प्रशंसक को सेक्स का मजा दिया-2
(Prashansak Ko Sex Ka Maja diya- Part 2)
हेलो, मेरा नाम है मनीषा मैं दिल्ली से हूं।
मेरी पिछली कहानी
प्रशंसक को सेक्स का मजा दिया
में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपने गुजरात के दोस्त के साथ सेक्स किया।
फिर बहुत समय तक हमारी बात होती रही हैं। वो मेरे ख्यालों में हमेशा डूबे रहते थे, फोन कॉल पर मुझसे बहुत अच्छी-अच्छी बातें करते थे कि मनीषा मैं आपके लिए कुछ भी कर सकता हूं.
मुझे उन पर पूरा भरोसा हो गया था। वे हमेशा मेरी तारीफ करते थे, खासकर मेरे होंठों की तारीफ बहुत ज्यादा करते थे, वे कहते थे कि बस मैं इन्हें चूसते रहना चाहता हूं।
उन्होंने मुझसे कहा- प्लीज एक बार दोबारा मिल लो।
मैंने उनसे कहा- हाँ डियर, टाइम निकालती हूँ बहुत ही जल्दी … जैसे ही टाइम निकलता है, मैं पूरी रात के लिए आपके पास आ सकती हूं।
वो टाइम भी जल्दी ही आ गया.
अब जब मैं उसे दोबारा मिली, वही कहानी मैं आपको बताने जा रही हूं कि हमारे बीच क्या-क्या हुआ।
क्योंकि हम बहुत घुलमिल गए थे और एक दूसरे से हर बात शेयर कर लेते थे। तो इसलिए हम जब दोबारा मिले तो मैं उनके साथ और खुल गई थी मैं दिल से चाहती थी कि यह इंसान मुझे खूब प्यार करें मुझे दिल खोलकर चोदे।
जब हम रूम में गए तो मैंने जाकर सीधे उनकी कोली भर ली और उनके माथे पर किस करने लगी और अपने हाथों से उनकी पैन्ट को खोलने लगी. मुझे तो बस उस आदमी के साथ सेक्स करना था क्योंकि मेरी कामुकता उफान पर आ चुकी थी उनको देखेते ही.
उनकी पैन्ट और निक्कर को नीचे करके मैं उनका लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. कुछ देर करने के बाद पूरा लंड मेरे मुंह में खड़ा हो गया. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
अभी तक मैंने अपने कपड़े भी नहीं उतारे थे।
उन्होंने मुझसे कहा- बेबी, तुम तो सेक्स से भरी हुई हो कुछ बातें भी नहीं करने दी और जोर से चूसो।
मैं उनका लंड पूरा मुंह में लेने की कोशिश करने लगी.
काफी देर तक उनका लंड चूसने के बाद इस बीच उन्हें मज़ा आने लगा और वे मेरे मुंह में झड़ गए। उनका वीर्य मेरे होंठों से होता हुआ मेरी साड़ी पर गिर रहा था.
फिर हम दोनों खड़े हुए और उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया. वे मुझे चूसते हुए एक एक करके मेरे सारे कपड़े निकालने लगे और धीरे-धीरे मुझे पूरी नंगी कर दिया.
तब उन्होंने मुझसे कहा- मुझे तुम्हें घोड़ी बनी हुई देखना है. मेरे लिए एक बार घोड़ी बन जाओ.
उनकी खुशी के लिए मैं घोड़ी की पोजीशन में आ गई. उन्होंने पीछे से मेरी कोली भर कर मेरे चूतड़ों पर अपनी जीभ फिरानी शुरू किया और मेरी चूत और गांड को चूसने लगे.
मुझे गुदगुदी और मजा दोनों आ रहे थे।
उन्होंने उन दोनों को बिल्कुल गीली कर दिया ताकि उनका लंड आसानी से उनमें चला जाए. उन्होंने मुझसे कहा- बेबी, आज मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है.
मैंने उसे कहा- आपके लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूं क्योंकि आपने मुझे खूब मजा दिया था.
फिर उन्होंने अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी, मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन कुछ देर बाद मजा भी आने लगा.
तब तक उनका लंड दोबारा से खड़ा हो गया था. अब उन्होंने अपना लंड गीला करके मेरी गांड पर सटाया और हल्के से धक्का लगाया।
लंड का आधा हिस्सा अंदर चला गया. मेरी तो जैसे चीख ही निकल गई. लेकिन मुझे उनसे चुदना था.
कुछ और कोशिश करने के बाद पूरा लंड गांड में चला गया और वो जोर जोर से धक्के लगाने लगे. थोड़ी देर पहले तो मुझे दर्द हुआ लेकिन फिर मजा आने लगा और मैं भी उनका साथ देने लगी.
अब उन्होंने मुझे धक्के मार मार कर पेट के बल सीधा लेटा दिया और ऐसे ही लंड मेरी गांड में डाले रखा। वे मेरी गांड मारते हुए मेरी कमर और मेरे कंधों पर किस कर रहे थे. मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी क्योंकि हम दोनों एक दूसरे को खा जाना चाहते थे.
मैंने उनसे कहा- डीयर मुझे मेरी गांड में थोड़ा दर्द हो रहा है. अब आप मेरी गांड में से लंड निकाल कर मेरी चूत में लंड डालो.
