मेरी बेस्ट टीचर ने मुझे चोदना सिखाया -4
(Meri Best Teacher Ne Mujhe Chodna Sikhaya-4)
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मैडम के घर से मिली नंगी फ़ोटो वाली किताब
मित्रो.. अभी तक अपने मेरी कहानी के भाग पढ़े। इन तीन भागों को पढ़कर अब तक काफी महिलाओं के ईमेल आए। कुछ तो बहुत गर्म हो उठी थीं.. और उन्होंने कहा कि उनके नामों को भी अपनी इस कहानी में शामिल करें..
पूजा भाभी मुम्बई से.. रंजना भाभी हरियाणा से.. डिंपल (ये कॉलेज की लड़की है) गुजरात से..
इन सभी के नाम असली हैं और शहरों के नाम सेफ्टी के लिए बदल दिए हैं। इन सभी का आभारी हूँ। जो अब हमारी ख़ास दोस्त बन गई हैं और उन सभी भाभीयों का भी आभार.. जो ईमेल मुझे ढेरों करती हैं।
तो मित्रो, अब पुनः कहानी की ओर बढ़ते हैं।
दूसरे दिन कल की तरह आज भी स्कूल में कुछ नहीं हुआ। शायद हुआ होगा.. पर मुझे नहीं दिखा।
दोपहर में मैं मैडम के घर गया, आज भी मैडम ने नाइटी पहनी थी।
फिर हमारी बातें शुरू हुईं।
मैडम- कुछ पियोगे।
अवि- हाँ.. एक कप कॉफ़ी..
मैडम- क्या बात है.. कल तो मना कर रहे थे.. और आज खुद मांग रहे हो।
अवि- मैडम आपने ही तो कहा था कि पहली बार के बाद एन्जॉय करोगे.. इसी लिए।
मैडम- ठीक है बैठो.. मैं कॉफ़ी बनाती हूँ।
मैं सोफे पर बैठा मैडम के घर को देख रहा था कि तभी मुझे उनके बिस्तर के नीचे एक बुक पड़ी हुई मिली। मैंने वो किताब उठा ली और टेबल पर रख दी।
किताब पर न्यूज पेपर से कवर किया हुआ था.. पर पंखे की स्पीड ज्यादा होने से कुछ पन्ने पलट गए। जब मेरी नजर उस किताब पर पड़ी.. तो उसमें लड़कियों की नंगी फोटो बनी थीं।
मैंने किताब उठा ली और देखने लगा। तभी अन्दर के कमरे से कुछ आहट हुई.. मैंने झट से वो किताब गलती से मेरे बैग में डाल ली।
मैडम कॉफी लेकर आईं और हम दोनों ने कॉफी पी.. और बातें करने लगे।
मैडम- अवि तुम्हारा गाँव बड़ा अच्छा है।
अवि- हाँ मैडम अच्छा तो है।
मैडम- तुम्हारे गाँव के लोग थोड़े अजीब हैं।
अवि- अजीब हैं मतलब?
मैडम- जब भी मैं बाहर निकलती हूँ तो मुझे घूर-घूर कर देखते हैं।
अवि- क्या मैडम.. अगर आप इस ड्रेस में बाहर जाओगी.. तो लोग घूर कर देखेंगे ही न..
मैडम- नहीं मेरा मतलब है.. जब भी स्कूल जाती हूँ तब.. यानि कि मैं साड़ी में होती हूँ.. तब भी लोग मुझे घूर-घूर कर देखते हैं।
अवि- मैडम आप गाँव में सबसे सुंदर हो.. इसीलिए सब आपको घूर-घूर कर देखते हैं।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैडम- और एक बात पूछूँ?
अवि- हाँ पूछिये न मैडम?
मैडम- वो दुकान के पास पीले रंग का घर किसका है?
अवि- मैडम वो घर तो हमारे स्कूल की लड़की मोना का है।
मैडम- ये मोना कौन सी क्लास में है?
अवि- 12वीं क्लास में है।
मैडम- उसके घर में एक लड़का भी देखा था मैंने।
अवि- वो शायद उसका भाई होगा। वो भी 12वीं क्लास में है और 2 साल से फेल हो रहा है.. पर मैडम ये आप क्यों पूछ रही हो?
मैडम- ऐसे ही.. वो क्या है कि जब भी में स्कूल जाती हूँ.. तो वो मुझे देखता रहता है।
अवि- मैडम वो और उसकी बहन दोनों ही गंदे हैं।
मैडम- गंदे मतलब?
अवि- गंदे मतलब.. गंदे.. जाने दो मैडम.. अब मुझे जाना होगा देर हो गई है.. कल मिलते हैं।
मैडम- हाँ चलो ठीक है.. कल जरूर आना और खाना भी मेरे साथ ही खाना.. ठीक है।
अवि- ठीक है मैडम।
मैं घर जाने के बाद सीधे ग्राउंड पर खेलने चला गया। पर आज मोना और उसका भाई और ब्वॉयफ्रेंड आज स्टोर हाउस की ओर नहीं आये।
कल की घटना की वजह से वो शायद आज नहीं आये होंगे।
खेलने के बाद मैं घर चला गया। खाना खाने के बाद चाचा के साथ कुछ बातें की और अपने कमरे की ओर चला गया। आज रात को होमवर्क करने के लिए जैसे मैंने बैग खोला.. तो मुझे एकदम से झटका लगा। मेरे बैग में मैडम के घर की किताब मिली। मैं उसे भूल ही गया था..
