चालू मौसी की मस्त चुदाई- 3

(Xxxsex With Bhabhi Mausi)

अक्की 09 2024-12-04 Comments

Xxxsex भाभी के साथ करके मजा लिया मैंने. वे मेरे पड़ोस में रहती थी और एक महीना पहले ही उनकी शादी हुई थी. उन्होंने मुझे मेरी मौसी की गांड मारते देख लिया था.

दोस्तो, मैं अक्की एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी में आप सभी का स्वागत करता हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
चालू मौसी की मस्त गांड मारी
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि रात को मैं मौसी के साथ सेक्स का मजा ले रहा ही था कि तभी पड़ोस के बंटी भैया आ गए और उन्होंने हम दोनों की गांड चुदाई की वीडियो दिखाते हुए मौसी की गांड चुदाई की मांग की.

मौसी राजी हो गईं और उन्होंने बंटी भैया के मोबाइल से उस वीडियो को डिलीट कर दिया.

अब आगे Xxxsex कहानी:

इसके बाद बंटी भैया जल्दी से मौसी को किस करने लगे.
मौसी उन्हें अपने से दूर हटाती हुई बोलीं- आप सिर्फ मेरी गांड ही मारना चाहते हो न, तो इसकी कोई जरूरत नहीं है. अगर उससे ज्यादा कुछ चाहिए तो चले जाओ, अब तो वीडियो भी डिलीट हो गई है.

अब बंटी भैया के पास शायद कोई आप्शन नहीं बचा था, इसलिए वे मुझसे बोले- अक्की, यार बड़ी मादरचोद माल पटाए हो.

मौसी अपनी नाईटी थोड़ी ऊपर करके पैंटी को निकाल कर फेंकती हुई बोलीं- चल आ जा भड़वे … तू भी क्या याद करेगा कि किसी बात वाली से पाला पड़ा था. पर सुन ले बे लौड़े … मेरी गांड मारने से पहले तुझे मेरी चूत चाटनी पड़ेगी!

घड़ी में टाइम देखते हुए बंटी भैया बोले- ठीक है साली, तेरी यह ख्वाहिश भी पूरी कर देता हूँ, लेकिन तेरी गांड मारे बिना वापस नहीं जाऊंगा.

वे घुटनों के बल बैठ गए.
मौसी ने अपनी एक टांग उनके कंधों पर रख दी और अपनी नाईटी ऊपर कर ली.

फिर मौसी मुझे पकड़ कर अपनी तरफ खींचती हुई मुझे किस करने लगीं.

मैं भी उनके चूचों को बड़े बेरहमी से दबाते हुए किस करने लगा.

धीरे-धीरे एक हाथ से उनकी गांड को दबाते हुए नाइटी के ऊपर से ही उनकी गांड की दरार में अपनी उंगलियां चलाने लगा, जिससे मौसी रह रह कर सिहर जा रही थीं.

मौसी- हाय … मजा आ गया!
बंटी भैया भी उनकी चूत में अपनी जीभ को अन्दर तक डाल कर चूसने लगे जिससे मौसी बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगीं.

वे ‘ऊऊह … उईईई …’ करती हुई उनके सर को पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगीं.

समय की नजाकत को देखते हुए बंटी भैया उनकी चूत के नीचे से हट कर अपनी पैंट को खोलने लगे.

मौसी की चूत में आ लग गई थी.
मौसी ने मेरे लोवर को घुटनों तक नीचे सरका दिया और अपनी एक टांग को मेरी कमर तक उठा लिया.

फिर मेरे लंड को अपनी पानी से गीली चूत पर रखकर पूरी ताकत से अन्दर तक घुसवा लिया.

लंड अन्दर घुसते ही वे मुझे गाली देने लगीं- साले … बहनचोद फाड़ दे मेरी चूत को … आंह और जोर … से आंह.
वे खुद ही अपने कमर को झटका दे कर चुदवाने लगीं.
मैं बस उन्हें संभाले हुए उनके चूतड़ों से खेल रहा था.

