सेक्स के अनोखे रंग- 5

(Full Sex Masti Ki Kahani)

सनी वर्मा 2024-09-26 Comments

फुल सेक्स मस्ती की कहानी में निसंतान पति पत्नी ने सुन्दर कामवाली लेडी से अपने लिए बच्चा पैदा करने का तय किया. पत्नी अपने पति को उस लेडी के साथ छोड़ कर विदेश चली गयी.

कहानी के चौथे भाग
हाउस मेड की जवानी होटल के कमरे में
में आपने पढ़ा कि एक जवान विधवा घरेलू काम के लिए एक घर में लगी तो वह मालिक से चुद गयी. एक बार उन्होंने होटल में भी चुदाई का मजा लिया.

अब आगे फुल सेक्स मस्ती की कहानी:

रात तक दोनों घर पहुंचे.
रिया उनका इंतज़ार ही कर रही थी.
उसकी मां शाम को ही वापिस चली गयी थीं.

रिया जल्दी से जल्दी अमेरिका जाना चाहती थी. बस रिया अंकुर की सहमति का इंतज़ार कर रही थी.
अंकुर ने सकुचाते हुए रिया को हाँ कह दी.

रात को अंकुर ने रिया को कस के चिपटाते हुए कहा- आज मीनू बहुत खुश है. उसकी जिन्दगी सेट हो जायेगी. जो फ्लैट उसे मिलेगा वह किराए पर उठा देंगे तो उसे मासिक आमदनी मिल जायेगी और अगर रिया उसे हटाना चाहेगी तो मीनू अपने फ्लैट में ही रह लेगी. उसे कोई न कोई नौकरी मिल ही जायेगी.

रिया ने उसे चूमते हुए कहा- मैं चाहती हूँ कि वह जिन्दगी भर हमारे साथ रहे अगर वह हमारे लिए एक बच्चा तुम्हारे वीर्य से पैदा करने को तैयार हो जाए तो!
वह आगे बोली- मैं सोच तो ये रही थी कि अभी उससे बात करूं. पर अब अमेरिका से आने के बाद उससे बात करुँगी. अब यह तुम्हारे और उसके ऊपर है कि इसके लिए आई वी एफ की विधि अपनाने के लिए डॉक्टर की मदद लेंगे या सीधे सेक्स करके भगवान् की मर्जी पर छोड़ देंगे. पर तुम्हारा और उसका साथ केवल इस बच्चे को पैदा करने के लिए बीज डालने तक का ही होगा.

दोनों बात करते हुए चिपट कर सो गए.

रिया का अगला हफ्ता तो तैयारी में ही बीता.
उसे 21 दिनों की मंजूरी मिली थी अंकुर से.

जाने से पहले की रात रिया ने मीनू को बता दिया कि आज उन्हें प्राइवेसी ज्यादा समय के लिए चाहिए.
मीनू मुस्कुरा दी.
उसने कहा- मैं डिनर टेबल पर लगा कर चली जाऊंगी. आप डिनर करके जब रूम में जाएँ तो मुझे फोन कर दीजिएगा, मैं आकर टेबल वगेरा समेट दूँगी.

रात को मीनू अपने रूम में 7 बजे तक चली गयी.
रिया ने गेट लॉक कर लिया था.

अब अंदर अंकुर और रिया पहले तो शावर साथ साथ लिए फिर बिना कपड़ों के ही बाहर आ गए.
आज दोनों बहुत मूड में थे.

रिया ने हल्का म्यूजिक लगा लिया और दोनों ने चूमा चाटी के साथ ड्रिंक्स लेते हुए डांस किया.

अब रिया चुदासी हो रही थी.
उसने एक दो बार अंकुर का लंड चूसने की कोशिश भी की तो अंकुर बोला- चलो फटाफट डिनर ले लेते हैं.

आज रिया बिना कपड़ों के ही अंकुर की गोदी में बैठ गयी और उसकी ही प्लेट में से खाना खाया.

अब रूम में जाने का टाइम था.

रिया ने अंकुर को रूम में भेजा और आहिस्ता से डोर खोल कर मीनू को आवाज़ दी- आकर काम समेट लेना.
और भाग ली अपने कमरे में.

आज उनका सेक्स बहुत तूफानी था.
रिया पूरे 21 दिनों का सेक्स आज ही करना चाहती थी.
अंकुर ने भी उसे चोदने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

मीनू ने उनकी रासलीला फुल सेक्स मस्ती खिड़की के छेद से देखी.

