मुंबई जाकर मैं बन गई रंडी- 5

(Three Hole Sex Kahani)

थ्री होल सेक्स कहानी में मैं कॉल गर्ल बन गयी, मैंने खुद को 3 दिन के लिए बेच दिया. तीसरे दिन मुझे 3 मर्दों ने चोदा. एक साथ मेरे तीनों छेदों में 3 लंड घुसे.

कहानी के पिछले भाग
मेरी गांड फट गयी मोटे लंड से
में आपने पढ़ा कि पैसे के लिए मैं कल गर्ल बन रही थी। मेरा पहला ही ग्राहक था जिसने मुझे कुमारी से औरत बनाया था।
उसने एक रात में मेरे चूत की सील तोड़ी और दूसरी रात मेरी अनछुई गांड में अपना मोटा लंड घुसा कर फाड़ दिया.
तीसरी रात में उसने अपने दोस्त बुलाराखे थे और मुझे स्वीमिंग पूल पर बुलाया गया था.

अब आगे थ्री होल सेक्स कहानी:

जब मैं तैयार होकर पूल के पास पहुंची तो देखी कि अय्यर पास में ही पड़ी कुर्सी पर लेटा हुआ है और उसके दोनों दोस्त स्विमिंग पूल में तैर रहे हैं।

उस वक्त उन तीनों ने ही मात्र चड्डी पहन रखी थी।

मुझे देख कर अय्यर ने मुझसे कहा- आओ मोनिषा, इनसे मिलो. ये दोनों मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं अरुण और अंसारी।

मैंने उनकी तरफ देखा तो उन दोनों ने ही मुझे फ्लाइंग किस दिया।

इसके बाद अय्यर ने उन दोनों को कहा- फ़्रेंड्स ये है मोनिषा … ये आज पूरी रात हमारी पार्टी का हिस्सा रहेगी।

इस पर अरुण ने कहा- भाई अय्यर, तू इतनी मस्त नाजुक कली कहाँ से ले आता है?
इसके बाद अंसारी ने कहा- जो भी हो … लेकिन ये माल आज तक की सबसे करारी माल है। आज तो रात बन जाएगी सबकी!

अय्यर ने कहा- भाई लोग, ऐसी करारी माल के लिए पैसे भी करारे लगते हैं। तुम लोग बस मजे करो।

इतना कहते हुए अय्यर उठकर मेरे पास आया और मुझसे बोला- हमारी पार्टी में कपड़े पहनना मना रहता है मेरी जान!

कहते हुए अय्यर ने मेरे सारे कपड़े निकाल फेंके और मुझे उन दोनों के सामने पूरी तरह से नंगी कर दिया।

मुझे देख वे दोनों जोर जोर से हँसते हुए बोले- ये हुई न बात!

अब अय्यर ने मुझे एक झटके में अपनी गोद में उठा लिया और पूल में फेंक दिया।
जैसे ही मैं पानी में गई … अरुण और अंसारी किसी भूखे मगरमच्छ की तरह मेरी तरफ लपके और मुझसे लिपट गए।

दोनों ने मुझे उठाकर पानी पर लिटा दिया और मेरे बदन को चूमने लगे।
फिर उन्होंने मुझे पानी में खड़ी कर दिया और कभी मेरे दूध चूसते, कभी गांड दबाते, कभी मेरी चूत को मसलते!

मतलब वे दोनों बस मुझे बेदर्दी से नोच रहे थे।

उन लोगों ने पानी के अंदर ही अपनी चड्डी निकाल दी और पूरे नंगे हो गए।

दोनों बारी बारी से कभी आगे आ जाते कभी पीछे चले जाते और मेरे दूध, होंठ, गांड, जांघ, पीठ को दबाते और सहलाते जा रहे थे।

करीब आधे घंटे तक दोनों ने मुझे पानी के अंदर ही बहुत गर्म कर दिया.

उसके बाद हम तीनों स्विमिंग पूल से बाहर आ गए।

बाहर उन तीनों ने मुझे घुटनों पर बैठा दिया और मेरे सामने अपने लंबे लंबे लंड रख दिये।

बारी बारी से तीनों अपने लंड को मेरे मुंह में डालते थे और मैं तीनों का लंड चूस रही थी।

उन तीनों के लंड में अंसारी का लंड सबसे ज्यादा लम्बा और मोटा था और सामने से वो खुला हुआ था।

मैं जानती थी कि कुछ लोगों का लंड सामने से कटा हुआ रहता है लेकिन आज पहली बार देख भी रही थी और चूस भी रही थी।