बंटी भैया अपना लंड हाथ में लिए हम दोनों को गुस्से से देख रहे थे.
मौसी पूरे जोश में सिसिया रही थीं- आंह फाड़ डाल … उईई ऊऊ मर गई रे … आंह और जोर से कर न … फाड़ डाल!

पूरे कमरे में उनकी सिसकारियों की आवाज और थप थप की आवाज गूंजने लगी.
बंटी भैया ने मौसी के पीछे आकर खड़े होकर मुझे इशारा किया कि इसकी गांड फैला, एक साथ चोदेंगे.

मेरी मौसी इतनी बड़ी छिनाल थीं कि मैंने बिना कुछ सोचे उनकी गांड को अपने दोनों हाथों से फैलाया और उनकी चूत की चुदाई करने लगा.

मौसी कुछ समझ पातीं, उससे पहले बंटी भैया ने उनकी गांड में अपना लंड घुसा दिया.

वे दर्द से चिल्लाने लगीं- आहह … साले कुत्ते बाहर निकाल अपने लंड को … आंह मेरी गांड फट गई … आंह दर्द हो रहा है … लंड बाहर निकाल मादरचोद फट गई मेरी गांड!

आगे से उनकी चूत में मेरा लंड और पीछे से उनकी गांड में बंटी भैया का लंड था.

वे चिल्लाए जा रही थीं- उह्ह्ह् साले निकाल इसको … आहह मर गई मैं … लंड निकाल भोसड़ी के बाहर आंह निकाल आह कमीने!

हम दोनों बिना रुके एक साथ उनकी सैंडविच चुदाई करने लगे.

दर्द से उनकी हालत तो बिल्कुल खराब हो गई. आंखों से आंसू गिर रहे थे.
यह देख कर हम दोनों उन पर थोड़ी तरस खा कर रुक गए.

थोड़ी देर बाद दर्द कम हो गया तो वे अपनी गांड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगीं.
हम दोनों समझ गए कि अब यह रंडी चुदने के लिए बिल्कुल तैयार है.
बंटी भैया ने उनकी कमर को पकड़ के उनको हचक कर चोदने लगे.

अब मौसी भी मजे में कहने लगीं- आईई … ऊईई … उफ्फ … और जोर … और जोर से!
वे कामुक सिसकारियां लेने लगीं और एक साथ चूत और गांड मराने का खुल कर मजा लेने लगी थीं.

मौसी अपनी कामुक आवाज में बोलने लगीं- आहह उन्ह चोदो सालो … चोद और जोर से चोद, फाड़ दो मेरी गांड और चूत को … चोद कर भोसड़ा बना दो … आज मेरी गांड को फाड़ दो.

तभी दरवाजे पर पुनः किसी की आहट पाकर हम तीनों अलग होते हुए अपने कपड़ों को सही करने लगे.

शायद मैं गेट बंद करना भूल गया था.

मैंने देखा कि काले रंग की टॉप पहनी हुई, जो घुटनों के ऊपर तक ही था, एक शादीशुदा बेहद ही खूबसूरत लड़की हम तीनों को बड़े ही गुस्से से देख रही है.

हम लोग कुछ समझ पाते उससे पहले, वह लेडी बंटी भैया के पास गई और दो चांटा खींच कर मारती हुई बोली- जब आज सुबह में तुम रिकॉर्डिंग कर रहे थे, तभी मुझे लगा था कि तू इस छिनाल को चोदने जरूर जाएगा.

वह मौसी को गंदी गंदी गालियां देते हुई बोली- पता नहीं क्या है इसकी बुर में जो तुम्हें मेरी बुर में नहीं मिला जो यहां गांड मराने चले आए.

मैं उसे देखते हुए सोच रहा था कि हम साले मर्द ऐसे ही होते हैं. अपनी बीवी कितनी भी सेक्सी हो लेकिन बाहर मुँह जरूर मारते हैं.
खैर छोड़ो …

उनकी बीवी की बातों को सुन कर मौसी को बहुत बुरा लगा.
मौसी अपनी नाईटी निकाल कर फेंकती हुई बोलीं- जब मान ही ली हो कि मैं रंडी हूं, तो मेरी रंडीपना भी देख ही लो.

