मेरी प्रिय छात्रा की कुंवारी चूत कुलबुलाई
(Meri priya Student Ki Kunvari Chut Kulbulai)
मेरा नाम विनय है.. मैं करनाल में रहता हूँ। मेरी उम्र 21 साल है.. मैं एक टीचर हूँ और ट्यूशन पढ़ाता हूँ।
बात जुलाई में शुरू हुई.. जब छुट्टियों के बाद बच्चे ट्यूशन के लिए आना शुरू हुए। मैं छठी से बारहवीं तक गणित और विज्ञान पढ़ाता हूँ। मेरे पास पढ़ने आने वाले कुल 30 बच्चे हैं.. जो ग्रुप में आते हैं। शाम 5 बजे लड़कियों का ग्रुप होता हैं, बाकी दो ग्रुप में लड़के हैं।
शाम 5 बजे वाले ग्रुप में बारहवीं क्लास की 6 लड़कियाँ आती थीं। उनमें से एक लड़की बहुत खूबसूरत थी.. नाम था प्रिया। प्रिया बहुत ही प्यारी और चंचल सी थी.. गोरा गुलाबी रंग.. और बहुत ही प्यार से बोलती थी।
प्रिया को गणित में बहुत रूचि हो गई थी और मेरी ना चाहते हुए भी उसमें रूचि बनती गई। वो जवान हो रही थी.. मुझे प्रिया से प्यार हो गया था।
मुझे ट्यूशन पर सभी सर बुलाते थे और जब प्रिया बुलाती थी.. तो माँ कसम जान निकल जाती थी। मैं प्रिया को बहुत ही प्यार से पढ़ाता था और उसे अपने साथ बिठाता था, पढ़ाते-पढ़ाते प्रिया और मैं एक-दूसरे के साथ बार-बार लगते थे।
प्रिया की तरफ मेरी रूचि को प्रिया समझ गई थी और प्रिया भी अब रोज आ कर मेरे साथ बैठती थी और हम चिपके रहते थे। इसी के साथ कभी-कभी डांट लगाने के बहाने मैं उसे प्यार से उसके गाल दबा देता था और कभी-कभी मैं जब खड़ा होता था.. तो मैं उसके कंधे पकड़ लेता था। प्रिया भी अब मुझे गहरी नजरों से देखने लगी थी।
एक दिन रात को प्रिया का फोन आया- सर क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हें याद कर रहा था और देखो तुम्हारा फोन आ गया.. हुक्म कीजिए.. कैसे याद किया?
प्रिया बोली- बस वैसे ही आपकी याद आ रही थी.. सोचा फोन कर लूँ।
मैंने कहा- पहले यह बताओ कि यह फोन नम्बर किसका है?
प्रिया ने कहा- ये मेरा पर्सनल फोन है.. आपको जब भी मेरी याद आए.. फोन कर लिया करो।
मैंने कहा- ओके जी।
यह प्रिया की तरफ से ग्रीन सिग्नल था कि वो भी मुझे चाहने लगी है।
उस रात हमने आधा घंटा प्यारी-प्यारी बातें की और मैं समझ गया था कि प्रिया पर भी मेरा इश्क छा गया है।
अब हम रोज रात को बातें करने लगे और 10-12 दिन बाद मैंने प्रिया को प्रोपोज कर दिया और अपने प्यार का इज़हार किया।
प्रिया ने ‘हाँ’ कह दी.. मैं बहुत खुश था..
