सरकारी स्कूल की विधवा टीचर की चुत चुदाई

(Hot Teacher Xxx Chudai)

इस हॉट टीचर Xxx चुदाई कहानी में मैं आप लोगों को बताऊंगा कि मैंने एक विधवा मैडम को किस प्रकार से चोद कर शारीरिक सुख दिया. वे मुझे ट्रेन में मिली थी.

नमस्कार दोस्तो, मैं अनुभव चौधरी राजस्थान के श्री गंगानगर के सूरतगढ़ रहने वाला हूँ.
मेरी आयु 22 साल है. मैं सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा हूँ.

आप सभी को मालूम होगा कि जब किसी भर्ती का पेपर होता है तो वह किसी दूसरे शहर में ही आयोजित करवाया जाता है; गृह जिला बहुत ही कम मिलता है.

यह इस हॉट टीचर Xxx चुदाई कहानी भी कुछ ऐसी ही है.

मैं आगे बढ़ने से पहले आपको कविता मैडम की उम्र बता देता हूँ.
उनकी आयु 36 साल के आस-पास की थी.
वे भरे हुए शरीर वाली और दिखने में काफी सुंदर महिला थीं.

मैं एसएससी की तैयारी कर रहा हूँ.

अभी पीछे एक एग्जाम हुआ था, उसका एक्जाम सेंटर बीकानेर आया था.
बीकानेर मेरे शहर से दूरी पर ही है; उधर जाने में तीन चार घंटे का समय लग जाता है.

जब एग्जाम की डेट नजदीक आ रही थी तो सोच रहा था कि गांव से किसी साथी का भी यही सेंटर आ जाए तो रास्ता कुछ आसान हो जाएगा.
परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ.

मेरा एग्जाम सुबह की पहली शिफ्ट में होना था.
मुझे बीकानेर थोड़ा जल्दी ही पहुंचना था इसलिए मुझे रात की ट्रेन से बीकानेर पहुंचना जरूरी था.

मैं एक दिन पहले अपने घर से शाम को निकल गया और स्टेशन पर पहुंच कर जनरल टिकट खरीद लिया.

ट्रेन आने में कुछ समय बाकी था तो ऐसे ही मैं प्लेटफार्म पर टहल रहा था.

साथ ही मैं वहां पर खड़ी कुछ लड़कियों को देखकर अपनी आंखों को कुछ शांति दे रहा था कि इतनी सुंदर लड़कियां हैं. काश कोई मेरी भी गर्लफ्रेंड ऐसी हो.

परंतु अभी तक मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी.

ऐसे ही टहलते हुए मैं प्लेटफार्म के उस हिस्से तक पहुंच गया, जहां जनरल डिब्बे रुकने थे.

उधर जाकर मैंने देखा कि एक बहुत ही सुंदर महिला वहां पर बैठी थी.
मैं भी उसी के पास जाकर बैठ गया.

कुछ देर बाद उस मैडम ने पूछा- आज प्लेटफार्म पर बच्चे ज्यादा क्यों दिखाई दे रहे हैं?
मैंने उनको बताया- अभी कुछ एग्जाम चल रहे हैं, तो ये सब एग्जाम देने ही जा रहे हैं.

मैडम ने पूछा- क्या आपका भी एग्जाम है?
मैंने उनको हां में उत्तर देते हुए अपना सिर हिला दिया.

जब उन्होंने मेरा सेंटर पूछा, तो बता दिया कि बीकानेर में मेरा सेंटर है और पहली ही शिफ्ट में पेपर होना है. उसी वजह से जल्दी जाना पड़ रहा है.

उन्होंने बताया कि वे भी बीकानेर की ही रहने वाली हैं. कुछ काम था तो वह सूरतगढ़ आई थीं.

कुछ देर तक हम लोग ऐसे ही बातचीत करते रहे.
उस बीच उन्होंने मेरा नाम पूछा, तो मैंने बता दिया.

उन्होंने अपना नाम कविता (बदला हुआ नाम) बताया.