मैं वो किताब देखने लगा। उस किताब में अलग-अलग लड़कियों की नंगी फोटो थीं।
कुछ बड़ी उम्र की औरतों की भी नंगी फोटो थीं। कुछ फोटो स्तन चूसने की.. कुछ चूत चाटने की.. लण्ड चूसने की और कुछ चुदाई की थीं।
ये सभी फोटो देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मेरा लण्ड खड़ा हो गया तो जैसे मैंने एक बार मुठ मारी थी.. वो भी स्टोर हाउस में.. पर मुझे मालूम नहीं था कि उसे मुठ मारना कहते हैं। उसी तरह आज मैंने अपने आइटम को हिलाना शुरू कर दिया।
किताब पढ़ते-पढ़ते आखिरी पेज पर कुछ लिखा था, शायद वो मैडम ने लिखा था ‘मेरे पति का लण्ड 6 इंच लंबा है।’
यह पढ़कर.. मेरे दिमाग में मुझे भी लण्ड नापने की सूझी।
मैंने अपने बैग में से स्केल पट्टी निकाली और खड़े लण्ड के साथ लगा दी पर मुझे लम्बाई पता नहीं चल रही थी.. तो फिर मैंने अपनी पैन्ट और चड्डी एक साथ निकाल दी।
फिर एक बार मैंने स्केल अपने लण्ड से लगा दिया।
स्केल पट्टी पर पेन्सिल से मार्क किया, फिर मैंने स्केल अपने लण्ड से हटा दी.. और चड्डी और पैन्ट पहन ली।
स्केल के मार्क को देखने लगा.. तब मुझे अपने लण्ड की लंबाई पता चली। अचानक बाहर से चाची की आवाज आई- अवि सो जा.. देर हो गई है.. कल स्कूल भी जाना है।
मैंने स्केल को किताब में लगा कर बिस्तर के नीचे रख दिया और सो गया।
दूसरे दिन सब ठीक रहा।
मैं स्कूल गया, स्कूल में भी कुछ ख़ास नहीं हुआ। सिर्फ मुझे होमवर्क ना करने की वजह से सजा मिली। स्कूल के बाद मैं घर आया।
मैंने चाची से कहा- मैं थोड़ा कम खाना खाऊंगा।
‘क्यों?’
मैंने चाची को बताया कि मुझे मैडम ने खाने पर बुलाया है।
दोपहर को मैं मैडम के घर चला गया, आज मैडम ने साड़ी पहनी थी, वे लाल रंग की साड़ी में किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थीं।
मैडम के चहरे पर वो तेज नहीं था जो हमेशा रहता था।
मैडम ने दो थाली में खाना लगा कर एक मुझे दी और एक उन्होंने ली।
खाना सच में अच्छा था।
खाना खाने के बाद में सोफे पर बैठ गया।
मैडम- खाना कैसा था अवि?
अवि- अच्छा था मैडम।
मैडम- एक बात बताओ अवि।
अवि- हाँ पूछिये।
मैडम- क्या तुम यहाँ से कोई किताब लेकर गए हो?
अवि- नहीं मैडम.. मैंने कोई किताब नहीं ली और अगर मुझे कोई किताब चाहिए थी.. तो मैं आपसे मांग सकता था।
मैडम- ठीक है.. शायद मैंने ही कहीं रख दी होगी।
अवि- क्या कोई ख़ास किताब थी मैडम?
मैडम- नहीं.. ऐसी कोई ख़ास तो नहीं.. पर मैं उसे रोज रात को पढ़ती थी।
अवि- कोई स्टोरी बुक थी क्या? अगर हो तो मेरे पास भी कुछ स्टोरी बुक हैं.. वो मैं आपको ला देता हूँ।
मैडम- नहीं रहने दो.. जब मैं शहर जाऊंगी.. तब दूसरी ले लूँगी।
अवि- जैसा आप कहें!
मैं सोचने लगा कि कहीं मैडम को पता तो नहीं चल गया कि वो किताब मेरे पास है। मैं कल ही यहाँ किताब रख दूंगा।
मैडम शायद अपने मन में सोच रही थीं कि उन्हें पूरा यकीन है कि किताब अवि के पास ही है। मेरे घर में अवि के अलावा कोई नहीं आता है और मैं तो किताब हमेशा बिस्तर के नीचे रखती हूँ। शायद अवि डर गया होगा इसी लिए झूठ बोल रहा है।
‘कॉफ़ी पियोगे?’
अवि- हाँ क्यों नहीं..
कॉफी पीने के बाद में घर चला आया, रास्ते में मैं किताब के बारे में ही सोच रहा था।
बाय मित्रो, मिलते हैं अगले भाग में..
आप सभी मुझे ईमेल जरूर करें। आपके साथ दोस्ती करने में ख़ुशी होगी..
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