यह सोच सोच कर उसकी चूत चुरमुरा रही थी कल से वह इस बेड पर अंकुर के साथ होगी.

अगले दिन रिया ने गले लगकर मीनू से विदा ली और उसे ढेरों हिदायतें अंकुर के लिए दीं कि उसे क्या कब चाहिए.
मीनू हंस कर बोली- दीदी, अब तो तीन महीने हो गए हैं आपके घर में. आप निश्चिन्त होकर जाइए, सब संभाल लूंगी.

अंकुर उसे एअरपोर्ट ड्राप करके काफी देर रात घर पहुंचा.

उसने चाहा कि मीनू उसके पास आये.
पर मीनू बोली- काफी रात हो गयी है. आपको सुबह बैंक भी जाना है. तो अभी सोइए आप.

अगले दिन मीनू सुबह ही नहाकर तैयार होकर अंदर आई तो अंकुर तो सो रहा था.

आज मीनू भी बड़े हक़ से बिना आवाज दिए उसके कमरे में चली गयी.
तो देखा कि अंकुर नंग धड़ंग उलटा पड़ा सो रहा है. उसकी चादर तो एक और पड़ी थी.

मीनू को हंसी आ गई.
उसकी आहट सुन कर अंकुर उठा.
और जब उसे अपनी हालत का एहसास हुआ तो उसने चादर लपेटी और मीनू को इशारे से पास बुलाया.

जैसे ही मीनू आई, उसे दबोच लिया और लगा चूमने.
मीनू भी उससे सूखी बेल की तरह लिपट गयी.

कॉफ़ी पीते समय अंकुर ने मीनू से पूछा- जो बात मैंने तुमसे कही थी गाड़ी में, क्या सोचा तुमने उस बारे में?
कुछ पल मीनू चुप रही, फिर बोली- सर, मैं क्या बोलूं? बस मुझमें अब और धोखा खाने की गुंजाईश नहीं रही. कल को अगर दीदी और आपने बच्चा नहीं स्वीकारा तो मैं समाज में क्या मुंह दिखाऊंगी.

अंकुर ने उसे चूमा और कहा- तुम्हें बताया तो था कि हम एक क़ानूनी एग्रीमेंट कागज बनायेंगे. हमें भी तो डर है कि कल तुमने बच्चा नहीं दिया तो!
मीनू बोली- सर बच्चा क्या, मेरी पूरी जिन्दगी आप दोनों की है. मैं तो मरने जा ही रही थी. आपने बचा लिया और अब इतना मजबूत सहारा बनवा दिया. आपके और दीदी के लिए मैं तैयार हूँ.

अंकुर ने उसको कहा- फिर कल हम दिल्ली की किसी लेडी डॉक्टर से मिलेंगे. तुम मेरी पत्नी बन कर मिलोगी. हम उनसे गर्भधारण के टिप्स लेंगे.

अगले दिन मीनू जब तैयार होकर आई तो वह हर हालत में रिया से भारी ही पड़ रही थी.
उसे देख कर लगता ही नहीं था कि वह किसी रईस पति की बीवी नहीं है.
वह बात अलग है की आज उसके शरीर पर कपड़े और जेवर सब रिया के थे.

डॉक्टर से मिलने पर डॉक्टर ने उन्हें बताया कि यही सप्ताह गर्भधारण के लिए सबसे बढ़िया है.
उन्होंने मीनू को कुछ दवाई और टोनिक भी दिए जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाए.

मीनू के चेहरे की दमक आज अलग ही थी.
आज उसके दिल में कोई बच्चा न होने की जो टीस थी वह शायद भगवान् की कृपा से दूर होने जा रही थी.

अंकुर उसे घर छोड़ता हुआ बैंक चला गया.
वह मुस्कुरा दिया जब मीनू ने बड़े आहिस्ता से उससे कहा- शाम को जल्दी आइयेगा.

अंकुर को देर हो ही गई आने में.
असल में अगले दो दिन बैंक बंद था तो अंकुर को कुछ जरूरी काम निबटाने थे.

रिया से उसकी बात दिन में हुई थी जब उसकी फ्लाइट दुबई में थी.

आज मीनू ने नाश्ते में कुछ अच्छा बनाया था.

