दोस्त की मां चोद दी- 1

(Attractive Aunty X Show )

सैम 14 2024-10-18 Comments

अट्रेक्टिव आंटी X शो कहानी में ऑफिस में मेरा एक दोस्त बना. हम दोनों ने अपनी फॅमिली सेक्स की बातें बताई. वह मुझे अपने घर ले गया. मैंने उसकी माँ के पैर छुए तो उन्होंने मुझे कस के गले लगाया.

प्यारे दोस्तो, मैं आप सबका दोस्त समर्थ सैम!
मेरी पिछली कहानी
दोस्त के घर में उसकी मॉम को चोदा
आपने पढ़ी और पसंद की, धन्यवाद.

एक बार फिर मैं अपने जीवन की एक और सच्ची घटना के साथ हाजिर हूँ अट्रेक्टिव आंटी X शो कहानी में!

मैं एक ऑडिट फर्म में मुंबई में जॉब कर रहा था.
हमारे बॉस के एक दोस्त थे, जिनका गुड़गांव में बहुत बड़ा मॅन्यूफैक्चरिंग प्लांट था.

मेरे बॉस ने मुझे इंटर्नल ऑडिट के लिए वहां अक्टूबर 2018 में भेजा हुआ था.
उधर मेरे रहने और खाने का इंतजाम भी वहां किया गया था.

मैं जब दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा तो मुझे लेने मेरे बॉस के मित्र और कंपनी के मालिक खुद आए हुए थे.
उनके साथ एक लड़का समीर भी आया था.
वह मुझसे दो साल छोटा था.

देवेंद्र सर (ओनर ऑफ कंपनी)- वेलकम टू दिल्ली सैम!
मैं- थैंक्स अ लॉट सर!

देवेन्द्र- यह समीर है, यह हमारी फैक्टरी के इंचार्ज है. आपको किसी भी चीज़ की आवश्यकता हो, तो आप इससे कांटेक्ट कर लेना.
मैं- हाय समीर, मेरा नाम समर्थ!

समीर- हैलो सर!
मैं- यू कॅन कॉल मी सैम ओन्ली, नो नीड तो बी फॉर्मल विद मी.
समीर- ओके सर!

मैं- नो सर. केवल सैम!
समीर- ओके सैम.

देवेन्द्र- सैम, यू हैव टू चेक अवर बुक्स ऑफ अकाउंट फ्रॉम 2016 ऑन्वर्ड्स बिकॉज़ वी हॅव टू फाइल अवर टैक्स पेपर्स इन नेक्स्ट थर्टी फर्स्ट ऑफ मार्च 2019!
मैं- ओके सर.

देवेन्द्र- समीर, मुझे घर छोड़ कर तुम सैम के साथ अकॉमडेशन पर चले जाओ और वहां से अपने घर चले जाना … और हां मेक श्योर, सैम को किसी भी चीज़ की कमी ना हो … वह मुंबई वाला है.
समीर- आप बेफिक्र रहें सर!
मैं- थैंक्स अ लॉट सर.

समीर ने देवेंद्र सर को घर छोड़ा और फिर हम दोनों कंपनी पर पहुंच गए.
कंपनी ने मेरे लिए एक कमरे का फ्लैट पूरी तरह से सुसज्जित तैयार कर रखा था.

मैंने अपने बैग्स बेडरूम में रखे और पूरे घर का निरीक्षण करने लगा.

समीर- सैम, तुम्हारे पास मेरा नंबर है … किसी भी चीज़ की आवश्यकता हो, तो मुझे कॉल कर लेना.
मैं- मेरे खाने का कोई अरेंज्मेंट है?

समीर- हां यू विल गेट फूड फ्रॉम कैंटीन … और हां अगर बाहर का खाने का जी करे, तो आगे गली के कॉर्नर पर कुछ फास्ट-फूड सेंटर्स और रेस्टोरेंट्स हैं.
मैं- ओके समीर, आप जाओ.

कुछ समय बाद समीर चला गया और मैंने अपना रूम सैट किया, दो पैग लगाए और कुछ देर बाद कैंटीन से मेरे लिए डिनर आ गया.

