पड़ोसन भाभी की चुत मेरे लंड से चुदी- 3
(Hot Bhabhi Chut X Kahani)
हॉट भाभी चूत X कहानी में मैंने पड़ोस की भाभी को पटा लिया और अब वह मेरी बांहों में अपनी अवानी मेरे लंड के नाम करने को मचल रही थी. मेरा लंड उसने कैसे चूसा?
दोस्तो, मैं सनी
मेरी कहानी के दूसरे भाग
पड़ोसन भाभी के जिस्म को टटोला
में आपने पढ़ा कि मैं पड़ोसन भाभी की चुदासी चुत की शांति हेतु उन्हें अपने आगोश में लिए हुए प्यार कर रहा था.
उनकी ब्रा में कैद दूध मेरी नजरों के सामने आ गए थे.
अब आगे हॉट भाभी चूत X कहानी:
अब जैसे ही मैंने ब्रा नीचे सरकाई, उनके दोनों बूब्स मेरे सामने नंगे थे और उनके दोनों कड़क निप्पल देखे तो हाय … कितना सुंदर माल मेरे सामने चुदने को पड़ा था.
मैंने आव देखा न ताव फट से एक दूध को मुँह में भर लिया और एक को अपने हाथों में!
जीभ से उनके निप्पल को छेड़ने लगा और बीच बीच में दांतों से हल्का सा काट भी देता था, जिससे भाभी की सिसकारी निकल जाती थी.
ऐसे ही दूसरे बुब्बू को भी पिया और दबाना जारी रखा.
जमकर बूब्स पिए, चाटे, दांतों से काटे.
उसके बाद एक बार फिर से मैं भाभी के होंठों पर आ गया, उनके होंठों को चूसने लगा और उनकी जीभ से खेलने लगा.
फिर नीचे गर्दन पर आया, उसके बाद मैंने उनके पेट को चूमना शुरू कर दिया और चूमते हुए नीचे जन्नत की ओर आता जा रहा था.
मैं प्यार से चूत को जन्नत कहता हूं.
पेट को भरपूर चूमने के बाद मैंने सोचा ये अंतिम स्टेज है. यहां थोड़ा सम्हाल कर आगे बढ़ना चाहिए.
मैंने ऊपर आकर एक बार फिर से अपने होंठों को भाभी के होंठों से लगाया और उसी के साथ भाभी की पैंटी की इलास्टिक को साइड से पकड़ कर धीरे धीरे उतारने लगा.
अचानक भाभी ने हाथ पकड़ लिया.
मैंने मन में बोला कि साली अब नहीं देगी क्या!
मैंने कहा- क्या हुआ?
भाभी बोलीं- अब बस करते हैं.
मैं बोला- आई लव यू बेबी, ये मेरी लाइफ का पहला अनुभव है. अगर आप को अच्छा नहीं लग रहा है, तो मैं हट जाता हूं सॉरी.
भाभी जी ने कहा- मुझे शर्म आ रही है.
मैंने कहा- शर्म क्यों, मैं तो आपका ही हूं.
ऐसा कहकर मैंने उन्हें प्यार से गले लगा लिया और माथे पर किस कर लिया.
उन्होंने कहा- एक बात कहूँ, मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है.
ये कहती हुई वे शर्म से लाल हो गईं.
मैं मन में बोला कि लेट न कर, नहीं तो यह फिर न पलट जाए.
मैंने उनके होंठों को अपने होंठों में भर लिया और पूरी शिद्दत से होंठों को चूसने लगा, साथ ही धीरे धीरे पैंटी को भी उतारने लगा.
मैंने जल्दी से पूरी चड्डी को उतार दिया.
इस बार भाभी ने कुछ नहीं कहा.
अब जन्नत को देखने का समय आ गया था.
मैं अब एक बार फिर से गर्दन, दूध और पेट को चूमते हुए नीचे आ गया.
उनकी चूत को देखने की लालसा में जैसे ही मैंने भाभी की प्यारी सी चूत देखा.
हाय्य्य … कितना अद्भुत नजारा था. जन्नत सही ही तो कहते हैं इस पहाड़ी को!
बनाने वाले ने इतनी सुंदर रचना बनाई है.
इस छेद के चक्कर में बड़ी बड़ी हवेलियां बिक गईं, कइयों के साम्राज्य उजड़ गए.
मैंने वापस से पूरा फोकस चूत पर किया.
बिल्कुल साफ चुत, उस पर एक भी बाल नहीं था.
गुलाब की पंखुड़ियों के जैसी दो फांकों के बीच में ऊपर गुलाबी रंग का क्लिटोरियस और छोटा सा छेद.
मैं चूत को देखकर पागल हो गया और रहा न गया तो झट से चूम लिया चुत को.