तीनों ने काफी देर तक बारी बारी से अपने लंड चुसवाये और फिर मुझे खड़ी कर दिया।

अब अंसारी मेरे सामने खड़ा हो गया और मेरी कमर को थामते हुए मुझे अपने सीने से लगा लिया।

उसने मेरे हाथों में अपना लंड थमा दिया और मैं उसके लंड को सहलाने लगी.
अंसारी मेरे होंठों को चूमता जा रहा था और अपने सीने से मेरे दूध को रगड़ रहा था।

पास में ही अरुण और अय्यर बैठकर शराब पी रहे थे और हम दोनों को देख रहे थे।

कुछ देर बाद अंसारी ने मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और एक हाथ से मेरी कमर को थामते हुए लंड को मेरी चूत में लगाया।

मैंने अपने दोनों हाथ से अंसारी की कमर को थाम लिया।

अंसारी ने अपने दोनों हाथ से पीछे मेरे चूतड़ों को थाम लिया था और अचानक से जोर से धक्का लगा दिया।
उसका लंबा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर तक चला गया।
मेरे मुंह से तेज आवाज निकली- आआ आहह हहह!

अंसारी ने ऐसे ही लगातार तीन चार तेज झटके लगाए और बोला- बड़ी टाइट चूत है रे तेरी … लगता है अय्यर ने अच्छे से चुदाई नहीं की तेरी! कोई बात नहीं मेरी जान … आज तेरे बदन की पूरी गर्मी निकल जायेगी।

इतना कहते हुए अंसारी ने मेरी गांड जो जोर से जकड़ लिया और दनादन धक्के लगाना शुरू कर दिया।
मैं बस ‘ऊऊह ऊऊह … आआह आआह’ करती हुई तड़प रही थी और अंसारी जोर जोर से धक्के लगा रहा था।

करीब पांच मिनट तक चुदाई करने के बाद अंसारी ने लंड बाहर निकाला और वह कुर्सी पर लेट गया.
तब उसने मुझे अपने ऊपर आने के लिए बोला।

मैं उसके ऊपर चढ़ गई और अंसारी ने लंड मेरी चूत में लगाकर अंदर डाल दिया।

अब मैं आहिस्ते आहिस्ते उसके लंड पर उछलने लगी.
लेकिन मुझसे अच्छे से नहीं बन रहा था. फिर भी किसी तरह से मैं उसे सन्तुष्ट करने की कोशिश कर रही थी।

कुछ देर मेरी नौसिखिया चुदाई देख अंसारी बोला- तुझसे तो अभी कुछ भी नहीं बन रहा है. सीखने में समय लगेगा।
इतना कहकर उसने मुझे अपने सीने से चिपका लिया और नीचे से ही दनादन धक्के लगाना शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद अरुण अपनी कुर्सी से उठा और मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया.
मेरी चुदाई देखते हुए वह मेरी गांड के छेद पर उंगली फिराने लगा।

फिर अरुण थोड़ा नीचे झुका और अपना लंड मेरी गांड के छेद पर लगाकर एक बार में ही अंदर तक पेल दिया।
मेरी ‘आआहह’ निकल गई और मैं मचलने लगी.
लेकिन अंसारी ने मुझे जोर से कस लिया।

अब मैं हिल भी नहीं पा रही थी और मेरा बदन उन दो दो मोटे लंड की वजह से कांपने लगा।

वे दोनों जोर जोर से मेरी चूत और गांड को चोदने लगे।
जल्द ही अय्यर पास आया और उसने मेरे मुंह में अपना लंड पेल दिया।

थ्री होल सेक्स में उन तीनों का ही लंड अब मैं अलग अलग जगह से ले रही थी।

कुछ देर तक इस पोजीशन में चोदने के बाद उन्होंने मुझे छोड़ दिया और मैं खड़ी हो गई।

अभी वो तीनों ही नहीं झड़े थे.
इसका मतलब था कि अभी मेरी चुदाई बाकी थी।

अब अरूण मेरे सामने आ गया और अंसारी मेरे पीछे जाकर खड़ा हो गया।

अंसारी ने मेरे दोनों पैर फैला दिए और अरुण ने मेरी चूत में लंड डाल दिया जबकि अंसारी ने मेरी गांड में अपना लंड पेल दिया।

अब उन दोनों ने धक्के लगाना शुरू कर दिया और मैं उन दोनों के भारी भरकम शरीर के बीच में दबी हुई थी।

दोनों का लंड काफी तेजी से मेरी चूत और गांड में जा रहा था और जल्द ही मैं झड़ गई।

लेकिन अभी भी वे दोनों लगातार मेरी चुदाई कर रहे थे।

जल्द ही अंसारी मेरी गांड के अंदर ही झड़ गया.
उसके बाद अरुण मेरी चूत की चुदाई करते झड़ गया।