खाना काफ़ी अच्छा था और मुझे भूख भी बहुत जोर की लगी थी.
अगले दिन सुबह साढ़े सात बजे मैं ऑफिस जाने के लिए रेडी हो गया था.

मैंने समीर को फोन लगाया.
मैं- हैलो!

सामने से किसी महिला की आवाज़ आई.
समीर के घर से कोई महिला बोली- हैलो!
मैं- समीर है?
उधर से आवाज आई- समीर नहा रहा है … आप कौन बोल रहे हो?
मैं- मैं समर्थ उसका दोस्त बोल रहा हूँ. आप कौन हैं?

उधर से- मैं समीर की मॉम बोल रही हूँ.
मैं- हैलो आंटी, कैसी हो आप?

उधर से आवाज आई- मैं ठीक हूँ. समीर बता रहा था तुम्हारे बारे में कि तुम कल ही मुंबई से आए हो!
मैं- हां आंटी.

समीर की मां ने कहा- लो समीर से बात करो.
समीर- हैलो सैम, मैं बस 20 मिनट में तुम्हें पिक करता हूँ.
मैं- ओके ब्रो, आई विल वेट फॉर यू.

मैंने फोन कट कर दिया और कुछ देर बाद समीर आ गया.
हम दोनों ऑफिस पहुंच गए.

कुछ ही दिनों में मैं और समीर दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे.
मैं अक्सर शाम के समय वॉकिंग और जॉगिंग के लिए हाइवे पर जाता था.

मैं रोजाना समीर की मॉम से भी बात कर लेता था.

एक फ्राइडे शाम को समीर मेरे रूम पर आया और हम ऐसे ही टाइम पास कर रहे थे.
अचानक मेरे डेस्कटॉप कंप्यूटर अपने आप चालू हो गया और स्क्रीन पर अन्तर्वासना की एक सेक्स स्टोरी दिखने लगी थी जिसमें एक लड़का अपनी ही मॉम को गोवा के बीच पर चोदता है.

समीर वह स्टोरी बड़े ध्यान से पढ़ रहा था.
मैं- अबे, क्या तू भी ये कहानी पढ़ता है?
समीर- कभी कभी फ्री टाइम में ऐसे ही पढ़ लेता हूँ. यार एक बात बता, क्या ये स्टोरीज रियल होती हैं?

मैं- मेरा एक्सपीरियेन्स कहता है कि सब कहानियां रियल नहीं होती हैं, लेकिन इतना तो तय है कि कोई भी विचार यूं ही नहीं लिखा जा सकता है. उसके पीछे कुछ न कुछ तो आधार रहता ही होगा.
समीर- मतलब तुम्हारा सोचना है कि कुछ लोग अपनी मॉम और बहनों के साथ सेक्स करते हैं!
मैं- हां यह पासिबल है. क्यों तुझे क्या लगता है?

समीर- पर ये तो समाज की नज़र में गलत है न!
मैं- भाई हर समय इंसान समाज के बारे में नहीं सोचता … और हां ये समाज बना भी हम से ही है. समाज में जो बड़े पैसे वाले लोग होते हैं, वह जो भी करें, तो चल जाता है … और हम जैसे छोटे लोग अगर कुछ करें, तो हर कोई समाज की दुहाई और धमकी देने लगता है.

समीर- मतलब यह कि तेरी नज़र में अगर कोई अपनी बहन के साथ सेक्स करता है तो वह गलत नहीं है!
मैं- मैं बस यह कह रहा हूँ कि अगर घर की समस्या का समाधान घर में ही किया जाए तो अच्छा है.

समीर- मैं तेरी बात समझा नहीं!
मैं- देख, वैसे भी तू मेरा बहुत ख़ास और अच्छा दोस्त है इसलिए आज मैं तेरे साथ एक बहुत राज़ की बात शेयर करता हूँ. मैंने भी अपनी बड़ी बहन के साथ सेक्स किया है और उसे संतुष्टि दी है, क्योंकि जीजू दीदी को पति वाला सुख नहीं दे पाए. मेरी बहन की सास अपने बेटे की दूसरी शादी करना चाहती थी क्योंकि उसे पोता चाहिए था. उधर मेरे जीजाजी का लंड सिर्फ़ 3 इंच का था और वह भी सिर्फ़ 02 मिनट तक ही मेरी दीदी को चोद पाता था और सो जाता था.

