लंगोटिया यार का स्वागत बीवी की चूत से-4
(Langotiya Yar Ka Swagat Biwi ki Chut se- Part 4)
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दीपा पागलों की तरह मनोज का लंड चूस रही थी क्योंकि नीचे सुनील ने उसकी चूत में अपनी जीभ से आग लगा दी थी.
पर हाय री किस्मत … तभी घंटी बजी …
दीपा बोली- डिनर आ गया.
मनोज सुनील को दीपा के पास अकेला छोड़ना नहीं चाहता था क्योंकि वो जानता था कि उसके हटते ही सुनील दीपा की चूत में घुस जाएगा और मनोज वह पल देखने से चूक जाएगा, जिसकी उसे इतने दिनों से प्रतीक्षा थी.
तो उसने दीपा से कहा- चलो कपड़े डाल लो.
अब दीपा क्या कहती … उसकी चूत तो चुदने के लिए बेताब थी पर दीपा मनोज से ये नहीं कह सकती थी कि तुम जाओ मैं तो पहले चुदुंगी.
मन मारकर दीपा उठी.
घंटी दोबारा बजी … दीपा बोली- रुको, आ रही हूँ.
दीपा ने बाथरूम से गाउन डाला और पर्स लेकर आई.
सुनील और मनोज भी उठकर अपने अपने रूम में चले गए. अब एक बार रंग में भंग हुआ तो महफ़िल बर्खास्त.
मनोज ने पेग बना लिए.
जब तक दीपा डिनर लगाती, सुनील और मनोज ने एक एक पेग मार लिया. बीच बीच में दीपा ने आकर दो-चार सिप मार लिए.
डिनर लेते समय अचानक सुनील बोला- ये सतपुड़ा हिल्स कितनी दूर हैं?
मनोज ने बताया कि 5-6 घंटे का रास्ता है.
सुनील का मन था वहां जाने का. दीपा भी झट तैयार हो गयी क्योंकि सतपुड़ा हिल्स में अपनी चूत फड़वाने का अलग ही मजा आएगा.
तो ये तय हुआ कि चूंकि कल सन्डे है तो मनोज सोमवार की छुट्टी लेगा. कल सुबह 5-6 बजे निकल चलते हैं और सोमवार को शाम तक वापिस आ जायेंगे क्योंकि रात की सुनील की फ्लाइट है.
डिनर से फ्री होते होते रात के 10 बज गए. सामान भी लगाना था, सुबह जल्दी निकलना था. दीपा को टेंशन हो रही थी. उसने सुनील और मनोज को कहा- आप सुनील के रूम में जाकर गप्पें मारो, तब तक में तैयारी कर लूं.
दीपा ने जल्दी से ढेर सारे स्नैक्स, बियर, व्हिस्की, सिगरेट और जो कुछ भी हाथ लगा पैक कर लिया. अब बारी आई कपड़ों की … तो उसने अपनी नयी ड्रेस्सेस, शॉर्ट्स, टॉप वगेरा रखे और मनोज के भी कपड़े रखे.
11 बजते बजते दीपा ने सारे काम निबटा लिए.
ड्राइंग रूम में झाँक के देखा तो सुनील और मनोज सोफे पर ही सो गए थे.
दीपा चुपके से जाकर लाईट बंद कर आई और अपने रूम में आकर सो गयी. सुबह का 4 बजे का अलार्म लगा लिया था उसने.
रात को 2 बजे करीब मनोज ने आकर उसे दबोच लिया, वो सेक्स के मूड में था पर दीपा ने उस से कहा कि कल सतपुड़ा में जम कर सेक्स करेंगे, अभी सो जाओ, तुम्हें ड्राइव भी करना है.
मनोज चूमा चाटी करके मन गया.
अगले दिन निकलते निकलते 6 बज गए. दीपा ने माइक्रो शॉर्ट्स पहनी थी यानि जरा सी ऊपर सरकाओ तो सीधे चूत के मुंहाने पर.
मनोज और सुनील शॉर्ट्स और टी शर्ट में थे.
दीपा ने सुबह जल्दी उठकर पूड़ी सब्जी बना ली थी क्योंकि मनोज को बाहर निकलते ही पूड़ी आलू याद आते हैं.
