चुदक्कड़ अम्मी ने बेटियों को लण्ड की शौकीन बना दिया

(Xxx Hindi Me Chudai Kahani)

इस Xxx हिंदी में चुदाई कहानी में एक चालू औरत, जिसे हर रोज लंड चाहिए, की बेटियाँ जवान हुई तो उसने अपनी बेटियों को भी लंड का मजा दिलाया. कैसे?

दोस्तो, मैं मस्ताना माहिर!
मैं अपने दोस्तों, पहचान वालों, रिश्तेदारों से उनकी चुदाई की घटनाएँ सुन कर यहाँ कहानियाँ लिखता हूँ.

मेरी पिछली कहानी थी: दो बहनों ने पति अदल बदल कर चुदाई की

ऎसी ही एक कहानी एक औरत की है जिसे मैंने कई बार चोदा है.

उसी के शब्दों में पढ़ें इस Xxx हिंदी में चुदाई कहानी को!

मेरा नाम शकीरा बेगम है दोस्तो.
मैं इस समय 44 साल की एक खूबसूरत मस्त जवान औरत हूँ। मैं अपने तन बदन का बहुत ख्याल रखती हूँ।

मेरा रंग गोरा है, मेरा कद 5′ 4″ है और चेहरा गोल है।
मेरी आँखें बड़ी बड़ी हैं, मेरे मम्मे भी बड़े बड़े हैं और मेरी बांहें एकदम खुली हुई हैं, मतलब मेरा सीना चौड़ा है।

मैं आज के परिवेश में रहती हूँ, पढ़ी लिखी हूँ, बिंदास हूँ और एक बड़े खानदान से तालुक रखती हूँ।

मेरी दो बेटियां हैं जिनके घरेलू नाम हैं शन्नो और बन्नो।

मेरी शादी को जब 10 साल हुए थे तब एक छोटी सी बात पर शौहर से कुछ ‘तू तू मैं मैं’ हो गयी तो उसने मुझे तलाक दे दिया।
मैं उसके घर रुकी नहीं बल्कि अपने अब्बू के घर आ गई।

मैंने उसकी झांट परवाह नहीं की, मैंने कहा- तू भोसड़ी का मेरा क्या उखाड़ लेगा? मेरी एक झांट भी टेढ़ी नहीं कर पायेगा तू … तेरे पास है ही क्या? तूने तो दहेज़ के बल पर मुझसे शादी की थी। तेरे पास जितना पैसा है उतना तो मैं अपनी चूत के रख रखाव में खर्च कर देती हूँ। तेरी माँ का भोसड़ा! तू समझता है कि तूने मेरी जवानी बरबाद कर दी? तो तू बहुत बड़ा चूतिया है … तू नहीं तो क्या मुझे चोदने वाले सैकड़ों हैं। बड़े बड़े लण्ड वाले मुझे चोदने के लिए लाइन में खड़े रहतें हैं। तेरा पिद्दी भर का लण्ड साला ठीक से फुद्दी चोद भी नहीं पाता। मैंने तो ग़ैरों से चुदवाकर दो बेटियां पैदा की हैं. तेरे सहारे रहती तो अब तक कुछ भी नहीं होता. मैं जा रही हूँ, अब लौट कर वापस नहीं आऊंगी।

मैं सच में बड़ी सेक्सी और हॉट औरत हूँ दोस्तो!
मेरी उम्र जरूर 44 साल की है पर मैं 30 / 32 साल से ज्यादा की नहीं लगती हूँ।
ऐसा लोग कहते हैं।

मुझे लण्ड पकड़ने का और चुदवाने का जबरदस्त शौक है।
मैं आज की औरत हूँ, मॉडर्न ज़माने की औरत हूँ और खुल्लम खुल्ला सेक्स एन्जॉय करने वाली औरत हूँ। मैं खुल कर गन्दी गन्दी बातें भी करती हूँ और प्यार से गालियां भी देती हूँ।

प्यार मोहब्बत से चोदा चोदी करते हुए ज़िन्दगी गुजारना ही मेरा मकसद है।

मैं अपने अम्मी और अब्बू के साथ बेटियों के सहित रहने लगी.