समीर- क्या … इसका मतलब तो कमी तेरे जीजा जी में ही थी!

‘हां, मेरी दीदी बताती थीं कि उसका पानी इतना पतला होता था कि उसकी चूत से बाहर निकल जाता था. फिर जब मेरी बहन अपने मायके आई तो मेरी मॉम ने उसे सुझाव दिया कि वह मेरे साथ सेक्स करे. मेरी दीदी ने मुझ पर ट्राइ मारी और मैंने उसे जीभर कर प्यार किया. फिर जब उसने अपनी सास और हज़्बेंड को बताया कि वह प्रेग्नेंट है तो वे सब बहुत खुश हुए. आज मेरी दीदी का घर बहुत खुशी से चल रहा है. मैंने उसकी देवरानी को भी चोदा है.’

समीर- क्या बात करता है यार … सीरियसली!
मैं- तुझे क्या लगता है, मैं तेरे साथ मस्ती कर रहा हूँ?

समीर- यार सीरियसली … तू और मैं बिल्कुल एक जैसे हैं.
मैं- क्यों, तेरे जीवन में भी कुछ ऐसा हुआ है?

समीर- मेरा बाप पिछले 3 साल से सिर्फ़ और सिर्फ़ दारू का सेवन करता है और मेरी मॉम की ओर देखता भी नहीं था. मेरी मॉम उससे 15 साल छोटी हैं. वे बिस्तर में अपनी उँगलियों से काम चलाती थीं. फिर एक दिन हम दोनों ने मिलकर इस समस्या का समाधान निकाल लिया, जो घर के घर में था. उसके बाद मैंने अपनी छोटी बहन जो 19 साल की है, उसको भी शांत किया.

मैं- मैंने पहले मेरी बड़ी बहन और फिर हमारे खानदान की बहुत सी महिलाओं के साथ सेक्स किया है.

समीर- मुझे तेरी बहन की पिक्चर देखनी है!
मैं- हां क्यों नहीं!

मैंने अपने मोबाइल में दीदी की प्रेग्नेंट फोटो शो कर दिया.
समीर- ये, तेरा बच्चा है?

मैं- हां … पूरे बीस दिन तक मेरी बहन हमारे घर में रही थी और उन बीस दिनों में मैंने कम से कम 30 बार उसे चोदा होगा. हर बार मैंने अपने लंड का पानी अपनी बहन की चूत में ही डाला था.

समीर- मेरे घर में तो मेरी मॉम खानदान की बदनामी से बचने के लिए 3 साल से ककड़ी, मूली, गाजर और अपनी उंगलियों से ही काम चला रही थीं.

मैं- यार, तेरी मॉम की कोई फोटो है तो दिखा न!
समीर- फोटो क्या बताना है, तुझे उससे मिला ही देता हूँ.
मैं- सच?

समीर- इस वीकेंड पर तू मेरे घर चल … हम मेरे घर पर एंजाय करेंगे.

मैं- वह कैसे?
समीर- वह सब तू मुझ पर छोड़ दे.
मैं- यार तेरी मॉम या बहन को तू क्या बोलेगा?
समीर- मैंने कहा ना, वह सब मुझ पर छोड़ दे. तू सिर्फ़ वीकेंड पर मेरे साथ मेरे घर चल. मैं सब कुछ अड्जस्ट कर दूंगा.

फिर समीर मेरे कमरे से निकल कर अपने घर चला गया.

अगले दिन शनिवार था और हमारा ऑफिस सिर्फ़ 1.30 बजे तक ही ओपन रहता था.
हम लोग 1.45 पर ऑफिस से समीर के घर के लिए निकल गए.

कुछ 45 मिनट की ड्राइव के बाद हम दोनों समीर की बिल्डिंग के नीचे थे.
समीर और मैं लिफ्ट से 9वें फ्लोर पर पहुंच गए.

