रईस बाप की बिगड़ी हुई औलाद- 3
(Cheat Wife Sex Kahani)
चीट वाइफ सेक्स कहानी में जब एक लड़की को शादी के बाद पति से चुदाई का सुख नहीं मिला तो उसने अपने पुराने प्रेमी की तलाश की और उसके साथ चुदाई का मजा लेने का प्लान बनाया.
कहानी के दूसरे भाग
गर्म लड़की ने चूत चुदाई का जुगाड़ किया
में आपने पढ़ा कि अमीर बाप की बिगड़ी हुई बेटी ने अपने यार से चुदाई का मजा लिया. फिर उसकी शादी एक ऐसे लड़के से हो गयी जो उसे पूरा सेक्स सुख नहीं दे पाया.
अब आगे चीट वाइफ सेक्स कहानी:
अगले हफ्ते दोनों एक महीने के यूरोप टूर पर दोनों चले गए.
हनीमून पर निमिषा ने भी पीने में जमकर साथ दिया विजय का!
पर निमिषा विजय को इस बात के लिए मना पायी कि रात को एक दमदार चुदाई के बाद ही दोनों ड्रिंक्स को हाथ लगायेंगे.
हालांकि निमिषा की चुदास तो शांत नहीं होती थी एक बार चुद कर, पर फिर भी परिस्थितियों को देखते हुए निमिषा बहुत खुश थी.
उसे पैसा पानी की तरह उड़ाने की पूरी आजादी थी.
ऐशो आराम की जिन्दगी और हुक्म का पालन करने के लिए नौकरों की फौज.
विजय साधारण नाकनक्श का स्वामी था और उसके लिए हुस्न की मलिका निमिषा केवल रईसजादों द्वारा हासिल की गयी बेशकीमती हुस्न की मलिका थी.
निमिषा को ऐशो आराम और विलासिता की कोई कमी नहीं थी, पर उसकी औकात केवल एक गुलाम जैसी थी.
उसकी अपनी मर्जी और शौक हीरे जवाहरातों में दब कर रह गए.
निमिषा की यह ख़ुशी ज्यादा दिन नहीं चली.
विजय निमिषा का इस्तेमाल अपना व्यापार बढ़ाने के लिए करना चाहता था.
वह चाहता था कि निमिषा आये दिन उसके साथ महंगी पार्टियों में जाए, पराये मर्दों के साथ डांस करे, गले लगे, चूमा चाटी करे और दारू पिए.
निमिषा को इन सबसे कोई ऐतराज नहीं होता था.
पर घर लौटते लौटते विजय चुदाई लायक नहीं रहता.
अब महीनों महीनों उनकी चुदाई नहीं होती.
एक दो बार पराये मर्दों या विदेशी ग्राहकों के साथ निमिषा ने सेक्स की पहल करनी चाही तो अचानक ही विजय ने आकर सारा मूड बिगाड़ दिया.
अब निमिषा बहुत चिड़चिड़ी रहने लगी.
उसे हर समय अब सेक्स सूझता.
विजय का स्टेटस ऐसा था कि वह अपनी आग बाहर शांत नहीं कर सकती थी.
उसने एक दो बार मसाज बॉय को बुलाकर उसके नजदीक जाने की कोशिश भी की तो वह घर पर नौकर चाकर इतने होते थे कि सेक्स संभव नहीं था.
निमिषा ने एक मसाजर सेट कर लिया था.
वह उसकी फुद्दी रगड़ देता, अपना लंड उससे चुसवा लेता, एक दो बार सेक्स भी हो गया.
पर फिर कसी नौकर की शिकायत पर विजय ने निमिषा को बहुत डांटा और चेतावनी तक दे दी.
लिहाजा निमिषा ने अब उस मसाजर से किनारा कर लिया.
वह अब वाईब्रेटर का सहारा लेने लगी थी.
पर चुदाई तो चुदाई ही होती है.
विजय ने अपना काम इतना बढ़ा लिया कि उससे संभलता नहीं था.
उसने एक ऑफिस दुबई खोल लिया था, वह अधिकतर वहीं रहता.
निमिषा को वहां रहना पसंद नहीं था तो दिल्ली के ऑफिस को उसने संभाल लिया.
अब वह मालिक थी.