अगले दिन मैंने प्रिया से कहा- तुम स्कूल की छुट्टी कर लो.. आज हम कहीं घूमने चलते हैं।
प्रिया मान गई और मैंने उसे एक जगह पर मिलने को कहा।
अगले दिन मैं जब वहाँ पहुँचा तो प्रिया ने नीले रंग का टॉप और जींस डाली हुई थी, वो बहुत ही गज़ब की लग रही थी।
मैंने उसे फूल दिया.. क्योंकि प्यार में पहली बार मिल रहे थे और उसकी ख़ूबसूरती की तारीफ़ की।
उसके बाद मैंने उसे कर्ण लेक पर ले गया। वहाँ जाकर मैंने उसे बाँहों में भर लिया और प्यार की पहली किस कर दी।
प्रिया शर्माती हुई मेरे सीने से लगी रही।
मैंने पार्क से एक फूल तोड़ा और घुटनों पर बैठ कर प्रिया को ‘आई लव यू प्रिया’ कह कर प्रोपोज किया।
उसने प्यार से फूल पकड़ा और मेरी तरफ आ गई, मैंने उसे उठा लिया और हवा में झुला दिया।
फिर हम ‘मैक-डी’ चले गए और वहाँ पर खाया पिया और फिर मैं प्रिया को वहीँ छोड़ आया.. जहाँ हम मिले थे।
शाम को प्रिया फिर ट्यूशन पर आ गई और हम दोनों एक-दूसरे को देखकर खुश हो गए। शाम को जाते वक्त मैंने बाकी सारी लड़कियों को भेज दिया और प्रिया को रोक लिया।
मैंने उसे फिर से चूम लिया..
प्रिया भी बहुत प्यार से किस करती थी, उसे भी फ्रेंच किस करने का पूरा तरीका आता था, होंठों में होंठ डाल कर जीभ एक-दूसरे के मुँह में घुमाना बहुत ही रसीली किस लेती थी।
फिर प्रिया चली गई और उस रात हमने बहुत देर फोन पर बात की।
अब हम रोज फोन पर देर-देर तक बातें करने लगे और कभी-कभी घूमने चले जाते और किस कर लेते या मौका बना लेते और किस कर लेते।
एक रात मैंने प्रिया को बताया- कल घर पर कोई नहीं है.. तुम आ जाओ प्लीज..
प्रिया मान गई और स्कूल से छुट्टी कर के मेरे घर आ गई।
बस इसी सब का तो इंतज़ार था मुझे..
मैंने सुबह उठ कर अपने बेडरूम को साफ़ सफाई कर दी थी और बिस्तर पर फूलों से ‘विनय लव प्रिया’ लिख दिया, कमरे में सेंट का छिड़काव कर दिया.. कमरा हमारे रोमांस के लिए तैयार था।
सुबह 10 बजे प्रिया घर आ गई, वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी, उसने रानी रंग का स्लीवलैस टॉप डाला हुआ था और काले रंग की जींस के साथ बहुत ही हसीन लग रही थी।
उसके आते ही मैंने गेट बंद कर दिया और उसे कमरे में ले जा कर एक चुम्बन किया और ‘आई लव यू’ बोला।
उसने भी जवाब में किस किया और ‘लव यू टू’ बोला।
मैंने उससे कहा- तुम बहुत सेक्सी लग रही हो।
उसने कहा- सिर्फ आपके लिए।
अब मुझसे इंतज़ार नहीं हो रहा था.. मैंने उसे अपनी बाँहों में उठा लिया और अपने बेडरूम में ले जा कर बिस्तर पर लिटा दिया और मैं प्रिया के ऊपर चढ़ गया।
प्रिया एक कच्ची कली थी और आज मैं उसे फूल बनाने वाला था।
उसके चूचे नुकीले थे और अभी पूरे विकसित नहीं थे, चूचे बड़े थे.. पर अभी उभार कम था। उसकी काली नशीली आँखें.. लाल सुर्ख होंठ.. और उसके सेंट की महक मुझे दीवना कर रही थी।
मैं और प्रिया पहले प्यार भरी बातें करते रहे। मैंने प्रिया से पूछा- पहले कभी किया है ये सब?
प्रिया बोली- पहली किस भी आपने ही मुझे की थी।
यह बात सुनते ही मैंने उसके होंठों में होंठ मिला कर उसका रस चूसने लगा, साथ ही मैंने अपने हाथ मम्मों पर डाल कर निप्पलों को सहलाने लगा।
मैंने प्रिया का पूरा मुँह चूम डाला और उसकी गर्दन चूमने लगा। प्रिया मेरी कमर पर हाथ फिरा रही थी.. उसे बहुत मजा आ रहा था.. वो गरम होने लगी थी।
हम दोनों को सेक्स का नशा चढ़ने लगा था।
मैं उठ कर बैठ गया और प्रिया को भी बिठा दिया और उसे कस के पकड़ लिया। प्रिया को बहुत शर्म आ रही थी.. वो आँखें भी नहीं खोल रही थी।
मैंने अपने कपड़े उतार दिए और प्रिया की जीन्स और टॉप भी उतार दिए।
प्रिया सिमटने लगी और उल्टी लेट गई।
मैंने प्रिया की ब्रा उतार दी और कमर को चूमने-चाटने लगा और कमर पर उंगली फिराने लगा।
प्रिया सिसकारियाँ भरने लगी ‘अहहा ह्हस्स्स्श्हाहा.. हह्ह.. हह्हाहाआ… स्स्स्स्स.. शहह्श्शे.. ह्सह्ह्शह्स हाये हहहाअ.. स्स्शा अस्स्शाअ..’
