बाली उमरिया में लगा प्रेम रोग- 10

(Kamukta Antarwasna Kahani)

कामुकता अन्तर्वासना कहानी में एक माँ ने अपनी पड़ोसन सहेली की मदद से अपने बेटे को सेक्स करना सिखाया और उसे समझाया कि कामुकता हर किसी में होती है और सेक्स सबके लिए जरूरी है.

कहानी के नवम भाग
दोस्त की मम्मी की चूत मारी
में अब तक आपने पढ़ा कि बंटू सिमरन की जम के चुदाई करता है तथा पम्मी को रात में चोद के तृप्त करता है।
तो पम्मी बहुत गदगद हो जाती है।
पम्मी की पहल पर दोनों सुबह एक बार फिर, चुदाई के इस परम आनन्द को दोहराना चाहते हैं।

अब आगे कामुकता अन्तर्वासना कहानी:

सुबह पम्मी ने नंगे सोए हुए बंटू पर नजर डाली, उसका लंड आसमान को सलामी दे रहा था।
वह मुस्कुराने लगी और कुछ सोच कर वह उठी.

थोड़ी देर में बंटू को अपने लंड पर कुछ ठंडा ठंडा लगा।

उसके बाद एकदम गर्माहट सी आ गई और उसे महसूस हुआ कि कोई उसके लंड को बड़े प्यार से सहला रहा है, उसकी नींद उचट गई।
वह इन पलों का आंखें मूंदे आनन्द लेता रहा फिर जब उसके लंड पर दुबारा ठंडा-ठंडा लगा तो उसने आंखें खोली।

पम्मी उसके लंड पर आइसक्रीम लगाकर चूस रही थी.
वह पम्मी की दीवानगी के कारण खुश हो गया कि मैं ही नहीं, पम्मी भी सुबह-सुबह चुदवाने के मूड में है।

बंटू ने पम्मी को बोला- मैं अभी वॉशरूम जाकर आता हूं.
क्योंकि उसे पता था कि चुदाई के मैदान में टिकने के लिए ब्लैडर खाली होना जरूरी होता है।

उसने आते ही पम्मी के होठों पर अपने होंठ रख दिए.
तभी उसके मुंह में पम्मी ने जुबान से आइसक्रीम का एक टुकड़ा धकेला.

बंटू चकित होकर पम्मी की ये कामुक हरकतें देख रहा था।
उसके होठों का मजा लेकर जब वह उसके स्तनों पर पहुंचा तो वहां भी उसे पिघली हुई आइसक्रीम का स्वाद आया.

उसे ऐसा लगा जैसे पम्मी के स्तनों से दूध टपक रहा है।
इस विचार ने उसके मन में गुदगुदी उत्पन्न कर दी।

उसके बाद उसने सीधे पम्मी की चूत पर अपना मुंह लगाया, उसे बहुत देर तक पम्मी की चूत कुत्ते की तरह लप लप करके चाटना पड़ी क्योंकि उसमें भी आइसक्रीम भरी हुई थी जो पिघल कर बाहर आ रही थी।

बंटू का लंड पूरी तरह अकड़ गया था.
उसने पम्मी को चोदने के इरादे से उसकी टांगें ऊपर करना चाही तो पम्मी ने मना कर दिया।

बंटू ने पूछा- क्या हुआ?
पम्मी ने बोला- रात को तूने मेरी चूत चोदी थी, अब मैं तेरे लंड को चोदूंगी।

तब पम्मी ने उसको लिटा कर फिर से उसके लंड को मुंह में लेकर चिकना किया और उसे अपनी चूत पर सेट करके, पूरा लंड अपनी चूत के भीतर समा लिया।

उसके बाद पम्मी ने तरह तरह से कमर हिला के बंटू की चुदाई शुरू की।
बंटू लगातार उसके स्तनों से खेल रहा था।

स्व इच्छा अनुसार पम्मी बंटू के लंड पर उछल उछल कर उसके लंड के मजे ले रही थी तो बंटू इन आनन्ददायक रगड़ों से मस्ती में झूम रहा था।

पम्मी बंटू के लंड से चूत में लग रहे रगड़ों से मस्त थी तो बंटू पम्मी की चूत द्वारा उसके लंड की मालिश से जन्नत की सैर कर रहा था।