कुछ दिन बाद मेरे अब्बू भी चल बसे और मेरी अम्मी जान भी!
अब पूरे घर में मेरा ही कब्जा हो गया।

उधर मेरी बेटियां भी बड़ी होने लगीं। मैं अपनी जिस्म की आग बुझाने के लिए बाहर से चुदवा कर आने लगी।

कभी अपने नाते रिश्तेदारों से चुदवा लेती, कभी अपने गली मोहल्ले वालों से या पास पड़ोसियों से चुदवा लेती, कभी किसी पार्टी में कोई लण्ड मिल जाता तो उसे चूत में पेलवा लेती, कभी अपने सहेलियों के शौहरों से चुदवा कर आ जाती।

बस ऐसे ही काम चलता रहा।

हां एक बात और है कभी जब मेरी बेटियां कॉलेज में होती तो मैं अपने यारों को बुलाकर उनसे घर में ही चुदवा लेती।
मुझे कभी लण्ड की कमी महसूस नहीं हुई।

और जब मेरी दोनों बेटियां जवान हो गईं तो मैं सोचने लगी कि अब क्या किया जाए?
कहाँ तक मैं छुपछुप कर चुदवाती रहूंगी?

एक न एक दिन मेरी बेटियों को पता चल ही जाएगा।
तो फिर क्यों न अब उनसे खुल कर बात की जाए!

एक दिन मैंने दोनों बेटियों को बुलाया और कहा- देखो शन्नो और बन्नो, अब तुम जवान हो गई हो. इसलिए मैं तुमसे कुछ भी छुपाना नहीं चाहती। तुमसे खुल कर बात करना चाहती हूँ। मैं भी अभी जवान हूँ। सच्चाई यह है कि हम तीनों को चाहिए लण्ड, लण्ड और लण्ड. तुम लोग भी लण्ड का मज़ा लेना सीखो। लण्ड चूमना, चाटना और चूसना सीखो। लण्ड पेलवाना सीखो। माँ चुदाना सीखो।

मैंने आगे कहा- अब देखो घर में तो कोई लण्ड है नहीं, बाहर वालों के लण्ड का ही भरोसा है। ऐसे में क्यों न हम तीनों मिलकर लण्ड का जुगाड़ करें और मिलकर लण्ड का मज़ा लूटें! एक लण्ड मिले चाहे दो … अब आज के बाद हम तीनों मिलकर उसका मज़ा लेंगी।

मैं उनसे बात करती रही- देखो बेटी, मैं मादरचोद बड़ी चुदक्कड़ औरत हूँ। मैं लण्ड के बिना एक दिन भी नहीं रह सकती। मैं जानती हूँ कि तुम लोग भी लण्ड के बिना नहीं रह सकती। तो फिर आज से ही शुरू हो जाओ। आज से हम तीनों दोस्त हैं और एक दूसरे की चूत का ख्याल रखने वाली सहेलियां हैं। खुल कर गन्दी गन्दी बातें करो, हंसी मजाक करो और खूब प्यार से गालियां दे दे कर जवानी का मज़ा लूटो। जवानी का हर एक दिन बड़ा कीमती होता है। इसे बर्बाद न करो।

फिर मैं गाली देकर बोली- समझ में आया बुरचोदियों शन्नो और बन्नो? तेरी माँ का भोसड़ा!
दोनों एक स्वर में बोली- हां समझ में आ गया मेरी हरामजादी अम्मी जान!
फिर हम तीनों खिलखिलाकर हंस पड़ीं।

मेरे मन में ख्याल आया कि ये दोनों मस्त जवान लड़कियां है तो लण्ड अभी तक पकड़ा जरूर होगा. हो सकता है कि पेलवाया भी हो. पर बताया नहीं मुझे.
बताती भी कैसे … अभी आज ही ये मेरे सामने खुली हैं। अब आगे सब कुछ मालूम होगा।

मैं यही सब सोच ही रही थी कि किसी ने डोरबेल बजा दी।

मैंने दरवाजा खोला तो सामने असद खड़ा था।
वह मेरी ननद का बेटा है।

उसके पीछे एक और लड़का था।

असद बोला- मामी जान, ये मेरा दोस्त अमन है।

मुझे दोनों लड़के एक ही नज़र में भा गए। मैंने मन में कहा कि मैं अभी लण्ड की बातें कर ही रही थी कि ऊपर वाले ने मेरे पास दो दो लण्ड भेज दिये।

आज तो मैं बिना इनके लण्ड अपनी जवान बेटियों की बुर में पेलकर मानूंगी. चाहे उनकी माँ चुद जाए भोसड़ी वाली।

मैं दोनों को बैठा कर बातें करने लगी।

मैंने कहा- असद, तू तो बहुत बड़ा हो गया है. मरद बन गया है तू!
वह बोला- हां मामी जान, मरद तो मैं वाकई बन गया हूँ.