सुबह सब ने कॉफ़ी ली और सिगरेट के गुबार उड़ाते वड़ोदरा से निकले. रास्ते भर नॉन वेज जोक्स चलते रहे. दीपा के होंठ और गाल तो दो दो मर्दों के चूमते चाटते थक गए. वो तो भला हो कि रास्ते में उसके मम्में सिर्फ दबे, टॉप उतरी नहीं! वर्ना उनके लंड तो रास्ते में ही खाली होने को तैयार थे.
और उनके लंड ही क्या खुद दीपा की चूत रात से नाराज थी, गर्म चूत पर जैसे बर्फ का पानी पड़ गया था. अब दीपा का मन भी कर रहा था कि सुनील उसे कस के पकड़ ले और चोद दे.
उसने तो एक बार हंस कर कह भी दिया- मैं तो रात भर तुम्हारा इंतज़ार करती रही.
2 बजे तक ये लोग सतपुड़ा हिल्स पहुंचे. क्या खूबसूरत समां था. सीधे हनीमून पॉइंट गए … वहां तो जिसको देखो चिपटाए खड़ा था … खुले आम चूमा चाटी हो रही थी.
अब दीपा की आफत … कभी सुनील चिपटाए कभी मनोज!
पब्लिक प्लेस पर तो वो ये भी नहीं कह सकती कि चलो दोनों आ जाओ.
चारों ओर जवां जोड़े अपने प्यार का इजहार कर रहे थे.
दीपा जब हॉस्टल में थी तो उसने एक पोर्न फिल्म देखी थी जिसमें दोस्तों का एक ग्रुप घूमने गया था और वहां सभी ने ग्रुप सेक्स किया. तभी से उसके मन में एक ललक थी कि एक साथ दो लंडों का मजा कैसा होता होगा.
चलो शायद ये सपना भी आज पूरा होगा.
देर शाम तक वे लोग अपने पहले से बुक होटल में आ गए. मनोज ने दो कमरे ऐसे बुक कराये थे जो अंदर से आपस में खुलते थे.
होटल में पहुँच कर दीपा मनोज अपने रूम में चले गए, सुनील अपने रूम में. ये तय हुआ कि एक घंटे सोया जाए, फिर फ्रेश होकर फिर घूमने चलेंगे.
रात को हिल स्टेशन पर घूमने का आनंद ही कुछ और होता है … मौसम ठंडा … सर्द हवा … साथ में गर्म जिस्म … चिपकने में मजा आ जाता है.
कहीं कहीं बेन्च पड़ी थीं … जवान जोड़े चूमा चाटी में लगे थे.
दीपा की बड़ी आफत … पहले तो मनोज ने चूम चूम कर उसकी लिपस्टिक खराब कर दी… फिर वो सिगरेट लेने के लिए इधर उधर हुआ तो सुनील ने होंठ जड़ दिए.
घूम फिर के वे लोग थक गए तो एक रेस्तरां में डिनर लिया और होटल वापिस.
9 बज गए थे. रात पूरी जवां थी. अरमान उफान पर थे … अधूरी कहानी पूरी करनी थी.
दीपा मनोज अपने कमरे में गए और सुनील को बोल दिया- ड्रिंक करेंगे, तुम भी रूम में आ जाना कपड़े बदलकर!
मनोज ने रूम में पहुंचकर दीपा पर चुम्बनों की बरसात कर दी.
दीपा बोली- यार, मुझे कपड़े तो बदलने दो!
पर मनोज ने तो उसे नंगी कर बेड पर पटक दिया और उसकी चूत में जीभ घुसा दी.
दीपा को भी आग लग गयी पर वो बोली- मुझे 5 मिनट दो, मैं नयी वाली नाईट ड्रेस पहनती हूँ, फिर रात भर सेक्स करेंगे.
मनोज ने दीपा को छोड़ दिया और दोनों वाशरूम में घुस गए; शावर लेकर बाहर आये.
मनोज को तो क्या तैयार होना था. उसने बरमूडा और टी शर्ट डाली, पर दीपा को तो सुहागरात के लिए तैयार होना था. वो नाईट ड्रेस और मेकअप किट लेकर वाशरूम में घुस गयी.
जाते जाते उसने मनोज से कहा- डार्लिंग, एक सुट्टा तो लगवा दो.
मनोज ने सिगरेट जला कर उसे वाशरूम में ही दी क्योंकि सुनील आने वाला था. दीपा ने दो चार सुट्टे मार कर सिगरेट मनोज को लौटा दी और वाशरूम का दरवाजा लॉक कर लिया.