जब बंटू को लगा कि दोनों का ऑर्गेज्म नज़दीक है तो उसने पम्मी की कमर पकड़ के उसे अपने ऊपर से नीचे किया और उसकी चूत को दम लगा के रगड़ने लगा।

30-40 धक्के लगाने के बाद दोनों चरम सुख की कुलांचें भरती हुई नदी में एक साथ बह निकले।
बंटू पम्मी की चूत में अपना लंड जड़ तक दबाये हुए पसीना पसीना हो चुका था और पम्मी का रोम रोम इस आनन्ददायक चुदाई के कारण लहलहा रहा था।

वासना का तूफान थमने के बाद पम्मी ने कहा- बंटू, मैं इस रात को सारी जिंदगी नहीं भूल सकती. आज तूने मुझे वह आनन्द दिया है!
और उसे फिर से बाहों में भींच लिया।

बंटू ने कहा- इसका सारा श्रेय मेरे गुरुजी को जाता है.
पम्मी बोली- आखिर कौन है तेरा गुरु?
बंटू ने कहा- जब तू जाएगी तब तुझ से मिलवाऊंगा।

पम्मी की जिज्ञासा बढ़ गई, वह बंटू के गुरु के बारे में सोचती हुई वॉशरूम की ओर चल दी।

बिस्तर से उठ कर पम्मी ने पैकिंग कर ली.

बंटू और पम्मी नाश्ता करने के बाद ऑटो की प्रतीक्षा कर रहे थे।
तभी सामने से सिमरन आती दिखाई दी.

अंजना ने आगे बढ़ के ‘सिमरन दी’ कह के उसे गले से लगा लिया।

पम्मी ने भी मौसी कह के सिमरन को प्रणाम लिया.
सिमरन ने उसे ‘सदा आनन्द में रह बेटा’ कह के आशीर्वाद दिया।

ऑटो आया, बंटू और पम्मी उसमें बैठे.
तो सिमरन ने कहा- बंटू रुक, मैं भी चलती हूं।

पम्मी थोड़ी अपसेट हुई कि ‘सिमरन आंटी क्यों कवाब में हड्डी बन रही हैं?’
लेकिन बंटू ने कुछ नहीं बोला.

स्टेशन पहुंच कर पम्मी ने फिर बंटू से पूछा- तेरे गुरु जी नहीं आए?
बंटू ने मुस्कुरा के सिमरन की ओर इशारा करते हुए कहा- यही तो हैं मेरी सैक्स गुरु!
पम्मी चौंक गई- क्या? सिमरन मौसी? तेरी सैक्स गुरु?

तभी सिमरन ने आगे बढ़कर पम्मी को गले लगाया और बोली- हां बेटा, मैं ही हूं इसकी सैक्स गुरु! तू तो यह बता कि रात को और सुबह, दोनों समय तुम्हारा प्रेम युद्ध कैसा रहा?

पम्मी का चेहरा शर्म से लाल हो गया, बोली- मौसी, तुमको सब कुछ पता है?
सिमरन ने कहा- हां, अब तू मेरे सवाल का जवाब दे!

उस पर पम्मी ने कहा- प्रेम युद्ध में हम दोनों जीते। मैं कह नहीं सकती कि बंटू की सैक्स गुरु बन के और मेरी हसरतों को पूरा करवा के, आपने कितना बड़ा उपकार किया है मुझ पर!

पम्मी को विदा कर दोनों घर पहुंचे.
वहां बंटू ने सिमरन से कहा- आंटी, अब तो बताओ कि तुम कौन सी लम्बी कहानी सुनाने वाली थी?
तो जवाब में सिमरन मुस्कुराने लगी और कहा- तो तैयार हो जा! आज तेरी सारी जिज्ञासा, तेरे सारे प्रश्नों का समाधान कर देती हूं।

सिमरन बोली- सबसे पहले तुझे यह जानना है न कि मैंने तुझे आसानी से अपने बूब्स के साथ खेलने क्यों दिया?
बंटू बोला- हां आंटी, मैं तभी से इस सोच में हूं कि तुमने ऐसा क्यों किया? क्योंकि तुम्हारे जैसी जवान और कामुक औरत को पटाने के लिए हम जैसे कम उम्र के लड़कों को बहुत मेहनत करना पड़ती है।

सिमरन बोली- क्या तू यह बात आसानी से मान लेगा कि ऐसा मैंने तेरी मां के कहने पर किया?
बंटू हैरानी से सिमरन की बातें सुन रहा था, वह बोला- हरगिज़ नहीं, वे भला ऐसा क्यों चाहेंगी और फिर उस पर वे तुमसे ऐसी बात क्यों करेंगी?

