उन्मुक्त वासना की मस्ती- 2

(Garam Aurat Ki Kartut)

गरम औरत की करतूत देखें इस कहानी में कि एक महिला ने अपनी बेटी को देखने आये लड़के और उसके पिता से क्या अश्लील हरकत की.

इस परिवारिक सेक्स कहानी के पहले भाग
सौतेले बाप और भाई से चुदाई का मजा
में अब तक आपने पढ़ा कि शेखर और संजू तथा सपना और शलाका चारों अपने रिश्तों की मर्यादा को तार तार करके एक दूसरे के साथ वासना के खेल खेल चुके थे।

शलाका विवाह योग्य हो चुकी थी, उसको देखने लड़के का बाप सुधीर और लड़का रवि दोनों आए थे.
सपना अपनी कामवासना के आगे विवश होकर उन दो नए लौड़ों को फंसाने के लिए अपनी आंखों में शरारत भर के, उन पर अपनी अदाओं का जाल फेंकती है।
उसका बेटा संजू गौर से सपना की ये हरकतें देख रहा था।
वह किसी बहाने से संजू को वहां से रवाना करती है और रवि और शलाका को अलग कमरे में बातचीत करने भेजती है।

अब आगे गरम औरत की करतूत:

जब रवि शालू को लेकर उसके कमरे में चला गया तो पीछे से शेखर – सपना और रवि के पिता सुधीर रह गए।
उनके बीच हंसी मजाक होने लगा।

सुधीर भी सपना की मांसल देह और उसकी कामसुख के लिए आमंत्रित करती आंखों के कारण उस पर मोहित हो चुका था और मन ही मन सपना के कपड़े उतार के उसे नंगी कर रहा था।
इसके साथ ही अपने तने हुए लंड के तनाव का गांड भींच भींच के आनन्द ले रहा था।

रवि और शालू के रूम में जाने के बाद सपना ने शेखर को इशारा किया.
उसने भी सपना की इच्छा को समझते हुए कुछ अर्जेंट काम का बहाना बनाया और वह भी घर से बाहर निकल गया।

शेखर के जाने के बाद ड्राइंग रूम में सपना और सुधीर रह गए।
उनके बीच हंसी मजाक होने लगा।

सुधीर का मन एकांत पाकर बेकाबू हो रहा था.

इतने में सुधीर ने कहा- सपना जी आप इतनी दूर क्यों बैठी हैं? यहां पास आइए न, बात करने में आसानी होगी।
सपना ने शरारत से कहा- पास आने के लिए ‘आप और जी’ को बातचीत में से हटाना पड़ता है।

सुधीर को उसकी बात बहुत सुखद लगी।
उसने कहा- सपना, तुम इतनी दूर क्यों बैठी हो? पास आओ ना!

सपना उठकर सुधीर के पास जा बैठी और उससे पूछने लगी- सुधीर जी, आपको तो मेरी बेटी अच्छी लगी ना?
सुधीर ने टोका- तुम भी ‘आप और जी’ हटाओ।

तो सपना ने कहा- अच्छा बाबा, तुमको तो मेरी बेटी पसंद है ना? तुम्हारी तरफ से तो मैं रजामंदी समझूं? तुम जो कुछ भी कहोगे, मै मानूंगी। तुम्हारी जो भी डिमांड होगी, वह मैं सहर्ष पूरी करूंगी।

सपना ने सुधीर की हर मांग सहर्ष पूरी करने का आश्वासन देते हुए अपने नयन बाण चलाए और सुधीर के हाथ पर अपना हाथ रख दिया।
सुधीर का लंड तो पहले ही तन्ना रहा था, उसके हाथ पर सपना के हाथ रखने से उस के पूरे शरीर में करंट दौड़ गया।

उसने अपना दूसरा हाथ सपना के हाथ पर रख कर कहा- सपना, तुम निश्चिंत रहो, मुझे शालू बिटिया पसंद है. आखिर वह तुम्हारी बेटी है।
फिर उसने औरत के रूप की प्रशंसा कर के उसको पटाने का नायाब नुस्खा इस्तेमाल किया- तुम खुद अभी भी इतनी खूबसूरत और मादक हो कि शालू की बहन लगती हो।

सपना मन ही मन अपनी योजना को मिल रही सफलता पर खुश थी।
उसने शरमाने की एक्टिंग करते हुए कहा- जाओ भी, तुम तो मेरे मजे ले रहे हो।

यह सुनकर सुधीर ने मन ही मन सोचा कि अभी तो केवल बातों के मजे ले रहा हूं लेकिन अब मेरे मन ने यह ठान लिया है कि मैं जल्दी ही तेरी इस कातिल जवानी के मजे लूंगा।

सुधीर ने शरारत भरे स्वर में कहा- अभी मजे कहां ले रहा हूं? मजे तो अब लूंगा।
सपना ने चौंकने की एक्टिंग करते हुए पूछा- क्या मतलब??

