मनचली गर्म लड़की की सेक्सी चुदाई यात्रा- 3

(Porn Chut Ki Chudai Kahani)

रोमन 2022-09-03 Comments

पोर्न चूत की चुदाई कहानी में पढ़ें कि शादी के बाद पति से चुदाई का मजा ना मिलने से मैंने पराये मर्दों को पटाना शुरू कर दिया था. मैं अपने टीचर से कैसे चुदी?

दोस्तो, मैं आपकी चुलबुली सी सीना चतुर्वेदी एक बार पुन: अपनी सेक्स कहानी के माध्यम से आपका मनोरंजन करने हाजिर हूँ.
कहानी के पिछले भाग
टीचर के साथ ओरल सेक्स का मजा
में अब तक आपने पढ़ा था कि समर सर मुझे अपने कमरे पर ले आए थे और मेरे जिस्म के साथ खेल रहे थे. मैं भी उनके लंड को चूस रही थी.

अब आगे पोर्न चूत की चुदाई कहानी:

मैंने सर की गोलियों को भी खूब चूसा और अपने मुँह में लेकर उन्हें तर कर दिया.

इसके बाद सर ने मुझे अपने आगे खड़ा कर लिया और अपनी छाती से मेरी पीठ को सटा कर मेरे गालों को चाटने लगे.

वो अपने हाथों से मेरे दोनों मोटे मोटे 36 इंच के चूचों को दबाने लगे.

फिर मुझे सीधा करके मेरी चूचियों के बीच की घाटी में अपना मुँह घुसा कर अपनी जीभ फेरने लगे.
इसमें मुझे बेहद सनसनी होने लगी.

कुछ देर में ही सर ने मेरा पल्लू हटा दिया और एक ही झटके में मेरी पूरी साड़ी खोल कर अलग कर दी, फिर मेरे दोनों मम्मों को मींजने लगे.
फिर मुझे बेड पर लिटा कर मेरा दूध पीने लगे.

उसके बाद वो नीचे चाटते हुए मेरी चूत तक आ पहुंचे.
जैसे ही उन्होंने अपने मुँह की गर्म भाप मेरी चूत पर छोड़ी, मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
सर मेरी चूत चाटते हुए रस पीने लगे.

कुछ देर तक सर ने मेरी चूत को बहुत तबीयत से चाटा.
उससे मैं फिर से गर्मा उठी.

अब सर खुद मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरी चूत में अपने लंड को सैट करने लगे.
उनका मोटा लंड मेरी चूत की फांकों को खोलने लगा.
मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था.

अगले ही पल सर ने एक जोर का झटका मारा और उनका टोपे से कुछ ज़्यादा हिस्सा मेरी चूत को चीरते हुए अन्दर घुस गया.

मेरी एक जोर की चीख निकल गयी लेकिन वो रुके नहीं और अगले ही पल एक और जोर का झटका मेरी चूत में दे मारा.
इससे मेरी चूत पूरी तरह से चिर गयी.

फिर सर ने बिना रुके दो-तीन झटकों में अपना पूरा लम्बा मोटा गर्म लट्ठा मेरी गर्म भट्टी में ठूँस दिया.
मैं दर्द से चीख रही थी और वो मेरे होंठों को चूसते हुए मुझे चोदे जा रहे थे.

कुछ देर मेरी चूत ठोकने के बाद सर ने बिना अपना लंड बाहर निकाले मुझे अपनी गोद में उठा लिया और खुद वो नीचे हो गए.
मैं ऊपर चढ़ कर सर के लंड की सवारी करने लगी. मैं अपनी गांड उठा उठा कर उनके लंड में अपने दोनों चूतड़ पटकने लगी.

मेरी पोर्न चूत में पानी निकलने की वजह से उस पूरे कमरे में पच पच की आवाज गूंज रही थी.

मैं जैसे आसमान की सैर कर रही थी.
मेरे मुँह से मदमस्त कामुकता भरी आवाज निकल रही थी ‘उफ्फ्फ आह आह आह चोदो सर और जोर से बहुत प्यासी हूँ मैं अहह उफ्फ चोदो सर अपनी छात्रा को और तेज और तेज …’

मेरी मादक सिसकारियों ने एक अलग ही समा बांध रखा था.
वो मेरे दोनों चूतड़ों पर अपने हाथों से चांटे मार रहे थे, जिससे मेरी पूरी गांड पर सर की उंगालियां छप गयी थीं.

