दोस्त की साली की चूत की खुजली- 5

(Bathroom Xxx Chudai Kahani)

हर्षद मोटे 2022-04-22 Comments

बाथरूम Xxx चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने दोस्त की साली को बचा देने के लिए एक ही रात में बार बार चोदा. एक बार बाथरूम में भी उसकी चुदाई की.

फ्रेंड्स मैं हर्षद मोटे एक बार पुन: आपकी सेवा में हाजिर हूँ. मैं आपको सोनाली की चूत की चुदाई की कहानी का आखिरी भाग सुना रहा हूँ.
पिछले भाग
दोस्त की साली की चूत वीर्य से भरी
में अब तक आपने पढ़ा था कि सोनाली की चूत की चुदाई दूसरी बार भी हो चुकी थी. वो मेरे लंड से ज्यादा मात्रा में निकले वीर्य को लेकर हैरान थी.

अब आगे बाथरूम Xxx चुदाई कहानी:

फिर मैं बेड से नीचे उतर कर सोनाली से बोला- मुझे जोर से मुत्ती आ रही है. सोनाली मैं मूतने जा रहा हूँ.
सोनाली भी बेड के नीचे उतर कर बोली- मुझे भी आना है हर्षद.

वो मेरे कंधे पर हाथ रखकर चलने लगी. उसके चलने के ढंग बदल गया था. वो टांगें फैलाकर चल रही थी, शायद उसकी चूत की सूजन की वजह से वो ऐसे चल रही होगी.

हम दोनों बाथरूम में आ गए.
बाथरूम बड़ा था. उसमें कमोड भी था.

मैंने सोनाली से कहा- पहले तुम मूत लो.

सोनाली कमोड पर अपनी टांगें फैलाकर गांड टिका कर बैठ गयी.
मैं उसके सामने ही उसकी फूली हुई चूत को देखने लगा.

सोनाली ने अपने दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़ते हुए कहा- ऐसे क्या देख रहे हो हर्षद?
मैंने कहा- तुम्हारी फूली हुई लाल लाल चूत देख रहा हूँ. बहुत ही चिकनी दिखती है. अब जल्दी से मूत लो सोनाली!

सोनाली मेरा लंड रगड़ती हुई बोली- बहुत बदमाश हो तुम हर्षद.
ये कह कर वो मूतने लगी तो चिर्र चुर्र चिर्र चूत से आवाज निकलने लगी.

मुझे ये सब अजीब सा लगा.
मैं पहली बार किसी औरत को ऐसे मूतते देख रहा था.

मैंने सोनाली की चूचियों को अपने दोनों हाथों में लेकर मसलने लगा.

सोनाली भी जोश में आकर मेरे लंड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगी.
इससे मेरा लंड पूरी तरह तनाव में आ गया था. उधर सोनाली का मूतना बंद हो गया था.

मैंने उससे कहा- अब उठो सोनाली, मुझे भी मूतना है.
सोनाली ने उठते हुए मेरे लंड के चिकने सुपारे को अपने गुलाबी होंठों से चूम लिया, तो मेरे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी.

वो खड़ी हो गयी, तो मेरा तना हुआ लंड उसकी चूत से जा टकराया.
सोनाली सिहरने लगी.

वो मेरे पीछे आकर बोली- अब तुम मूत लो हर्षद. मुझे भी तुम्हें मूतते हुए देखना है.
मेरा लंड पूरा तना हुआ था. मैं मूतने लगा तो मेरा मूत कमोड से बाहर जाने लगा.

मैं जरा पीछे को हो गया, तो मेरे पीछे खड़ी सोनाली से चिपक गया.
सोनाली ने अपने दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़ लिया. मेरा मूतना चालू था.

सोनाली मुझे मूतते हुए देख रही थी और बीच बीच में ही मेरा लंड गोल घुमाकर मजे ले रही थी.
उसकी गर्म चूत मेरी गांड पर रगड़ खा रही थी. ऊपर उसकी चूचियां मेरी पीठ पर रगड़ रही थीं. उसके कड़क हुए निपल्स मुझे चुभ रहे थे.

