बहन का लौड़ा -9

(Bahan Ka Lauda- 9)

पिंकी सेन 2015-05-26 Comments

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अभी तक आपने पढ़ा..

राधे- अरे मीरा.. फुद्दी से ज़्यादा चूत बोलना अच्छा लगता है.. चल अब ये नाईटी निकाल दे और अपनी राधा का कमाल देख।
मीरा- दीदी आप भी नंगी हो जाओ ना.. प्लीज़ हमें ज़्यादा मज़ा आएगा।
राधे- ओके हो जाऊँगी.. मगर एक शर्त पर.. तुमको अपनी आँखों पर पट्टी बांधनी होगी।

मीरा- नहीं दीदी.. ये क्या बात हुई..? ऐसे में मैं आपको कैसे देख पाऊँगी?
राधे- अरे पूरी बात तो सुनो.. पहले तुम पट्टी बाँध लो.. मैं नंगी होकर तुमसे चिपक जाऊँगी.. तुम्हें मज़ा दूँगी.. उसके बाद तुम आँखें खोल लेना और मुझे देख लेना।

मीरा- ओके दीदी.. ये सही रहेगा.. मज़ा आएगा.. मैं अभी आई मेरे पास अलमारी में काली पट्टी है.. मैं लेकर आती हूँ..

उप्स्स… आपका मज़ा खराब करने बीच में आ गई.. मगर क्या करूँ आदत से मजबूर हूँ.. कुछ लोग ईमेल करके कहेंगे.. ऐसा कभी होता है क्या.. कोई बहन अपनी बहन के सामने ऐसे नंगी होती है क्या..? तो दोस्तों ये 2015 की कहानी है.. कोई 60 के जमाने की नहीं.. आजकल तो सब खुला खुला है.. समझे.. चलो वापस मज़ा लो कहानी का..

अब आगे..

मीरा पट्टी ले आई राधे ने अच्छी तरह उसकी आँखें बन्द की और उसे इन्तजार करने को कहा।
थोड़ी ही देर में राधे ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए.. उसका 8″ का लौड़ा तनकर एकदम फुंफकार मार रहा था।

मीरा सीधी लेटी हुई थी.. राधे उस पर सवार हो गया और मीरा के होंठों को चूसने लगा। उसने अपना बदन ऐसे मोड़ा हुआ था कि उसका लौड़ा मीरा के जिस्म से दूर रहे ताकि उसको शक ना हो और मीरा तो वैसे भी होंठ चुसवाने में बिज़ी थी.. उसको इतना ध्यान कहाँ था।

राधे मीरा के होंठ चूस रहा था और हाथों से उसके छोटे-छोटे चीकू जैसे मम्मों को सहला रहा था, मीरा जल बिन मछली की तरह छटपटा रही थी।
अब राधे होंठों से गर्दन पर आ गया और चुम्बन करता हुआ नीचे आने लगा।

मीरा- आह्ह.. आईई.. दीदी आह.. आप तो बहुत मज़ा दे रही हो.. आह्ह.. ऐसे साइड में क्यों लेटी हो.. आह्ह.. आ जाओ मेरे ऊपर.. आ जाओ.. अपने बड़े मम्मों को और मेरे मम्मों का मिलन करवा दो.. आह्ह.. अपनी चूत से मेरी चूत टकरा दो.. आह्ह..

राधे- आऊँगी मेरी जान.. जरा सब्र कर.. पहले तुझे बराबर गर्म तो कर दूँ.. उसके बाद मेरे जिस्म का मिलन तेरे जिस्म से करवा दूँगी।

राधे उसके मम्मों को बड़े प्यार से दबा रहा था और चूस रहा था। मैंने आपको पहले भी बताया था कि मीरा दिखने में एकदम आलिया भट्ट जैसी दिखती है.. वही शक्ल.. वही फिगर.. सब उसके जैसा.. फ़र्क बस ये है.. आपने आलिया को नंगा नहीं देखा और मीरा को मैं आपको नंगा दिखा रही हूँ।

राधे कभी ये निप्पल चूसता.. तो कभी दूसरा.. मीरा की साँसें तेज़ होने लगी थीं।

मीरा- आह्ह.. आह.. दीदी प्लीज़ आह्ह.. कुछ करो उइ.. मेरा पूरा जिस्म जल रहा है.. आह्ह.. कभी सोचा ना था.. आह्ह.. अपनी दीदी के साथ ऐसा करूँगी..

राधे कुछ ना बोला और बस अपना काम करता रहा। उसका लौड़ा अकड़ कर दुखने लगा था.. किसी भी पल वो पानी की धार मार सकता था।

राधे अब नीचे आ गया.. गुलाब की पंखुड़ी जैसी गुलाबी चूत की फाँकें खोल कर वो उसे चाटने लगा।

मीरा- आह दीदी आह्ह.. अपने ये क्या कर दिया आह.. उईईइ..

राधे ने अपनी जीभ चूत में पेल दी और बेसब्रों की तरह उसे चाटने लगा।

मीरा बहुत गर्म हो गई थी.. उसका बाँध टूट गया और राधे ने पूरा पानी चाट लिया।

मीरा कमर को उठा-उठा कर झड़ रही थी.. ऐसे तो कई बार नहाते समय वो झड़ी होगी.. मगर आज तो उसे कुछ अलग ही मज़ा मिला.. वो सुकून की लंबी साँसें लेने लगी।

मीरा तो ठंडी हो गई थी.. मगर राधे का हाल बुरा था.. वो चाहता था कि एक ही झटके में पूरा लौड़ा मीरा की चूत में घुसा दे मगर वो जल्दबाज़ी करके मीरा को दुखी नहीं करना चाहता था।

मीरा- दीदी अब पट्टी निकाल दूँ क्या.. आपने सच में मुझे बड़ा मज़ा दिया.. अब मैं आपको देखना चाहती हूँ.. प्लीज़ दीदी ना मत कहना..
राधे- हाँ रूको.. देख लेना बस दो मिनट रुक जाओ..