जब कुछ देर तक हमारी बातें चलती रहीं तो उन्होंने बताया कि वे एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं. उनके परिवार में उनकी दो बेटियां हैं. वे दोनों भी सरकारी टीचर हैं.

यह सुनकर मुझे हैरानी हुई कि बीस इक्कीस साल की बेटियों की मां इतनी जवान कैसे लग रही है.
पर मैं चुप रहा.

उनकी बातों से मालूम हुआ कि उनकी पोस्टिंग किसी दूसरी जगह पर है.
उनके पति भी टीचर थे लेकिन कोरोना कॉल में उनकी मृत्यु हो गई थी.

मुझे भी कुछ दुख हुआ कि इस कोरोना की वजह से बहुत सारे परिवारों ने अपने सदस्य खो दिए हैं.

इसी बीच हमारी ट्रेन का आने का समय हो गया था तो हम दोनों वहां से उठकर थोड़ा आगे की ओर चल दिए.

उनके पास कुछ सामान था तो मैंने उसे उठाने में मदद की.

ट्रेन आने के बाद हम दोनों लोकल डिब्बे में चले गए.
वहां कुछ ज्यादा भीड़ नहीं थी तो हम दोनों को सीट मिल गई.

कुछ घंटों के बाद हम लोग बीकानेर पहुंच गए थे.
इसी दौरान हम दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए थे.

बीकानेर स्टेशन से उतरने के बाद मैंने उनके सामान को स्टेशन से बाहर लाने में मदद की.

मैं एक असमंजस में था कि मुझे अभी यहां पर किसी होटल में रूम लेना पड़ेगा.

तभी कविता मैडम ने पूछा- तुम अभी कहां रुकने वाले हो? अभी तक तो रात के 11 बजे का समय हुआ है. अभी तो सारी रात बाकी है. स्टेशन पर तो वैसे भी रात गुजार पाना काफी मुश्किल काम है.
मैंने कहा- मैं यहीं पास में कोई होटल में रूम ले लूंगा और सुबह फ्रेश होकर एग्जाम सेंटर पर पहुंच जाऊंगा.

मैडम ने कहा- अगर तुम चाहो, तो मेरे घर पर रुक सकते हो. हम दोनों एक दोस्त जैसे बन गए हैं.
पहले तो मैंने भी उनको मना किया परंतु उनके बार बार बोलने पर मैंने उनको हां कर दी.

वे बोल रही थीं कि वे जिस स्कूल में टीचर हैं, वह स्कूल भी उसी तरफ है जिस तरफ मेरा एग्जाम सेंटर है.
मैं यह जानकर उन्हीं के घर पर रुकने को राजी हो गया.

अब वहां से एक टैक्सी से हम दोनों उनके घर पहुंच गए.

उनके घर में चार कमरे थे जो सभी के लिए थे.
उनमें दो कमरों में उनकी बेटियां और एक कमरा मेहमानों के रुकने के लिए था.

उनका सामान अन्दर रखने के बाद वे मेरे लिए पानी ले आईं.
उनके कपड़े बदल चुके थे और वे एक नाइटी पहने हुई थीं.

अब वे और गजब का माल लग रही थीं.
नाइटी के अन्दर उनके दूध बिना ब्रा के हो गए थे, यह साफ समझ आ रहा था.

मैंने पानी पीकर उनको धन्यवाद किया.

वे मुझे बैठने को बोलकर किचन में चली गईं और खाना बनाने लगीं.

लेकिन मैं शाम को घर से ही खाना खाकर रवाना हुआ था तो मुझे भूख भी नहीं थी.
मैंने उनको बोल दिया था कि आप मेरे लिए कुछ मत बनाना.

उन्होंने कहा- थोड़ा बहुत खा लेना, जितनी तुमको भूख लगी हो!

मैंने भी उनको हां कर दिया और उनसे बाथरूम का पूछा.
तो उन्होंने मुझे बाथरूम किस साइड में है, बता दिया.

