल ही मधु को चोद दूंगा और अगले दस दिन तक मधु को रगड़ रगड़ के चोदता रहूंगा.
मुझे मधु को माँ तो बनाना ही था, साथ ही साथ उसे अपनी रंडी और रखैल भी बनाना था. मेरे दिमाग में एक फैंटेसी थी कि मैं मधु को रश्मि के सामने भी चोदता रहूँ, तो रश्मि मुझसे गुस्सा नहीं, सिर्फ प्यार करे.
मैंने अगले दस दिनों के लिए छुट्टी ले ली और जिम का सामान भी घर में सैट कर लिया. अब सिर्फ मुझे चुदाई और चुदाई ही करनी थी.
अगली सुबह 11 बजे मधु अपना सारा सामान लेकर हमारे घर आ गयी. रश्मि और मधु बात करने लगे. मैं भी अपने जिम में बिजी हो गया था.
मैं- मधु … राहुल चले गए?
मधु- हाँ वो मुझे यहां छोड़ कर निकल गए.
मैंने देखा मधु मेरे लंड की ओर छिप-छिप कर देख रही थी.
तभी रश्मि ने मधु से कहा कि चल तुझे तेरे रूम में शिफ्ट कर देती हूँ.
मैं भी पीछे पीछे गया, तो मुझे एक शॉक लगा. मैंने देखा रश्मि मेरे रूम में ही मधु का सामान शिफ्ट कर रही थी.
मैंने और मधु ने उससे लगभग एक साथ पूछा- ये क्या है?
रश्मि- आज से अगले 10 दिन तक तुम और मधु एक बीवी और पति की तरह रहोगे. आज से तुम मधु के पति हो और मधु तुम्हारी बीवी. ताकि जो तुम्हारा बच्चा हो, वो एक सम्मान के साथ हो ना कि उसे समाज एक नाजायज बच्चा बोले.
इतना सुनने के बाद मधु रोने लगी, तो मैंने उसके करीब जाकर उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसे अपने सीने से चिपका लिया.
मैं- मधु अब से तुम भी मेरी बीवी हो और जितना हक़ रश्मि का है, उतना ही तुम्हारा है. रश्मि की बात सही है, जो बच्चा होना चाहिए, वो प्यार की निशानी होनी चाहिए ना कि सिर्फ सेक्स का फल.
मधु- राज जी ऐसे न बात कीजिये, मुझे आपसे प्यार हो रहा है और मेरा प्यार आपके लिए इतना गहरा है कि दुनिया में कोई किसी को इतना प्यार नहीं कर पाएगा.
रश्मि- मधु, तुम राज को जितना चाहे प्यार कर सकती हो, तुम्हारा हक़ है तुम उसके बच्चे की माँ बनने वाली हो. हर औरत का हक़ होता है कि वो जिसके बच्चे की माँ बने, उससे सबसे ज्यादा प्यार करे.
इतना सुनने के बाद मेरे दिल में भी मधु के लिए प्यार आने लगा.
आपको सच बताऊं तो पता नहीं क्या हो रहा था मुझे, मुझे मधु में अपना प्यार अपना सुख चैन सब नजर आ रहा था. ऐसा लग रहा था कि मैं अब मधु से कभी जुदा न होऊं.
मधु ने भी मुझे अपनी बांहों में कस कर भींच लिया और अपना चेहरा मेरी छाती में छिपा लिया.
हम तीनों ने रात का खाना खाया और जब सोने की बारी आई, तो रश्मि ने बोला कि मैं अपने रूम में सोने जा रही हूँ और मैं आप दोनों को सुबह तक डिस्टर्ब नहीं करूंगी.
मुझे कुछ काम करना था, तो मैं लैपटॉप पर कुछ काम करने लगा. रात के 10 बज गए थे. मधु मेरे रूम में एक सुहागन की तरह मेरी प्रतीक्षा कर रही थी.
मैं कमरे में अन्दर गया, तो देखा मेरा रूम एक सुहागरात की तरह सजा हुआ था और मधु भी एक साड़ी में दुल्हन की तरह मेरा वेट कर रही थी.
मैं- मधु तुम ठीक हो न?
मधु- हाँ जी में बहुत खुश भी हूँ. रश्मि बहुत लकी है कि आप उनके पति हो. काश …
मैं- क्या हुआ … रुक क्यों गयी? पूरा बोलो?
मधु- जी कुछ नहीं.
मैं मधु के पास जाकर उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर बोला- अब बताओ क्या बोल रही थी?
मधु- काश आप मेरे पति होते, मैं आपको जीवन भर बहुत प्यार करती. आपसे कभी दूर न होती, पता नहीं जब से मैंने आपको देखा है, आपका नशा मुझ पर हो गया है. मैं अब आपसे दूर नहीं होना चाहती.