“तो फिर तेरी शादी कब हो रही है?”
“बस एक महीने के बाद हो जाएगी।”

“अरे वाह! तो फिर सुहागरात में क्या करोगे?”
“वही करूँगा जो सब करते हैं!”

“आजकल तो लोग तो सुहागरात में अपनी बीवी दूसरों से चुदवाते हैं, क्या तुम भी चुदवाओगे?”
“अगर मेरी बीवी मान गयी तो दूसरों से चुदवा लूंगा, मुझे कोई ऐतराज़ नहीं क्योंकि मैंने अमन की बीवी उसकी सुहागरात में चोदी थी।”

“तो इसका मतलब तुमको बुर चोदना आता है।”
“हां चोदना तो जरूर आता है मामीजान!”
“तो फिर मुझे चोद कर दिखाओ।”

इतने में मेरी दोनों बेटियां आ गयीं।
शन्नो बोली- अरे असद भाई जान, आदाब।
बन्नो ने भी आदाब बोला।

फिर उसने बताया कि ये मेरा दोस्त अमन है.
तो दोनों ने अमन को भी विश किया।

असद बोला- अरे यार शन्नो, तुम तो लाजवाब हो गयी हो। एकदम मस्त जवान हो गई हो तुम. बड़ी अच्छी लग रही हो तुम. तेरी बहन बन्नो भी बहुत हॉट लग रही है। मैं सच कह रहा हूँ कि मेरी नियत ख़राब हो रही है तुम दोनों पर! इतना बढ़िया माल दिखाओगी तो फिर मेरे हथियार का क्या होगा?

मैंने कहा- हथियार नहीं लण्ड बोलो बेटा लण्ड! मेरी बेटियां एडल्ट हो गईं हैं, बोल्ड और बेशरम गई हैं। सब कुछ जानती हैं। एकदम खुल कर बातें करती हैं।

फिर मैंने कहा- शन्नो और बन्नो, तुम लोग इन दोनों के लिए आमलेट का नाश्ता बनाकर ले आओ।

वो दोनों आमलेट बनाने किचन में चली गयी और मैंने दोनों को सोफे पर बैठा दिया।
मैंने हंसकर कहा- भोसड़ी के असद, लगता है कि मेरी बेटियां देख कर तेरी लार टपकने लगी है।

वह बोला- हां लार तो सच में टपकने लगी है मेरी! बड़ी मस्त जवान हैं तेरी बेटियां मामी जान।

मैंने असद के पाजामे का नाड़ा खोला और उसके अंदर अपना हाथ घुसेड़ते हुए कहा- अच्छा तो मैं देखती हूँ कि तेरे लण्ड की लार टपक रही है या नहीं?
इसी तरह मैंने अमन के पाजामे के अंदर भी हाथ घुसेड़ दिया।

मैं अंदर ही अंदर दोनों लण्ड सहलाने लगी।
मुझे लगा कि लण्ड की लार लण्ड के टोपे से निकल रही है।

टोपा दोनों लण्ड का बड़ा आलिशान लग रहा था।

फिर वो दोनों भी मूड में आ गए तो मेरे मम्मे खोल डाले, मेरे बड़े बड़े स्तन सहलाने लगे।

असद बोला- मामी जान, तेरे तो बहुत ज्यादा बड़े बड़े हैं मम्मे! मज़ा आ गया इन्हें देख कर। इन्हें मसलने में बड़ा मज़ा आ रहा है.

उधर मुझे अहसास हो गया कि दोनों के लण्ड भी माशाल्ला बड़े मोटे तगड़े हैं।

फिर मैंने दोनों लण्ड पाजामे से बाहर निकाल लिये और लण्ड देखकर बोली- असद एक बात बताऊँ … तेरा लण्ड तो तेरे बाप के लण्ड से बड़ा हो गया है! बेटा असद, तेरा बाप मेरा ननदोई है। मेरे साथ उसके चुदाई के रिश्ते हैं। उसने कई बार पेला है अपना लण्ड मेरी चूत में। आज मैं तेरे साथ भी चुदाई के रिश्ते बना लूंगी।

इतने में शन्नो और बन्नो नाश्ता लेकर आ गईं.