अब अय्यर ने मुझे अपने पास बुलाया।

मैं अपनी पेंटी से अपने चूत को पौंछती हुई अय्यर के पास गई.
अय्यर ने मुझे कुर्सी पर टिकाकर घोड़ी बना दिया।

अब अय्यर पीछे आकर मेरी चूत में लंड डालकर मुझे चोदने लगा।

मैं घोड़ी बनी हुई थी और अय्यर कभी चूत तो कभी गांड में लंड डालकर मुझे चोदता रहा।

करीब 15 मिनट बिना रुके अय्यर ने मुझे चोदा और मेरे अंदर ही झड़ गया।

उसके बाद हम चारो वहीं कुर्सी पर बैठकर आराम करने लगे और शराब का दौर चलता रहा।

इसके बाद अरुण और अंसारी ने मुझे एक एक बार फिर से चोदा।

कुछ देर आराम करने के बाद अरुण और अय्यर नशे में चूर हो गए थे।
लेकिन अंसारी अभी भी चुदाई के लिए तैयार था।

मैं कुर्सी पर लेटी हुई थी और अंसारी उठकर मेरे पास आया।
अंसारी ने मुझे खड़े होने के लिए कहा.

और जैसे ही मैं खड़ी हुई अंसारी ने मुझे उठाकर अपने कंधे पर टांग लिया और उन दोनों से बोला- मैं इस हसीन परी को लेकर जा रहा हूँ. आज रात भर के लिए ये मेरी है।

इस पर अय्यर ने जवाब दिया- जा भाई जा … तुम लोगों के लिए ही तो लाया हूँ इसको! जा और रात भर मजे दे इस परी को!

अंसारी मुझे अपने कंधे पर उठाए हुए अंदर बेडरूम की तरफ चल पड़ा और बेडरूम में पहुँचकर मुझे बिस्तर पर फेंक दिया।
उस गद्देदार बिस्तर पर मैं नंगी ही उछल गई।

अंसारी ने दरवाजा बंद किया और वह भी बिस्तर पर कूद पड़ा।

उसने कहा- जानेमन, बाहर सबके साथ तुझे चोदने में मजा नहीं आ रहा था. तू तो अकेले में प्यार से चोदने वाली माल है। तू मुझे बहुत पसंद आई. काश मैं तेरी सील तोड़ पाता! लेकिन तू चिंता न कर … आज पूरी रात मैं तेरी ऐसी सेवा करूंगा कि तू मुझे याद करेगी।

इसके बाद अंसारी लेट गया और मुझे लंड चूसने के लिए बोला।

मैं उठी और उसका लंड थामकर मुँह में ले ली और चूसने लगी।

उसका लंड उन तीनों में सबसे बड़ा और मोटा था और बड़ी मुश्किल से मेरे मुंह में समा रहा था।

कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और अंसारी भी मेरी चूत चाटने लगा।

अंसारी चूत में उंगली डालकर मेरी चूत को चाटता जा रहा था और मैं भी उसके लंड को हिला हिलाकर चूस रही थी।

जब हम दोनों काफी गर्म हो गए तो अंसारी ने मुझे घुटने के बल बैठा लिया और मुझसे बोला- आज तुझे चुदाई का असली मजा देता हूँ। तुझे भी तो मजा आना चाहिए चुदाई का! जैसा मैं कहूंगा, वैसा ही करना. और जैसे मैं बोलूंगा वैसा ही बोलती जाना। चुदाई का असली मजा लेना है तो चुदाई की बात करते हुए ही चुदाई करनी चाहिए।

मैं घुटने के बल बैठी हुई थी.
अंसारी मेरे पीछे आकर वो भी घुटनों पर आ गया और मेरे पेट को थामते हुए मेरे पिछवाड़े को अपनी दोनों जांघों के आगोश में ले लिया।

अब अंसारी बोला- जैसे जैसे लंड अंदर जाएगा, वैसे वैसे ही तू बोलते जाना कि कितना गया।

उसने लंड को चूत में लगाया और मेरे दूध को मसलते हुए धीरे धीरे अंदर करने लगा।
जैसे ही उसका सुपारा अंदर गया, उसने पूछा- गया अंदर?

मैं बोली- हाँ गया!
“कितना गया?”
“थोड़ा सा!”

“और डालूं अंदर?”
“हाँ डालो न!”

जल्द ही आधा लंड चला गया और मैं बोली- आधा चला गया।

उसने पूछा- मजा आ रहा है?
“हाँ … मजा आ रहा है।”

“पूरा डाल दूँ?”
“हाँ डाल दो।”

जल्द ही उसने पूरा लंड अंदर पेल दिया।

मैं बोली- आआह … पूरा चला गया जी!