आप लोगों को बता दूं कि मुझे चुत चाटने का बड़ा शौक है. मैं अपने लंड को चूत का स्वाद देने से पहले अपनी जीभ को चुत का स्वाद देता हूं और ऐसे ही किसी की भी चुत को नहीं, जिसकी चूत साफ सुन्दर बिल्कुल क्लीन हो, झांट का एक बाल भी न हो, सिर्फ वही चुत चाटता हूं.
मैंने सबसे पहले क्लिटोरियस को चाटना शुरू किया. ये पॉइंट सबसे उत्तेजना वाला पॉइंट होता है.
जैसे ही मैंने जीभ से भाभी के क्लिटोरियस को कुरेदा, वे उचक गईं.
भाभी बोलीं- आह … मुझे सुरसुरी सी लग रही है और बहुत गुदगुदी भी हो रही है.
वे अपने हाथ से मेरे मुँह को चूत में दबाने लगीं, मैं क्लिटोरियस को चाटता रहा.
कुछ मिनट की चूत चटाई में भाभी बह गईं और उनका जिस्म कांपने लगा. थरथराते हुए जिस्म से भाभी का माल निकल गया.
मैंने उनको बांहों में लेकर कस कर पकड़ लिया. भाभी अभी भी कांप रही थीं.
मैंने पूछा- मज़ा आया?
उन्होंने मेरे कान में कहा- इतना मज़ा ज़िंदगी में पहली बार आया!
मैंने कहा- यह तो शुरुआत है भाभी!
मैंने बगल से रूमाल उठाया और उनकी चूत को अच्छे से पौंछा.
फिर अपने लंड को देखा, तो वह भी भीगा पड़ा था औऱ जैसे कह रहा था कि मालिक अब तो मुझे भी मज़ा ले लेने दो!
यहां मैं आपको बताना चाहूंगा कि जितना फोरप्ले करना है, पहले कर लें, किस करना, दूध दबाना, दूध पीना, चूत चाटना क्योंकि एक बार आपका लंड चूत के अन्दर गया तो आपको किसी और चीज़ का मन न करेगा सिवाय धक्के लगाने के.
मैंने लंड को अच्छे से साफ किया और भाभी की ओर देखा.
उन्होंने मुझे देखकर प्यारी सी मुस्कान दी, जैसे कह रही हों कि आओ मुझे जन्नत की सैर कराओ.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके पूरे मखमली जिस्म को हर तरफ से खाने लगा.
फिर मैंने सोचा कि थोड़ा चूतड़ों के भी दर्शन कर लिए जाएं.
मैंने भाभी को पकड़ कर उल्टा लिटा दिया और उनके चूतड़ देखने लगा.
हाय क्या बड़े बड़े मस्त गोल गोल चूतड़ … इतने सेक्सी कि क्या बताऊं.
मुझे इतना मज़ा आ गया कि मैंने चूतड़ों को भी नहीं छोड़ा. उनको भी चूमने लगा और काटने लगा, हाथों से दबाया सहलाया.
भाभी बोलीं- सच में यार, प्यार करना कोई तुमसे सीखे. मैं तो जानती ही नहीं कि इसमें इतना मज़ा भी आता है.
दस मिनट तक चूतड़ों के साथ खेलने के बाद मैं बोला- अब मेरा लंड चुत के साथ चुददम्म चोदड़ी खेलेगा.
मैंने भाभी को सीधा किया और हाथों से भाभी की X चुत सहलाने लगा.
चुत खिलाने का भी एक तरीका होता है.
पहले चुत के चारों ओर गोल गोल घुमाओ और क्लिटोरियस को रब करते रहो.
कुछ देर के बाद मैंने अपनी एक उंगली भाभी की चूत में डाल दी औऱ चुत की दीवारों को टटोलने लगा.
उसके बाद दूसरी उंगली देने के बाद जी स्पॉट को टच किया.
ये पॉइंट चुत के अन्दर दो सेंटी मीटर अन्दर ऊपर की ओर होता है.
उंगली से सहलाने पर रबेदार लगता है.
भाभी की चूत बिल्कुल गीली थी और अन्दर गर्म भट्टी के जैसे जल रही थी.
मैंने अपने लंड से बोला- बेटा होगा तू बड़ा शेर, पर औरत की चूत की भट्टी में जाकर बड़े बड़े शेर ढेर हो जाते हैं. अब तू सम्हल के जाना और इज्जत बचा लेना.
कुछ देर तक चूत सहलाने औऱ खिलाने के बाद मैंने अपनी चड्डी उतारी.
मैंने देखा कि जैसे ही अपनी चड्डी उतारी, भाभी मेरा लंड देखने को आतुर हो उठीं.