शन्नो बोली- वाओ कितने बड़े बड़े लण्ड हैं यार शकीरा इन लोगों के? तूने तो इन्हें नंगा करके कमाल कर दिया?
बन्नो ने कहा- हां यार, लण्ड बड़े प्यारे लग रहे हैं। कितने खूबसूरत हैं दोनों लण्ड … मेरी तो चूत में पानी आ गया।

तब मैंने कहा- ले बुर चोदी शन्नो, पकड़ असद का लण्ड और ले ले पूरा मज़ा! और तू बन्नो माँ की लौड़ी पकड़ ले अमन का लण्ड तू भी मौज़ कर ले।

वो दोनों एक एक लण्ड पकड़ कर मस्ती करने लगीं।

मैं अपनी दोनों बेटियों के हाथ में एक एक खड़ा लण्ड देख कर बड़ी खुश हुई।
मैंने पहली बार अपने हाथ से अपनी दोनों बेटियों को लण्ड पकड़ाया। मुझे अपनी बेटियों पर गुमान हो रहा था।

बेटियां जब जवानी में नंगी नंगी लण्ड से खेलती हैं तो उन्हें बड़ा मज़ा आता है।

फिर मैंने अपना घाघरा खोल डाला तो मेरा भोसड़ा सबकी आँखों के सामने मचल उठा।
मैंने घूम कर शन्नो के सारे कपड़े उतार दिये, बोली- बेटी जब लौड़ा हाथ में होता है तो बदन पर कपड़े अच्छे नहीं लगते।

फिर मैंने बन्नो के भी कपड़े उतार कर उसे पूरी तरह नंगी कर दिया।

मेरी दोनों मस्त जवान बेटियां जब नंगी हो गईं तो उन्हें देख कर लण्ड साले और ज्यादा टनटनाने लगे।
मैं भी उन दोनों के साथ लण्ड चाटने और चूसने लगी।

असद एक हाथ से बन्नो के मम्मे दबाने लगा और अमन एक हाथ से शन्नो की चूत सहलाने लगा।

इतने में मुझे लगा कि कोई ऊपर से उतर रहा है; कोई छत के रास्ते से आहिस्ते आहिस्ते अंदर आ रहा है।

मेरा अनुमान सही था।
वह मेरे पड़ोस का लड़का शेखू था।

वह हमारे सामने आ गया और हम सबको नंगी देख कर भौचक्का रह गया।
मैंने कहा- शेखू तू यहाँ कैसे आ गया?
वह बोला- अरे आंटी, छत का दरवाजा खुला था तो मैं अंदर आ गया।

मैंने कहा- अच्छा, तू इधर मेरे सामने आ!

जैसे ही वह आया तो मैंने उसके भी कपड़े उतार दिये और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
लण्ड साला पूरी तरह से खड़ा हो गया। लण्ड का साइज पूरा मर्दों वाला था।

मैंने यूँ ही पूछ लिया- कल तूने किसकी चूत में लण्ड पेला था?
वह बोला- कल रात को मैंने जोश में आकर अपनी अम्मी की चूत में लण्ड पेल दिया था।

मैंने कहा- अच्छा ऐसे कैसे हुआ?
उसने कहा- क्या करता … मेरी अम्मी जान पहले मेरे सामने मेरे जीजू से चुदवा रही थी। मेरे जीजू ने जब अपना लण्ड अम्मी की चूत से निकाल कर मेरी खाला की चूत में पेल दिया तो मैंने लण्ड अम्मी की चूत में पेल दिया। वह भी मस्ती से चुदवाने लगीं।

मैंने कहा- तो तुम अपनी माँ चोद कर आ रहे हो? मज़ा तो खूब आया होगा?
वह बोला- हां मज़ा तो सच में खूब आया।

शन्नो ने पूछा- तुम्हें अपनी माँ चोदते हुए शर्म नहीं आई?
वह बोला- मेरा दोस्त भी अपनी माँ चोदता है। मैंने उसे अपनी माँ चोदते हुए देखा था। मेरा जीजू भी अपनी माँ चोदता है इसलिए तो मुझे शर्म नहीं आई। और फिर मेरी अम्मी ने एक दिन मुझसे खुद कहा था कि बेटा चुदाई में सबकी चूत में लण्ड पेलना जायज़ होता है, इसमें कोई शर्म नहीं करनी चाहिए। चाहे माँ का भोसड़ा चोदो चाहे बेटी की बुर!