मैंने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला, तो उसने कविता मैडम के उतारे हुए कपड़े पड़े थे.
तब मैंने दरवाजा बंद कर दिया.
आपको पता ही है कि लड़कों का दिमाग कुछ शरारती होता ही है.

मैंने लोवर को नीचे किया और लंड निकाल कर मूतने लगा लेकिन मैं अभी भी उनके कपड़ों को देख रहा था.

मूतने के बाद मैं उनके कपड़ों को हाथ से उतारने लगा, तो वहां पर उनकी पैंटी और ब्रा भी थी.
इससे ज्यादा लड़कों को और क्या चाहिए.

मैं पहले से ही लड़कियों की पैंटी और ब्रा सूंघने और चाटने में माहिर था, तो पैंटी देखते ही लंड में अलग सा ही करंट दौड़ने लगा.
मेरा लंड तनकर तैयार हो गया.

अब मुझसे ज्यादा संयम नहीं हुआ और मैं उनकी पैंटी को लंड पर रख कर हिलाने लगा.

जल्द ही मैंने उनकी पैंटी पर ही अपना वीर्य डाल दिया और वहीं कपड़ों के बीच रख कर बाहर आ गया.

कुछ देर के बाद कविता मैडम ने भी खाना बना लिया और बोलीं- चलो आ जाओ, हम दोनों साथ खाना खा लेंगे. तुम आओ, जब तक मैं कुछ कपड़े वाशिंग मशीन में धुलने डाल देती हूँ.

यह सुनकर उस समय मेरे होश उड़ गए कि अब क्या होगा. उस पैंटी पर तो मेरा वीर्य लगा है जिसे मैंने साफ भी नहीं किया.
डर के मारे मेरे शरीर से पसीना निकलने लगा.

मैडम बाथरूम में चली गईं और मैं अपनी बढ़ती धड़कनों से उनके बाहर आकर गुस्सा वाली स्थिति को सोचने लगा.

जब वे बाहर आईं तो मेरी तरफ ही देख रही थीं.
परंतु वे कुछ बोली नहीं और खाना खाने बैठ गईं.

अब मुझे जो थोड़ी बहुत भूख थी भी, वह एकदम से गायब हो गई. मैं बस यही सोच रहा था कि अब क्या होगा?

कुछ खाना खाने के बाद मैं हाथ धोकर वहां से उठ गया और सोफे पर बैठ गया.
मैडम भी कुछ देर के बाद वहीं सोफ़े पर आकर बैठ गई.

कुछ देर तक वे मुझसे बातें करने लगीं और अपने परिवार के बारे में बताने लगीं.

फिर अचानक से उन्होंने पूछा- तुम ड्रिंक करते हो क्या?

मैंने भी हां कर दिया क्योंकि मैं जब भी एग्जाम देने जाता हूँ तो बीयर जरूर पी लेता हूँ और 2-4 दोस्त साथ होते हैं तो सारे मिल कर अच्छे से इंजॉय भी कर लेते हैं.

उन्होंने बताया कि मैं भी बीयर पी लेती हूँ.
मैंने कहा- पर आपने तो खाना खा लिया है?

वे कहने लगीं- हां पहले कहने का मन हुआ था, पर किसी वजह से नहीं कह पाई. पर अभी भी मन नहीं मान रहा है और बीयर पीने की बड़ी तीव्र इच्छा हो रही है.
मैंने कहा- आपकी इच्छा है तो आप पी लो न!

वे कहने लगीं- और तुम?
मैं चुप रहा.

फिर वे उठ कर गईं और फ्रिज से एकदम ठंडी बीयर की बोतलें ले आईं.
टेबल पर बोतलें रख कर वे सामने अलमारी में लगे बीयर वाले मग ले आईं और उन गिलासों में बीयर डालने लगीं.

मुझे मग से बीयर पीने में मजा नहीं आता है. मुझे तो सीधा बोतल से पीना ही अच्छा लगता है.