जिस तरह हर लड़का चूत देखने को आतुर रहता है, लड़कियों और भाभियों को भी लंड देखने का शौक रहता है.
भाभी ने लंड को देखा और हाथ में पकड़ लिया.
मैंने कहा- क्या हुआ जान, अच्छा नहीं है?
वे बोलीं- हे भगवान इतना सुंदर भी लंड होता है क्या!
मैंने कहा- क्यों?
वे बोलीं- अब क्या बताऊं? तुम्हारे भैया का तो छोटा सा 4 इंच का काला सा है. ये तो कितना गोरा है.
मैं बोला- आपका देवर इतना सुंदर है तो उसका लंड भी तो सुंदर होगा!
भाभी को मेरा लंड इतना पसंद आ गया कि उन्होंने झट से चूम लिया उसे … और मुँह में भर लिया.
मैं मन में बोला कि अब तो गया मैं!
भाभी ने लंड को पूरा खोला, गुलाबी रंग का टोपा भाभी के सामने आ गया.
उन्होंने जैसे ही उस पर जीभ फिराई, मेरे शरीर में करंट दौड़ गया.
भाभी लंड को जीभ से चाटने लगीं, कभी पूरा मुँह में डाल कर देखतीं कि कहां तक जाता है. कभी वे हाथों से मेरे अंडे सहलातीं.
अब बस मैं जाने ही वाला था.
मैंने कहा- जान मेरा होने वाला है, क्या करूँ?
उन्होंने पहली बार किसी का लंड मुँह में लिया था, वे वीर्य का स्वाद लेना चाहती थीं.
वे बोलीं- अन्दर ही रस निकाल दो.
मैंने उनके सर को पकड़ा औऱ होंठों पर लंड फिराते हुए धीरे से मुँह में अन्दर डाल कर अभी धार मारने को हुआ ही था कि तभी भाभी ने अपनी जीभ लौड़े को लगा दी.
मैं आह आह कहते हुए मुँह चोदने लगा और उनके मुँह में ही मेरा पूरा माल निकल गया.
भाभी ने गट्ट गट्ट पूरा माल पी लिया और बोलीं- अच्छा लगा.
हम दोनों एक दूसरे की बांहों में लिपट गए.
मैंने खुद से कहा कि कुछ मिनट रुक जाता हूँ, तब तक मेरा लंड भी रिलैक्स हो जाएगा और तुम्हारी चूत भी. फिर तुमको एक बार मस्त जन्नत दिखाता हूं.
वे मुझे चूमती हुई बोलीं- अब दुबारा से चूस कर खड़ा करूं क्या?
मैंने कहा- अहो भाग्य!
भाभी ने प्यार से हंसते हुए मेरे होंठों को अपने होंठों से फिर से दबाया और वे फिर से होंठों को चूसने लगीं.
अब लड़के यहां जानते होंगे कि एक बार माल निकलने के बाद लड़कों का मन नहीं लगता, पर भाभी लगातार दस मिनट तक मेरे होंठ काटती रहीं.
उनके किस करने से मेरे होंठ फट गए. खून भी आ गया.
मैंने मन में कहा साली मार ही डालेगी क्या!
मेरा बुरा हाल होने वाला था. इतनी गर्म औरत मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखी थी.
जब उन्होंने होंठ छोड़े तो मेरे गले को चूमने लगीं और मेरे स्तन चाटने लगीं, बच्चों के जैसे पीने लगीं.
फिर हाथ में लंड को पकड़ कर दबाने लगीं.
उनके यह सब करने से मेरे छोटे नवाब साहब (लंड) फनफना कर खड़े हो गए.
भाभी ने एक नजर मुझे देखा और कातिल स्माइल दी.
फिर लंड की ओर देखकर बोलीं- अले मेला लाजा बेटा उठ गया!
यह कह कर फटाक से भाभी ने लौड़े को मुँह में भर लिया औऱ जोर ज़ोर से चूसने लगीं.
मैं उनके दूध मसलता हुआ बोला- बेबी आराम से चूसो, मज़ा लो. मैं ज़िन्दगी भर आपको ऐसे ही प्यार दूंगा.
फिर भाभी ने आहिस्ता आहिस्ता लंड चूसना शुरू किया.
उन्होंने अपनी जीभ से मेरे गुलाबी टोपे को चाटना शुरू किया, तो क्या ही बताऊं दोस्तो, ऐसी सनसनी सी लग रही थी शरीर में, लग रहा था मानो स्वर्ग में आ गए हों.
भाभी ने फिर से पूरा लंड गले के अन्दर तक डाल लिया. मुँह के अन्दर रख कर उसे बाहर निकाला और लंड के टोपे से मुहब्बत जता कर उसे वापस अन्दर लेकर अपने मुँह के अन्दर गालों को रगड़ने लगीं.