मैं शेखू का लण्ड नंगी नंगी अपनी बेटियों के सामने चूसने लगी।
फिर क्या? पूरा माहौल गर्म हो गया।

फिर असद ने शन्नो को अपनी तरफ खींचा, उसकी टांगें फैला दी और रख दिया अपना लण्ड उसकी चूत पर!
असद ने एक ही धक्के में पूरा पेल दिया लण्ड।

शन्नो चिल्ला पड़ी- हाय अम्मी जान, मर गई मैं! फट गयी मेरी बुर … इतना मोटा लण्ड पेल दिया भाई जान ने! बड़ा दर्द हो रहा है। मैं लुट गयी बहनचोद, मेरी इज़्ज़त चली गयी।

उधर इतने में अमन ने भी लण्ड बन्नो की चूत में घुसेड़ दिया।

वह भी चिल्ला उठी- हायल्ला, बड़ा मोटा है तेरा लण्ड भोसड़ी के अमन। फाड़ डाली तूने मेरी बुर … ले ली मेरी इज़्ज़त,! साले तू बड़ा हरामी है तेरी माँ की चूत … तेरी बहन की बुर।

इस तरह मेरी दोनों बेटियां बड़ी मस्ती से चुदने लगीं।
मैं ख़ुशी से फूली नहीं समा रही थी; मैं इसी दिन का इंतज़ार कर रही थी।

तब तक शेखू ने भी घुसा दिया लण्ड मेरे भोसड़े में।
वह भी घपाघप चोदने लगा मुझे।

मैंने कहा- माँ के लौड़े शेखू, ये तेरी माँ की चूत नहीं है, मेरी चूत है, ज़रा लौड़ा पूरा पेल पेल के चोदो।

फिर मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी।
आज पहली बार मैं अपनी बेटियों की चुदती हुई बुर देख देख कर अपना भोसड़ा चुदवा रही थी।

मुझे बड़ा फ़ख्र महसूस हो रहा था।

शन्नो बोली- बुर चोदी शकीरा, तेरी बिटिया की बुर! तू ससुरी बड़ी हरामी औरत है। अपने सामने अपनी बेटियां चुदवा रही है।
मैंने कहा- मुझसे ज्यादा तो तू हरामजादी है शन्नो! तू मादरचोद अपने आगे अपनी माँ चुदा रही है, अपनी बहन की बुर में लण्ड पेलवा रही है। तेरी चूत की माँ की चूत!

तब तक बन्नो भी मस्ती में बोली- हाय मेरी चुदक्कड़ शकीरा, तेरी बुर की बिटिया की बुर … तुझे बेटियां चुदाने का बड़ा शौक है न … मैं किसी दिन तेरी गांड में ठोक दूँगी लण्ड!

इस तरह हम तीनों एक दूसरे को प्यार से गालियां देती हुई बड़ी मस्ती से लण्ड का मज़ा लूटने लगीं।

बन्नो फिर बोली- शन्नो, तू बहुत बड़ी बुर चोदी है, तेरी माँ भी बुर चोदी है!
मैंने कहा- बन्नो, तेरी भी बहन की बुर, तेरी भी माँ का भोसड़ा!

जानते हो दोस्तो, मैं जब बेटियों के साथ Xxx हिंदी में गालियों से बात करती हूँ तो मन खिल जाता है।
उनसे मिलकर चुदाई करती हूँ तो मैं अपने आपको उनकी जैसी ही महसूस करने लगती हूँ।

मुझे लगता है कि मैं उनकी ही उम्र की हूँ, उनकी दोस्त हूँ, उनके साथ लण्ड चाटने वाली सहेली हूँ।
ऐसे में मुझे भी जवानी का मज़ा उतना ही मिलने लगता है जितना की उनको मिलता है।

हम तीनों की चूत एक साथ एक ही कमरे में चुद रही थी। हम सब एक दूसरी की चुदती हुई चूत देख देख कर उत्तेजित हो रहीं थीं।
तीनों चूत का बाजा एक साथ बज रहा था।
मस्त मस्त चुदाई की आवाज़ और चुदाई की महक चारों तरफ फ़ैल रही थी।

इस सामूहिक चुदाई का सबको बड़ा आनंद आ रहा था।
उसके साथ गन्दी गन्दी बातों का सिलसिला भी ज़ारी था।
मैं यही माहौल बनाना चाहती थी।

शन्नो और बन्नो तो बिलकुल रंडियों की तरह चुदवा रहीं थीं और मैं तो चुदाने में बड़ी एक्सपर्ट हूँ ही!

