सिसकियाँ
(Siskiyaan)
मेरा नाम श्रेया आहूजा है, चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ ! आज मैं आपको अपनी लाइफ स्टोरी बताने जा रही हूँ !
पहले मैं अपना विवरण देना चाहूंगी : अत्यंत गोरी चिकनी हूँ कमर बहुत पतली लेकिन बुंड थोड़ी चौड़ी है !
मम्मे बिल्कुल गोल गोल हैं जब ब्रा के बिना टी-शर्ट पहनती हूँ तो मम्मो का उछाल देखकर लड़कों के छक्के छूट जाते हैं ! वैक्सिंग के बाद मेरा जिस्म और भी खिल जाता है ! बुंड के बाल मैं नहीं निकलवाती क्यूंकि सेंसिटिव हूँ !
स्कूल का आखिरी दिन था, मेरा बॉय फ्रेंड मुझे स्पोर्ट-रूम में ले गया और मुझे चूमने लगा ! पता नहीं कब मेरी पैंटी के अन्दर ऊँगली डाल कर मेरी फुद्दी में आग सुलगाने लगा …
नहीं अखिल ! रुक जाओ प्लीज़ …
श्रेया तुम भी ना ..? मज़े लो ना ! फिर कहाँ मौका मिलेगा …
उसने मेरा स्कर्ट ऊपर किया और पैंटी उतारने लगा …
नहीं अखिल ! आह ..
यह क्या … पैड ..? ओह पीरियड आ रहे हैं क्या .. ??
कह कर मेरी पैड फेंक दी …
ओह्ह नहीं… !
तभी पीटी सर अन्दर आ गए ….
यह क्या हो रहा है अखिल ??
उसने मुझे ऊपर से नीचे देखा …
मेरी पतली टाँगें और भरी हुई जाँघें … मेरी चिकनी फुद्दी और गोरी चिकनी बुंड देखकर चुप हो गया ..
अब स्कूल गर्ल का फिगर कैसा होगा आप समझ लें ..
अखिल आई विल सस्पेंड यू !! पीटी सर नाराज़ होकर बोले …
मैं इसी बीच अपने पैंटी लेकर भाग निकली।
पीटी सर मेरे घर के पास ही रहते थे …
डील डौल तो अच्छा था, लेकिन एक परेशानी थी- उसके शरीर में बाल बहुत थे ! मानो भालू जैसा …
कुछ महीने गुज़र गए …
एक दिन मैं अपने गार्डन में टेनिस खेल रही थी … छोटी सी स्कर्ट और स्पोर्ट्स ब्रा पहनकर …
मुझे पता था कि वो गेट से मुझे देख रहा था …
मैं जानकर झुकी … अपनी लाल पैंटी दिखाने के लिए …
अगले ही दिन वो मेरे घर आया …
घर में कोई नहीं था, सब शादी में गए हुए थे ..
मैं गार्डन में पौधों को पानी दी रही थी ..
श्रेया ! कालोनी में टेनिस मैच होने जा रहा है ! क्या तुम खेल रही हो ??
मैंने कहा- नहीं सर ! असल में सर … !
यह फॉर्म भरो …
मैं झुककर फॉर्म भरने लगी ..
वो मेरे अध-खुले मम्मों को देखने लगा..
क्या हुआ सर ?
कुछ नहीं चलता हूँ श्रेया …
मैंने कहा- कुछ पियेंगे ??
उसने कहा- हाँ दूध .. डेयरी फ्रेश ..
मैं समझ गई …
घर में कोई नहीं था, मैंने अपने मम्में बाहर निकाल लिए टी शर्ट से ! क्यूंकि मैं हर वक़्त ब्रा नहीं पहनती ..
वो उसे बच्चे की तरह पीने लगा …
आह्ह अहह ! मेरी सिसकियाँ निकलने लगी …
उसने मेरी पैंटी में ऊँगली डाली !
आह सर ! बस भी करो … !
क्यूँ अखिल को तो नहीं रोकती …? बता दूँ क्या घर पे ?
मैं डर गई और वहीं गार्डन में लेट गई, शाम हो रही थी घर पर कोई नहीं था ..
उसने मुझे नंगा कर दिया था …
सर बेडरूम में चलें? यहाँ नहीं.. मुझे शर्म आ रही है !
उसने एक ना सुनी और मेरी टांगें फैला दी … जब मैंने उसका लंड देखा तो मैं डर गई .. ओह नहीं इतना बड़ा ? मैं मर जाउंगी !!
उसकी बालदार मोटी मोटी जांघें और उसके विशाल लंड में उभरी नसें देख मैं उठने लगी- नहीं मुझे जाने दो ..
लेकिन उसने मुझे उठने नहीं दिया और बड़े प्यार से मुझे बच्चो की तरह उठाया … तुम्हारी उम्र क्या है ?
आह अठारह ..
कितनी बार चुदवा चुकी हो इसे ? उसने मेरी फ़ुद्दी में उंगली डालते हुए पूछा।
ओह, कभी नहीं ! मेरी फुद्दी कुँवारी है ..
कहकर मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया ..
अह ! श्रेया ! आह !
उसकी सिसकियाँ सारे गार्डन में गूंजने लगी ..
उसने मेरी टांगें फैलाई …
चोदो ना जल्दी सर … अहह ! लेकिन आराम से करना !
मेरा पानी जांघों से बह रहा था !
उसने “कैसा बॉय फ्रेंड है जो इस रेशम सी कोमल लड़की को कुँवारी छोड़ा हुआ है .. कहकर अन्दर डाला !
अहह अह्ह्ह बस और अन्दर नहीं !
बेबी, अभी तो सिर्फ टोपा गया है … लम्बी लम्बी सांसे लो ..
अह्ह्ह बस अब्ब नहीं सहा जा रहा ..
उसने मेरी गाण्ड को एक एक हाथ में उठाया और मुझे पेलने लगा ..
आह और .. और चोदो सर ! बस थक गए क्या ?
हम दोनों स्खलित हो गए …
अहह ! मेरी सिसकियों से सारा जहाँ गूंज उठा ..
मेरी नींद आधी रात को टूटी …
सर जा चुके थे .. मेरी फुद्दी में उसके वीर्य के अलावा खून के दाग भी थे जो जांघों के नीचे लकीर की तरह बह के जम चुके थे …
मैंने गार्डन के वाटर पाइप से साफ़ कर लिया उसे ..
मैं पहली बार चुदी थी ..
बाद में कितने आये कितने गए ! लेकिन पीटी सर जैसा कोई ना था ..
आइ मिस माय फर्स्ट सेक्स …
आई मिस यू सर !
आपकी
श्रेया आहूजा
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