बाहर सुनील आ गया. मनोज ने पेग बनाये और सुनील को दिए. सुनील ने इशारे से दीपा के लिए पूछा तो मनोज बोला- तैयार हो रही है.
दोनों दोस्त गप्पें मारते हुए ड्रिंक्स का मजा ले रहे थे.
तभी दीपा बाहर आई … क्या परी सी लग रही थी. ड्रेस तो इतनी सेक्सी थी कि सुनील कि क्या औकात … मनोज भी लट्टू हो गया.
दीपा ने अपने नेल पेंट से लेकर हेयर बेंड सब लाल रंग के कर रखे थे.
उसने आते ही मनोज को और सुनील को एक लाईट किस दिया और अपना पेग लेकर बेड पर बैठ गयी क्योंकि रूम में दो ही कुर्सी थीं.
मनोज बोला भी कि मेरी गोद में बैठ जाओ.
तो दीपा बोली- तुम मर्दों की गोद में आराम नहीं मिलता. एक मिनट में ही नीचे से हमला शुरू हो जाता है.
मनोज ने कुछ हैवी स्नैक्स आर्डर कर दिए थे, ताकि डिनर की जरूरत ख़त्म हो जाये.
वेटर सामान ले आया. तीनों नीचे बैठ गए. जाम के साथ नमकीन काजू, कटलेट्स, हनी चिल्ली पोटैटो, यानि कुल मिला कर पेट भरने का पूरा इंतजाम.
मनोज ने टीवी पर अपनी पेन ड्राइव से एक पोर्न मूवी चला दी.
दीपा झल्लाई- ये क्यों लगा दी?
पर मनोज नहीं माना, सुनील भी बोला- चलो पांच दस मिनट देख लेते हैं, फिर बंद कर देंगे.
दीपा को सुनील के सामने देखना अच्छा नहीं लग रहा था, वो उठ कर बेड पर लेट गयी.
अब मनोज ने भी सोचा कि कहीं बात ना बिगड़ जाए तो उसने टीवी बंद कर दिया और दीपा को मन कर उठाने की कोशिश की.
पर दीपा बोली- मैं थक गयी हूँ अब सोऊँगी.
मनोज ने सुनील की ओर देखा कि ये तो मामला खराब है.
पर मनोज को मालूम था कि दीपा कैसे ठीक होगी. वो दीपा के एक ओर लेट गया और दीपा के मुंह से मुंह लगा कर सॉरी बोला और कहा- मूड मत खराब करो.
सुनील ने ‘जरा जरा बहकता है मेरा मन …’ गाना अपने मोबाईल पर चला दिया और कमरे की लाईट बहुत धीमी कर दी. मनोज के कहने पर वो भी बेड पर दीपा के दूसरी ओर लेट गया.
कमरे का माहौल धीरे धीरे रूमानी होता जा रहा था. सुनील ने दीपा के पेट पर हाथ रखा, उसने कुछ नहीं कहा. फिर सुनील ने अपना हाथ उसके मम्मों की ओर बढ़ाना चाहा तो दीपा ने हाथ पकड़ लिया पर पेट से हटाया नहीं.
मनोज ने धीरे से उसके कान पर से बाल हटाये और कान को जीभ से चाटा और दांत से दबाने की कोशिश की.
दीपा हंसती हुई उठी, बोली- मुझे तंग मत करो.
यह तो तय था कि वो अब नार्मल हो गयी थी.
मनोज ने उसे वापिस लिटा लिया और बोला- चलो- कुछ नहीं कहेंगे.
दीपा को मालूम था कि क्या कुछ नहीं कहेंगे, बस अभी थोड़ी देर में ही सब कुछ कहेंगे और करेंगे.
वो बोली- लाईट बंद कर दो और सो जाओ.
सुनील उठा और लाईट बंद कर दी.
कमरे में घुप्प अँधेरा हो गया तो दीपा बोली- वाशरूम का दरवाजा हल्का सा खोल दो, थोड़ी रोशनी आ जाएगी.
सुनील ने दरवाजा हल्का सा खोला, उससे इतनी रोशनी हो गयी कि बस अहसास हो जाए उठने बैठने का.
