मस्त वाली चूत और गाण्ड चुदाई -2

(Mast Wali Chut Aur Gand Chudai-2)

अब तक आपने पढ़ा..
उसकी झूलती चूचियाँ बहुत खूबसूरत लग रही थीं.. जैसे ही वो कुछ लेने आगे बढ़ती.. उसके मम्मे ऊपर-नीचे डोलने लगते थे।
अब मेरा मूड उसकी गाण्ड मारने का हो उठा था.. पर मुझे लगता था कि ये सीधे सीधे तो गाण्ड मारने नहीं देगी.. इसलिए मैंने धोखे से उसकी गाण्ड मारने की सोची।

मेरा लौड़ा तो एकदम फिर से कड़क हो गया, मैं खड़ा हुआ और उसके पीछे जाकर उसकी गाण्ड की दरार में अपना मूसल लण्ड रगड़ने लगा और मैंने उसे बाँहों में भर लिया।
वो मुस्कुराने लगी.. वो रोटी बनाने के लिए आटा गूँथ रही थी और मैं उसके मम्मों को पीछे से मसल रहा था.. क्या मुलायम चूचे थे।
फिर मैंने उसके मम्मों पर तेल लगाया और उनका मसाज करने लगा। उसके मम्मे चमक रहे थे.. फिर मैंने उसकी गाण्ड पर तेल लगाया।
मैं उसकी गाण्ड पर तेल लगाता जाता था और उसे मसलता जा रहा था।

अब आगे..

फिर उसकी पीठ पर, उसकी जाँघो पर.. और उसके पूरे बदन पर तेल लगाया।
अब वो भी पूरी कामुक हो गई थी.. उसने गैस बंद की और पलटकर मुझे बाँहों में ले कर मेरे होंठों को चूसने लगी, उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी.. शायद 10 मिनट तक हम एक-दूसरे के होंठों को चूसते रहे। फिर उसने मेरे लंड पर तेल लगाना शुरू किया.. वो भी मेरे पूरे बदन पर तेल लगाने लगी और मसाज करने लगी।

हम दोनों का बदन पूरा चिकना हो गया था.. अब मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया.. और सबिया को अपनी बाँहों में उठाकर बाथरूम में ले गया।
मेरा लंड तो पूरा तना हुआ था.. सबिया बोली- इसको अभी तो खाना खिलाया था फिर से भूखा हो गया, मैंने कहा- इसकी भूख तो एक दिन के बाद ही मिटेगी..

अब वो मेरी गोदी में बैठ गई.. मैं उसके मम्मों पर पीछे से साबुन लगा रहा था और मेरा लंड उसकी गाण्ड के छेद को छू रहा था।

अब वो खड़ी हो गई और उसने लंड को हाथ में लिया। उसका सुपारा बाहर निकाला और उस पर साबुन लगाने लगी। उसको मेरे लौड़े से खेलने में मजा आ रहा था.. वो उसको आगे-पीछे करने लगी।
तब मैं उसके गोरे-गोरे मम्मों पर साबुन लगा रहा था और उन्हें मसल रहा था।

मैं उसके एक निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.. उसके मुँह से आवाज़ निकल गई- अहह.. चूसो मेरे राजा.. पूरा चूस..लो..
मैं उसके निप्पल पर अपनी जीभ रगड़ रहा था।

जब उसने मेरे पूरे बदन पर साबुन लगा दिया.. तो मैंने भी उसके पूरे बदन पर साबुन लगाया और फोम के गुच्छे से खूब रगड़ा.. ताकि झाग ज़्यादा हो जाए।
तब मैंने उसको बाथरूम में ही फर्श पर लेटा दिया.. उसका बाथरूम काफ़ी बड़ा था। मैं उसके ऊपर चढ़ कर लंड को उसके मम्मों के बीच में फंसा कर रगड़ने लगा।
वो अपने हाथों से अपने चूचों को दबाए हुए थी और आवाज़ निकाल रही थी- उईई.. माँ.. अब मुझसे नहीं रहा जाता डाल दे पूरा लंड.. मेरी चूत में..

मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत पर रख दिया.. साबुन लगा हुआ था.. इसलिए ‘फट’ से अन्दर चला गया।
साबुन लगाकर चुदाई करने का मज़ा ही कुछ और होता है।

मैं उसको धक्के दे रहा था और सबिया आँखें बंद करके चुदने का पूरा मज़ा ले रही थी।

काफ़ी देर तक चुदाई चलती रही.. फिर वो बोली- बहुत मज़ा आया और उसने मेरा गाल पर चुम्मी ले ली।

रात का खाना भी हम दोनों ने नंगे ही किया.. वो मेरी गोदी में नंगी बैठी थी और मैं भी नंगा ही डाइनिंग टेबल पर बैठा था।
हम दोनों एक-दूसरे को खिला रहे थे। मेरा लंड अब ढीला था.. उसने दो बार जो मज़ा लिया था।
खाना खाने के बाद उसने बरतन भी नंगे हो कर ही धोए.. मैं ये सब देख रहा था।

अब मेरा लंड धीरे-धीरे फिर टाइट हो रहा था। वो बरतन धो कर मेरे पास बिस्तर पर आई.. और लेट गई। हम दोनों टीवी देखने लगे.. अचानक वो खड़ी हुई और उसने एक अलमारी में से सीडी निकाली और सीडी प्लेयर में डाल दी। वो एक ब्लू-फिल्म की सीडी थी।