फिर मौसी घुटनों के बल बैठ कर बंटी भैया के छह इंच के लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.

माहौल बहुत ज्यादा गर्म हो गया था, भैया की बीवी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि इस रंडीपने का जबाव किस तरह से दिया जाए.

तभी बंटी भैया की बीवी गुस्से में अपने पति से बोली- चल ठीक है भड़वे साले … तू उसे चोद … मैं इस लौंडे से चुद जाती हूँ.

वे मुझे बेड पर धकेलती हुई मेरे लंड के ऊपर बैठ कर मुझे किस करने लगीं.

बंटी भैया अपनी बीवी (आरती) के पास आने के लिए जैसे भी बढ़े, मौसी तुरंत खड़ी होकर उनका लंड पकड़ कर अपनी तरफ खींच लाईं.
वे अपनी चूत की दरार में भैया का लंड रगड़वाती हुई बोलीं- एक रात की ही तो बात है, तू मुझे अच्छे से चोद ले और अपनी बीवी को भी अक्की के लौड़े से चुदने दे.

फिर मौसी ने उन्हें बेड पर एक किनारे पटका और उनको बेतहाशा चूमने लगीं.

कुछ समय बाद बंटी भैया ने मौसी को नीचे लिटाया और ताबड़तोड़ उनकी चूत की चुदाई करने लगे.

उनकी चुदाई देख कर हम दोनों भी जोश में आ गए.
आरती भाभी अपनी गांड को थोड़ी ऊपर करके अपनी पैंटी निकालती हुई बोलीं- चल अब जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दे.
फिर आरती भाभी चुदाई की पोजीशन में लेट कर अपने पति को देखने लगी.

मैंने उनकी टांगों के बीच में आकर उनकी चूत के छेद पर अपना लंड रख कर जोरदार झटका मारा, जिससे मेरा आधा से ज्यादा लंड उनकी चूत में घुस गया.

आरती भाभी चिहुँकती हुई चिल्लाईं- उई ई ईई ईई … मां … कितना मोटा है तेरा लंड!
उनकी बात सुन कर मौसी मुस्कुराती हुई बोली- हां, इसका तेरे पति से तो मोटा ही है!

तभी मैंने एक और जोरदार धक्का लगा दिया.
आरती भाभी की आंखों में आंसू आ गए.

लेकिन थोड़ी ही देर में भाभी आहहह आहहह करके मेरे लंड का मज़ा लेने लगीं.
बंटी भैया भी अपने लंड से मौसी की चूत का भरता बनाने में लगे रहे.

दोनों रंडियों के मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं- आह्हह उम्म्म आह्ह आह्ह हाय आह्हह.

इन्हीं आवाजों के साथ हम चारों चुदाई के नशे में खो हुए मजे लेने लगे.

आरती भाभी भी अपनी कमर उठा उठा कर Xxxsex में मेरा साथ दे रही थीं.
साथ ही वे चिल्ला रही थीं- आह मुझे जोर से चोदो … हां हां हां ऐसे ही चोदो … ऊह आह ओह … ओह … आऊ!

मैं भी जोश में बोल रहा था- ले ले और ले … और अन्दर तक ले … तेरी चूत प्यासी है … शायद… ठीक से चुदी नहीं है … प्यास बुझा अपनी चूत की … तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊं!

मौसी भी जोर जोर से बोल रही थी- चोदो … मुझे चोदो … जोर से चोदो … और जोर से चोदो … हां ऐसे ही मेरी चूत को फाड़ डालो … जोर जोर से झटका दो … घुसा दो अन्दर तक … पेलो पेलो और तेज पेलो मुझे … और जोर से अन्दर करो … ओह्ह आऊ … ओईई आऊओ … मुझे जोर से चोदो.

पांच सात मिनट बात हम चारों अलग हुए.
उसके बाद मौसी ने बंटी भैया को नीचे लिटाया और उनके लंड को अपनी चूत में डाल कर बैठ गईं.