सुधीर सकपका गया, उसने बात सम्भाली- सॉरी सपना, मैं अधिक फ्रैंक हो रहा था।
सपना ने थोड़ा अनौपचारिक होते हुए कहा- कोई बात नहीं सुधीर, तुम्हारा हक बनता है।

दोनों एक दूसरे को रिश्ते में दूरी कम होने का संकेत दे रहे थे।
सपना की बात सुन कर सुधीर ने चैन की सांस ली, अब उस का हौसला बढ़ने लगा।

उसने कहा देखो- सपना, तुमने यह वादा किया है कि तुम मेरी जो भी डिमांड होगी, वह पूरी करोगी?

सपना अपनी दोहरी सफलता पर आत्म मुग्ध थी.
साफ जाहिर था कि रवि के बाद अब सुधीर भी उसके फेंके हुए वासना के जाल में उलझ चुका था।

उसने भोलेपन की एक्टिंग करते हुए कहा- हां, मैं हर डिमांड पूरी करने के लिए तैयार हूं।
सुधीर ने फिर कहा- एक बार फिर सोच लो कि तुम क्या कह रही हो?
सपना ने अनजान बनते हुए फिर दोहराया- हां न बाबा, मैं अपनी बात पर कायम हूं और कायम रहूंगी।

सुधीर की वासना एकदम सर उठाने लगी।
उसकी इच्छा तो यह हुई कि अभी सपना को दबोच ले और उसको यहीं सोफे पर पटक के चोद डाले.
पर वह उसके भोलेपन की एक्टिंग से शंकाग्रस्त हो गया कि वास्तव में सपना वही कहना चाह रही है जो मैं समझ रहा हूं?
या यह उसकी गलतफहमी है।

सुधीर ने पता लगाने और पटाने के लिए एक बार फिर सपना के हुस्न और उसकी जवानी की प्रशंसा करते हुए कहा- शेखर कितने खुश किस्मत हैं जिन्हें तुम्हारे जैसी आसमां से उतरी परी पत्नी के रूप में प्राप्त हुई है। मैं तो जब से यहां आया हूं, तुम्हारे हुस्न की चमक से मेरी आंखें चौंधियाई हुई हैं।

अब सपना ने कहा- सुधीर, तुम आवश्यकता से अधिक मेरी प्रशंसा कर रहे हो। मुझे नहीं लगता कि मैं इतनी अधिक प्रशंसा की अधिकारी हूं। लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि मुझे तुम जैसा समधी मिलने वाला है। समधी का तो यूं भी समधन पर पूरा-पूरा अधिकार होता है। उन दोनों में ऐसा रिश्ता होता है, जिसमें न तो समधी किसी बात का बुरा मानता है ना समधन। इसलिए जो कुछ भी तुम्हारे मन में है, वह तुम बेहिचक कह डालो, अभी यहां हम दोनों ही तो हैं, कोई हमारे बीच उपस्थित नहीं है फिर डर किस बात का?

सुधीर की शंका अभी भी पूरी तरह दूर तो नहीं हुई थी.
फिर भी उसने हिम्मत बटोर के कहा- सपना, क्या एक बार मैं तुम्हारे ये खूबसूरत रसीले होंठ चूम सकता हूं?
सपना ने शरमाने का नाटक करते हुए सीने पर हाथ रख कर कहा- उई बाबा, यह तुम क्या कह रहे हो?