अब हम वैसा ही करने लगे.. जैसा उस ब्लू-फिल्म में आ रहा था।
मैंने सबिया की चूत में उंगली डाली और अन्दर-बाहर करने लगा और साथ-साथ उसको चाट भी रहा था।
सबिया को बहुत मज़ा आ रहा था.. अब उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और जैसा फिल्म में आ रहा था.. वैसे ही उसे अपना थूक मेरे लंड पर लगाया और अन्दर-बाहर करने लगी।

फिर मैं सीधा हो गया और वो मेरे ऊपर घुटनों के बल चढ़ गई.. मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया.. और ऊपर-नीचे होने लगी।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उसके मम्मों को दबा रहा था।

करीब 15 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा फिर वो कुतिया की तरह हो गई और मैं पीछे से उसकी चुदाई करने लगा।
पहले मैंने उसकी चूत में लंड डाला और बाद में उसकी गाण्ड में लौड़ा पेल दिया।

वो इस अचानक हुए हमले से घबरा गई और जोर से चिल्लाई- उई माँ.. मेरी गाण्ड फट गई.. अहह..
मेरा मकसद पूरा हो गया था.. मेरा लवड़ा उसकी रसीली गुदा में घुस चुका था। जैसे पिक्चर में चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी.. वो ठीक वैसे ही आवाज़ निकाल रही थी।
अब मैं ज़ोर-ज़ोर से चुदाई करने लगा.. वो भी कुछ ही पलों के बाद मज़े में आ गई थी।

थोड़ी देर बाद हम दोनों का ‘एंडिंग पॉइंट’ आ गया।
फिर हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे को बाँहों मे लेकर सो गए..

दूसरे दिन हम करीब 10 बजे उठे.. दोनों ने एक साथ स्नान किया, उसने कहा- आज करीब 3 बजे मेरा आदमी आ जाएगा.. तुम 12 बजे चले जाना।
मैंने कहा- ठीक है..

और वो नंगी ही ब्रेकफास्ट बनाने चली गई।
ब्रेकफास्ट में ब्रेड और मक्खन था।
वो मेरी गोदी में आकर बैठ गई.. मैंने नाइफ में मक्खन लिया और उसके मम्मों पर लगाने लगा, फिर उसके निप्पल पर लगाया।
अब वो मुँह फिरा कर बैठ गई और मेरी गोदी में मेरे सामने मुँह करके बैठ गई।

मैंने उसके निप्पल से और मम्मों से मक्खन चूसना शुरू किया.. वो पूरी मदहोश हो रही थी। फिर उसने भी मेरी घुंडियों पर मक्खन लगाया.. मेरी छाती पर मक्खन लगाया.. और चूसने लगी। अब उसने औंधे हो कर मेरे लंड पर मक्खन लगाकर पूरा लंड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी।
मैं उसकी चूत को चाटने लगा।
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अब उसकी चूत पूरी मुलायम हो गई थी वो फिर से मेरे लौड़े के निशाने पर चूत रख कर बैठ गई।

उसने बैठे-बैठे ही मेरा लंड उसकी चूत में डलवा लिया.. मक्खन लगाने से उसकी चूत चिकनी हो गई थी। मेरा लंड तुरंत अन्दर घुस गया। अब वो खुद अपने चूतड़ों को उचका कर लौड़े पर धक्के देने लगी।

मैं उसके होंठों को चूसने लगा.. फिर उसने उठ कर मेरे लंड का सुपारा मुँह में ले लिया।
अब मैंने प्लेट से एक केला लिया और उसे छील कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा। फिर उस केले को उसके मुँह पर रखा.. तो वो केले को चूसने लगी।

ऊपर से नीचे की तरफ पूरे केले को चूसने लगी.. केला काफ़ी बड़ा था.. करीब 8 इंच का रहा होगा।

फिर मैंने केले को एक कंडोम पहनाया और उसकी चूत में डाल दिया।

उसके मुँह से आवाज़ निकल गई- उईए.. माँ…
उसकी आँखें फट सी गईं।

फिर मैं केले को चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
अब उसने कहा- इसमें मज़ा नहीं आ रहा है.. मुझे तो तुम्हारा केला पसंद है..

फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में पूरा डाल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा।
कुछ बाद वो झड़ गई.. फिर मैंने लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.. वो मेरे लंड को चूसने लगी.. मैंने पूरा गोटियों तक लंड उसके मुँह में डाल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा।
थोड़ी देर बाद मेरा सफेद पानी निकल गया.. सारा पानी वो पी गई।

अब हम दोनों ने कपड़े पहन लिए और उसने मुझसे कहा- तुमने मुझे जन्नत के नज़ारे करा दिए.. मुझे ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया..। लेकिन जानू अब हम कभी एक-दूसरे को कॉन्टेक्ट करने की भी कोशिश नहीं करेंगे। हम दोनों एक-दूसरे को भूल जाएंगे।
मैंने कहा- ठीक है.. मैं तुम्हें कभी कॉन्टेक्ट नहीं करूँगा।
वो इतना सुनते ही ज़ोर से मेरे गले लग गई और हम दोनों ने गहरा चुम्बन लिया एक-दूसरे के होंठों को मुँह में ले लिया और जीभ को चाटने लगे।

फिर मैं वहाँ से चला गया.. और कभी मैंने उसे कॉन्टेक्ट करने की कोशिश भी नहीं की.. उसका मोबाइल नम्बर भी अपने मोबाइल से डिलीट कर दिया।

प्रिय पाठको, आपको कहानी कैसी लगी.. आपके कमेंट्स का बेसब्री से इन्तजार है।
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