फिर आरती भाभी को खड़ी करके उनके एक पैर को अपने कंधे पर रख कर अपनी जीभ को उनकी चूत में घुसा कर चूत चाटने लगीं.

मैंने भी आरती भाभी को पीछे से पकड़ लिया और उनकी दोनों चूचियों को एक साथ मसलते हुए उनके टॉप को ऊपर करते हुए निकाल कर फेंक दिया.

अब हम चारों बिल्कुल नंगे हो गए थे.

मेरा लंड भाभी की गांड की दरार में से घुस कर उनकी चूत को छूने लगा था.
इस वजह से मौसी कभी उनकी चूत चाटतीं, तो कभी मेरा लंड चाट लेतीं.

बंटी भैया भी नीचे से मौसी की कमर पकड़ कर उनकी चूत को लगातार चोदे जा रहे थे.

थोड़ी देर बाद मौसी बोलीं- अक्की, अपना लंड इस छिनाल की गांड में डाल दे.
मैंने भी देर न करते हुए भाभी की गांड पर लंड रखा और भाभी की कमर को पकड़ कर एक जोर का झटका दे मारा.
जिससे मेरा आधा लंड आरती भाभी की गांड में चला गया.

भाभी दर्द से चिल्लाने लगीं- आहह … साले कुत्ते बाहर निकाल अपने लंड को … आंह मेरी गांड फट गई … आंह दर्द हो रहा है … लंड बाहर निकाल मादरचोद फट गई मेरी गांड!

उनकी बातों को अनसुना करते हुए मैंने एक झटका और मारा और भाभी की गांड में अपना पूरा लंड उतार दिया.

भाभी चिल्लाए जा रही थीं- उह्ह्ह् साले … निकाल इसको … आहह मर गई मैं … लंड निकाल भोसड़ी के बाहर … आंह निकाल ले कमीने!

मैं उन पर थोड़ी रहम खाते हुए कुछ देर के लिए रुक गया.
मौसी उनकी चूत को अपने जीभ से सहलाने लगीं.
थोड़ी देर बाद भाभी का दर्द भी कम हो गया और वे अपनी गांड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगीं.

मैंने भाभी की कमर को पकड़ा और उनको हचक कर चोदने लगा.
अब आरती भाभी भी मजे में चिल्लाने लगी थीं- आह आईई … ऊईई … उफ्फ … मर गई … मर गई!
उनकी कामुक सिसकारियां मुझे मजे देने लगीं.

भाभी को भी गांड मराने में मजा आने लगा.
वे कामुक आवाज में बोलने लगीं- आहह उन्ह चोद साले … चोद और जोर से चोद फाड़ दे मेरी गांड को … चोद भोसड़ी के … मेरे पति से भी बड़ा लंड है तेरा … आज मेरी गांड को फाड़ दे.

उनकी बात सुन कर बंटी भैया को बहुत बुरा लगा.
वे मौसी को अपने ऊपर से हटाते हुए खड़े हुए और आरती भाभी के बालों को पकड़ कर बोले- साली … तुझे बहुत गर्मी चढ़ी है, अभी उतारता हूं.

मौसी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं.
उधर बंटी भैया सोफे पर भाभी को ले जाकर काऊगर्ल पोज में अपने लंड पर बिठाते हुए बोले- अक्की, जरा आ साथ में … इसकी गांड और चूत दोनों एक साथ मारते हैं.

मौसी उन दोनों के बीच टांग फैला कर खड़ी हो गईं, जिससे मौसी की चूत भाभी के मुँह में और उनकी गांड भैया के मुँह में लग गई.
दोनों लोग मौसी की चूत और गांड को एक साथ चाटने लगे.

मैंने भी जल्दी से भाभी की गांड में अपना लंड घुसा दिया.
वे जोर से चिल्लाईं, पर उनके मुँह को मौसी अपनी चूत में दबा कर रखी हुई थीं.

मैंने एक और धक्का देकर अपना सात इंच लम्बा लंड भाभी की गांड में पेल दिया था.
मेरा लंड गांड फाड़ता हुआ अन्दर तक चला गया.