मेरे बदन में एक अजीब सी लहर दौड़ने लगी थी. पहली बार मैं ऐसा अजीब अनुभव ले रहा था.

मेरा मूतना हो गया था तो सोनाली मेरा लंड मसल रही थी.

अब मैं पीछे मुड़ गया, तो मेरा लंड सोनाली से चूत पर आ गया.
इससे सोनाली सिहर उठी. उसकी चूचियां मेरे सीने पर रगड़ खा रही थीं.

सोनाली अपने दोनों हाथ मेरी गांड पर रखकर सहलाने लगी.
मैं भी अपने दोनों हाथों से उसकी गदरायी मांसल गांड सहलाने लगा.

हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने में लग गए.

इसी बीच सोनाली ने मेरे मूसल जैसे लंड को अपनी गोरी मुलायम जांघों में जकड़ लिया और आगे पीछे करने लगी.
वो मेरे लंड से अपनी चूत और गांड रगड़ ले रही थी, तो उसकी चूत गीली होने लगी थी.

मेरा लंड भी जोश में आकर फड़फड़ाने लगा था. हम दोनों एक फिर से कामुक हो रहे थे.
हम दोनों भी चुम्मा-चाटी के साथ एक दूसरे की गांड को जोर जोर से मसलने लगे थे.

सोनाली सिसकारियां भरने लगी- आह ओह इस्स स्ह स्ह हा हा हाय रे हर्षद अब नहीं सह सकती मैं. कुछ तो करो … चलो जल्दी से बेडरूम में चलो.
मैंने कहा- नहीं सोनाली इधर ही करेंगे. तुम्हें एक अजीब सा अनुभव देकर खुश करना चाहता हूँ.

सोनाली चौंक कर बोली- इधर कैसे होगा?
मैंने उसकी चूचियां चूसते हुए कहा- तुम देखती जाओ और मजे ले लो.

मैंने सोनाली का एक पैर कमोड पर रख दिया और मैं अपना तना हुआ लंड का सुपारा उसकी गीली चूत पर रगड़ने लगा.
सोनाली सीत्कारने लगी.

मेरा सुपारा गीला और चिकना होते ही मैंने एक धक्के में ही चूत में लंड डाल दिया.
मैं अपने मुँह में सोनाली की एक चूची लेकर चूस रहा था और दूसरी चूची को हाथ से मसल रहा था, दूसरे हाथ को सोनाली की कमर में डालकर उसे सहारा दे रहा था.

सोनाली अपने दोनों हाथों से मेरे सर को सहलाते सहलाते पीठ और कमर को भी सहला रही थी.
उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं. वो पूरा लंड चूत में लेने की कोशिश कर रही थी.

मैं भी उसकी कामवासना देखकर लंड पर दबाव देकर अन्दर करने लगा.
चूत पनिया गयी थी और अन्दर से गर्म हो गयी थी.

मैं लंड अन्दर बाहर करने लगा, तो मेरा लंड भी गीला हो गया था.
ऐसे ही धक्के मारते मारते मैंने आधे से ज्यादा लंड सोनाली की चूत में उतार दिया था.

सोनाली मदहोश होकर मेरे होंठ और जुबान चूसने लगी. वो अपना एक हाथ मेरी गांड की दरार में रखकर सहलाने लगी.
मैंने भी अपना एक हाथ उसकी मांसल, मुलायम गांड की दरार में रखकर बीच की उंगली से गांड के छेद को टटोलने लगा.

तो सोनाली सीत्कारने लगी और उसने भी मेरी गांड के छेद पर अपनी उंगली दबाकर रख दी.
मुझे गुदगुदी हो रही थी और जोश आ रहा था.

मैंने एक जोर का धक्का देकर पूरा लंड सोनाली की चूत में घुसेड़ दिया.

सोनाली ने जोर जोर से सिसकारियां लेती हुई अपने दोनों हाथों से मुझे कसने लगी.
उसके नाखून मेरे पीठ में गड़े हुए मुझे चुभ रहे थे.