समीर ने डोरबेल का बटन दबाया और मेरे दिल की धड़कन तेज़ होने लगी.

कुछ ही देर में समीर के घर का दरवाजा खुल गया.
सामने समीर की मॉम थी.
उन्होंने ही घर का दरवाजा खोला था.

समीर ने उनके पैर छूकर उन्हें प्रणाम किया.

मैंने देखा कि समीर जैसे ही अपनी मॉम के पैर छूने के लिए नीचे झुका, उसकी मॉम ने झुक कर उसके सिर पर हाथ फेरा.
समीर की मॉम के झुकते ही मेरी नज़र उनके बूब्स पर जा पड़ी.

समीर की मॉम ने बड़े गले का पंजाबी सूट पहना हुआ था.
मेरी नज़रें सीधा समीर की मॉम के बूब्स पर टिक गईं.
उनके बूब्स आधे से अधिक कमीज़ के गहरे गले से बाहर आने लगे थे.

उनके बूब्स को देख कर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और मेरी पैंट में एक बड़ा सा उभार बन गया.

मैं अपने होंठों पर अपनी जीभ फेरने लगा और अचानक से मुझे आभास हुआ कि मैं यह क्या कर रहा हूँ.
तो मैं तुरंत अपने होश में आ गया.

समीर अपनी मॉम के पैर छू कर अन्दर चला गया.
उसकी मॉम एक 36 साल की भरे हुए जिस्म की मालकिन थीं.
शायद ये समीर की स्टेप मदर थीं.

समीर की मॉम ने एकदम फिटिंग वाला पंजाबी सूट पहना हुआ था.
वे एकदम हॉट सेक्स बम लग रही थीं.
उनकी कमीज़ का गला आगे और पीछे दोनों ओर से काफ़ी गहराई वाला था.

समीर की मॉम की चूचियों की दरार इतनी सेक्सी थी कि दिल कर रहा था कि वहीं पर मुठ मार कर अपना पानी गिरा दूँ.
मैंने किसी तरह अपने आप पर कंट्रोल किया और समीर की मॉम की ओर देखने लगा.

समीर- मॉम, ये समर्थ है, मेरे साथ ऑफिस में काम करता है और मुंबई से आया है.
मॉम- हां, मैं जानती हूँ इसे … कैसे हो बेटा?
मैं- मैं ठीक हूँ, आप कैसी हो?

मैंने भी आगे बढ़ कर उनके पैर छू लिए.
समीर की मॉम ने मुझे गले लगा लिया और पूरी ताकत से मुझे अपने मम्मों में भींच लिया.

मैंने देखा तो समीर हम दोनों का परिचय करवा कर अपने बेडरूम में जा चुका था.
मेरा लंड खड़ा होने के कारण समीर की मॉम ने मुझे कुछ ज्यादा ही अपने शरीर से सटा लिया था.

मैंने भी समय के अनुसार समीर की मॉम की कमर पर दोनों हाथ रखे और उन्हें अपने शरीर से चिपका कर हल्के से उनकी गर्दन के खुले भाग पर किस कर दिया.

फिर धीरे से एक हाथ समीर की मॉम की गांड पर रखा, तो पाया कि उनकी गांड बहुत सॉफ्ट थी; बिल्कुल सॉफ्टी आइस्क्रीम की तरह लचीली थी.

यह महसूस करके मेरा लंड और ज्यादा टाइट हो गया और मैं उनकी गांड को बार बार दबाने लगा.
मेरा हाल बुरा हो रहा था.

अचानक वॉशरूम ओपन होने की आवाज़ आई और हम दोनों अलग हो गए.

मैं तुरंत सोफा पर बैठ गया और एक कुशन को अपने लंड के ऊपर रख लिया.

समीर की मॉम ने मुझे एक शरारती मुस्कान दी और वे आगे के कमरे से सटे हुए ओपन किचन के कामों में व्यस्त हो गईं, साथ ही वे मुझसे बात भी कर रही थीं.

मॉम- समीर बहुत प्रशंसा करता है तेरी!
मैं- अरे नहीं, ऐसा कुछ नहीं है!