अंकुर ने उसे चूमा और कहा- यह हाउस कीपर वाली ड्रेस क्यों पहन रखी है, कुछ अच्छा पहनती.
मीनू हंस कर बोली- कभी कोई आपका परिचित भी आ सकता है इसलिए! वैसे आप कहें तो बिना कपड़ों के भी रह सकती हूँ.
दोनों हंस दिए.

मीनू ने अंकुर से कहा- वैसे तो डिनर भी तैयार है … आप कब लेंगे?
अंकुर बोला- आज का डिनर कुछ स्पेशल होना चाहिए.
मीनू मुस्कुराई, बोली- हो जाएगा सर! आप नहाकर पार्टी वियर पहन कर आइये. आपको पार्टी टेबल तैयार मिलेगी.

अंकुर बोला- और मेरी हाउस कीपर?
मीनू बोली- वह भी तैयार मिलेगी. बस मुझे इजाजत दीजिये की मैं दीदी की वार्डरोब से कोई ड्रेस ले लूं.

अंकुर ने मुस्कुरा कर उसे गोदी में उठाया और कमरे में रिया की वार्डरोब के आगे खड़ा कर दिया और बोला- जो चाहे ले लो. और अब इसी रूम में रहो. साथ नहायेंगे.

मीनू मुस्कुराई, बोली- बस इतना बिगाड़िये मुझे कि बाद में रोती न रह जाऊं.
अंकुर चुप था.

मीनू ने एक ड्रेस निकाली और कुछ मेकअप का सामन उठाया और बाहर चली गयी.
जाते जाते उसने कमरे का दरवाजा बंद किया और अंकुर से बोली- अब एक घण्टा दीजिएगा मुझे. आप चाहें तो ड्रिंक ले लीजिएगा तब तक! बस बाहर एक घण्टे से पहले मत आइयेगा.

अंकुर ने बड़ी बेचैनी से एक घण्टा काटा.

जब वह दरवाजा खोल कर बाहर आया तो उसकी आँखें फटी रह गयीं.
मीनू ने डाईनिंग टेबल बहुत खूबसूरती से सजाई थी.
पूरे हाल में बहुत हलकी लाइट थीं और टेबल पर दो बड़ी बड़ी मोमबत्तियाँ जल रही थीं.

जब अंकुर ने मीनू को ढूंढा तो मीनू उसे पीठ की हुई बाहर लॉन की तरफ देखती मिली.
अंकुर भी सूट में था, उसने टाई भी लगाई थी.

जब वह मीनू के पास पहुंचा और उसे अपनी ओर घुमाया तो उसका सर चकरा गया.
उसके सामने जालीदार फ्रॉक में सजी एक निहायत सुंदर लड़की खड़ी थी जिसके हाथ में एक गुलाब का फूल था.
सुर्ख लाल होंठ और मैचिंग का नेल पेंट और पैरों में लाल जूतियाँ … कुल मिलाकर मीनू आज मीनू नहीं थी, वह किसी कामसुन्दरी से कम नहीं लग रही थी.

मीनू ने अंकुर को देखते ही झुककर उसे गुलाब दिया और उसका हाथ चूम लिया.
साथ ही मीनू ने एक रिमोट से ड्राइंग रूम में रखा म्यूजिक सिस्टम चला दिया और अंकुर का हाथ पकड़कर डांस के स्टेप्स लेने लगी.

अंकुर का हाथ मीनू की कमर पर टिका था और दोनों के चेहरे बहुत करीब थे.
मीनू महक रही थी.

उसके चेहरे पर जो चमक थी, वह उसकी ख़ूबसूरती और अंकुर की नजदीकी का मिला जुला असर था.

अंकुर ने अहिस्ता से मीनू को चूम लिया और अपने से भींच लिया.
दोनों जिस्म अब एक होने की कगार पर थे.

मीनू ने अपनी दोनों बाहें अंकुर की गर्दन पर डालते हुए उसके चेहरे के पास अपने चेहरे को कर दिया.
दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे से टकरा रहीं थीं.

पार्टी में डांस के समय चूमा चाटी नहीं होती … कारण लिपस्टिक मजा बिगाड़ देती है.

अब मीनू ने थिरकते थिरकते अंकुर के कंधे पर अपना सर टिका दिया और बाहें उसके सर के पीछे लपेट दीं.
ये उसकी और से समर्पण की एक मूक सहमति थी.