मैंने उनसे कहा कि मुझे मग से पीने में अच्छा नहीं लगता है.
यह सुनकर मैडम ने मुझे एक बोतल पकड़ा दी और खुद मग से पीने लगीं.

जब बीयर को आराम आराम से पिया जाए तो उसका नशा भी काफी हो जाता है.
फिर यह वाली बीयर कुछ ज्यादा तेज नशे वाली थी.

मैंने अपनी जेब से सिगरेट निकाली और बिना उनसे पूछे सुलगा ली.

वे मुझे सिगरेट पीते हुए देखने लगीं.
मैंने उनकी तरफ बढ़ा दी.
वे मेरे हाथ से सिगरेट लेकर फूंकने लगीं.

मैंने सिर्फ उन्हें वासना से देखा और अपने लंड को उठने से रोकने की कोशिश करने लगा.

हम दोनों बातचीत करते हुए और सिगरेट के साथ बीयर की धीरे धीरे चुस्कियां लेते हुए मजा ले रहे थे.
इस तरह से हम दोनों 40 मिनट तक बीयर पीते रहे.

बीयर का नशा गहराने लगा था.

एक एक बोतल खत्म होने के बाद वे हम दोनों के लिए एक एक बीयर और ले आईं.

साथ ही खाने को भी कुछ नमकीन काजू भी ले आईं.

अब हम दोनों पर बीयर का नशा सवार हो गया था.

तभी वे एकदम से बोलीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड रही है क्या?
मैंने भी जो सच था, बता दिया.

अगले ही पल वे बोलीं- तभी तुमने मेरी पैंटी के साथ वह सब किया!
यह सुनते ही मेरा नशा उतर गया.

मैं उनको सॉरी बोलने लगा.
वे हंस कर बोलीं- अरे यार, इसमें सॉरी की क्या बात है. इस उम्र में ये सब होता ही है!

अब वे मेरी सेक्स लाइफ के बारे में पूछने लगीं.
तो मैंने उनसे अपने पहले सेक्स के बारे में कुछ बातें साझा की.

वे भी बताने लगीं कि पति के जाने के बाद मैं भी अकेली सी हो गई हूँ.
मैंने उनसे पूछा- जब आपका मन करता है, तो आप क्या करती हैं?

उन्होंने बताया- स्कूल में एक टीचर हैं, उसके साथ मैं लेस्बियन सेक्स कर लेती हूँ.
मैंने भी बोल दिया- आप हॉट तो बहुत हो, हर कोई आपको चाहने की उम्मीद रखता होगा!

वे मेरे एकदम करीब आकर बोलीं- क्या तुम भी?
मैंने भी हां कह दिया.

तो उन्होंने बची हुई बीयर एक ही सांस में पीकर मेरी तरफ देखा और अपने होंठों को मेरे होंठों से जोड़ दिया.
मैं भी उनका पूरा साथ देने लगा.

कब हम दोनों ने एक दूसरे के पूरे कपड़े उतार दिए, कुछ पता ही नहीं चला.

वे धीरे धीरे नीचे जाकर मेरे लंड को चूसने लगीं.

मेरे लंड का साइज काफी अच्छा है. यह 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. मेरे लिंग का टोपा काफी बड़ा है.

मैंने आज तक जिसे भी चोदा है, उसको मेरा सुपारा बहुत पसंद आया है.

कविता मैडम को भी मेरे लंड का टोपा इतना पसंद आया कि वे उसको जोर जोर से चाटने लगीं.
मैंने उनको 69 की पोजीशन में ले लिया और उनकी चूत चाटने लगा.

वे भी काफी दिनों से चुदाई के लिए तड़फ रही थीं, तो उनकी चूत से रस बहने लगा.
मैंने चुत को चाट कर साफ कर दिया.

कुछ देर बाद मेरे लंड से भी लावा बाहर आ गया जिसे कविता मैडम ने चाट कर साफ कर दिया.

वे अब उठ कर मेरी गोद में बैठ गईं और किस करने लगीं.

