पतिव्रता बीवी की चुदाई पुराने आशिक से- 2

(Hot Wife With Lover)

मेरी हॉट वाइफ विद लवर मजा कर रही थी मेरे ही घर में … और मैं ऑफिस में था. मैंने ही अपनी पत्नी के पुराने प्रेमी को घर बुलाकर उन दोनों को मिलने का मौक़ा दिया था.

फ्रेंड्स, मैं दीपांकर एक बार फिर से आपको अपनी सेक्स और हॉट बीवी की उसके पुराने आशिक से चुत चुदाई की कहानी में स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
मेरी बीवी का पहला आशिक
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी बीवी को उसके पुराने आशिक से चुदवाने के लिए कल्पना करने के लिए राजी कर लिया था और उसने मेरे लंड की सवारी करते हुए अपने आशिक से चुदवाया था.
उसके बाद ऐसा हम दोनों अक्सर करने लगे थे.

अब आगे मेरी हॉट वाइफ विद लवर:

कुछ दिन बाद मैं अपनी बीवी संजू के साथ अपनी ससुराल गया.

संयोग देखिए उसी दिन मेरी ससुराल में उसका वही पुराना प्रेमी दिनेश, उसकी बीवी और उसका छोटा सा बच्चा आया हुआ था.
मैंने दिनेश को जैसे ही देखा, तुरंत मैंने संजू के चेहरे को देखा.

उसने नजरें झुका लीं और वहां से दूसरे कमरे में चली गई.

मैंने दिनेश से हाथ मिलाया और हाल-चाल पूछा.

दिनेश वाकयी में गोरा चिट्टा और स्मार्ट था. परंतु भाग्य देखिए कि उसकी बीवी उसके बिल्कुल विपरीत थी.

दिनेश की बीवी का नाम नीतू था. वो 5 फीट 3 इंच की नाटी और सांवली थी. उसकी उम्र लगभग 30 वर्ष रही होगी अर्थात मेरी बीवी से 05 वर्ष बड़ी.

उसकी बॉडी का साईज 36-34-36 का रहा होगा मतलब वो मोटी भी थी.
मेरी संजना के सामने वो कुछ भी नहीं थी. कहां मेरी बीवी हूर की परी और कहां वो नाटी और मोटी और सांवली.

खैर … रात हुई और हम सब डाईनिंग टेबल पर आ बैठे.

मेरे बगल में मेरी बीवी और हमारे सामने दिनेश और उसकी मोटी बीवी.

मेरी बीवी ने उस वक्त साड़ी पहनी थी और वो साड़ी में सबसे अच्छी लगती है.
उस समय भी वो बला की खूबसूरत लग रही थी.

दिनेश बार बार मेरी बीवी को बहुत हसरत भरी निगाहों से देख रहा था और मायूस भी था.
आखिर हो भी क्यों ना, जिसे वो जान से ज्यादा चाहता था और इतनी खूबसूरत और सेक्सी लड़की को कौन नहीं पाना चाहेगा.

एकाएक एक बार दिनेश और मेरी बीवी संजना की नजरें मिलीं, तो दिनेश की आंखें डबडबा गईं और संजू ने भी अपनी नजरों को नीचे कर लिया.

खाना को बीच में ही छोड़कर दिनेश उठ गया और पेट भर जाने एवं कुछ जरूरी कॉल के बहाने वहां से अपने कमरे में चला गया.
मैं और संजू इस बात को समझ गए थे और एक दूसरे को देखने भी लगे, पर कुछ बोले नहीं.

हम लोगों ने खाना खाया और अपने बेडरूम में आ गए.

मैंने संजू से कहा- यार, दिनेश अब भी तुमसे बहुत प्यार करता है.
वो मायूस होकर बोली- लेकिन मैं अब सिर्फ आपसे प्यार करती हूँ.

मैंने कहा- यार, कितना हैंडसम लड़का है और कैसी बीवी मिल गई, तुम्हारे सामने तो वो कुछ भी नहीं है. कैसे वो जिंदगी काट रहा होगा.

अब मैंने नोटिस किया कि संजू को भी कहीं ना कहीं दिनेश से हमदर्दी थी और उसके मन में अभी भी उसके लिए प्यार था.