अंकुर ने अब उसे आहिस्ता से चूमा और उसकी आँखों में आँखें डालते हुए कहा- मेरे को बेटी चाहिए, बिल्कुल तुम्हारी जैसी!
मीनू शर्मा गयी और धीरे से बोली- पर होगा तो बेटा ही … आपके जैसा!

डिनर बहुत लाज़वाब था.
असल में यह सब प्लानिंग तो मीनू ने दिन में ही सोच ली थी.

रात के खाने के बाद मीनू किचन संभाल रही थी.
अंकुर अमेरिका अपनी साली से बात कर बिटिया की तबियत पूछ रहा था.

मीनू काम निबटाकर जाने को मुड़ी ही थी कि अंकुर आ गया, उसे बाहों में घेरते हुए बोला- अब कहाँ जा रही हो. जब सोना यहीं है तो अब तो रिया के आने तक यहीं रहो, यहीं तैयार हो जाया करना.
तो मीनू बोली नहीं- ये ठीक नहीं. मुझे अपनी सीमाएं मालूम हैं. पर हाँ, जो वायदा आपसे किया है उसके पूरा होने तक आपकी हूँ, जैसा आप चाहें. अभी कपड़े लेकर आती हूँ.

मीनू गयी और अपनी नाईट ड्रेस लेकर आ गयी.
उसका दिल जोरों से धड़क रहा था.

ऐसा नहीं है कि आज तक उसने अंकुर से सेक्स नहीं किया था. पर आज से सेक्स का मतलब कुछ और था. आज सेक्स से उसे नतीजा भी चाहिए था.

उसने मन ही मन भगवान् से प्रार्थना की कि उसे अंकुर और रिया के एहसान चुकाने का मौक़ा दे.

मीनू बाहर से लॉक करती हुई अंकुर के कमरे तक पहुंची.
उसके पैर उसके जिस्म का साथ नहीं दे रहे थे.
उसे ऐसा लग रहा था कि वह जड़ हो गयी है.

अंकुर ने उसे देखा और उसकी मनःस्थिति को समझते हुए वह उसके पास आया और चूमकर अपने बाँहों के घेरे में कमरे में ले गया.
हालांकि घर में कोई और नहीं था … पर आदतन उसने डोर लॉक कर लिया.

तब उसने मीनू की ड्रेस उतारनी शुरू की.
मीनू ने ड्रेस बहुत संभाल कर वार्डरोब में टांग दी.

अब मीनू सिर्फ ब्रा पेंटी में थी.

अंकुर फुल सेक्स मस्ती में बोला- चलो शावर लेते हैं.

तभी अंकुर ने अपने कपड़ों के साथ उसकी उसकी ब्रा पेंटी भी उतार दी.
पता नहीं क्यों … मीनू शर्मा गयी.

उसने लाइट बंद कर दी.

अंकुर ने उसे गोदी में उठाया और शावर के नीचे खड़ा हो गया.

ऊपर से शावर की फुहारें पड़ रही थीं और नीचे जो जलते जिस्म एक दूसरे में समाने को बेताब होकर चिपटे हुए थे.

अंकुर का हाथ मीनू की चूत के दाने को मसल रहा था.
मीनू उसकी और पीठ करके शीशे की दीवार पर बाहें ऊपर किये जा चिपकी.

पीछे से अंकुर ने आकर उकी गर्दन और कमर को चूमा और उसे थोड़ा पीछे खींचा और उसे आगे झुका दिया.

मीनू ने आगे झुककर पानी के नल का सहारा लिया और झुककर खड़ी हो गयी.
उसे मालूम था कि अंकुर उसे पीछे से पाना चाहता है.
इसलिए उसने अपनी टांगें थोड़ी सी चौड़ा लीं.

अंकुर ने उसकी चूत में उंगली करते हुए अपना लंड धीरे से पेला.
मीनू कसमसा गयी.
अंकुर ने हल्के धक्के भी दिए.

पर तभी मीनू बोली- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा, बेड पर चलिए.

दोनों तौलिये से अपने बदन को पौंछ बेड पर आ गए.

फुल सेक्स मस्ती की कहानी का यह भाग आपको कैसा लगा?
अपने विचार मुझे बताइएगा.
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फुल सेक्स मस्ती की कहानी का अगला भाग: सेक्स के अनोखे रंग- 6

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