सिमरन बोली- मुझे पता था कि तू नहीं मानेगा. चल मैं तुझे पूरी बात समझाती हूं।

हुआ यूं कि एक बार रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं बाहर बॉलकनी में आकर ठंडी हवा का मजा लेने लगी.

तभी मेरी नज़र तेरे कमरे के रोशनदान से होती हुई तुझ पर पड़ी।
तुझे मालूम है कि तू उस समय क्या कर रहा था?

बंटू बोला- मुझे भला कैसे मालूम होगा? देख तो तुम रही थी।
सिमरन बोली- तू उस समय एक स्टूल पर चढ़कर अपनी मम्मी के कमरे से आ रही चुदाई वाली आवाज़ें सुनते हुए अपने लंड को पकड़कर मुट्ठ मार रहा था।

तेरी उम्र में सैक्स के बारे में जिज्ञासा बहुत अधिक होती है।
इसमें बहुत बड़ा योगदान पोर्न वीडियो का भी है. तूने भी तो पोर्न वीडियो देखे होंगे? विशेष कर काले नीग्रो वाले, जिनके लंड 9 -10 इंच लम्बे और घोड़े के जैसे मोटे होते हैं।

इन वीडियो को देख देख के अपने पति के अलावा जो भी औरतें पराए मर्द से चुदवाने की इच्छा रखती हैं, उन सब के मन में लम्बे और मोटे लंड की हसरत रहती है।

यह भी मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि उनमें से 99% एक बार किसी काले नीग्रो के मूसल जैसे लंड से अपनी चूत कुटवाने की इच्छा जरूर रखती है।

बंटू मंत्रमुग्ध होकर सिमरन की रसीली बातें सुन रहा था।
उसने कहा- अब यह तो बताओ कि मेरी मम्मी ने तुमसे ऐसा क्यों कहा कि तुम मुझे तुम्हारे साथ सैक्स के खेल खेलने दो और सरताज अंकल तुम्हारी सहमति से क्यों मेरी मां चोद रहे थे?

सिमरन बोली- धीरज रख मुंडे, मैंने पहले ही कहा था कि मेरी कहानी ज़रा लम्बी है। तू यह बता कि तेरे नाना-नानी कहां रहते हैं?
बंटू बोला- लंदन में, क्यों? इसका मेरे या सरताज अंकल से क्या ताल्लुक है?

सिमरन बोली- बताती हूं बेटा, थोड़ी ठंड रख! तेरी मम्मी की शादी को 20 साल हो गए हैं. तूने तेरी मम्मी के मुंह से तेरे पापा के ढीले लंड होने के बारे में जो सुना, वह तो हमेशा से था।
इस कारण तेरी मम्मी हमेशा अतृप्त रहा करती थी, उसकी चूत में हमेशा आग धधकती रहती थी।
कम उम्र में शादी होने के कारण वह यहां तो कुछ कर नहीं पाई लेकिन जब भी वह लंदन गई तो वहां उसने जी भर के नए-नए लौड़ों से खूब चुदवाया।

बंटू का चेहरा और लटक गया जबकि उसके लंड में तनाव बरकरार था।
उसने पूछा- क्यों पापा ने रोका नहीं?
सिमरन बोली- वह किस मुंह से रोकता? तेरी मम्मी ने तेरे पापा को धमकी दे दी थी यदि तुमने मुझे रोकने की कोशिश की तो मैं सबको बता दूंगी कि न केवल तुम्हारा लन्ड छोटा है बल्कि तुम मुझे तृप्त भी नहीं कर पाते।

बेटा, मर्द किसी भी तरह की कमी को स्वीकार कर सकता है लेकिन जब बात मर्दानगी की आ जाए तो वह उसकी सबसे दुखती रग होती है।
तेरे पापा हर लंदन यात्रा में खुद तेरी मम्मी को लेकर कई क्लबों में गए। जहां तेरी मम्मी ने अकेले और तेरे पापा के सामने भी, कई कई मर्दों के साथ चुदाई के सारे खेल खेले और पूरी तरह तृप्त होकर वापस लौटी।