उसकी सिसकारियाँ मुझे कामातुर कर रही थीं, मेरा लौड़ा पूरा कड़क खड़ा हो चुका था, मैंने प्रिया की कमर गर्दन और गाल कंधे सब चूम चाट डाले।
प्रिया से तो बर्दाश्त ही नहीं हो रहा था.. उसे पसीना आने लगा।
मैंने प्रिया को सीधा लेटाया और उसके चूचे के निप्पल को मुँह में भर लिया और जोर-जोर से चूसने लगा और दूसरा चूचा दबाने लगा। उसके चूचे चूसने से और भी सख्त हो गए और निप्पल नुकीले हो गए।
मैंने प्रिया के पेट पर चाटना शुरू किया तो प्रिया तो एकदम से मदहोश हो गई वो जोर-जोर से सिसकारने लगी ‘हह्शाश्स्स… अहा.. आअ.. अहहाह्ह..’
अब मैं प्रिया की कच्छी की तरफ आ गया, उसकी चूत से रस निकल रहा था और पैन्टी गीली हो गई थी।
मैंने बहुत प्यार से धीरे-धीरे से पैन्टी उतार दी और उसके पैरों पर चूमने लगा।
उसकी चिकनी टाँगें चाटने लगा और प्रिया उठ-उठ कर सिसक रही थी।
प्रिया का शरीर एकदम चिकना था.. एक भी बाल नहीं था। उसकी चूत बहुत सुन्दर थी और एकदम चिकनी चूत थी।
मैं उसकी टाँगें चाटने लगा और अब मैं चूत पर आ गया।
मैंने प्रिया के चूतड़ों के नीचे एक तकिया रख दिया और चूत को उठा दिया। उसकी टांगें फैला दीं और चूत पर मुँह लगा दिया।
प्रिया ने अपनी टांगों में मेरा सर दबा लिया और अपने चूचे दबाने लगी। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया, उसकी चूत से उठने वाली महक मुझे और कामुक कर रही थी।
प्रिया की चूत में मैं उंगली करने लगा इससे उसको बहुत मजा आ रहा था, उसकी चूत को मैंने खोल कर देखा और सील पैक कुंवारी अनचुदी चूत थी।
मैं खुश हो गया और जोर-जोर से चूत चाटने लगा।
प्रिया ने मेरे बाल नोंचने शुरू कर दिए और मेरे मुँह को पकड़ कर मुझे ऊपर खींच लिया।
मैं प्रिया के ऊपर आकर लेट गया और अपनी छाती से उसके उठे हुए चूचे लगा लिए।
मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं फिर से इसी अवस्था में उसके होंठों में होंठ डाल कर चूमने लगा।
कुछ पलों बाद मैं खड़ा हुआ और चूत के मुँह पर लौड़ा लगा दिया। पहले तो मैंने चूत के मुँह पर लौड़ा फिराया और फिर रख कर मैंने एक खींच कर झटका लगा दिया।
लौड़ा चूत की सील तोड़ता हुआ 2 इंच अन्दर घुसता चला गया।
मैं लौड़ा घुसेड़ कर प्रिया के ऊपर ही लेट गया, प्रिया के मुँह से ‘आह्ह्ह्ह्ह..’ की तेज आवाज़ निकल गई।
दर्द की अधिकता के कारण प्रिया ने मेरी कमर नोंच डाली। मैंने उसके चूचे दबा दिए और होंठों में होंठ डाल कर मुँह का रस पीने लगे। वो छटपटाती रही.. तभी मैंने एक झटका और लगा दिया और प्रिया फिर से ‘आह.. आह..’ करने लगी।
उसकी चूत बहुत कसी हुई थी।
मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू किए और अपना 7 इंच का लंड उसकी चूत में अन्दर तक डाल दिया था।
मेरे हर झटके के साथ प्रिया ‘आह.. आह..’ की आवाज़ कर रही थी।