मैंने उसकी गांड की दरार में अपना एक हाथ डालकर अपने लंड पर दबाव बनाए रखा था.
थोड़ी देर के बाद मैं अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.

तो सोनाली भी मुझे साथ देने लगी और मेरे लंड पर दबाव डालने लगी.
वो एक हाथ को मेरी गांड की दरार में डालकर अपनी एक उंगली मेरे गांड के छेद पर दबाने लगी.

उसी से मेरा लंड और फड़फड़ाने लगा.
मैं और तेजी से अपना लंड अन्दर बाहर करके उसकी चूत की गहराई नापने लगा था.

सोनाली अब मेरे तेज धक्के सह नहीं सकती थी.
उसने अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया और अपनी कामुक आवाजें भरती हुई बोली- आंह हर्षद … अब मैं झड़ने वाली हूँ.

मैंने उसकी बात सुनकर कुछ जबरदस्त प्रहार उसकी चूत पर कर दिए.
तभी सोनाली की चूत ने गर्म चूतरस से मेरे लंड को नहलाना शुरू कर दिया.

उसका पूरा बदन अकड़ गया था.
हम दोनों एक दूसरे की बांहों में समा गए और पांच मिनट ऐसे ही खड़े रहे.

थोड़ी ही देर में मैं आहिस्ता आहिस्ता अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा, तो चूतरस बाहर निकल कर हम दोनों की जांघों पर बहने लगा.

ऐसे ही पांच मिनट तक मैं लंड अन्दर बाहर करता रहा.
सोनाली अब शांत हो गयी थी और वो अपने होंठों को मेरे होंठों पर रखकर चूमने लगी थी.

मैं अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियां मसलने लगा. सोनाली के चेहरे पर खुशियां खिलने लगी थीं.

मैंने आहिस्ता से लंड बाहर निकाला, तो सोनाली हम दोनों की जांघों को देख रही थी, जो चूतरस से भीग गयी थी. फिर उसने अपनी चूत की तरफ देखा, तो अभी भी बचा हुआ चूतरस नीचे टपक रहा था.

सोनाली बोली- अब चलो अन्दर हर्षद. बस हो गया इधर का खेल … बेडरूम में चलते हैं.
मैंने कहा- अभी तो मेरा बाकी है. वो पूरा करके ही जाएंगे. हम दोनों की चुदाई यादगार होनी चाहिए सोनाली.

सोनाली बोली- वो कैसे?
मैंने कहा- आओ बताता हूँ.

मैंने सोनाली को अपनी तरफ गांड करके खड़ा किया और एक पैर कमोड पर रख कर उसे थोड़ा नीचे झुका दिया. फिर उसके दोनों हाथ सामने की दीवार पर रख दिए.
अब सोनाली की गांड का छेद और फूली हुई चूत मेरे सामने थी. मेरा लंड अभी भी फड़फड़ा रहा था. मैं उसके पीछे सटकर खड़ा हो गया था.

मैंने अपने दोनों हाथों में सोनाली की चूचियां पकड़ लीं और जोर जोर से दबाने लगा. सोनाली एक बार फिर से सीत्कारने लगी.

उसने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ा और हिलाने लगी. मैं भी अपनी कमर आगे पीछे कर रहा था.

अब मैंने सोनाली की चूचियां छोड़कर अपने दोनों हाथों से उसकी गोरी, मांसल गांड को थामा और सहलाने लगा. साथ में मैं उसकी चूत भी सहला रहा था.

सोनाली सिहरने लगी थी. उसकी चूत और मेरा लंड अभी भी गीले ही थे. मैं अपनी उंगली सोनाली की गांड के छेद पर गोल गोल घुमाने लगा, तो सोनाली अपनी गांड हिलाने लगी. उसे गुदगुदी हो रही थी.

उसकी गांड का छेद अन्दर बाहर होकर फूलने लगा था. मुझसे नहीं गया और मैंने अपने तने हुए गीले लंड का सुपारा उसकी गांड के छेद पर रख दिया और दबाने लगा.