सर ने मुझे अपने लंड के नीचे लिया और मुझे उल्टा पटक कर मेरे ऊपर सवार हो गए.
अब सर जी का लंड बिल्कुल अन्दर तक घुसने लगा था.

मैं भी ‘उफ़्फ़ ओह्ह यस उफ़्फ़ह अह आहह … चोदो मेरे राजा अपनी जान को. आंह आज इतना चोदो कि मैं बस तेरी ही दीवानी हो जाऊं. फाड़ दो मेरी चूत. आह आह …’ कर रही थी.

इस अवस्था में मेरी चूत मारने के बाद मेरे प्यारे सर ने मुझे कुतिया बना कर मेरी चूत में अपना लंड घुसा दिया.
मेरी दोनों चूचियों को मसलते हुए मुझे ठोकने लगे और मैं किसी देसी सेक्सी इंडियन रांड की तरह अपने ही सर से चुद रही थी.

कुछ देर मुझे मस्त चोदने के बाद सर ने मेरा बाल पकड़ कर मुझे अपने लंड की तरफ खींच लिया.
वो मेरे सिर को पकड़ कर अपने लंड को मेरे मुँह के अन्दर बाहर करने लगे.

उनकी तेजी समझ कर मुझे पता चल गया था कि सर झड़ने वाले हैं.
अगले कुछ मिनट में एक गर्म नमकीन सैलाब मेरे मुँह में आ गया.
मैंने नमकीन रबड़ी खा ली और सर का लंड चूस कर चमका दिया.

एक राउंड चुदाई का खेल खेलने के बाद समय देखा तो अभी 12 बजे थे.
सर किचन में गए और पानी, बिस्किट और नमकीन ले आए. जिसको हम दोनों ने खाया.

अभी हम दोनों नंगे ही थे.

नाश्ते के बाद सर ने मुझे कुछ देर किस किया और अब वो किचन में चले गए.
वो उधर से सरसों का तेल ले आए और मुझे बेड पर लेटा दिया.

सर ने मेरी गांड चाटना शुरू किया.
पहले तो ऐसा लगा कि मानो सर अपनी जीभ से जीभ घुसा घुसा कर मेरी गांड चोद रहे हों.

फिर उन्होंने मेरी गांड के छेद में बहुत सारा सरसों का तेल भर दिया और अपने लंड को भी तेल से गीला कर लिया.

इसके बाद अपने हाथों से मेरी गांड का छेद खोल कर अपना टोपा रख कर मेरे ऊपर चढ़ गए.
एक कड़क सा धक्का लगा कर मेरी गांड में लंड डालने लगे.
उनके 5-6 बार के प्रयास में सर का लंड मेरी गांड को भेद पाया.

मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा लेकिन पिछली बार की तरह अबकी बार भी सर बिना रुके मेरी गांड चोदने लगे.
जिसके फल स्वरूप कुछ देर में मैं भी मज़े लेकर और अपनी गांड उचका उचका कर उस पूरे कमरे में फट फट की आवाज के साथ अपनी गांड चुदवाने लगी.

सर ने मेरी 38 इंच की गांड का भुरता बना कर रख दिया था.
ये दूसरे राउंड की गांड चुदाई करीब 3 बजे तक समाप्त हुई.
इस बार सर ने अपने वीर्य को मेरी गांड में छोड़ दिया.

कुछ देर बाद हम दोनों साथ नहाए, फिर मैं घर आ गयी.

आज मुझे बहुत संतोष सा लग रहा था और शायद आज पहली बार जीवन में मेरी इतनी मस्त चुदाई हुई थी.
या यूं कह लीजिए कि पहली बार मुझे किसी ने सही से चोदा था.

अगले दिन मैं इंस्टीट्यूट पहुंची तो आज मॉनिटर अकेला बैठा था.
मैं उसके पास गयी और उससे बातें की.
उसने मेरी काफी तारीफ की और बात बात में बोला- मैं रोज आपके देर से आने पर भी आपकी अटेंडेन्स लगाता हूँ. सर को इसके बारे में नहीं मालूम है, वरना मुझे बहुत डांट पड़ेगी या और भी कुछ हो सकता है मेरे साथ.