सुधीर ने कहा- देखो सपना, अभी-अभी तुमने कहा था कि हम समधी और समधन बनने वाले हैं और हमारे बीच में ऐसा रिश्ता है कि न मैं बुरा मानूंगा न तुम, अगर तुम्हें मेरी ये छोटी सी इच्छा उचित नहीं लगी हो तो तुम मना भी कर सकती हो।
सपना ने कहा- नहीं नहीं … मैंने ऐसा कब कहा? मैं तो खुश हूं कि मुझे तुम्हारे जैसा रोमांटिक समधी और मेरी शालू बिटिया को इतना बड़े दिल वाला ससुर मिलने वाला है। किंतु मैं आश्चर्यचकित हूं कि यदि समधन के होंठ चूमना तुम्हारी छोटी सी इच्छा है तो फिर बड़ी क्या होगी?

सुधीर और सपना दोनों ठहाका मार के हंस पड़े।

फिर सपना ने सुधीर का हाथ अपने हाथों में थाम कर कहा- मेरी बेटी सौभाग्यशाली है, वह ऐसी ससुराल पाकर मस्त हो जाएगी।
सपना ने अपनी योजना को अंतिम रूप देते हुए आंख मार के शरारत भरे स्वर में कहा- चलो, बिटिया की तरह मैं भी तुम्हें अपना बेडरूम दिखाती हूं।

सुधीर का दिल मारे खुशी के बल्लियों उछलने लगा, वह समझ गया कि अब निश्चित रूप से सपना को चोदने की उसकी प्रबल इच्छा जरूर पूरी होगी।

दोनों बेडरूम की ओर चल पड़े।

दरवाजा खोलते ही जैसे ही सपना अंदर घुसी, सुधीर ने पीछे से उसे दबोच लिया और अपना तना हुआ लंड उसके चूतड़ों के बीच दबाकर अपने दोनों हाथ उसके बूब्स पर ले गया और उन्हें सहलाने लगा, उसकी गर्दन पर गर्म गर्म सांसें छोड़ने लगा।

सपना ने फिर थोड़े नखरे दिखाते हुए कहा- सुधीर, तुमने केवल होंठ चूमने की बात कही थी, तुम अपनी हद से ज्यादा आगे बढ़ रहे हो।
सुधीर समझ गया कि यह एक रसिक औरत का नखरा है, मुर्गी चुदवाएगी लेकिन चार कदम चल के चुदवाएगी।

उसने हंसते हुए जवाब दिया- हां, होंठ चूमने की बात कही थी लेकिन कुछ और नहीं करूंगा, यह कहां बोला था?
और उसने पलटा कर सपना के रसीले होंठों पर अपने जलते हुए होंठ रख दिए और एक हाथ से उसके उरोज को दबाने लगा।

सपना के दिल की धड़कन बढ़ गई, उसकी सांसें तेज़ हो गई।
वह बोली- सुधीर रुक जाओ … रुक जाओ … वरना बहुत गड़बड़ हो जाएगी। अभी दोनों बच्चे रूम से बाहर आने वाले हैं!

पर सुधीर सपना के होंठ चूसता रहा।
सपना ने भी जवाब में सुधीर के होंठों को चूसते हुए अपना हाथ उसके तने हुए लंड पर ले जाकर उसे कस के पकड़ लिया।
सुधीर का फड़कता हुआ कड़क लंड सपना को अपने हाथों में बहुत आनन्द दे रहा था।

एक प्रगाढ़ और दीर्घ चुम्बन के बाद सुधीर ने सपना को छोड़ा।
सपना की सांसें गर्म हो चुकी थीं, उसका पूरा बदन वासना की आग में जलने लगा था।

वह बोली- सुधीर, तुमने आज मुझे बहुत अधिक तपा दिया है. अब मैं तुम्हें केवल चुम्बन से छुटकारा नहीं लेने दूंगी, तुम ने मेरी वासना की आग भड़काई है, अब तुम्हें ही यह आग ठंडी भी करनी पड़ेगी।

सुधीर ने सोचा यह तो खुद चुदने को उतावली हो रही है।
उसने कहा- ऐसी बात है तो चलो हमारे साथ, मेरी बीवी सोनिया भी टूर पर गई हुई है। तुम्हारी आग आज ही अच्छी तरह से ठंडी कर दूंगा।

सपना ने कहा- सोनिया को पता नहीं चल सकता क्या?
सुधीर ने कहा- उसकी चिंता मत करो, सोनिया को यदि पता चल भी गया तो उसे शेखर के पास भेज देंगे।
सपना ने एकदम चौंकने का नाटक करते हुए कहा- यह तुम क्या कह रहे हो?