मॉम- तुम्हारे माता पिता तुम्हारे साथ नहीं रहते क्या?
मैं- नहीं, मेरे डैड और मॉम मुंबई में रहते हैं.
मॉम- ओके तुम बैठो, मैं तुम्हारे लिए पानी लाती हूँ.

समीर का घर एक कमरे वाला फ्लैट था, पर बहुत बड़ा था.
उसकी मॉम पानी का गिलास ट्रे में लेकर मेरी तरफ बढ़ रही थीं तो उनके दूध साफ समझ आ रहे थे कि 36 इंच की साइज़ के हैं.

समीर की मॉम के दूध एकदम टाइट थे और गजब हिलते हुए दिख रहे थे.
समीर की मॉम ने मेरी प्यासी नज़रों को पढ़ लिया था और उनके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान थी.

मैंने अपने आप को कंट्रोल किया.

समीर की मॉम पानी के गिलास वाली ट्रे को टेबल पर रखने के लिए जैसे ही झुकीं, उनके बूब्स एक बार फिर मेरे लंड को खड़ा करने लगे.
तब समीर अपने बेडरूम में चेंज करने गया था.
इधर मेरा बुरा हाल था.

मेरी आंखें आंटी के बूब्स पर चिपक सी गई थीं.
आंटी के बूब्स एकदम गोरे गोरे थे. मैं अपने होंठों पर अपनी जीभ फेरने लगा.

मॉम- बेटा प्यास लगी है तो पानी पी लो!
मैं- हां आंटी थैंक्स.

मॉम- मुझे इंग्लिश थोड़ी कम समझ में आती है.
मैं- धन्यवाद.

मॉम- ठीक है बेटा … अगर कुछ और भी चाहिए तो निसंकोच मांग लेना, शर्म नहीं करना. तुम भी मेरे लिए समीर जैसे ही हो … और हां इसे अपना ही घर समझना!
मैं- जी हां आंटी.

मेरी नज़रें अभी भी आंटी के बूब्स पर टिकी हुई थीं.
कुछ समय बाद समीर चेंज करके हॉल में आ गया और मेरे साथ सोफे पर बैठ गया.

समीर ने मुझे चेंज करने के लिए एक टी-शर्ट और ट्रैक पैंट देते हुए कहा- मेरे रूम में जाकर चेंज कर ले और कंफर्टबल हो जा.

मैं रूम में गया और टी-शर्ट उतार कर मैंने मिरर में से देखा तो समीर की मॉम किचन में से मुझे देख रही थीं.

मैंने बिना टी-शर्ट पहने अपनी पैंट भी उतार दी और अब अंडरवियर को घुटने तक उतार कर अपना लंड हाथ में लेकर सहलाने लगा.

कुछ ही सेकेंड में मेरा लंड पूरा कड़क हो गया.
मैंने दर्पण में देखा तो समीर की मॉम चोरी चोरी मेरे लंड को निहार रही थीं.

अचानक से मेरी और उनकी नज़रें चार हुईं.
समीर की मॉम ने अपने होंठों पर अपनी जीभ फिराई और फिर से एक हल्की सी सेक्सी स्माइल दी.

मैं भी अपने लंड को उनकी ओर करके हिलाने लगा.
समीर की मॉम ने मुझे आंखें बड़ी करके ना कहा, तो मैंने हंस कर अंडरवियर पहन लिया.
अट्रेक्टिव आंटी X शो करके फिर ट्रैक पैंट पहन कर मैं हॉल में आ गया.

दोस्तो, आज मुझे समीर की मॉम की चूत चुदाई का अवसर मिलने का लगने लगा था.
अगले भाग में मैं आपको लिख कर बताऊंगा कि मैंने समीर की मॉम की चुदाई किस तरह से की.

आप इस अट्रेक्टिव आंटी X शो कहानी पर मुझे अपने विचारों से जरूर अवगत कराएं.
धन्यवाद.
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अट्रेक्टिव आंटी X शो कहानी का अगला भाग: गांडू आदमी की सेक्सी बीवी- 1

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