उसे एक रात उंगली करते करते चुल उठी शुचित की.
उसने एक बीड़ा उठाया उसे ढूँढने का.
निमिषा को मालूम था कि शुचित ने मार्केटिंग में एम बी ए किया है.
उसने अपने ऑफिस के लिए एक रिक्ति बनायी और उसके हेड के लिए अखबार में विज्ञापन दिए.
साथ ही अपने एक स्टाफ मेम्बर को अहमदाबाद भेजा और वहां इंस्टिट्यूट से उस साल का हवाला देकर शुचित की जानकारी हासिल करने को कहा.
दो तीन दिन में ही निमिषा को यह मालूम पड़ गया कि शुचित गुरुग्राम में किसी कम्पनी में अच्छे पद पर काम कर रहा है.
ज्यादा डिटेल मालूम करी तो मालूम हुआ कि पिछले साल ही उसकी शादी हुई है और उसकी वाइफ विदेश में जॉब पर है.
शुचित भी वहीँ जाने के लिए नौकरी ढूंढ रहा है.
निमिषा के ऑफिस ने शुचित को टच किया और उससे नौकरी के लिए ऑफर दिया.
शुचित ने उनको साफ़ मना किया कि वह तो अब अपनी पत्नी के पास विदेश जाना चाहता है या फिर कुछ ऐसा हो कि उसकी पत्नी को यहाँ जॉब मिल जाए.
निमिषा ने नया पेंतरा फेंका.
शुचित को यह पेशकश दी गयी कि अगर वह उनके पास जॉब करता है तो कंपनी वाइफ को अगले छह महीने के अंदर कम्पनी में जॉब दे देगी.
तब शुचित झांसे में आ गया क्योंकि सैलरी पैकेज बहुत अच्छा ऑफ़र किया गया था.
शुचित ने निमिषा की कम्पनी ज्वाइन कर ली.
अब तक शुचित निमिषा से न तो मिला था, न उसे ये मालूम था कि अब निमिषा उसकी बॉस है.
शुचित ने गुरुग्राम वाली कम्पनी छोड़ दी और फ्लैट भी छोड़ कर यहीं नोएडा में फ्लैट लेने की सोची.
पंद्रह दिन के लिए उसके रहने की व्यवस्था कंपनी की ओर से एक फाइव स्टार होटल में की गयी थी.
उसकी वाइफ ने भी विदेश में अपनी कम्पनी को सूचित कर दिया कि वह अगले छह महीने बाद उनका जॉब छोड़ देगी.
शुचित को यह मेसेज मिला कि कम्पनी की सीईओ मेम मिसेज पारीख उसे मिलेंगी और मार्केटिंग डिस्कस करेंगी.
इस मीटिंग के लिए शुचित को गोवा जाना था.
शुचित के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण मौक़ा था.
कम्पनी की मालिक से पहली मीटिंग थी.
शुचित गोवा पहुंचा.
उसका रूम ताज में बुक था.
मिसेज पारीख भी ताज के ही एक स्युईट में ठहरी थीं और शुचित को आज रात उन्हीं के स्युईट में उनसे मिलना था.
शुचित बहुत सलीके से अपने कागजात लेकर मिसेज पारीख के स्युईट में पहुंचा.
स्युईट में पहुंचकर शुचित को सोफे पर बिठाया गया कि मिसेज पारीख अभी आती हैं.
उसे कोल्ड ड्रिंक देकर वह स्टाफ स्युईट से बाहर चला गया.
तब निमिषा बहुत फेशनेबल ड्रेस और महंगे जेवरात पहन कर रूम में आई.
शुचित सकपका कर खड़ा हुआ और उसे विश किया.
शुचित समझ नहीं पा रहा था कि यह निमिषा है या उसे कोई वहम हो रहा है.
निमिषा खिलखिला कर हंसी और फिर बोली- कैसे हो शुचित? अब तो तुम बहुत बदल गए हो. कैसी लगी हमारी कम्पनी?
शुचित हड़बड़ा गया.
वह हकलाते हुए बोला- मेम, बहुत अच्छा हूँ. और मैं बहुत खुश हूँ आपकी कम्पनी ज्वाइन करके! पर मेरे लिए ये सरप्राइज है मेम … कि आप इसकी ओनर हैं.
