सेक्सी टीचर की स्टोरी कैसे वो मेरी दिलरुबा बन गई-1
(Sexy Teacher Ki Story Kaise Vo Meri Dilruba Ban Gayi- Part 1)
मेरा नाम विकी है, ये सेक्सी स्टोरी जो मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ यह आज से 7 साल पहले की है.. जब मैं 19 साल का था।
मैं पंजाब का रहने वाला हूँ, उम्र 26 साल और हाइट 6 फिट 1 इंच है।
मैं चंडीगढ़ के एक कॉलेज में लास्ट इयर में था और वहीं एक कमरा किराए पर लेकर रहता था। अपनी क्लास में लड़कों पर मेरा दबदबा था और इसी लिए लड़कियाँ भी मुझसे डरती थीं। मैं कोई गुंडा नहीं था.. पर हाँ, ग़लत बात पर किसी को बख्शता भी नहीं था।
पहले तो सब ठीक था, पर कुछ महीनों बाद हमारे पुराने टीचर्स के रिटायर होने पर नए टीचर्स आए। उनमें से एक शिखा थी, वो 27-28 साल की लड़की थी। शिखा मैडम देखने पर 21-22 की लगती थी.. उनका बहुत ही क्यूट फेस था। उनकी प्यारी सी मुस्कान और सुंदर नैन-नक्श, लंबे बाल, भरा हुआ जिस्म जो कि लगभग 34-26-34 के करीब होगा। कुल मिलाकर वो एक मस्त पटाखा सेक्सी आइटम थी। वो हमारी क्लास को कॉलेज के लास्ट पीरियड में पढ़ाने आती थी।
अब हुआ यह कि जिस दिन वो पहली बार हमें पढ़ाने आई, हमारी क्लास ने हूटिंग करके और लड़कों ने कमेंट मार-मार के उसे नर्वस कर दिया। क्योंकि वो पहली बार क्लास ले रही थी, सो वो डर गई थी। मैंने उसकी हालत नोटिस की और मैंने ज़ोर से सबको चुप होने को कहा, मेरी दहाड़ से सब चुप हो गए।
मैडम अब थोड़ी ठीक लग रही थी और कॉन्फिडेन्स से पढ़ा रही थी।
फिर जैसे ही बेल बजी, मैडम बाहर चली गई और हम सब भी घर जाने लगे।
तभी मैंने देखा कि मैडम स्टाफ रूम (जो कि हमारे क्लास के कॉरिडोर में थोड़ी ही दूर था) के बाहर खड़ी थी और स्टूडेंट्स को निकलते हुए देख रही थी।
फिर जैसे ही उसने मुझे देखा.. उसने मुझे बुलाया और थैंक्स कहा।
‘कोई बात नहीं.. मैडम!’ मैंने कहा।
फिर हम दोनों साथ-साथ चलते हुए कॉलेज के गेट तक पहुँचे। रास्ते मैं उसने मुझसे मेरे बारे में पूछा, जैसे मेरा नाम क्या है, मेरे घर मैं कौन-कौन है.. जैसी फॉर्मल टॉक्स हुईं।
फिर हम दोनों अपने-अपने घर चले गए।
अगले दिन जब वो क्लास में आई तो ज़्यादा कॉन्फिडेंट लग रही थी। मैंने नॉटिस किया कि वो मेरी तरफ देख कर स्माइल भी कर रही थी। मैंने कोई ख़ास तवज्जो नहीं दी और फॉर्मली स्माइल करता रहा।
फिर छुट्टी होने पर वो स्टाफ रूम के बाहर खड़े होकर मेरा वेट करने लगी और फिर हम साथ-साथ गेट तक आए। इस दौरान वो मुझसे बातें करती रही।
अब तो रोज़ यही होने लगा था, वो मुझे देख कर स्माइल करती और क्लास ऑफ होने के बाद मेरा वेट करती और फिर हम साथ-साथ गेट तक आते। एक तरह से हम दोनों अच्छे दोस्त भी बन गए थे। अब तो हम दोनों एक-दूसरे को फोन और मैसेज भी कर दिया करते थे।
इतने पर भी मेरी तरफ से कुछ भी ग़लत नहीं था। मुझे शिखा पसंद थी.. पर मैं ग़लत नहीं सोचता था। कुछ हफ्ते ऐसे ही निकल गए।
तभी एक दिन मेरा माइनर सा एक्सिडेंट हो गया और मेरी टाँग में छोटा सा फ्रैक्चर हो गया। डॉक्टर ने मुझे 1 हफ्ते तक आराम करने की सलाह दी और कहा कि एक हफ्ते तक मैं टाँग पर बिल्कुल भी वज़न ना डालूँ।