हम लोगों ने उस दिन भी सेक्स किया और सेक्स के बाद हम दोनों बाथरूम में जाने लगे.
बाथरूम के ही बगल में दिनेश और उसकी बीवी ठहरी थी.

रात का एक बज रहा था.
एकाएक उसके कमरे से चिल्लाने की आवाज आई, जो दिनेश की थी.

वो अपनी बीवी को बोल रहा था- क्या यार, तुम्हारी रोज की यही आदत है. मैं जब भी सेक्स करना चाहता हूँ, तुम कमर दर्द का बहाना बना देती हो.
उसकी बीवी बोली- तो मैं क्या करूं मेरा कमर वाकयी में बहुत दर्द करती है. आपका तो जल्दी निकलता नहीं है और मैं आपको इतनी देर तक सह नहीं पाती हूं.

ये सब सुनकर हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और बाथरूम के बाद अपने रूम में आ गए.
मैंने संजू से कहा- बेचारे को सेक्स भी ढंग से नसीब नहीं है.
संजू बोली- हां, बहुत बुरा हुआ उसके साथ!

अगला दिन हुआ, तो हम लोग वहां से अपने घर जाने लगे.
दिनेश से बातचीत के क्रम में पता चला कि मैं जिस जिले में जॉब करता हूँ, वहां भी वो बिजनेस के सिलसिले में जाता है.

मैंने उससे वादा लिया कि अगली बार जब भी आए, मेरे यहां जरूर पधारे.
वो संजू को देखकर मेरी बात से खुश हो गया और उसने आने का वादा कर दिया.

संजू ये सब सुनकर चुप थी.
खैर … हम लोग कुछ दिन बाद अपनी नौकरी वाली जगह आ गए.

हम दोनों का जीवन फिर से बिंदास चलने लगा और हम लोग रोज सेक्स करते हुए जिन्दगी का मजा ले रहे थे.

संजू का इसी बीच एक दिन मासिक हो गया और हमारा सेक्स 3 दिन के लिए बंद हो गया.

तीन दिन बाद संजू फ्रेश हो गई और सुबह सुबह ही सेक्स के लिए आतुर हो गई.

एक बात बता दूँ कि संजू का मेन्स खत्म होने के बाद वो सेक्स के लिए पागल हो जाती है.
पर उस दिन मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही थी, इस वजह से मैं उसके साथ सेक्स नहीं कर पाया.

मैं ऑफिस में था, तभी मेरे मोबाईल की घंटी बजी.
मैंने देखा तो ये तो दिनेश का कॉल था.

मैंने फोन उठाया तो उसने बताया कि आज शाम को वह कुछ काम से मेरे शहर में आ रहा है.
तो मैंने झट से कहा कि आप मेरे यहां ही ठहरेंगे.
थोड़ा नानुकुर के बाद वो मान गया.

मेरे मन में फिर से वही फंतासी कुलबुलाने लगी कि अपनी बीवी को उससे चुदवाने का कीड़ा मरना ही चाहिए.

मैंने तुरंत संजना को फोन पर बताया कि दिनेश आज घर आ रहा है.
वो बोली- क्यों?

मैंने कहा- कुछ काम है उसको, वो नहीं आना चाह रहा था, पर मैंने जिद से उसे बुला लिया है.
वो बोली- ठीक है.

मैंने उससे मजाक में कहा- तुम्हारा पहला आशिक आ रहा है, थोड़ा सज-धज के रहना.
वो झूठा गुस्सा दिखाती हुई बोली- धत् आप भी ना!
ये कह कर उसने फोन रख दिया.

शाम को 7 बजे मैंने दिनेश को पिकअप किया और अपने फ्लैट पर आ गया.
संजू ने जैसे ही दरवाजा खोला, हम और दिनेश उसे देखते ही रह गए.

वो काले रंग की साड़ी, सेक्सी ब्लाउज पहने हुई थी और उसने बहुत अच्छा मेकअप किया हुआ था.
उसने गहरे रंग का चेरी रेड लिपस्टिक लगाई हुई थी.
वो किसी अप्सरा से कम नहीं दिख रही थी.

फिर हम लोग अन्दर आए और चाय नाश्ता करने लगे.
दिनेश की नजर संजना से हट ही नहीं रही थी.