मेरी बोतल में कुछ बीयर बाकी थी तो मैं उसे उनके मम्मों पर डालकर मम्मों को चाटने लगा.
उनको भी बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद मैंने उनको सोफे पर सीधा लेटाया और उनकी चूत में बोतल के मुँह से बीयर डालकर बहने वाली बीयर को चाटने लगा.

इससे उनको और ज्यादा मजा आने लगा.

वे बोलीं- इतने मस्त तरीके से आज तक कभी सेक्स नहीं किया.

कुछ ही देर बाद उनकी चूत से दोबारा रस बहाने लगी.
मैं भी चूत को चाटता रहा.

अब वे मेरे लंड के लिए तड़फ रही थीं.
मैंने उनकी गांड के नीचे तकिया लगा कर चूत को थोड़ा ऊंचा किया और उसमें ठंडी बीयर भर दी.

फिर चूत पर लंड को सैट किया और जैसे ही थोड़ा सा लंड अन्दर किया, कविता मैडम आह आह आह करने लगीं.
मैंने एकदम से पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया.

वे जोर से चीख उठीं और मुझे दूर करने लगीं.
लेकिन मैं लगातार उनको चोदता रहा.

कुछ देर बाद उनको भी चुदाई का मजा आने लगा.
अब वे भी मेरा साथ अच्छे से देने लगीं.

कुछ मिनट के बाद मेरा स्खलन होने वाला था तो मैंने उनसे पूछा- रस कहां निकालूँ?
वे बोलीं- अन्दर ही डाल दो, बहुत दिनों से सूखी थी … आज तुमने बीयर और अपने वीर्य से इसको गीला किया है.

मैं भी काफी दिनों बाद सेक्स कर रहा था तो मुझे भी लंड का रस चूत में ही टपकाने में अच्छा लगा.

जवान खून था तो कुछ ही मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
वे हंसने लगीं.

मैंने उनको अपनी गोद में उठाया और झूला झुलाते हुए चोदने लगा.

वे मेरी ताकत पर फिदा हो गई थीं और मेरी कमर को अपनी टांगों से जकड़ कर लंड का मजा ले रही थीं.

इस बार मैंने मैडम को कुछ ज्यादा देर तक चोदा.

हम दोनों बाद में एक साथ ही स्खलित हो गए.
दोनों ही काफी थक गए थे तो मैं कविता मैडम के कमरे में जाकर उनके बेड पर एक साथ सो गए.

कविता मैडम ने सुबह का अलार्म लगा दिया था कि मैं कहीं लेट न हो जाऊं.

सुबह जब अलार्म बजा तो पांच बज रहे थे.
हम दोनों एक साथ नंगे सोए हुए थे.

मैडम नंगी अवस्था में बहुत गजब की माल लग रही थीं.
मैं उनकी चूत को देखने लगा.

मैडम की चूत कल से आज ज्यादा फूली हुई लग रही थी और एकदम सी लाल हो गई थी.

उनके बदन पर मेरे काटने से दांतों के निशान भी बन गए थे.
मैं मैडम की नंगी अवस्था की कुछ फोटो खींचने लगा.

उसी वक्त कविता मैडम भी उठ गईं और बोलीं- अच्छे से फोटो निकालो.
फिर वे एक सेक्सी मॉडल की तरह फोटो खिंचवाने लगीं.

उसके बाद वे नंगी ही किचन में गईं और मेरे लिए दूध गर्म करके लाईं.
मैंने गिलास उनके होंठों से लगा दिया.

वे मुस्कुरा दीं.

हम दोनों ने मिलकर सारा दूध खत्म कर दिया.

वे अब मुझसे मेरे एग्जाम सेंटर पर रिपोर्टिंग समय पूछने लगीं.

उसमें अभी कुछ समय बाकी था, तो वे बोलीं- क्यों न एक राउंड और हो जाए? उसके बाद तुम तैयार हो जाना.
मैंने कहा- हां चलो करते हैं.

