एक और किस्सा
हाय दोस्तो, उम्मीद है आप सब अच्छे होंगे, आपके मेल के लिये शुक्रिया. आपने इतना प्यार दिया कि दुनिया ही बदल गई है.
तो दोस्तो, एक बार फ़िर से लाइन पे आता हूँ, टाइम वेस्ट न करते हुये एक चुदाई का किस्सा सुनाता हूँ.
तो उस दिन मैं कपड़े धोकर छत पे सुखाने गया था,
पड़ोस की एक औरत भी वहाँ थी जिसका नाम जया था
उसकी मस्त जवानी को देखकर दिल बे-इमान हो रहा था
मोम्मे इतने बड़े थे कि खड़ा मेरा सामान हो रहा था.
यारो, उसकी जवानी मेरे दिल पे सितम ढा रही थी
और वो न चाहते हुये भी चुन्नी से अपने मोम्मे छुपा रही थी.
यारो उसकी इस हरकत ने मेरे इरादे को और कड़ा कर दिया
मोम्मे छुपाने से पहले ही उसकी जवानी ने मेरे लण्ड को खड़ा कर दिया.
यारो, मैं सोचने लगा… काश इसे चोदने का मौका मिल जाये
इसका पति कहीं दूर जाये और ये मेरे पास आये.
आखिर एक दिन जब वो मेरे घर आई
तो मैंने भी शुरु कर दी उसकी चुदाई.
मैंने उसका हाथ पकड़ के कहा- भगवान ने आपको फ़ुरसत में बनाया है
ऐसा लगता है सारा हुस्न आप पे ही लुटाया है.
मेरी बात सुन कर वो शरमा गई
और बिना कुछ कहे ही मेरी बाहों में आ गई.
मैं खुले दिल से उसकी तारिफ़ कर रहा था
लेकिन मन ही मन उसके पति से भी डर रहा था.
मैंने अपना एक हाथ उसकी ब्रा में डाल दिया
देर न करते हुये उसके कुर्ते को भी निकाल दिया.
मेरी इस हरकत से वो एकदम गर्म हो गई
हया की मूर्ति एकदम बेशरम हो गई.
अब मैंने हाथ को उसकी पेंटी में डाल दिया
वो गर्म हो चुकी थी उसने चूत से पानी निकाल दिया.
मैं समझ गया कि जो हालत मेरे हथियार की थी
वोही हालत उसकी भी थी और वो चुदाने को तैयार सी थी.
मैंने मौका सम्भालते हुये उसकी सलवार और पेंटी को भी निकाल दिया
और अपने खड़े हुये लण्ड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया.
मैं अपने लण्ड को उसकी चूत में डाल के आगे पीछे हिला रहा था
मैं तो मजे ले ही रहा था साथ ही उसे भी मजे दिला रहा था.
वो बोली- चोदो चोदो मुझे चोदो और ज़ोर ज़ोर से
आज मुझे चोदो जी भर के आगे पीछे दोनों ओर से.
मैंने भी उसे चोदने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी
इस बार मैं घोड़ा और वो घोड़ी थी.
अब हम फ़्री हुये और वो मेरा लण्ड चूस रही थी,
मेरे जिस्म की गर्मी को वो लण्ड से महसूस कर रही थी.
आज हम दोनों चुदाई के रास्ते एक नये रिश्ते से जुड़ गये,
यारो, सामने देखा तो मेरे होश ही उड़ गये.
चुदाई के टाइम हमने जो वादे किये वो बड़े बड़े थे
लेकिन वादे सारे टूट गये क्यूंकि सामने उसके पतिदेव खड़े थे.
पतिदेव ने कहा- चोदो चोदो अब क्यूँ शरम आ रही है
मैं तो देखने चला था कि मेरी बीवी कहाँ जा रही है.
लेकिन यहाँ तो सीन ही कुछ और चल रहा है
मेरी बीवी को गोद में बिठा के तू उसके मोम्मे मल रहा है.
पतिदेव ने आज हमे रंगे हाथ पकड़ लिया
मैं कुछ समझ पाता इससे पहले ही मुझे गले से जकड़ लिया.
पतिदेव का गुस्सा देखकर जया तो उनके चरणों से लिपट गई
यारों पतिदेव ने चांटा मारा तो मेरी तो गाण्ड ही फ़ट गई.
इसी बीच में पतिदेव ने बाकी की कसर भी पूरी कर दी
पूरे जोश के साथ एक लात मेरी गाण्ड पे धर दी.
उसकी लात से गाण्ड का पुर्ज़ा पुर्ज़ा हिल रहा था
गाण्ड मरवाने के बाद का दर्द अब मुझे मिल रहा था.
अब क्या बताऊँ दोस्तों मेरा क्या हाल था
मेरे लिये तो अब जान बचाने का सवाल था.
आखिर किसी तरह से मामले को ठंडा किया गया
मैं सोच रहा था कि क्यों मेरे से ये पंगा लिया गया.
उस दिन से मैंने सोच लिया कि किसी भी औरत को कभी गंदी नज़र से नहीं देखूँगा
वो अगर नंगी भी आके सामने खड़ी हो जायेगी तो भी अपने पज़ामे को उतार के नहीं फेंकूंगा.
लेकिन दोस्तो दिल तो पागल है रोज़ मचलता है,
आखिर इस दिल पे कब किसका ज़ोर चलता है.
आज भी हर एक औरत के पतिदेव से डरता हूँ,
मैं जानता हूँ कि औरत चूत आगे और गाण्ड पीछे है.
तो दोस्तो, याद है न,
चोदो चुदवाओ और लाइफ़ को खुश हाल बनाओ.
What did you think of this story??
Comments