राधे बिस्तर पर लेट गया और कंबल अपने ऊपर डाल लिया।

राधे- हाँ अब आँख खोल लो।
मीरा ने पट्टी हटाई और राधे को देख कर थोड़ा गुस्सा हो गई।
मीरा- ये क्या दीदी.. आपने तो सब छुपा लिया.. मैं कैसे देखूँगी?
राधे- मीरा मुझे देख कर तुम गुस्सा हो जाओगी.. इसलिए पहले 5 मिनट मेरी बात सुन लो.. उसके बाद ये कंबल हटा देना..

मीरा को कुछ समझ नहीं आया.. मगर उसने राधे की बात मान ली।

राधे- अच्छा मीरा ये बताओ इस वक़्त कोई लड़का यहाँ आ जाए और तुमको ऐसे नंगी देख ले तो तुम क्या करोगी?
मीरा- अरे ऐसे-कैसे कोई यहाँ आ जाएगा.. आप भी ना कुछ भी बोल देती हो?

राधे- अरे मान लो आ गया तो?

मीरा- ओके अगर आ गया तो मुझे ऐसे देख कर ‘उसका’ खड़ा हो जाएगा और मेरी तमन्ना पूरी हो जाएगी कि ‘किसी का’ मैं भी देखूँ बस..

राधे- ‘उसका’ क्या.. सीधे बोल ना लंड खड़ा हो जाएगा.. तुम बस देखोगी उसको.. अरे लौड़े को चूसने में बड़ा मज़ा आता है।
मीरा- छी: छी:.. दीदी आप कितने गंदे शब्द बोल रही हो.. वैसे मैंने फिल्म में देखा है उसको चूसने में लड़की को बड़ा मज़ा आता है।
राधे- हाँ मीरा उसको मज़ा आता है.. तभी तो कह रही हूँ.. तुम भी मज़ा लोगी क्या?

मीरा- दीदी आप तो ऐसे बोल रही हो जैसे कई बार चूस चुकी हो और मैं कहाँ से मज़ा लूँगी.. कौन सा सही में कोई लड़का यहाँ आने वाला है?

राधे- हाँ आने वाला है.. बस तुम प्लीज़ चिल्लाना मत.. नहीं तो पापा जाग जाएँगे उनकी तबियत ठीक नहीं है ना.. समझी..
मीरा- ओह माय गॉड.. सच्ची..! कौन आने वाला है दीदी.. आप मरवाओगी क्या.. प्लीज़ बताओ.. कौन आने वाला है?

राधे- अच्छा मीरा ये बताओ तुम पापा को कितना चाहती हो.. उनके लिए क्या कर सकती हो?

मीरा- अरे यह कोई पूछने की बात है.. क्या पापा के लिए तो मैं जान भी दे सकती हूँ मगर इस वक़्त आप ये क्यों पूछ रही हो और कौन आने वाला है? बताओ ना प्लीज़ प्लीज़?

राधे का लौड़ा अब भी खड़ा था और राधे को अब लगा कि मीरा को सच बताने का..यही सही मौका है..

राधे- ओके सब बताती हूँ.. यहाँ मेरे पास आओ।

मीरा जब राधे के एकदम करीब हो गई तो राधे ने उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया ताकि वो शोर ना मचा सके।

राधे- हिलो मत.. मैंने तुम्हारा मुँह बस सेफ्टी के लिए बन्द किया है ताकि शॉक के कारण तुम चिल्लाओ नहीं.. अब अपने हाथ से कंबल हटाओ।

मीरा को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था.. हाँ वो थोड़ा डर जरूर गई थी।

उसने जब कंबल को पकड़ कर खींचा.. तो राधे ने पैर सीधे कर दिए उसका 8″ लंबा और काफ़ी मोटा लौड़ा मीरा की आँखों के सामने आ गया। उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं.. उसकी साँसें तेज हो गईं।

राधे- मीरा प्लीज़ चीखना मत.. पहले मेरी पूरी बात सुन लो.. मैं लड़की नहीं लड़का हूँ प्लीज़ प्लीज़.. मैं मुँह से हाथ हटा रहा हूँ ज़ोर से बोलने से पहले अपने पापा के बारे में सोच लेना.. उनको ये सदमा बर्दास्त नहीं होगा.. डॉक्टर ने कहा था वो मर भी सकते हैं।

मीरा को राधे की बात समझ आ गई… उसने गर्दन हिला कर ‘हाँ’ में इशारा किया तब जाकर राधे ने हाथ हटाया।

मीरा एकदम नंगी एक लड़के के साथ बैठी हुई थी और अभी कुछ देर पहले अपने जिस्म को वो उस लड़के से चुसवा रही थी। इस अहसास से वो सिहर गई.. उसने जल्दी से कंबल अपने ऊपर डाला और रोने लगी।

राधे- मीरा प्लीज़ रो मत.. प्लीज़.. आई एम सॉरी.. प्लीज़ मेरी बात तो सुनो प्लीज़..।

मीरा- चुप रहो.. तुम बहुत गंदे हो.. मुझे और मेरे पापा को धोखा दिया है.. हमारे पैसे ले लिए.. मेरी इज़्ज़त खराब कर दी..

राधे- अरे प्लीज़ चुप हो जाओ.. मैंने क्या किया है.. तुम ऐसी बात मत करो.. मेरी पूरी बात सुनो.. तुम्हारी इज़्ज़त वैसी की वैसी है मैंने क्या किया है?

दोस्तों उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है।
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