सोनाली छटपटाने लगी और बोली- हर्षद प्लीज उसमें मत डालो, मैं मर जाऊंगी.
मैंने कहा- ठीक है सोनाली नहीं डालूंगा उसमें.

मैंने अब मैंने लंड एक हाथ में पकड़ लिया और दूसरे हाथ से सोनाली की फूली हुई चूत को सहलाने लगा. अपने तने हुए लंड का सुपारा उसकी चूत के मुँह पर रख कर एक ही जोरदार प्रहार देकर पूरा लंड चूत की गहराई में डाल दिया.

वो एकदम से छटपटा उठी. इस पोज में उसे लंड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा था.
मैं अपने दोनों हाथों से सोनाली की लटकती चूचियां मसलने लगा. साथ में अपनी उंगलियों से उसके कड़क निपल्स भी रगड़ने लगा.

सोनाली सीत्कारने लगी थी.

मैंने सोनाली की दोनों चूचियां मसल मसलकर लाल कर दीं.
सोनाली बोली- आह हर्षद अब मेरी चूचियों में दर्द हो रहा है.

मैंने चूचियां छोड़ दीं और अपने दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ ली.
मैं लंड चूत में अन्दर बाहर करने लगा. अपने लंड के सुपारे तक लंड बाहर निकालकर तेजी से अन्दर डालने लगा. मेरा लंड उसकी गर्भाशय के मुँह को चूम रहा था.

सोनाली भी कामुक होकर मुझे साथ देने लगी थी. सोनाली ये सब नजारा लाईट की रोशनी में देख रही थी. लंड चूत में अन्दर बाहर होते हुए देखकर वो ज्यादा ही मदहोश होने लगी थी.

कुछ मिनट तक चुदाई के बाद मुझे अहसास हुआ कि अब मैं भी जल्द झड़ने वाला हूँ.
मैंने सोनाली से कहा- मैं अब झड़ने वाला हूँ.
सोनाली बोली- हां, मैं भी झड़ने वाली हूँ हर्षद.

मैंने कुछ जोर के धक्के मारकर सोनाली की चूत में अपने लंड का गर्म लावा छोड़ दिया.
उसी के साथ में सोनाली की चूत ने भी गर्म चूतरस मेरे लंड पर छोड़ दिया.

मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को कसके पकड़ा और सोनाली की पीठ पर झुककर अपना सर उसकी पीठ पर रख दिया.
हम दोनों सिसकारियां लेते हुए निढाल हो गए.

पांच मिनट हम दोनों ही ऐसे ही रहे. थोड़ी ही देर बाद सोनाली ने अपना कमोड पर रखा पैर नीचे रखा और वो सीधी खड़ी हो गयी.

मैंने उसकी दोनों चूचियां को अपने हाथों में पकड़कर रखा.
सोनाली ने अपने दोनों हाथ पीछे करके मेरी गांड पर रख दिए.

अब मेरा लंड आहिस्ता आहिस्ता मुरझाकर चूत से बाहर निकल आया.
जैसे लंड बाहर आया, सोनाली की चूत से हम दोनों का कामरस मेरे लंड पर और सोनाली की जांघों पर बहने लगा.

पांच मिनट तक हम दोनों ऐसे ही खड़े रहे. अब सोनाली ने मेरी तरफ मुड़कर मेरे होंठों को चूम लिया और कमोड पर बैठ गयी.
वह बहुत थक गयी थी.

मैंने सोनाली से पूछा- तुम ठीक तो हो ना सोनाली?
तो सोनाली मुस्कुराकर बोली- हां मैं ठीक हूँ. मेरे पैर में ज्यादा समय ऊपर रखने से दर्द हो रहा था. इसलिए मैं यहां बैठी हूँ.

मैं उसके सामने ही खड़ा था.
सोनाली की नजर वीर्य से लबालब मेरे लंड पर थी.