सुधीर ने संभलते हुए कहा- अरे मजाक कर रहा हूं यार! वह परसों तक आएगी, आज सुनहरा मौका है।
सपना ने कहा लेकिन मुझे शेखर से पूछना पड़ेगा।

सुधीर ने कहा- तुम जैसी गर्म औरत ने, जिसके जवान शरीर में इतनी बेहिसाब वासना भरी है, मैं मान ही नहीं सकता कि शेखर तुम्हारे रंग में नहीं रंगा होगा। मुझे लगता है, हमें ऐसे सुनहरी अवसर को छोड़ना नहीं चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि आज यदि तुम मेरे साथ मेरे घर चली तो अपने रिश्तों में और अधिक प्रेम बरसेगा।

सपना ने कहा- साथ चलने से तो रवि को भी पता चल जाएगा. इसलिए तुम जाओ और रवि को कहीं रवाना करके मेरा इंतजार करो। अभी शाम के 5:00 बज रहे हैं, मैं 8:00 तक आती हूं।

इसके बाद सुधीर और सपना दोनों ने अपने आप को सम्भाला और हॉल में आकर बैठ गए।

अब रवि और शालू जब कमरे में पहुंचे तो वहां क्या हुआ इसका जायजा भी लेते हैं!

रवि का लंड जो पहले ही सपना को चोदने की संभावना के कारण अकड़ा हुआ था, कमरे में पहुंच कर एकांत में यह देखकर कि मां के बाद अब बेटी की नजर भी उसके तन्ना रहे लंड पर है तो वह और अधिक अकड़ने लगा।

शालू ने कमरे में पहुंच कर उससे पूछा- रवि, अब तुमको जो भी पूछना है, खुलकर पूछ सकते हो।
रवि ने कहा- ठीक बात है, तुम्हें भी जो भी कुछ पूछना है तुम भी बेहिचक पूछ सकती हो।
शालू ने कहा, अच्छा पहले मैं ही पूछती हूं। तुम यह बताओ कि क्या मैं तुम्हें पसंद हूं?
रवि ने कहा- हां, तुम मुझे बहुत अधिक पसंद हो, मुझे इस रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं है।

इसके बाद रवि ने कहा- अब तुम्हारी बारी है, कुछ और पूछो।
शालू ने शरारत से पूछा- यह बताओ कि हॉल में तुम्हारा मुन्ना इतना अकड़ क्यों रहा था?

रवि झेंप गया, जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो.
उसका लंड एकदम सिकुड़ने लग गया।

उसने कहा- मेरे सामने दो दो परियां बैठी हुई थीं, इसके कारण यह अकड़ रहा था।
शालू उसकी बात समझ तो गई लेकिन उसने जैसे चौंक कर पूछा- दो दो परियां? मतलब?

रवि ने कहा- दो दो परियां मतलब, तुम और तुम्हारी मम्मी!
शालू ने जैसे फिर हैरान होते हुए कहा- मेरी मम्मी? यानि तुम्हारा ये हथियार मेरी मम्मी को भी देखकर अकड़ रहा था?

रवि ने कहा- झूठ नहीं बोलूंगा लेकिन तुम्हारी मम्मी भी तुम्हारे जैसी खूबसूरत पटाखा है. और मैं चाहता हूं कि हमारे जीवन की शुरुआत इस तरह से हो कि हम एक दूसरे से कुछ भी छुपाएं नहीं!

शालू ने कहा- अरे तुम तो बिल्कुल मेरे जैसे, मेरे जैसे क्या बल्कि हमारे परिवार की तरह हो। हम सब बहुत ओपन माइंड है और जिंदगी का भरपूर आनन्द लेना चाहते हैं। मुझे भी बहुत अच्छा लगेगा जब तुम हमारे परिवार का सदस्य बन जाओगे।

शलाका मन ही मन एकदम प्रसन्न हो गई कि अरे यह तो पापा की बात सही होने वाली है।
रवि के इरादों से लग रहा है कि यह मेरी मां को जरूर जरूर चोद के मानेगा. लेकिन मैं भी यह प्रण लेती हूं कि यदि इसने मेरी मां को चोदा तो मैं भी इसके स्मार्ट बाप को छोड़ूंगी नहीं।

अब रवि ने शलाका को शरारत भरे स्वर में कहा- हमारी शादी तो अब निश्चित हो गई है तो कमरे से बाहर निकलने से पहले एक टोकन तो मेरे को दे दो यार!
उसने कहा- हां, बोलो न टोकन में क्या चाहते हो?