वहां से लौटकर कुछ दिन तो यहां चैन से निकलते लेकिन तेरी मम्मी कितने दिन बिना चुदाई की तृप्ति के रह सकती थी?
कुछ ही दिनों बाद जब वासना फिर से सिर उठाने लगती तो तेरी मम्मी के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने लगता।

एक दिन मैं तेरे यहां बैठी थी तो तेरी मम्मी तेरे पापा पर बात बात पर गुस्सा कर रही थी।
मैंने कहा- अंजू, तू क्यों देवर जी पर इतना गुस्सा करदी रेहंदी है।

तुझे पता है कि मैं तेरी मम्मी से 2 साल बड़ी हूं.
उस दिन उसको पता नहीं क्या हुआ, उसने कहा- क्या बताऊं यार दीदी, यह मुआ ठीक से मुझे चोद नहीं पाता है। एक बार की बात हो तो कोई बात नहीं … पर महीनों महीनों तक ऑर्गेज्म के लिए तरसती रहती हूं।

मैंने उसको कई उपाय बताये जिनके जरिये वह बिना कोई लंड चूत में लिए झड़ सकती थी लेकिन बेटा लंड आखिर लंड होता है।
औरत की चूत को किसी भी चीज से वह आनन्द नहीं मिल सकता जो एक मर्द के कड़क लंड के रगड़ों से मिलता है।

अभी कुछ दिनों पहले तेरी मम्मी जब फिर लौटी तो एक दिन उसने मुझसे कहा- यार दी, तू इतना खुश कैसे रहती है? जेठ जी का लंड कितना बड़ा है? और क्या वे तेरी मस्त चुदाई करते हैं? और क्या तू हमेशा तृप्त हो जाती है? मैंने उससे कहा- अरी अंजू, तूने तो प्रश्नों की मशीनगन ही चला दी. अभी तो तू नए-नए लौड़ों से चुदवा के आई होगी? फिर यह बेताबी किस लिए है?

अंजू कहने लगी- अरे यार शादी के 20 साल में मैं यह तीसरी बार गई हूं और मुश्किल से हम लोग तीन हफ्ते वहां रहते हैं क्योंकि इनकी दुकान को चलाने के लिए कोई और विश्वसनीय व्यक्ति है नहीं। अब तू ही सोच तीन वीकेंड में पांच साल की कसर कैसे निकलेगी? फिर लंदन जाना महंगा कितना पड़ता है? उस पर क्लबों में जाना भी तो कितना खर्चीला होता है? मैंने 20 साल तो निकाल दिए, पर मैं जल्दी-जल्दी लंदन भी तो नहीं जा सकती और बिन चुदे रह भी नहीं सकती। वहां से आने के बाद कुछ दिन तो शांति से निकल जाते हैं पर जैसे ही वासना अपना रंग दिखाने लगती है, मेरी प्यासी चूत, फिर से लंड मांगने लगती है। मैं करूं तो क्या करूं। तू पहले मेरे प्रश्नों का जवाब दे।

मैंने कहा- हां, मेरे सरताज का लंड काफी बड़ा और मोटा है।
तेरी मम्मी ने फिर पूछा- कितना बड़ा?
मैंने कहा- 8 इंच का!

यह सुनकर पता नहीं क्यों तेरी मम्मी की आंखों में जैसे चमक आ गई।
इसके बाद मैंने तेरी मम्मी की झांटें जलाते हुए कहा- और वह चोदता भी बहुत दमदार तरीके से है. साला हड्डियां चटका देता है, गजब का स्टेमिना है उसका! मैं उसके लंड से जब भी चुदवाती हूं तो हर बार झड़ जाती हूं। कई बार तो एक से अधिक बार भी मुझे स्खलन का सुख मिलता है।

तेरी मम्मी के चेहरे से साफ दिखाई दे रहा था कि उसके मन में वासना जाग गई है.
उसने मुझसे पूछा- ‘उसके लंड से जब भी’ का क्या मतलब है? क्या तूने भी किसी और का भी लंड लिया है?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं, और किसी का मतलब केवल एक दो नहीं बल्कि कई मर्दो के लौड़ों के मज़े मैं ले चुकी हूं।

तेरी मम्मी ने मुझसे पूछा- क्यों तू तो कह रही थी कि जेठ जी बहुत बढ़िया चुदाई करते हैं, फिर नये लौड़े लेने की जरूरत क्यों पड़ी?