तो उन्होंने ऐसे ही मुझे सीधा करके पीठ के बल लेटा कर मेरी गीली चूत में लंड डाल दिया. मैंने भी अपने दोनों हाथों से उनकी कोली भर ली और अपनी गर्म चूत में लंड का अहसास करने लगी. वे मेरी चूचियों को दांतों से काट रहे थे, मेरे जिस्म को दबा रहे थे. मैं उनके नीचे पड़ी हुई थी और उनके धक्के खा रही थी. मेरी टांगें उनकी कमर पर झूल रही थी, उनका साथ दे रही थी।
उन्होंने मुझे फिर से घोड़ी बना दिया और मेरी चूत में लंड डालकर मुझे चोदने लगे. वे मेरी चूची को पीछे से दबा रहे थे उर मेरे चूतड़ों पर हल्के से थप्पड़ मार रहे थे.
बहुत देर तक हमने ऐसे ही किया. फिर उन्होंने धीरे से अपना लंड मेरी चूत से निकाला और मेरे मुंह के सामने ले आए और मुझे चूसने के लिए कहा.
मेरी अपनी चूत के पानी से सना हुआ सख्त लंड जब मैंने अपने मुंह में लिया तो मुझे थोड़ी सी गंध आई लेकिन वह गंध बहुत मादक थी और मुझे ज्यादा उत्तेजित कर रही थी लंड को चूसने के लिए!
मैंने उनका गीला लंड अपने मुंह में भर लिया और उसमें हल्के से दांत गड़ा दिए.
तो उन्होंने मुझसे कहा- नहीं बेबी, आराम से करो, अपने होठों का अहसास मेरे लंड पर कराओ.
मैं अपने होंठों और जीभ उनके लंड पर फिराने लगी. वे आंखें बंद करके उसका मजा लेने लगे.
फिर मैंने अपने हाथों से उनके टट्टों को सहलाया और मुंह से उनके लंड को अपने जीभ और होठों का अहसास करा रही थी.
उन्होंने मेरे बाल पकड़ लिये और पूरा लंड मेरे मुंह में डाल दिया. मेरे मुंह से थूक निकलने लगा जो उनके टट्टों से बहकर मेरे हाथों में ही आ रहा था.
खैर जो भी हो रहा था, हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था. वह मेरी कमर पर अपना हाथ फिरा रहे थे.
फिर उन्होंने मुझे सीधा लेटा दिया और मेरी टांगों को ऊपर उठाकर मेरी खुली हुई चूत को देखने लगे.
मैंने उनसे पूछा- आप क्या देख रहे हैं?
तो उन्होंने कहा- मैं इसे चाटना चाहता हूं … तुम्हारी चूत का रस पीना चाहता हूं.
मैंने कहा- फिर देख क्यों रहे हैं? करो ना बेबी … मुझे भी बहुत अच्छा लगता है.
तो उन्होंने धीरे-धीरे मेरी गीली हुई चूत पर अपनी जीभ फिरानी शुरू की। मुझे तो बहुत मजा आने लगा, मैंने उसके दोनों हाथों में अपने हाथ दे दिए और कहा- बेबी और तेज करो!
वे भी मेरी चूत को पूरा मुंह में लेकर चूसने लगे. मैं अपने चूतड़ उठा उठा कर उनका साथ दे रही थी और उनके मुंह में ही झड़ गई.
लेकिन वे बराबर मेरी चूत को चूसते रहे.
फिर मैंने उनको अपने ऊपर आने के लिए कहा. लेकिन उन्होंने मुझे पलट दिया, मुझे पेट के बल लेटा कर फिर से मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया।
हमने फिर से गांड चुदाई का मजा लिया और ऐसे ही तेज धक्के मारते हुए वे मेरी गांड में ही झड़ गए।
फिर मैं उठी और नहाने चली गई.
और उन्होंने होटल में खाने का ऑर्डर कर दिया. जब मैं नहा कर आई तो मैंने अपने बदन पर हल्की हल्की मैक्सी डाल रखी थी जिसमें मेरा सारा बदन ऐसे ही दिखा रहा था.
फिर हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया।
इस बीच मैंने भी उनको अपने हाथ से खाना खिलाया और उन्होंने मेरे हाथ से खाना खाया. हम दोनों एक दूसरे को प्यार किया.
फिर उन्होंने मुझे खाने वाली मेज पर सीधा लेटा दिया और खुद नीचे जमीन पर बैठकर मेरी चूत को चाटने लगे. हम लोग फिर से गर्म होने लगे.
एक हसीन जवान औरत जो अंतरवासना से दोस्त बनी एक ऐसे इंसान के साथ जो उसे अंतर्वासना से मिला, उसके लिए हमेशा खड़ा रहा, आज एक बार फिर उसको अपना सब कुछ दे रही थी.
फिर उनका लंड खड़ा हो गया और उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और खाने वाली मेज पर ही हमने दिल खोल कर सेक्स किया.
मेरा सारा बदन लाल हो गया था क्योंकि उन्होंने बहुत चूसा था मुझे।
फिर हमने ऐसे ही मजे लिए और मैं उनके साथ पूरी रात के लिए रही थी. पूरी रात में हमने चार पांच बार सेक्स किया. दोनों पूरी रात एक दूसरे में डूबे रहे. उन्होंने मेरे तीनों छेदों को चोदा उस रात!
तो यह थी अंतर्वासना पर मेरी दूसरी कहानी! आपको होटल में मेरी पूरी रात चुदाई की कहानी कैसी लगी? आप मुझे ईमेल कर सकते हैं, कहानी के नीचे कमेंट्स कर सकते है. मैं अपनी ईमेल आईडी नीचे दे रही हूं।
दोस्तो, मेरे रिप्लाई करने में मैं थोड़ा लेट हो सकती हूं क्योंकि मुझे और भी बहुत काम होते हैं. लेकिन मैं रिप्लाई करती जरूर हूँ।
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