अब सुनील भी बेड पर आ गया और सीधा अपने होंठ दीपा के होंठ से मिला दिये. पीछे से मनोज ने भी उसके गाउन के अंदर हाथ डाला और पहले तो मम्मे दबाये फिर एक हाथ से उसकी जांघ सहलाने लगा.
सुनील ने दीपा के गाउन के अंदर हाथ डाला तो दीपा ने उसका हाथ पकड़कर बाहर कर दिया और उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गयी और होंठों से होंठ मिला कर चूसने लगी.
मनोज उठा और उसने दीपा का गाउन उसके शरीर से अलग कर दिया.
दीपा सुनील को छोड़ अब मनोज से चिपट गयी. उसने एक हाथ पीछे किया और सुनील को भी चिपटने का इशारा किया. पीछे से सुनील भी उससे चिपटा तो दीपा ने अपना एक हाथ पीछे करके सुनील का लंड पकड़ लिया.
मनोज ने दीपा की ब्रा ऊपर करके उसके मम्मे निकाल दिए और उन्हें चूसने लगा. सुनील ने भी मौका देख कर दीपा की पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी चूत जो पानी छोड़ रही थी, में उंगली कर दी और जोर जोर से मालिश करने लगा.
अब दीपा मस्त हो चुकी थी, वो बोली- सुनील और तेज करो ना!
मनोज उठा और अपने सारे कपड़े उतार कर अपना लंड उसने दीपा के मुंह में दे दिया. अब दीपा मुंह से उसका लंड चूस रही थी और सुनील नीचे उसकी चूत चूस रहा था.
सुनील ने उसकी टांगें चौड़ा रखी थीं और जीभ पूरी उसकी चूत में थी. जैसे जैसे सुनील स्पीड बढ़ता वैसे वैसे ही दीपा मनोज का लंड लप लप करती. सुनील आगे हाथ बढ़ा कर उसके मम्मे मसल रहा था.
अब दीपा को ध्यान आया कि मनोज कहता है सुनील का लंड बड़ा और मोटा है तो क्यों न चूसा जाए.
तो दीपा ने मनोज का लंड बाहर निकाला और बैठने की कोशिश की.
अब मनोज नीचे लेट गया. दीपा ने अपनी चूत तो उसके मुंह पर रख दी और सुनील का अपनी ओर खींच कर उसका बरमूडा नीचे खींचा और लंड को आज़ाद किया. हालांकि अभी थोड़ी देर पहले ही दीपा ने सुनील का लंड हाथ से मसला था.
पर अब वो मूसल सा लंड उसके हाथ में था और उसने उसका सुपारा चाटना शुरू किया. फिर धीरे धीरे उसका टोपा खला और पूरा लंड मुंह में ले लिया. सुनील का लंड निश्चित ही मनोज के लंड से बड़ा और मोटा था. दीपा के हलक तक जा रहा था और दीपा को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी. पर लंड की चाहत एसी होती है कि चाहे सांस बंद हो जाए जब तक वो चूत चोद नहीं लेता, दोनों में से कोई रुकता नहीं.
जल्दी किसी को कोई थी नहीं … दीपा ने मनोज को भी आगे खड़ा किया और अपने दोनों हाथों से एक एक लंड पकड़ लिया. कभी एक लंड कभी दूसरा. वो लोलीपॉप की तरह उन्हें चूसती रही. सुनील और मनोज भी उसके मम्मे मसलते रहे.
अपने मम्मों के बीच में सुनील का लंड रखकर दीपा ने उसकी मालिश करी तो सुनील को तो लगा कि वो छूट ही जाएगा.
अब दीपा भी खड़ी हो गयी. तीन नंगे जिस्म गुत्थम गुत्था को तैयार थे. सुनील और मनोज ने खड़े खड़े ही दीपा को अपने बीच में सैंडविच बना रखा था. दीपा कभी सुनील के होंठ चूमती, कभी मनोज के.
अब सब बेड पर आ गए और पहले मनोज ने दीपा की टाँगें चौड़ी की और अपना लंड पेल दिया.
आज मनोज को भी जोश पूरा था. थोड़ी देर की धकापेल के बाद वो अलग हुआ तो सुनील ने धावा बोल दिया.
हालांकि दीपा की चूत पूरी चिकनी पड़ी थी पर सुनील का धक्का इतना जोर का था कि दीपा ने आँखें बंद कर ली और चीख पड़ी. सुनील ने लंड निकालना चाहा पर दीपा ने अपने नाखून उसकी पीठ पर गड़ा दिये और अब सुनील की तूफ़ान मेल शुरू हो गयी.