फिर वे लंड का टोपा पूरा बंद करके साइड से जीभ डाल कर लंड के चारों ओर जीभ को गोल गोल घुमाने लगीं.
इतना ज्यादा आनन्द आ रहा था कि क्या ही बताऊं!
मैंने कहा- यार भाभी, आप तो खिलाड़ी निकलीं … भैया के साथ भी करती क्या ये सब!
भाभी बोलने लगीं- कहां यार, वे तो आते यहां वहां एक मिनट चूमते और लंड डाल कर खुद हिलने लगते. जहां मैं गर्म होना शुरू होती, वहीं उनका खेल खत्म हो जाता. मैं तड़प कर रह जाती. आज पहली बार तुम्हारे साथ इतना मज़ा आया है.
मैंने कहा- ये सब सीखी कहां से?
तो वे हंस कर बताने लगीं- मैं दिन भर ब्लू फिल्म देखती और सोचती काश कोई मिले और मैं उसको जी भर प्यार करूँ.
मैंने कहा- पागल, जब इतना ही मन था तो इतना काहे तड़पाई, पहले ही बता देतीं.
भाभी हंस कर बोलीं- बदमाश, बाकी बातें बाद में … अभी मुझे प्यार करने दो.
ऐसा बोलकर उन्होंने फिर से मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.
मैंने कहा- यार, अब थोड़ा चूत को भी मज़ा ले लेने दो.
भाभी हंसने लगीं.
आखिर उन्होंने मेरे लंड को छोड़ दिया.
मैंने देखा कि लंड का टोपा संतरा जैसे फूल कर बिल्कुल लाल हो गया.
मैंने भाभी को नीचे लिटाया और एक नजर उन्हें ऊपर से नीचे तक देखा.
भाभी बिल्कुल नंगी, पूरा बदन थूक और पसीने से चमकता हुआ, वे इतनी सुंदर लग रही थीं मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा धरती पर उतर आई हो, जिसका पूरा जिस्म संगमरमर के जैसे चमक रहा हो.
यहां मैं अपनी किस्मत पर इतरा रहा था कि आज तेरी तपस्या पु’री हुई. आज इस प्यासी औरत को पूरी तरह से भोग लेना है.
मैंने एक हाथ भाभी चूत पर रखा.
भाभी की चूत गुलाब की पंखुड़ियों की तरह बिल्कुल नाजुक कोमल सी बिल्कुल रस से भरी हुई.
अंतिम मिलन के लिए बिल्कुल तैयार …
मैंने अपने लंड को छुआ, वह भी भाभी के थूक से भीगा बिल्कुल चिकना, चूत में घुसने को बिल्कुल बेताब.
अब मेरे लिए एक पल भी रुकना मुश्किल हो रहा था.
मैंने अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ा और कहा- जा बेटा, जी ले अपनी जिंदगी.
भाभी की दोनों टांगों को खोलकर X चुत पर अपना चिकना लंड रखा और उनकी चुत के ऊपर गोल गोल घुमाया.
मेरा लंड घुसने से पहले नॉक नॉक कर रहा था.
मैंने छेद में लंड रखा और कमर से दवाब दे दिया. मेरा लंड उनकी चूत की दोनों फांकों को फैलाता हुआ उनके बीच से चूत में समाने लगा.
जैसे जैसे अन्दर जाता गया, भाभी के मुँह से आहह हह ह जैसी मधुर आवाज आई.
ये आवाज चुत के फटने या उसके दर्द की नहीं, बल्कि उस अतुलनीय आनन्द की थी, जो वे पहली बार महसूस कर रही थीं.
किसी भी लड़की की चूत में जबरदस्ती लंड डालना और उसकी चुत को फाड़ना, उस सब में वह आनन्द नहीं, जो एक औरत एक लड़की को उसके मन को जानकर उसकी इच्छाओं को समझ कर पूरा करने में है.
जब मेरा पूरा लंड जड़ तक समा गया, तब मैंने देखा कि भाभी के चेहरे पर दर्द समेत तृप्ति सी थी.
मेरा लंड चूत की गहराइयों में समा गया था.
दोस्तो, भाभी की चुत की चुदाई शुरू हो गई थी तो अपने अंत तक पहुँचने में थोड़ा वक्त तो लगेगा ही.
जब तक आप अपने कमेंट्स व मेल से मेरी हॉट भाभी चूत X कहानी को सराहें, तब तक मैं इसका अगला भाग आपके लिए लिखता हूँ.
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हॉट भाभी चूत X कहानी का अगला भाग: पड़ोसन भाभी की चुत मेरे लंड से चुदी- 4
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