हम दोनों ने बीस मिनट तक सेक्स किया और स्खलन के बाद मैं उनकी बेटी के रूम में जाकर बाथरूम में नहाने लगा.
वे भी पीछे पीछे आ गईं और हम दोनों एक साथ नहाने लगे.

नहाने के बाद हम दोनों ने बाहर आकर कपड़े पहने.
मैं उनको बताने लगा कि देखो न … किस्मत ने क्या चाहा और क्या हो गया?

वे हंसने लगीं.

बाद में उन्होंने कहा कि तुम एग्जाम देने के बाद यहीं रुक जाना और सूरतगढ़ बाद में चले जाना. हम दोनों अभी और ज्यादा मस्ती करेंगे, तुमने मुझे बहुत ज्यादा खुशी दी है.
मैं भी मान गया.

एग्जाम देने के बाद मैं वापस उनके घर पहुंच गया.

उन्होंने खाना बना कर रखा था और मेरा ही इंतजार कर रही थीं.
सच में दोस्तो, उस दिन पेपर भी अच्छा हुआ था और मेरा प्री-क्लियर भी हो गया था क्योंकि मेरी तैयारी अच्छी थी.

खाना खाने के बाद वे अपनी बेटियों की फोटो दिखाने लगीं.
उनकी दोनों बेटियां बहुत ही हॉट थीं.

मैंने उनसे कहा- ये दोनों तो एकदम मस्त माल लग रही हैं. ये आपकी बेटियां तो नहीं लगती हैं.

वे हंसने लगीं. उन्होंने बताया कि मैं इनकी मौसी हूँ. दीदी एक्सीडेंट से मर गई थीं तो जीजा जी से मैंने शादी कर ली थी.

अब मुझे समझ आया कि चौंतीस साल की कविता का उनकी बेटियों से क्या रिश्ता था.
फिर कविता मैडम ने अपनी उस सहेली की फोटो दिखाई जो उनके स्कूल में ही टीचर है.

वह भी एकदम कांटा माल थी.
मैंने उसकी तारीफ़ की तो वे उसे सेक्स करने के लिए बुलाने की पूछने लगीं.

मैंने कहा- मेरी एक इच्छा और भी है, अगर आप बुरा न मानो तो कहूँ!
वे बोलीं- हां कहो!

मैंने कहा- मैं आपकी बड़ी बेटी काव्या को भी चोदना चाहता हूँ.
वे भी इस शर्त पर मान गईं कि अगर उसका मन होगा, तो मुझे क्या आपत्ति हो सकती है.

उसके बाद मैंने कविता मैडम के साथ दो बार सेक्स किया और अपने जाने की तैयारी करने लगा.
शाम को वे मुझे बस स्टेंड तक छोड़ने आईं. उन्होंने बिना बताए कुछ पैसे मेरे बैग में डाल दिए.

मैं समझ नहीं पाया कि उन्होंने मेरे बैग में क्या डाला था.
मैंने उनसे पूछा- उस पैकेट में क्या है?

वे- तुमने बहुत समय बाद मुझे जवानी वाला सुख दिया है. उसके एवज में मैं तुम्हें कुछ गिफ्ट देना चाहती थी. तुम अपने मन की खरीद लेना.
फिर मैं कविता मैडम से गले मिलकर अपनी बस में बैठ गया और सूरतगढ़ के लिए रवाना हो गया.

अगली सेक्स कहानी भी जल्दी ही बताऊंगा, जिसमें कविता मैडम की सहेली स्कूल टीचर शीला मैडम को मैंने कैसे चोद कर सुख दिया.

फिर कविता मैडम को अपने साथ लेकर जयपुर गया और मैडम को कैसे चोदा.
उनकी बेटी से अभी सैटिंग नहीं जमी है, जैसे ही उसे चोदूँगा, आपको जरूर बताऊंगा.

दोस्तो, मेरी इस हॉट टीचर Xxx चुदाई कहानी कैसी लगी? आप सभी मुझे मेल और कमेंट करके जरूर बताएं.
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