अब मुझे ये तो मालूम था कि ये सब बातें ये मुझे अपना अहसान जताने के लिए बोल रहा था. जिससे मैं इसके अहसान तले दब कर इसको अपनी चूत चोदने दे दूँ.
मेरी क्लास के सर ने कल मेरी गांड फाड़ी थी तो मुझे क्लास आने की भी जरूरत नहीं थी.

लेकिन मुझे भी नए नए लंड लेने थे.
इसलिए मैंने उससे पूछा- बोलो क्या चाहिए तुमको?
तो वो बोला- अरे कुछ नहीं, मैं तो बस वैसे ही बोल रहा था.

फिर मैं जब उसके पास से उठने लगी तो उसके गाल पर एक जोर का किस कर दिया.
उससे मेरी लिपिस्टिक उसके गाल पर छप गयी और वो खुश हो गया.

अब मैं उस दूसरे वाले लड़के के पास गई जो मुझे शादी में मिला था.
आज फिर उसने मुझे सामने से बताया कि एक मेरे पास बहुत अच्छी पिक्चर आई है, तुम्हें चाहिए हो तो दे दूँ.

मैं समझ तो गई कि ये मेरे मोबाइल में मेरी तस्वीर देखने के लिए झूठी कहानी गढ़ रहा है.
लेकिन मैंने भी आज मन बनाया था कि आज इसको कुछ और भी दिखा दूं.

मैंने अपनी सारी न्यूड फोटो का फोल्डर भी ओपन करके उसे मोबाइल दे दिया.
उस फोल्डर में मेरी नंगी चूत, गांड और बूब्स सबकी नंगी फोटो थीं.

मैंने उसको मोबाइल दे दिया.
कुछ देर के बाद मैं उसे मोबाइल देकर बाहर आ गयी ताकि वो मुझे नंगी देख कर कुछ करे.

मैं बाहर आकर खिड़की से चुपके से उसे देखने लगी.

वो मेरी सारी नंगी तस्वीर देखने लगा और उसका लौड़ा एकदम टाइट हो गया था.
कुछ देर बाद मैं वापस अन्दर आई तो उसने मुझे मोबाइल दे दिया.

मेरी क्लास में तीन लड़कों का ग्रुप था.
वो सब साथ रहते थे.
उनसे भी मेरा काफी अच्छा उठना बैठना हो गया था.

उसी में से एक लड़के ने बोला- मैं आपको अपने जन्म दिन में बुलाऊंगा, तो आप आओगी न!
मैंने कहा- पूरी क्लास को बुलाओगे क्या?
वो बोला- नहीं हम तीनों और बस आप. मैं पार्टी किसी होटल में दूंगा.
मैं तैयार हो गयी.

आधे दिन बाद मेरे सर का मैसेज आया कि उसी रूम में आओ, जो मेरी दूसरी वाली क्लास थी. उसकी चाबी मेरे ही पास रहती थी.
अब मैं वहां पहुंची और ताला खोल अन्दर आ गयी.

कुछ ही दर में सर आए और उन्होंने अन्दर से दरवाज़ा बन्द कर लिया और मुझ पर फिर से टूट पड़े.
वो मेरे पीछे से आकर मेरे बूब्स दबाते हुए मेरे गले से चूमने लगे. मेरे होंठों को भी चूमने लगे और मेरा पल्लू गिरा कर मेरा ब्लाउज खोल दिया.

ब्लाउज को एक तरफ रख कर सर ने मेरे दोनों बूब्स खूब चूसे.
फिर मेरा पेटीकोट उठा कर मेरी चूत चाट कर मुझे झाड़ दिया. उसके बाद मैंने भी सर का लौड़ा बाहर निकाल कर खूब चूसा.

फिर सर ने मुझे टीचर वाली टेबल पर झुका कर मेरी साड़ी उठा कर मेरी गांड में लंड पेल दिया.
सर भकाभक चोदने लगे और मैं मजा लेने लगी.

मैंने अपनी कामुक सिसकारियों को धीरे धीरे निकाल रही थी क्योंकि बाहर सब आते जाते रहते थे.
फिर बड़ी जबरदस्त तरीके से सर ने मेरी गांड मारी. गांड चुदाई के बाद सर ने फिर से मेरी चूत को भी बढ़िया से चोदा.