निमिषा ने अपना हाथ आगे बढ़ाया मिलाने के लिए.
शुचित ने बहुत हिचकिचाहट से उससे हाथ मिलाया और खड़ा रहा जब तक निमिषा नहीं बैठ गयी.
निमिषा बड़ी अदा से बैठी और शुचित को बैठने का इशारा किया.
निमिषा ने टेबल से सिगरेट की डिब्बी से सिगरेट निकाली और जलाने के लिए लाइटर इधर-उधर देखने लगी.
शुचित झट से खड़ा हुआ और अपनी जेब से लाइटर निकाल कर उसकी सिगरेट सुलगा दी.
निमिषा ने मुस्कुराते हुए उसे थैंक्स कहा.
अब निमिषा ने उससे काम की बात शुरू की और कहा- आप अपने मार्केटिंग के प्लान्स लेकर मुझसे दिल्ली ऑफिस में परसों मिलें.
फिर निमिषा बोली- अब नौकरी का काम ख़त्म! अब तुम्हारे लिए मैं निमिषा और मेरे लिए तुम शुचित! इधर आओ और मेरे पास बैठो.
शुचित पहले तो चुप रहा, फिर धीरे से बोला- मेम अब आप कहाँ मैं कहाँ! और फिर अब मेरी शादी हो गयी है.
निमिषा बोली- तुम क्या सोचते हो कि तुममें कोई ऐसी खासियत है जिसकी वजह से तुम्हें और तुम्हारी बीवी को मेरी कम्पनी मुंहमांगी तनख्वाह पर नौकरी दे रही है. शुचित, मैं आज भी तुम पर मरती हूँ और तुम्हारे साथ जीना चाहती हूँ. इसीलिए इतना खर्चा कर रही हूँ. मुझे अब तुम हर रात अपने बिस्तर पर चाहिए.
शुचित फिर सोचता रहा और धीरे से बोला- अगर मैं ये न कर पाऊं तो?
निमिषा जोर से खिलखिला कर हंसी और फिर अपने शातिर अंदाज़ से बोली- क्या तुम मुझे बेवकूफ़ समझते हो. मैं क्या फ़ालतू थी जब जवानी में तुमने मेरे साथ मजे लिए. तब भी तुम्हारी औकात मेरे साथ बिस्तर पर आने की नहीं थी और आज भी नहीं है. पर तब भी मैंने ही उस काम के लिए तुम्हें चुना था और आज भी मैंने ही तुम्हें चुन रही हूँ. तुम्हारे इन्कार की स्थिति में मेरी कम्पनी के साथ तुमने जो एग्रीमेंट किया है, उसके मुताबिक़ अगर तुम एक साल से पहले जॉब छोड़ते हो तो तुम्हें पचास लाख रूपये की पेनाल्टी देनी होगी और उधर तुम्हारी वाइफ अपनी कम्पनी को छोड़ने के लिए कह चुकी है. हम उसे वहां जॉब अब करने नहीं देंगे. तो तुम घिर गए हो. मुझे खुश रखो, मैं तुम्हें खुश रखूंगी. मेरे साथ छह महीने बाद तुम्हें अपनी बीवी भी मिल जायेगी चोदने को! सोच लो कॉफ़ी पीते पीते और जवाब दो.
निमिषा आगे बोली- पर हाँ … यह बात सच है कि सेक्स का जो मज़ा मुझे तुमसे मिला, वह आज तक देश विदेश कहीं नहीं मिला. मैं उस सुख को अब दोबारा पाना चाहती हूँ. हाँ, अब मैं इस स्थिति में हूँ कि तुम्हें उसकी मनचाही कीमत दे सकूं. हमारे बीच कोई बात छिपी नहीं रहनी चाहिए. मुझे ब्लैक मेल करने की गलती कभी मत करना. तुम्हारे हर ताले की चाभी मेरे पास है. तुम बस मेरे वफादार आशिक बन कर मुझे प्यार दो, कम्पनी में दिल से मेहनत करो.
शुचित सोचता रहा.
उसे अहसास हो गया कि वह घिर गया है.
दूसरी तरफ उसे सौदे में नुक्सान भी नजर नहीं आ रहा था.