फिर सिमरन ने बंटू से पूछा- तू भी वही सोच रहा है न जो तेरी मम्मी ने पूछा था?
बंटू ने कहा- हां आंटी, मैं भी यह जानना चाहता हूं कि जब सरताज अंकल का लंड लम्बा और मोटा भी है और वे तुम्हारी चुदाई भी जम के करते हैं फिर किसी पराये मर्द का लन्ड लेने की जरूरत क्यों लगती है?

सिमरन ने कहा- कुदरत ने हर इंसान की रचना इस तरह की है कि वह जन्म से लेकर मरते दम तक नयेपन की तलाश में रहता है। कोई कितनी भी पतिव्रता और एकनिष्ठ औरत होगी लेकिन जब उसको कोई पराया मर्द स्पर्श करता है तो उसके शरीर में सिहरन दौड जाती है। जबकि उस मर्द ने भले ही बेख्याली में उस पतिव्रता औरत को छुआ हो, ऐसा इसलिए होता है क्यों कि एक नया स्पर्श उत्तेजना प्रदान करता है। और रही मर्दों की बात … तो शत प्रतिशत मर्द फुर्सत मिलते ही हमेशा नई चूत को चोदने के लिये लालायित रहते हैं।
अब तू अपने ऊपर ही ले, तू पम्मी को चोदना चाहता था या नहीं?

बंटू ने कहा- हां, उसे तो चोदना चाहता था.
सिमरन ने कहा- और तुझे मेरे साथ भी एंजॉय करना था?
बंटू ने कहा- हां, तुम्हारे साथ भी एंजॉय करना था।

फिर सिमरन ने पूछा- और उसके बाद आगे क्या विचार है? अभी पूरी जवानी बाकी पड़ी है।
इस पर बंटू ने जवाब दिया- आंटी, मेरी फैंटेसी तो यह है कि कम से कम सौ चूतें चोदनी हैं।

सिमरन ने कहा- आया कुछ समझ में?
बंटू ने हां में सिर हिलाया।

सिमरन बोली- अब एक बात सच सच बताना, जब तुझे पता चला कि तेरी मम्मी सरताज अंकल से चुदवा रही है तो तुझे बुरा लगा न?
बंटू ने कहा- हां यार, बहुत बुरा लगा था।

सिमरन बोली- अब जब मैंने तुझे इतना सब बताया, जिसमें तुझे यह भी पता लगा कि तेरी मम्मी लंदन में कई लंड ले चुकी है तो अब भी तुझे उतना ही बुरा लग रहा है, जितना पहले लग रहा था, या नहीं?
बंटू ने कहा- सच कहूं आंटी … तो अब बिल्कुल बुरा नहीं लग रहा बल्कि ऐसा लग रहा है कि हां यार, ऐसा ही होना चाहिए।

सिमरन ने खुश होकर बंटू को गले से लगा लिया और कहा- दिल खुश कर दिया तूने मेरे छोटे आशिक़! तुझे मेरी बात न केवल समझ में आई बल्कि तूने अभी से उस पर अमल करना भी शुरू कर दिया। वास्तव में हम सब लोग जिस्म की भूख को पेट की भूख की तरह सामान्य नहीं मानते।
माता पिता को तो हम देवी देवता मानते हैं और बचपन में तो हम यह मानने को तैयार ही नहीं होते कि हमारे माता-पिता के बीच में जिस्मानी ताल्लुकात होते होंगे। बहुत समय बाद हम यह स्वीकार करते हैं कि हमारे पिता ने जब हमारी मां चोदी थी तब हम पैदा हुए थे।
रही बात किसी नए साथी के साथ सैक्स का आनन्द लेने की तो इस सामाजिक पाखंड से हर व्यक्ति परेशान है फिर भी कोई व्यक्ति इसके खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं करता।
यदि परिवार में सब लोग एक दूसरे के सैक्स संबंधों को पाप की नज़र से ना देखें तो तू ही सोच हर घर में आए दिन होने वाले लड़ाई झगड़े और तनाव एकदम खत्म हो जाएंगे या नहीं?