फिर रात हुई और हम लोग अपने अपने कमरे में आ गए.
मैंने संजू से कहा- क्या बात है आज इतनी सज-धज कर … दिनेश के लिए ना!

वो बोली- भक … ऐसा कुछ नहीं है.
मैंने कहा- दिनेश की तो लार टपक रही होगी तुम्हें देख कर, उसने न जाने कैसे छोड़ दिया शादी से पहले तुमको. मैं तुम्हारा प्रेमी रहता तो तुम्हें पटक कर चोद देता.

वो इस बात से झूठा गुस्सा होकर मुझे मुक्का मारने लगी और बोली- छीः कैसा बोलते हैं आप?

आज संजना सेक्स करने के लिए पूरे मूड में थी, वो मुझे बेतहाशा किस करने लगी.

मैंने कहा- इतनी बेसब्री, कहो तो दिनेश को बुला दूँ?
वो भी पूरे मूड में थी, बोली- बुला लीजिए.

मैं जाने लगा तो वो बोली- अरे मैं तो मजाक कर रही थी.
फिर हम दोनों ने उस दिन जोरदार सेक्स किया और सो गए.

अगले दिन हम सब लोग फ्रेश हुए, संजू ने भी नहाकर आज गुलाबी कलर की साड़ी पहनी थी.
वो बहुत संदर लग रही थी.

मैं ऑफिस के लिए निकलते समय दिनेश से बोला- चलें?
वो बोला- काम तो था मुझे … लेकिन आज मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही है, प्लीज आज मैं नहीं जा पाऊंगा.

दिनेश को देखने से ऐसा नहीं लग रहा था. मैं समझ गया कि वो बहाना बना रहा है.
खैर … यही तो मैं चाहता था और मैं ऑफिस के लिए निकल गया.

परंतु मैं ऑफिस नहीं गया और अपने बेडरूम की खिड़की से अन्दर छुप कर झांकने लगा.

संजू अपने रूम में मोबाईल चला रहा थी.
तभी वहां दिनेश आ गया और संजू के बगल में बैठ गया.

उसने संजू से पूछा- कैसी हो संजना?
संजू बोली- ठीक हूँ और आप?

वो बोला- जिंदगी कट रही है! मेरे मां बाप ने बिना मेरी पसंद की लड़की से शादी कर दी, जो मुझे पसंद नहीं है. खैर तुमको तो काफी अच्छा लड़का मिला है, जैसा तुम चाहती थी. लंबा चौड़ा, सुंदर, नौकरी वाला सब है.
संजू बोली- हां वो तो है, दीपांकर बहुत अच्छे हैं. मेरा बहुत ख्याल रखते हैं.

इधर उधर का बात करते करते दीपांकर ने अपने प्यार के दिनों की बात छेड़ दी और संजू भी उन्हीं यादों में खो गई.
एकाएक दिनेश बोला- याद है वो हमारा पहला किस?
संजू बोली- हां, उसे मैं कैसे भूल सकती हूं.

ये सब बात करते करते दिनेश संजू के करीब आ गया था और संजू की आंखों में देखने लगा.
संजू भी उसकी आंखों में खो गई.

तभी एकाएक दिनेश ने अपनी उंगलियों से संजू के बालों को सहलाया और कान के बालों को ठीक किया.
संजू के गालों को प्यार से सहलाया और बोला- तुम पहले से भी ज्यादा सुंदर हो गई हो और तुम्हारी जवानी तो कयामत ढा रही है.
ये सुन कर संजू शर्मा गई.

दिनेश ने बड़े प्यार से संजू के चेहरा को थामा और उसकी आंखों में देखते हुए उसके चेहरे के करीब हो गया.
फिर एकाएक संजू के होंठों से होंठ सटा दिए.
संजू भी उस समय अलग ही दुनिया में थी.

वो एक दूसरे को प्यार से किस करने लगे और धीरे धीरे किस करने का रवैया वाईल्ड होने लगा.
दिनेश संजू के निचले होंठों को अपने मुँह में भरकर चुभलाने लगा तो संजू ने भी दिनेश को अपने आगोश में लेकर साथ देने लगी.