फिर अचानक असद ने लण्ड शन्नो की बुर से निकाल कर बन्नो की बुर में घुसा दिया तो अमन ने बन्नो की बुर से लण्ड निकाल कर मेरी बुर में खोंस दिया।
इधर शेखू ने अपना टन्नाता हुआ लण्ड शन्नो की चूत में घुसेड़ दिया।

हम तीनों के लण्ड बदल गए तो एक अलग तरह का मज़ा आने लगा।

शन्नो बोली- यार शेखू, तेरा भी लण्ड बड़ा गज़ब का है. किस किस की बुर में पेलते हो अपना लण्ड?
उसने कहा- रात में जिसकी बुर खाली होती है उसी की बुर में घुसा देता हूँ लण्ड!

शेखू ऐसा कह कर शन्नो की चूत की धज्जियाँ उड़ाने लगा।

सबके मुंह से मस्ती में कुछ न कुछ निकलने लगा।
जैसे कि- हाय रब्बा बड़ा मज़ा आ रहा है .. चोद डालो मेरी बुर चोदी बुर … पूरा लौड़ा पेल दो अंदर … जल्दी जल्दी चोदो यार … अपनी बीवी समझ कर चोदो मेरी चूत … ये भोसड़ी वाली शकीरा आज मेरी चूत फड़वा कर ही मानेगी … हाय रे चीर डालो मेरी चूत … गांड़ में भी ठोक दो लण्ड … तुझे भी चोदूंगा तेरी माँ भी चोदूंगा … मैं बहुत दिनों से तुझे अपना लण्ड पकड़ाना चाहता था शन्नो … बन्नो की बुर चोदने की इच्छा बहुत दिनों से थी आज पूरी हुई … हाय रे ये बुर चोदी मेरी बेटियां देखो कितनी मस्ती से मेरा भोसड़ा चुदवा रहीं हैं … बड़ी बेशरम और बेहया हो गई हैं दोनों बेटियां … इनकी माँ का भोसड़ा … अब मैं हर रोज़ बजाऊंगी इनकी चूत का बाज़ा … तेरा साला माँ चोदने वाला लण्ड बड़ा खूंखार हो गया है … तेरा अब्बा भी बहन चोद ऐसे ही चोदता है मुझे … तुम्हें बड़ा मज़ा आ रहा है न मेरी बिटिया की बुर लेने में … ले लो खूब तबियत से ले लो उसकी बुर!

इन सब Xxx हिंदी में बातों से सबका जोश बढ़ता जा रहा था; सबकी उत्तेजना बढती जा रही थी, चुदाई की रफ़्तार भी बढ़ती जा रही थी।
नौजवान लड़के भी खूब जोर लगा लगा कर चोद रहे थे।
लड़कियां भी चुदवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं थीं।

कोई पीछे से चोद रहा था तो कोई आगे से … कोई लण्ड पर बैठा कर चोद रहा था तो कोई चूचियाँ चोदने में लगा था। कोई लण्ड बार बार मुंह में डालता और फिर बुर में घुसेड़ देता।
सबको अपने अपने हिसाब से चोदने की आज़ादी थी और अपने अपने हिसाब से चुदवाने की भी आज़ादी थी।

कुछ देर बाद एक एक करके सबकी चूत खलास होने लगी और लण्ड भी झड़ने लगे।
सबने झड़ते हुए लण्ड खूब मजे से चाटे।

चुदाई रुकी तो फिर नंगे नंगे ही खाना वगैरह हुआ और आपस में खूब हंसी मजाक भी हुई।

करीब एक घंटा के बाद लण्ड फिर खड़े होने लगे।
इस बार मैंने असद का लण्ड पकड़ लिया, शन्नो ने अमन का लण्ड पकड़ा और बन्नो ने शेखू का लण्ड।
उसके बाद जो घमासान चुदाई हुई वह मुझे आज भी याद है।

दोस्तो, आपको मेरी Xxx हिंदी में चुदाई कहानी कैसी लगी? कमेंट्स में बताएं.
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