सच तो यह है कि निमिषा जैसी धनवान, रूपवान और सेक्सी औरत के साथ हमबिस्तर होना उसके लिए सपने जैसा था.
उसने अपने को सम्भाला, मुस्कुराया और निमिषा से बोला- मैं आपको खुश रखने की पूरी कोशिश करूंगा.
निमिषा बाहें फैला कर उसके गले लग गयी और उसे होंठों पर चूम लिया.
वह बोली- अब तुम अपने रूम में जाओ. फ्रेश होकर रात को ठीक 11 बजे मेरे स्युइट में आ जाना, डोर खुला होगा, अंदर आ जाना.
शुचित रूम में वापिस पहुंचा.
डिनर से निबटकर रात को ठीक 11 बजे वह निमिषा के स्युइट में हाथों में अपना लैपटॉप लेकर पहुंचा.
निमिषा उसका इंतज़ार ही कर रही थी.
उसके हाथ में जाम था.
शुचित ने उसके इशारे पर डोर लॉक किया और निमिषा के पास पहुंचा.
निमिषा ने एक टाइट शोर्ट मिडी पहनी थी जिसमें उसके एक एक अंग का उभार झलक रहा था.
शुचित सोफे पर जा बैठा.
निमिषा उठी और उसकी गोद में बैठते हुए अपने जाम को उसके होंठों से लगा दिया फिर गिलास को बराबर टेबल पर रख कर निमिषा ने उसके होंठों से अपने होंठ मिला दिए.
शुचित अभी संकोच कर रहा था.
निमिषा ने उसे झिड़कते हुए कहा- कंपनी में तुम्हारी तरक्की वहां की परफॉरमेंस से नहीं बल्कि बेड पर तुम्हारी परफॉरमेंस पर डिपेंड करेगी. और उसका एक ही टारगेट होना चाहिए कि सेक्स बहुत जोशीला और मस्त हो.
मतलब निमिषा ने उसे बता दिया था कि उसे यहाँ परफॉर्म करते समय अपने दिल दिमाग और जिस्म का भरपूर प्रयोग करना है.
शुचित बस सिर्फ इतना ही बोला- कोशिश करूँगा मेम!
अब निमिषा अपनी पर उतर आई, बोली- अबे भड़वा हो गया है क्या साले … अब क्या तेरे को सीटी बजा कर हरी झंडी दिखानी पड़ेगी. कम ओन डार्लिंग लव मी. अब मेम मेम की मिमियाहट बंद कर. अब तू मेरा पुराना दीवाना है और मैं तेरी जानू!
कहकर निमिषा खड़ी हो गयी और बाहें फैला दीं.
शुचित ने आगे बढ़कर निमिषा को अपने आगोश में ले लिया.
कमरे में म्यूजिक चल रहा था हल्का हल्का.
निमिषा शुचित की बाँहों में चिपक कर थिरकने लगी.
शुचित का संकोच अब ख़त्म होने लगा था.
उसे निमिषा की पसंद का तजुर्बा था.
उसने निमिषा की होंठ से अपने होंठ भिड़ा दिये और उसे भींच लिया अपने से!
निमिषा की ड्रेस बेकलेस थी. निमिषा के जिस्म का रुआब पहले से बढ़ा ही था.
शुचित के हाथ उसकी नंगी पीठ पर थिरकने लगे.
निमिषा अब मचलने लगी.
उसने अपनी एक टांग उठा कर शुचित की कमर पर लपेट दी.
शुचित ने हाथ नीचे करके उसे सपोर्ट दिया तो उसे अहसास हुआ कि निमिषा ने नीचे कुछ नहीं पहना है.
तब शुचित के हाथ उसकी चिकनी जांघों पर जा टिके.
निमिषा ने कुछ पल को रुकते हुए जाम का एक घूंट मारा और शुचित को भी सिप कराया.
निमिषा अब पक्की शराबी हो गयी थी.
उसने अपना पेग जल्दी ही खत्म कर दिया.
तो दोस्तो कैसी लगी आपको चीट वाइफ सेक्स कहानी?
लिखिएगा मुझे मेरी मेल आईडी पर
[email protected]
चीट वाइफ सेक्स कहानी का अगला भाग: रईस बाप की बिगड़ी हुई औलाद- 4
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