अब भाभी की आंखों से पानी आने लगा था.
उन्होंने मौसी की चूत से अपना मुँह हटा कर उनकी कमर को कस कर पकड़ लिया.

‘ऊ.. ई… मां… मर… गई… सी… सी…’ भाभी आहें भरने लगीं.

मैं थोड़ी देर रुक कर धीरे धीरे उनकी चूचियों को मसलने लगा और चूमने लगा.
थोड़ी देर बाद उनकी की चूत और गांड का दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को चलाना शुरू कर दिया.
आरती भाभी ‘आहहह अहहह हहह’ की आवाज करके लंड लेने लगी.

बंटी भैया का भी लंड अन्दर बाहर अन्दर बाहर हो रहा था जिससे भीभी का बदन पूरा का पूरा हिल रहा था.
मौसी भी आह आह आह कर रही थीं.

थोड़ी ही देर में हम दोनों ने झटकों की रफ़्तार फुल स्पीड में कर दी और भाभी को तेज़ी से चोदने लगे.

अब उनकी चीख सिसकारियों में बदल गई, पर उन्हें भी मज़ा आने लगा.
गपागप गपागप चुदाई चलने लगी.
आहह हहह आह ऊईईई ईईईई आहह!

भाभी- आहह हहह ऊईई ईईई ऊईई मां … मर गई प्लीज धीरे धीरे करो!

मैं उनकी कमर पकड़ कर और तेज़ी से चोदने लगा.
‘आहहह हहह ऊईईई ईई आहह ऊईईई … थपथप थपथप.’ की आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा.

चारों पसीने से लथपथ हो गए थे और ‘फच्च फच्च थपथप थपथप’ की आवाज आ रही थी.

कुछ ही समय में बंटी भैया का शरीर अकड़ने लगा.
भैया ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और भाभी की चूत में भैया के लंड का पानी निकल गया.

तब तक मौसी भी झड़ चुकी थीं.
वे दोनों बेड पर जाकर लेट गए और एक दूसरे को चूमने लगे.

लेकिन अभी मेरा नहीं हुआ था तो मैं भाभी को डॉगी स्टाइल में लिए हुए फच्च फच्च करके चोदने में लगा था.

भाभी भी अपनी गांड को हिलाती हुई सिसिया रही थीं- अहह अक्की … उहह चोद आह्ह चोद दे … फाड़ दे मेरी गांड और जोर से चोद आहह … उहह …. उहह … मर गई आहह ऊईईई … मार जोर से झटके मार … आहह आआह फाड़ और फाड़.

मेरी जांघें भाभी के चूतड़ों से टकराने लगीं.
इससे वहां पर पट-पट की आवाज होने लगी.

भाभी की गांड काफी टाइट थी इसलिए करीब 20 मिनट की घमासान Xxxsex चुदाई के बाद मैं झड़ने की कगार पर आ गया.
थोड़ी देर और चोदने के बाद मैं भाभी की गांड में झड़ने लगा और पूरा माल गांड में खाली करने के बाद शांत हो गया.

फिर मैंने गांड से लंड निकाल लिया और भाभी भी हांफती हुई सीधी खड़ी हो गईं.
उनका चेहरा पूरा लाल हो गया था.
वे मुझे देख कर मुस्कुरा रही थीं.

उसके बाद हम चारों ने पूरी रात चुदाई की.
कभी एक साथ भाभी को तो कभी एक साथ मौसी को.

हम दोनों मर्दों ने चोद चोद कर सुबह तक उन दोनों औरतों की हालत खराब कर दी.

दूसरे दिन भैया विदेश चले गए.
जब तक मौसी थीं, तब तक अलग अलग तरीके से मौसी की चुदाई की और जब मौसी चली गईं, तो उसके बाद भाभी का नंबर लग गया.

फिर जब तक बंटी भैया नहीं आए, तब तक मैंने आरती भाभी की चुदाई की.

आपको मेरी यह Xxxsex कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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