रवि ने कहा- मुझे तुम्हारे रसीले होंठों को चूमना है!
शलाका ने आंखें बंद करके अपने होंठ आगे की ओर बढ़ा दिए और कहा- लो चूम लो।

रवि ने अचानक घुटने के बल बैठकर शलाका की स्कर्ट को ऊपर किया और उसकी पैंटी नीचे खिसका दी और एक प्रगाढ़ चुम्बन शलाका की चिकनी चूत पर दे दिया।
शलाका को कुछ समझ में आता … तब तक रवि खड़ा हो चुका था।

उसने अपने होंठों पर जुबान फिराते हुए कहा- बहुत रसीले होंठ हैं तुम्हारे!

शलाका एकदम भौंचक्की सी खड़ी थी कि रवि तो हम लोगों से भी बढ़कर कामुक है. इससे शादी करके तो वास्तव में जिंदगी में और आनन्द बढ़ जाएगा।

शालू ने जवाब में आगे बढ़ के रवि के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और अपनी चूत का स्वादिष्ट नशीला रस उसके होंठों से चूसने लगी।
रवि भी शलाका के होंठों का रसपान करने लगा और अपने तने हुए लंड को उसके बदन पर जगह-जगह अड़ा के दबाव डालने लगा।

संजू आधा घंटा बाद जब घर पहुंचा तब तक सपना और सुधीर मस्ती करने के बाद हॉल में वापस आकर बैठ चुके थे।

सपना ने संजू को देखकर उसकी तरफ एक अर्थपूर्ण मुस्कान दी।
संजू समझ गया कि सपना ने सुधीर को तो हलाल कर दिया है।

तो संजू ने कवाब में हड्डी बनना ठीक नहीं समझा और वह अपने कमरे में जाकर सुधीर और रवि के जाने की प्रतीक्षा करने लगा।

कुछ देर मस्ती मारने के बाद रवि और शालू जब कमरे से बाहर आए तो उन्होंने देखा कि सोफे पर केवल सुधीर और सपना बैठे हैं, शेखर वहां मौजूद नहीं है।

शालू ने पूछा- मम्मी, पापा कहां गए?
सपना ने आंख मारते हुए कहा- बेटा, वे किसी काम से बाहर गए हैं।

शालू समझ गई कि पीछे से उसकी मम्मी ने सुधीर को शीशे में उतार लिया है और अब उसे किसी भी तरह की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

जब सुधीर तथा रवि द्वारा सपना से विदा लेने और घर के बाहर कार के स्टार्ट होने की आवाजें संजू को सुनाई दी तो उखड़ा हुआ संजू, जो कि रवि और सुधीर दोनों से ईर्ष्या के चलते, काम प्रतिशोध की आग में जल रहा था, हॉल में वापस आया।

उसने पाया कि शेखर भी अभी लौटा नहीं था।
तो उसने सबसे पहले सपना को पकड़ा और उससे पूछा- क्यों री साली गर्म चूत? बता क्या इरादा है तेरा? तेरी रवि और सुधीर दोनों के लंड अपनी चूत में लेने की इच्छा जाग गई क्या?

सपना ने मान लिया कि संजू की नजर कितनी तेज है और उस ने संजू के बारे में जो कुछ समझा था, वह कितना सही था।

उसने कहा- हां यार, तू तो जानता ही है कि मेरी चूत को नए लौड़ों का कितना शौक है. क्या करूं? हर नए लंड का मजा भी नया होता है यार! इस कारण जहां भी नए लंड की सम्भावना दिखती है, मेरी चूत हर उस लंड को लेने के लिए दीवानी हो जाती है।

प्रिय पाठको, मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी गरम औरत की करतूत की कहानी से आपके अंदर की वासना, आपका रक्त संचार तेज कर रही होगी।
अभी बहुत कुछ आना बाकी है, पढ़ते रहिए।
गरम औरत की करतूत कहानी पर अपने कमेंट अवश्य भेजें, मैं हर सार्थक मेल का जवाब अवश्य दूंगी।
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गरम औरत की करतूत कहानी का अगला भाग:

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