कुछ ही मिनटों की चुदाई में ही मैंने अपना गरम-गरम माल उसकी चूत में छोड़ दिया। मेरा माल छूटते ही प्रिया को जैसे दर्द से राहत मिल गई थी।
मैं प्रिया के ऊपर लेटा रहा और होंठों को चूमता रहा।
फिर मैं खड़ा हुआ और अपने लौड़े और प्रिया की गरम चूत से खून और पानी साफ़ किया।
कुछ पलों आराम से प्रेमालाप करने के बाद मैंने फिर प्रिया के चूचे दबाने शुरू किए।
अब मैंने प्रिया को लंड पकड़ने को कहा.. पर प्रिया शर्मा रही थी। फिर मैंने उसके बदन को चूमने-चाटने लगा और लौड़ा 8-9 मिनट में फिर से कड़क हो गया।
अब मैं फिर से प्रिया के ऊपर आ गया और लौड़ा चूत में धकेल दिया। दोनों जन्नत में पहुँच गए। अब प्रिया को दर्द नहीं हो रहा था। मैंने झटके तेज कर दिए और प्रिया भी अपनी गाण्ड उठा-उठा के मजे लेने लगी थी। उसके हाथ मेरी कमर पर फिर रहे थे और वो अपने होंठ चबा रही थी। मैं उसके चूचे दबा रहा था और लंबे गहरे तेज झटके लगा रहा था।
करीब 9-10 मिनट में प्रिया ढीली पड़ गई वो झड़ गई थी।
मैने उसका पोज बदल दिया और घोड़ी बना दिया। उसकी नई नवेली चूत में लंड फिर से डाल दिया और हाथ डाल के मम्मों को पकड़ लिया। मैंने उसके कच्चे आमों को जोर-जोर से दबाना शुरू किया।
अब मैं फ्री स्टाइल में झटके लगा रहा था, प्रिया को बहुत मजा आ रहा था।
फिर मैं नीचे लेट गया और प्रिया को ऊपर लेटा लिया, मैं उसके होंठों को चूमने लगा। फिर मैंने चूत में लौड़ा घुसाया और नीचे से उठ-उठ कर झटके लगाने शुरू किए।
मैं प्रिया के चूचे दबाने लगा और फिर मैं रुक गया, प्रिया को बहुत मजा आ रहा था।
अब प्रिया ने कूदना शुरू कर दिया और झटके लगाने लगी।
फिर प्रिया थक गई और रुक गई, मैंने प्रिया को नीचे लेटाया और किस किया.. फिर चूचे चूसे और लंड को फिर से गरम-गरम चूत में पेल दिया।
मैं अब पूरे जोश से झटके लगा रहा था, प्रिया की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं ‘अहहाह्ह स्स्स्श्हाहा हह्ह.. हह्हाहाआ..’
मुझे और भी मजा आ रहा था। मेरे मजे की कोई सीमा नहीं रही और मेरा सारा माल प्रिया की चूत में निकल गया। प्रिया फिर से खुश हो गई थी। फिर मैं प्रिया के ऊपर लेटा रहा और हम चादर ले कर सो गए।
जब उठे तो दोपहर के 3 बज गए थे.. मैंने और प्रिया ने पहले शावर लिया.. उसकी चूत सूज गई थी।
फिर हमने खाया-पिया और फिर वो अपने घर चली गई।
शाम 5 बजे फिर मेरी स्टूडेंट बन कर पढ़ने आ गई। उस दिन के बाद हम दोनों में बहुत प्यार हो गया और हम बार-बार सेक्स करने लगे।
मैं और प्रिया अब भी एक-दूजे को बहुत प्यार करते हैं।
फिर प्रिया की सहेलियों को हमारे अफेयर के बारे में पता चल गया।
अगर आपके पास कोई प्रिया नहीं है.. तो इंतज़ार करें.. आपको जल्दी ही कोई मिल जाएगी। क्योंकि चूत-चूत पर लिखा है मारने वाले लौड़े का नाम।
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