दो दिन तक जब मैं कॉलेज नहीं गया तो शिखा ने मुझे फोन किया और मुझसे पूछा कि मैं कॉलेज क्यूँ नहीं आ रहा हूँ? मैंने उसे एक्सिडेंट के बारे में बताया तो वो फोन पर ही रोने लगी।
उसके कुछ देर बाद ही वह मेरे घर पहुँच गई.. उसने गेट पर नॉक किया और मैंने लंगड़ाते हुए उठ कर दरवाज़ा खोला।
उसे देख कर लग रहा था कि वो रास्ते भर रोती हुई आई है। उसने मुझे सहारा देकर बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे पास बैठ कर मुझे देखने लगी। वो लगातार रोए जा रही थी.. मैंने उसे चुप करवाने की कोशिश की। वो चुप तो हो गई मगर बीच-बीच में उसकी आँखों से आँसू टपकते रहे थे।
फिर उसने मुझसे कहा- लंच का टाइम हो गया है, मैं तुम्हारे लिए खाना बना देती हूँ।
वो किचन में गई.. अब मैं बस शिखा के बारे में ही सोच रहा था कि आख़िर वो क्यूँ मुझसे इतना लगाव दिखा रही है।
फिर कुछ देर के बाद वो खाना लेकर आई और मुझे खुद खाना खिलाया। जैसे ही खाना खत्म हुआ.. तो वो उठ कर जाने लगी।
मैंने उससे कहा- आप खाना नहीं खाएंगी?
तो उसने मुझसे कहा- नहीं यार, मुझे देर हो जाएगी।
उसकी बिंदास भाषा सुनकर मैंने उसका हाथ पकड़ खींच कर अपने पास बिठा दिया। मैंने देखा उसकी आँखों से आँसू गिर रहे थे, मैंने उससे अपने हाथ से खाना खिलाया।
वो खाना तो खा रही थी, पर लगातार रोए भी जा रही थी। मैंने खाने खिलाने के बाद उससे पूछा- क्यों रो रही हो?
उसने कहा- मैं तुम्हें इस तरह नहीं देख सकती.. तुम मेरे लिए बहुत ख़ास हो.. प्लीज़ अपना ध्यान रखना।
इतना कह कर वो चली गई.. फिर जब तक मैं ठीक नहीं हुआ, वो कॉलेज के बाद मेरे घर आकर मुझे खाना बना कर देती और शाम तक मेरे साथ रुक कर मेरी हर ज़रूरत का ध्यान रखती। मुझे उसकी आदत सी होने लगी थी.. वो बहुत प्यार से मेरी देखभाल करती।
अब मैं ठीक हो गया था और अगले दिन से कॉलेज जाने की सोच रहा था। उस दिन वो जब आई तो मैंने उसे बताया कि कल से उसे मेरे लिए परेशानी उठाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, मैं कल से कॉलेज आने की सोच रहा हूँ।
उसका चेहरा कुछ उतर सा गया और जब वो जाने लगी तो उसने कहा कि उसे मेरी देखभाल करना अच्छा लगता था।
उसने आज जाते वक्त मेरे माथे पर किस किया और अचानक से होंठों पर किस करके चली गई। उसके बाद मैं बस उसके बारे में ही सोचता रहा था। मुझे उसके प्यार पर प्यार आ रहा था।
रात के 12 बजे के करीब मेरे फोन पर एक मैसेज आया। मैंने देखा वो मैसेज शिखा के नम्बर से था और उसमें ‘आई लव यू’ के साथ लिखा हुआ था कि वो मुझसे बहुत प्यार करती है।
दूसरे दिन मैंने सुबह उठ कर अपने रूम की सफाई की और उसे फूलों से सजाया। फिर मैं कॉलेज जाकर सीधे अपनी क्लास में चला गया।
उसी वक्त मैंने फोन देखा.. शिखा ने मैसेज करके मुझसे जवाब माँगा था। मगर मैंने कोई रिप्लाई नहीं किया और फिर जब वो पढ़ाने आई तो मैंने उसकी तरफ ज़्यादा नहीं देखा।
इस कारण वो काफ़ी डिप्रेस्ड लग रही थी और हसरत भरी निगाहों से मुझे देख रही थी। पर मैंने जो उसके लिए सरप्राइज़ देने के लिए तैयारी की थी, उस वजह से मैं उसकी तरफ नहीं देख रहा था।
क्लास खत्म होने के बाद मैंने उसे फोन करके मिलने को कहा और फिर उससे झूठ कहा- मुझे घर पर ज़रूरी काम है, क्या तुम मेरी मदद कर दोगी?
