मालिक की पत्नी को चोदा

गौरव यादव 2004-07-24 Comments

हाय मैं शेखर आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ मेरी उम्र २६ साल है मेरे घर में माँ एक छोटा भाई और दो बहन है मेरे पिताजी के देहांत के बाद मैंने १२वीं पास करके पढाई छोड़ दी और घर के पालन पोषण में जुट गया मेरी बहन की शादी हमने एक अच्छे खानदान में पक्की कर दी मगर उन्होंने पहले दो लाख रुपये दहेज़ माँगा था.

मैं एक छोटे से करखाने में काम करता था कारखाने का मालिक ५५ साल का बुड्डा और एक अमीर आदमी था परन्तु उसकी बीवी एक सुंदर, सु्शील, सेक्सी और बेहद खूबसूरत लड़की थी वह उसकी पत्नी नहीं बल्कि उसकी रखैल थी। वह पहले एक हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल थी और अभी भी वह लड़कियों से जिस्मफरोशी का धंधा करवाती थी हमारे मालिक ने उसे सारी पॉवर दे रखी थी और खुद उसकी गांड के पीछे दुम हिलाता फिरता था।

मैंने उसे पटाने के बारे में सोचा क्यूंकि अगर वह पट गयी तो मुझे इस कारखाने का मैंनेजर बना देगी एक दिन वह ऊपर खड़ी देख रही थी तो मैंने उसे देखकर एक प्यारी सी स्माइल दे दी। वह भी मुझे देकर हंस पड़ी। अब रोज़ ऐसा ही चलता एक दिन जब मैं खाना खा रहा तो वह मुझे देख रही थी तो मैंने उसे दूर से ही खाने का न्योता दिया तो वह मुझे न कहकर थैंक्स करके चली गयी।

एक दिन उसने मुझे रोककर मेरा नाम पूछा तो मैंने शेखर कह दिया इस पर उसने अपना नाम शबनम बताया और अपना पता देकर चली गयी और रात को १० बजे बाद आने को कहा मैं रात को ठीक १० बजे पहुच मैंने डोर बेल बजायी तो उसने दरवाजा खोला और मेरा स्वागत करते हुए मुझे अपने लिविंग रूम में ले गयी मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे पति कहाँ है तो वह बोली की उन्हें तो मैंने खाने में नींद की गोली देकर सुला दिया है अब वे सुबह तक नहीं उठेंगे।

वहां पर उसने मुझे एक बढ़िया सी वाईन पिलाई। वाईन पीकर मेरी हिम्मत बढ गयी और मैंने उसके गाल पर किस कर दिया। किस करने के बाद वोह खड़ी हुयी और दौड़कर अपने बेडरूम में चली गयी और दरवाजा बंद कर दिया्। मेरी लाख मिन्नतें करने के बाद आधे घंटे बाद उसने जब दरवाजा खोला तो मैं उसे देख कर स्तब्ध रह गया क्यूंकि उसके सेक्सी सरीर पर पेंटी नाम का भी वस्त्र नहीं था।

यह देख मैं उसके होंठों को जोर जोर से चूसने लगा और जैसे ही मैंने उसे बेड पर ले जाना चाहा तो वह बोली ऐसे नहीं जानेमन एक एक करके अपने कपडे उतारो और एक एक कदम बढाओ मुझे उसका आईडिया बड़ा ही रोमांटिक लगा मैं उससे अब मात्र एक कदम की दूरी पर था अब मैंने एक अंडरवियर बची थी उसे भी उतर फेका और मुझे अपने लन्ड पर शर्म आ रही थी कि कहीं वह इसे गधे का लंड न कहने लगे पर वह मेरे लंड को देखते ही मुस्कुराई और बोली कितना बड़ा और प्यारा लंड है यह सुनकर मुझे मेरे लंड पर अब गर्व महसूस होने लगा।

तभी मैंने उसके बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा और वह ठोस हो गए फिर मैंने उनसे स्तनपान किया उसके बाद जब मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो मुझसे वह कहने लगी डार्लिंग इसे चाटो ना। मैंने उससे कह दिया आपका हुक्म सर आँखों पर उसकी चूत देखकर लग रहा था कि वह अनेको लंडो की चोट झेल चुकी है फिर मैंने पोसिशन ६९ में आकर १५ मिनट तक उसकी चूत और उसने मेरा लंड चूसा फिर वह बोली कि जान अब रहा नहीं जाता अब इस चूत की प्यास बुझाओ। यह सुनते ही मैंने उसकी चूत पर जोर से दो झटके मारे और पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और मैं उसे चोद रहा था तब वह मेरा कम ओन! कम ओन! कहकर मेरा साथ दे रही थी उस रात उसे ५ तरीको से चोदने के बाद अब वह मुझसे रोज़ चुदवाने लगी और उसने मुझे अपने धंधे का दलाल बना लिया और अपने कारखाने के मैंनेजर के पद पर नियुक्त कर लिया।

अब मैं दलाली में रोज़ १००० रूपये कमा लेता हूँ और कुछ दिनों में मैं अपनी बहन की शादी भी कर दूंगा।

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