दीपा की ‘उहं … आह … मजा आ गया … और जोर से करो सुनील …’ ऐसी वासनामय सिसकारियों से पूरा कमरा भर गया.
सुनील ने 5-7 मिनट की रेलमपेल क बाद अपना माल दीपा की चूत में ही निकाल दिया और थक कर एक ओर लेट गया.
मनोज का लंड अभी तना खड़ा था, थक तो दीपा भी गयी थी पर मनोज का निकालना भी जरूरी था.
अब मनोज ने दीपा की टाँगें चौड़ी की, दीपा ने तौलिये से अपनी चूत साफ़ करी. पर सुनील ने माल इतना निकाला था कि उसकी चूत से लावा जैसा निकल रहा था.
दीपा मनोज से बोली- रुको, मैं धोकर आती हूँ.
वह वाशरूम में गयी और क्लीन करके और पौंछ कर आई.
मनोज बोला- आज तो मुंह से ही निकाल दो.
दीपा मुस्कुराई. उसे मालूम था कि मनोज को चुसवाना बहुत पसंद है और दूसरे मर्द के वीर्य के ऊपर उसका पति नहीं निकालना चाहता.
दीपा ने पूरे मन से मनोज का लंड चूसना शुरू किया और वो मनोज को जल्दी ही इस स्थिति में ले आई कि मनोज चीखने लगा- मेरा निकलने वाला है.
उसका लंड दीपा ने मुंह से निकाला और अपने मम्मों पर सारा माल गिरवा दिया. और फिर लंड को चाट कर साफ़ कर दिया.
तीनों संतुष्ट हो गए थे और ऐसे ही नंगे बेड पर पड़े रहे.
दीपा ने सिगरेट जला ली और एक ही सिगरेट से तीनों ने सुट्टे मारे.
रात अभी बाकी थी. अभी तो तीनों थक कर ऐसे ही सो गए.
रात को दीपा की आँख खुली, वो वाशरूम गयी, आई तो देखा सुनील भी आँख मिचमिचा रहा है.
दीपा ने उसका तना हुआ लंड फिर मुंह में ले लिया. मनोज सो रहा था.
सुनील के भी मन में दीपा के साथ अकेले सेक्स करने का मन था. उसने दीपा को खींच कर सोफे पर लिटाया और उसकी टाँगें फैला कर घुस गया उसकी चूत में.
सुनील का मोटा लंड धमाल मचा रहा था. दीपा को उसने हर एंगल से चोदा और इतना चोदा कि दीपा की सिसकारियों से मनोज की आँख खुल गयी.
वो बोला- अरे अकेले ही शुरू हो गए? मुझे उठा लेते!
मनोज भी आ गया. उसका लंड भी तैयार था. उसने दीपा को घोड़ी बनाया और अब पीछे से उसकी चूत में मनोज ने अपना लंड घुसा दिया.
दीपा के मुंह में अब सुनील का लंड था. मनोज के हर धक्के का हिसाब दीपा की जीभ सुनील के लंड से लेती.
थोड़ी देर में ही सुनील ने अपना फव्वारा दीपा के मुंह में ही छोड़ दिया और उधर मनोज ने भी अपना माल दीपा की चूत में गिरा दिया.
दीपा चीखी- अरे होटल वाले नाराज होंगे!
क्योंकि उसके मुंह और चूत से सुनील और मनोज का माल मीचे फर्श पर टपक रहा था.
दीपा वाशरूम में भागी.
वो फ्रेश होकर आई और बोली- अब मुझे सोने दो … कल मैं कहीं नहीं जाने वाली. सुबह देर तक सोयेंगे और फिर सीधा वापिस वड़ोदरा चलेंगे.
सुनील ने उनसे यह वायदा लिया कि वो दोनों जल्दी ही दुबई आयेंगे और वहां सुनील की वाइफ को भी इसमें जोड़ेंगे और चारों मस्ती करेंगे.
दोस्तो, कैसी लगी आपको दीपा की मस्ती!
यह कहानी बिल्कुल सच्ची और एक हफ्ते पुरानी है. इसको लिखने में दीपा ने मुझे कितनी ही बार मेल किये.
उम्मीद है आप सभी को कहानी पसंद आएगी.
लिखियेगा मुझे : [email protected]
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