एकाएक संजू ने अपनी जीभ निकालकर दिनेश के मुँह में डाल दी, जिसे दिनेश बेतहाशा चूसने लगा.
अब आलम ये था कि कभी संजू दिनेश के मुँह में अपनी जीभ डालती और दिनेश संजू की जीभ को चुभलाने लगता, तो कभी दिनेश संजू के मुँह में जीभ डालता तो संजू उसे चुभलाने लगती.

ऐसा लग रहा था जैसे कोई वर्षों से प्यासा जोड़ा अपनी प्यास बुझा रहा हो.
संजू की साड़ी का पल्लू कबका नीचे गिर चुका था और उसका क्लीवेज स्पष्ट दिख रहा था.

उन दोनों का किस लगभग 15-20 मिनट चला होगा.
तभी दिनेश संजू के होठों को छोड़कर संजू की गर्दन, कान, पूरे चेहरे को बेतहाशा चूमने और चाटने लगा.

बीच बीच में वो मेरी बीवी के होंठों को भी चूस लेता था.
संजू आंखें बंद किए मजा ले रही थी.

तभी दिनेश संजू के ब्लाउज के ऊपर से ही उसके गदराई चूची को सहलाने लगा और हल्का हल्का मसलने लगा.

उसी बीच दिनेश ने संजू के ब्लाउज के बटन खोल दिए, अब संजू आगे से सिर्फ ब्रा में थी.
अभी भी दिनेश संजू को बेतहाशा चूम और चाट रहा था.

तभी दिनेश ने संजू की ब्रा को आगे से ऊपर उठा दिया, संजू की चूची बाहर आ गईं.
क्या मस्त चूची थीं मेरी बीवी संजू की. एकदम गोरी और उसके निप्पल हल्के भूरे से, जो कि अभी पूरे टाईट और खड़े हो गए थे.

दिनेश ने आव देखा ना ताव, संजू की एक चूची को मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा.
चूसने क्या … वो उसे बच्चे की तरह पीने लगा … और दूसरे चूचे को एक हाथ से मसलने लगा.
मेरी हॉट वाइफ संजू इससे सीत्कार भरने लगी और आह … आह … इस्सस … ओह …’ करने लगी.

दिनेश कभी संजू के दाहिनी चूची को मुँह में भरकर चूसता और बाईं चूची को मसलता तो कभी बाईं को मुँह में भरकर, दाहिनी को मसलता.

संजू जन्नत के दरिया में मानो गोता लगा रहा थी.

लगभग 15-20 मिनट तक दिनेश चूची को चूसता और मर्दन करता रहा.
संजू की गोरी चूचियां एकदम लाल हो गई थीं.

वो अभी भी आंखें बंद किए जन्नत के दरिया में गोता लगा रही थी.
तभी दिनेश ने रुककर संजू की ब्रा और ब्लाउज, जो कि संजू के शरीर पर अभी भी लटका था, को उतारने लगा.

इसी बीच संजू की आंखें खुलीं, वो वास्तविकता में आ गई और उठ गई.
वो एकदम से हांफती हुए अपने आपको कंट्रोल करने का प्रयास करने लगी और दिनेश को रोकने लगी.

वो बोली- नहीं दिनेश, ये ठीक नहीं है. मैं अब शादीशुदा हूँ और मैं अपने पति से प्यार करती हूँ.
एकाएक ये सुनकर दिनेश को झटका सा लगा और वो बोला- क्या यार मेरा क्या, जो तुझे पागलों की तरह प्यार करता हूँ.

संजू बोली- अब आप भी मैरिड हैं, ये सब गलत है.
दिनेश बोला- जब से तुमसे प्यार किया है कोई ऐसा दिन नहीं, जिस दिन तुमको याद ना किया हो. पता है मेरी बीवी मुझको कोई सुख नहीं दे पाती है.

संजू बोली- लेकिन मेरा पति मुझे पूरी तरह से संतुष्ट करता है. मैं ये नहीं करूंगी.

दोस्तो, मेरी बीवी की अंतरात्मा ने चुदाई की कहानी की वाट लगा दी थी.
इस मेरी हॉट वाइफ विद लवर कहानी के अगले भाग में आपको बताऊंगा कि कैसे दिनेश ने मेरी बीवी को चोदा.
आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
[email protected]

मेरी हॉट वाइफ विद लवर कहानी का अगला भाग: पतिव्रता बीवी की चुदाई पुराने आशिक से- 3

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