उसने ‘हाँ’ कहा और रास्ते में उसने मुझसे दोबारा मेरा जबाव माँगा, पर मैंने इग्नोर कर दिया।
घर पहुँच कर मैंने उसे जब उसने अन्दर प्रवेश किया तो अन्दर अंधेरा था। मैंने जैसे ही लाइट ऑन की.. तो इतने फूल देख कर वो हैरान रह गई। मैंने उसकी कमर पर हाथ रख कर उसके कान में ‘आई लव यू..’ कहा।
वो मुड़ कर मेरे गले लग गई। मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में ले लिया और किस करने लगा। वो भी मुझे किस करने लगी.. हमारी ज़ुबानें आपस में उलझ गई थीं। हमने तकरीबन 15 मिनट तक स्मूच किया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मैंने अपने हाथों से उसकी गांड को ज़ोर से दबाया तो उसने घबरा कर आँखें खोल दीं और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी।
फिर मैंने आगे बढ़ कर उसकी गर्दन पर किस किया.. तो वो मदहोश होने लगी और अचानक मुझसे दूर भाग गई। मैं उसे अपनी बांहों में उठाकर बेड पर ले गया।
अचानक वो रोने लगी.. तो मैंने उसकी आँखों पर किस किया और आँसू पोंछते हुए पूछा- क्यों रो रही हो?
तो वो कुछ नहीं बोली, पर मैं समझ गया कि वो शायद ये सोच रही थी कि मैं उसे चोदने वाला हूँ।
पर मैंने सिर्फ़ उसे बांहों में लेकर चूमा और जब उसे ये एहसास हुआ कि मैं कुछ नहीं करूँगा तो वो मेरे सीने पर सर रख कर लेट गई और बातें करते-करते सो गई।
एक घंटे बाद जब वो उठी तो उसने मुझे किस किया और फिर उठ कर कहने लगी- मैं कुछ खाने को बनाती हूँ और फिर खाते हैं।
पर मैंने उससे कहा- तुम हाथ-मुँह धो लो.. हम बाहर खाना खाने जाएंगे।
फिर हम बाहर निकल कर एक रेस्तरां में गए.. फिर मूवी गए और फिर हम यूँ ही बाइक पर घूमते रहे।
शाम को 8 बजे मैंने उसे उसके घर छोड़ा और उसने मुझे ‘गुडनाइट’ किस करके वापिस भेज दिया।
अब तो अक्सर वो मेरे घर आ जाती, हम लंच साथ करते.. मैं उसे बेड पर साथ लेटा कर खूब किस करता, पर वो आगे बढ़ने के नाम से डर जाया करती थी।
मैंने भी उसे फोर्स नहीं करता और फिर शाम को मैं उसे उसके घर छोड़ आता। एक महीने बाद मेरा बर्थडे आया।
उस दिन उसने मुझसे कहा- तुम मुझे घर के पास से पिक कर लेना।
मैं जब उसे लेने गया तो देखा उसने पिंक कलर का सूट पहना था, जिसमें उसे देख कर मैं ठिठक सा गया। उसे इस कामुक ड्रेस में देख कर मेरी तो हालत ही खराब हो गई थी।
मैं जब उसे कॉलेज ले जाने लगा तो उसने मना कर दिया और कहा कि आज हम सारा दिन साथ में रहेंगे।
फिर हम पूरे चंडीगढ़ में यूं ही घूमते रहे और शाम को 5 बजे जब मैं उसके घर की तरफ बाइक मोड़ने लगा तो उसने कहा- अपने घर चलो। मैंने तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लिया है।
मैंने घर पहुँच कर उससे कहा- लाओ मेरा गिफ्ट!
तो उसने कहा- अभी ठहरो तो..
इसके बाद वो मुझे किस करने लगी। मैं भी उसे किस करने लगा.. पर उसने मुझे आँखें बन्द करके बेड पर लेटने को कहा। जब मैं लेट गया तो उसने मुझे आँखें खोलने को कहा। मैंने जैसे ही आँखें खोलीं, तो मुझे चक्कर सा आ गया।
वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी।
दोस्तो.. मुझे इस स्थिति का जरा भी भान नहीं था कि वो मेरे साथ ऐसा करने वाली है। पर अब आगे क्या होने वाला है, मैं इसे अपनी इस सेक्सी स्टोरी में विस्तार से लिखूंगा।
आप मेल भेज सकते हैं।
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