इतना कहने के बाद मधु मुझसे लिपट गयी और रोने लगी.
मैंने मधु के चेहरे को उठाया और उसे रोता देख कर उसके होंठों को चूमने लगा. करीब 10 मिनट तक मैंने उसके होंठों का रसपान किया. इसके बाद मैं मधु को अपने आलिंगन में लेकर चूमने लगा.
मैंने मधु की साड़ी को उतार दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा. मैंने मधु के हर हिस्से को अच्छी तरह किस किया और मधु की चूचियों को चूसने लगा.
मधु ने मुझसे मेरे सारे कपड़े निकालने को बोला, तो मैंने कपड़े उतार दिए.
जब मैंने अपना लंड उसके सामने निकाला, तो मधु उसे देख कर और पागल हो गयी. वो बोली- ओह्ह माय गॉड … ये तो बहुत लंबा और मोटा है. आई लव दिस डिक …
उसने आगे बढ़ कर मेरे लंड को चूम लिया. मैंने अब मधु के सारे कपड़े निकाल दिए. उसके चूचे एकदम दूध की तरह चमक रहे थे.
मैं मधु की दोनों टांगों को चूमने लगा और जब मैंने उसकी जाँघों को किस किया, तो मधु की आवाज मदहोश हो गयी.
मैंने मधु की चुत को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा. मैं और मधु 69 में आ गए थे.
मधु से अब रुका नहीं जा रहा था. उसने मुझसे कहा- राज, प्लीज़ अब मेरी चुत में अपना लंड डाल दो.
मैंने मधु की चुत पर अपना लंड रखा और एक झटके में अन्दर डाल दिया.
मधु- आह … मर गई … राज मैं मर गयी..
मैंने हल्के हल्के से उसकी चुदाई शुरू की. मधु की आवाजें जोर से निकल रही थीं, जिन्हें दूसरे रूम में मेरी बीवी आराम से सुन सकती थी.
मैं मधु को ऐसे ही चोदता रहा. मधु लगातार कराहती रही और मेरे लंड से अपनी चूत को भोसड़ा बनवाती रही. उसकी कसी हुई चूत से मुझे ऐसे लग रहा था, जैसे राहुल के पास लंड नाम की चीज ही न हो.
काफी लम्बी चुदाई के बाद मैं मधु की चुत में झड़ गया. मेरा सारा वीर्य मधु की चुत में बच्चेदानी तक टकरा रहा था.
हमने रात में दो बार और चुदाई की. सुबह 10 बजे रश्मि ने दरवाजा खोला, तो मेरी बांहों में मेरी प्यारी नई बीवी मधु एकदम नंगी सो रही थी.
रश्मि मेरे पास आई और मेरे गाल पर एक किस करके चली गयी.
मेरी आंखें खुलीं, तो मधु को नंगी देख कर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैंने मधु के होंठों को चूमा. इस चुम्बन से मधु उठ गई और मुझे उसने उठ कर एक किस किया.
वो बोली- आई लव यू राज माय डियर हसबैंड.
वह मेरे लंड को चूसने लगी.
मैंने मधु की चुत पर अपना लंड लगाया और चोदने लगा. मैं चित्त लेट गया था, मधु मेरे ऊपर चढ़ कर लंड चूत में ले रही थी.
मधु की मादक कराहें सुबह से ही कमरे को मदहोशी में डुबोने लगी थीं- अहआहआ … उईई. … फक मी फास्ट … उम्म्ह… अहह… हय… याह… मजा आ रहा है.
वो जोर जोर से आवाज निकल रही थी.
कुछ दस मिनट बाद मधु ने मुझसे बोला कि मैं झड़ने वाली हूँ. तुम भी मेरे साथ ही झड़ जाओ.
फिर मैं और मधु एक साथ झड़ गए. मधु मुझसे लिपट गयी और मुझसे बोलने लगी- मुझे कभी अपने से दूर नहीं करना.
इस तरह मैंने मधु को चोद चोद कर 10 दिन में प्रेग्नेंट कर दिया. वो बहुत खुश थी.
अब आगे क्या हुआ, मैं ये जल्द ही आपको एक अलग चुदाई की कहानी में लिखूंगा.
आप मुझे [email protected] पर लिख सकते हैं. अगर कोई भी महिला मित्र अपने सेक्स से सम्बंधित कोई भी समस्या का समाधान चाहती हो, तो मुझे लिख सकती है. मैं प्रोफेशन से एक डॉक्टर हूँ, तो मुझे आप खुल कर लिख सकती हैं.
धन्यवाद
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