अंत में सर ने अपना सारा माल मुझे पिला दिया.

चुदाई के बाद वो अपने कपड़े ठीक करने लगे और मुझे चूम कर बाहर चले गए.
मैं भी साड़ी सही करके अपनी क्लास में आई और कुछ देर बाद घर चली आयी.

घर आकर आज शाम को मैंने उस ऑटो वाले लड़के से मिलने की सोची क्योंकि बहुत दिन से सिर्फ मैसेज पर बात हो रही थी.
आज मैंने उसको कॉल किया और चुदाई की बात करने से पहले मैंने उसका हाल चाल पूछा.

उसके बाद कुछ देर इधर उधर की बात हुई.
फिर मैंने आज उससे मिलने को बोला, जिस पर वो तैयार हो गया. शाम का समय तय हो गया.

शाम को करीब 6 बजे मैं नहा कर बाथरूम से बाहर निकली.
मैंने अपनी एक एकदम झीनी सी साड़ी निकाली जो एकदम हल्के पीले रंग की थी और काफी ज्यादा पारदर्शी थी. जिस वजह से बहुत मेरा शरीर साफ़ दिख रहा था.
मैंने ब्रा डाली ही नहीं थी और ना ही पैंटी पहनी थी

फिर मैंने हल्के पीले रंग का ब्लाउज पहना जो हमेशा की तरह स्लीवलेस और बैकलेस था.
इसमें भी आगे से काफी गहरा गला था, जिसमें से मेरी चूचियों का आकार साफ नजर आ रहा था.
ये ब्लाउज बहुत टाइट भी था. अगर पल्लू हट जाए तो उसमें से मेरे निप्पल्स भी दिख जाएंगे.

फिर चुस्त सा पेटीकोट पहन कर साड़ी बांध ली.
हमेशा की तरह मैंने साड़ी को नाभि से दो अंगुल नीचे बांधी थी जिससे मेरी पूरी कमर और पेट दिखता है.
उस पर लाल चूड़ी और लाल लाली और बढ़िया से तैयार होकर हील पहन कर मैं घर से निकल आई.

वो ऑटो वाला बिना ऑटो के मेरे घर के सामने ही खड़ा था.
अभी मैंने उससे बात नहीं की क्योंकि ये गली थी और मुझे किसी को ये नहीं जताना था कि ऑटो वाला मेरा शैदाई है.

बाहर रोड पर आकर हम दोनों ने एक बैटरी रिक्शा पकड़ा. वो मेरे बगल बैठ गया.
पहले उसने मेरी खूब तारीफ की और पूछा- कहां चलना है.
मैंने कहा- जहां तुम्हारी मर्जी हो.

हमारे यहां उस टाइम मेला लगा था, जिसका उसने बताया.
वो जगह शहर से काफी अलग और दूर थी तो मैं राज़ी हो गयी.

अपने एरिया से निकलते ही वो एकदम मुझमें घुस सा गया और मेरी साड़ी में हाथ डाल कर एक तरफ से मेरे बूब्स मसलने लगा, दूसरी तरफ से मेरी पीठ सहलाने लगा.

अब मैं भी मज़ा लेते हुए उसका लंड मसलने लगी और ये सब मुफ्त का नज़ारा रिक्शा वाला देख रहा था.

कुछ देर बाद हम मेला स्थल पर पहुंचे.

उस समय मैं पूरी सुहागन स्त्री बनी थी वो ऑटो वाला मेरी कमर से हाथ डाल कर मुझे सटा हुआ था.
देखने वाले ने हमें कपल समझ रहे थे.

इसी तरह पहले तो उसने मुझे साथ में लेकर सारे झूले झुलाए और उसी में उसने मेरा खूब मजा लूटा.

दोस्तो, अब मुझे अपनी चूत में खुजली होने लगी थी और अब मुझे एकांत चाहिए था, जिधर मैं कुछ मजा ले सकूं.

वो सब कैसे हुआ, मैं पोर्न चूत की चुदाई कहानी के अगले भाग में लिखूंगी.
आप मुझे मेल करना न भूलें.
[email protected]

पोर्न चूत की चुदाई कहानी का अगला भाग: मनचली गर्म लड़की की सेक्सी चुदाई यात्रा- 4

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top