मैंने कहा- क्या सोच रही हो सोनाली?
उसने कहा- मुझे प्यास लगी है.

मैंने कहा- मैं लाता हूँ पानी.
सोनाली ने मेरा लंड एक हाथ में पकड़ लोया और बोली- पानी की जरूरत नहीं है. यहां ये अमृत होते हुए पानी की क्या जरूरत.

उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैं उसकी दोनों चूचियां मसलने लगा.

सोनाली ने मेरा मुरझाया हुआ लंड पूरा अपने मुँह में लेकर चूसकर साफ कर दिया.

बहुत दिनों के बाद मेरा लंड कोई औरत इतने इत्मीनान से चूस रही थी.
सोनाली बोली- हर्षद, हम दोनों की हालत देखो कैसी हो गयी है. घुटनों के नीचे तक पूरा कामरस बह रहा है.

मैंने कहा- चलो, हम पानी से धो डालते हैं.
मैंने गर्म पानी बाल्टी में चला दिया.

सोनाली कमोड पर ही बैठी थी.
मैंने एक मग में गर्म पानी लेकर उसकी चूत साफ कर दी और उसकी जांघों पर भी पानी डालकर साफ कर दिया.

फिर मैं उसके कंधे पर भी पानी डालकर उसे नहलाने लगा.

उसकी चूचियां भी गर्म पानी से सेंक दीं. बाद में चूत भी गर्म पानी से सेंक दी.
इस सबसे सोनाली खुश होकर बोली- अब बहुत हल्का सा महसूस हो रहा है. कितना ख्याल रखते हो तुम मेरा हर्षद.

मैंने उससे कहा- अब तुम्हारे पति होने के कारण मेरा फर्ज बनता है सोनाली.
सोनाली बोली- अब तुम बैठो, मैं तुम्हें गर्म पानी से नहलाती हूँ.

उसने मेरे कंधे पर पानी डालते हुए पूरा नहलाया.
वो मेरी पीठ पर पानी डालने लगी, तो सोनाली ने देखा कि उसके नाखून के निशान जगह जगह थे.

सोनाली ने हाथ फिराकर पूछा- दर्द हो रहा है क्या हर्षद.
मैंने कहा- थोड़ा सा.

सोनाली गर्म पानी से सेंक देने लगी. बाद में उसने मेरे लंड को आगे पीछे करके अच्छी तरह से धोकर साफ कर दिया. मेरी जांघें भी धोकर साफ कर दीं.

मैं खड़ा हो गया, तो उसने बचा हुआ गर्म पानी मेरी कमर पर और लंड पर डाल दिया.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे को तौलिया से पौंछकर साफ कर दिया.

बाथरूम Xxx चुदाई के बाद हम दोनों बेडरूम में आकर बेड पर बैठ गए.

सोनाली ने घड़ी देखी, तो घड़ी में पांच बज गए थे- हर्षद अब मुझे नीचे जाना पड़ेगा. तुम्हारी भाभी और घर वालों के जागने से पहले जाना पड़ेगा.
उसने अपनी पैंटी औ ब्रा पहन ली और नाईटी पहन ली.

मैं उठकर ऐसे ही नंगा खड़ा हो गया.
सोनाली मेरे नजदीक आ गयी. हम दोनों एक दूसरे को बांहों में कसकर चूमने लगे.

थोड़ी देर बाद सोनाली अलग होकर बोली- अब मैं चलती हूँ. तुम आराम से सो जाओ. गुडनाईट हर्षद.

सोनाली चली गयी, तो मैंने लाईट बंद कर दी और अपनी लुँगी ओढ़कर सो गया.

तो दोस्तो मेरी बाथरूम Xxx चुदाई कहानी आपको कैसी लगी. कुछ गलतियां हो गई हों … तो प्लीज़ माफ कर देना.

इसके आगे क्या हुआ, उसे पढ़ने के लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा दोस्तो.
आगे की कहानी नए शीर्षक के साथ जल्द ही लेकर आऊंगा. तब तक के लिए नमस्कार. आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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