बंटू ने कहा- हां, इच्छाएं जब पूरी नहीं हो तो दिमाग तनाव ग्रस्त रहता है।

सिमरन ने आगे बोलना शुरू किया:

कुदरत ने तो ना मर्द पर कोई बंदिश लगाई ना औरत पर! लेकिन इसी पाखंड की परिपाटी के कारण 10-10 लंड लेने वाली औरत भी सती सावित्री बनकर घूमती है।

और वास्तव में जो औरतें अपने पति के अलावा किसी और से नहीं चुदीं, वे सब भी कल्पनाओं में कई लंड ले चुकी होती हैं लेकिन वे पारिवारिक और सामाजिक दबाव तथा बदनामी से डर कर अपने आप को कड़े नियंत्रण में रखने पर विवश होती हैं।

यदि कभी उनका नार्को टेस्ट किया जाए तो ऐसी हर औरत यही रहेगी कि वह बहुत सारे लंड लेना चाहती है।

जिनको नये साथी के साथ मौज करने का अवसर नहीं मिलता वे इसलिए दुखी होते हैं कि सैक्स पर इतनी बंदिशें क्यों हैं? नया स्वाद कब और कैसे मिलेगा?

किंतु यही लोग जब देखते हैं कि किसी मर्द को नई चूत चोदने को मिल रही है तो कुढ़ते हैं कि यह साला कैसे मजे कर रहा है और यदि किसी औरत के बारे में यह पता चल जाए कि वह किसी पराये मर्द के साथ चुदाई का आनन्द ले रही है तो यही लोग उस पर रंडी या वेश्या होने का तमगा लगाने में ज़रा भी देर नहीं करते।

कारण सिर्फ एक है कि हर व्यक्ति चाहे वो मर्द हो या औरत, सब की सोच यही है कि केवल मैं मज़े करूं और किसी को पता भी नहीं चले।
मैंने जो तथाकथित शराफत का नकाब ओढ़ रखा है, वह ज्यों का त्यों बना रहे, जिस से वह अवसर मिलने पर किसी और की निंदा का रस ले सके।

बंटू अपनी सैक्स गुरु सिमरन की बातें सुन सुन कर हैरत में था कि इस दुनिया में, कामुकता अन्तर्वासना का भरपूर आनन्द उठाने वालों की भी एक दुनिया है जिसमें बिना किसी किंतु परंतु के जी भर के आनन्द उठाने वाले लोग रहते हैं।
वे मस्ती के लिए नये नये आसन, नये नये स्थान, नये नये साथी, नये नये फलक तलाश करते हैं।

बंटू ने माना कि वह भी आज इस अनोखी दुनिया का नया सदस्य बन चुका है।
अब मां की चुदाई में तृप्ति प्राप्त करने की आतुरता को लेकर, उसके मन में जो खिन्नता थी, वह भी अब करीब करीब समाप्त हो चुकी थी।

अपने घर पहुंच कर पम्मी ने अंजू बुआ को फोन पर कहा- बुआ, इस बार वहां बहुत अच्छा लगा, मैं फिर से जल्दी ही आऊंगी।
इस पर बुआ ने भी शरारत से कहा- पम्मी, जिंदगी के असली मजे लेने हैं तो जल्दी आना ही पड़ेगा।
पम्मी ने आश्चर्य से पूछा- क्या मतलब बुआ?
इस पर अंजू ने जवाब दिया- मेरी लाडली, कान केवल तुम दोनों के पास ही नहीं हैं, मुझे भी सुनाई देता है। सिमरन दी मेरे कहने से ही बंटू की सैक्स गुरु बनी थी।

पम्मी आश्चर्यचकित हुई किंतु उसने राहत की सांस ली क्योंकि अब बुआ को पता चलने का भी कोई खुटका नहीं बचा था।

मेरे प्रिय कामुकता प्रेमी पाठको, मुझे पूरा विश्वास है कि मेंरी इस वासना भरी कहानी ने आपको भरपूर सनसनी दी होगी.
कामुकता अन्तर्वासना कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया और अनमोल सुझाव मुझे प्रेषित करें।
मेरी आईडी है
[email protected]

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