“कैसा लगा मेरा लंड मेरी जान?”
“बहुत अच्छा है और बहुत बड़ा है।”
“बड़े लंड में ही तो ज्यादा मजा आता है मेरी जान!”

इतना कहते हुए अंसारी ने मेरे पेट को जकड़ लिया और धक्के लगाना शुरू कर दिया।

मैं ‘आआह आह ऊऊ ऊऊह ऊऊ आआह … मजा आ रहा है … आआह ऊऊह … और चोदो … आआह आआह’ कर रही थी और अंसारी मजे लेकर चुदाई किये जा रहा था।

कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया और चुदाई करने लगा।
वह कभी चूत में तो कभी गांड में लंड डाल रहा था; मेरे दोनों छेद की बराबर चुदाई कर रहा था।

चुदाई के साथ साथ वह मेरी चिकनी गोरी पीठ को भी जीभ से चाट रहा था।

फिर वह मुझे बिस्तर से बाहर ले आया और मुझे गोद में उठाकर लंड अंदर डाल दिया और मुझे उछाल उछाल कर चोदने लगा।

अंसारी बिल्कुल भी आक्रमण तरीके से नहीं चोद रहा था और उसकी चुदाई में मुझे पहली बार चुदाई का असली मजा मिल रहा था।

वह मुझे उछाल रहा था और मेरे दूध उसके सीने पर रगड़ खा रहे थे।
फिर उसने मुझे लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गया।

अब मेरे दोनों पैरों को फैलाकर लंड अंदर किया और चुदाई शुरू कर दी।

मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी और उसके सीने से चिपक गई थी।

मुझे उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे ऐसे ही चोदता रहे और मैं हवा में उड़ती रहूँ।

उसकी चुदाई में मैं दो बार झड़ चुकी थी लेकिन वह अभी भी बिना झड़े चोद रहा था।

करीब 40 मिनट तक चुदाई के बाद वह भी झड़ गया और हम दोनों लिपटे हुए ही लेटे रहे।

उसकी चुदाई से मैं पहली बार पूरी तरह से संतुष्ट हुई थी और मुझे चुदाई का असली मजा मिला था।

दो दिन तक तो अय्यर ने बहुत आक्रमक तरीके से मुझे चोदा था जिसमें मुझे मजा कम और दर्द ज्यादा हुआ था।

लेकिन अंसारी ने मुझे बड़े प्यार से चोदते हुए चुदाई का असली अहसास करवाया था।

इसके बाद उस रात अंसारी ने मुझे 3 बार चोदा.
मतलब उस दिन मैं बहुत बार चुदी थी।

अगली सुबह जब मैं सोकर उठी तो सभी लोग जा चुके थे.
अय्यर ने मेरे लिए नोटों का बंडल नौकरानी को दे दिया था।

करीब 11 बजे एजेंट मुझे लेने के लिए आ गया और मुझे वहाँ से लेकर चला गया।

मोना के पास पहुँचकर मैंने 10 हजार रुपये उस एजेंट को दिए और बाकी के पैसे मोना को रखने के लिए दे दिए।

उसके बाद रात में मैंने मोना को सारी बातें बताई जो जो मेरे हुआ था।

मोना ने कहा- मैं उस अय्यर को बहुत अच्छी तरह से जानती हूं. उसने ही मेरी भी सील तोड़ी थी. उसे कम उम्र की लड़कियों की सील तोड़ने का शौक है. इसके लिए वह काफी पैसे भी खर्च करता है। वह जिसे एक बार चोदता है, उसे दुबारा अपने पास नहीं बुलाता।

मोना ने मुझे यह भी बताया कि अब मुझे हर चुदाई के लिए इतने सारे रुपये नहीं मिलेंगे.
लेकिन हर हफ्ते अगर मैं 4 दिन भी किसी के पास जाती हूं तो आसानी से एक लाख रुपये कमा लूंगी।

और हुआ भी ऐसा ही … अब मुझे हर रात के लिए 20 हजार से 25 हजार मिलते थे.
वो एजेंट हर बार मुझे एक से एक रईस आदमियों के पास भेजता था।

एक साल के अंदर मैंने इतने पैसे कमा लिए थे कि गांव में अपना नया घर बनवा लिया और अपनी मां और बहन की हर ख्वाहिश पूरी करने लगी।

मुझे इस काम को करते हुए दो साल हो गए हैं; मैं पूरी तरह से इस काम में निपुण हो गई हूं।
मर्द को कैसे संतुष्ट करना है जिससे उसके पैसे वसूल हो जायें, ये सब मैं अच्छे से समझ चुकी हूं।

अब हाल यह है कि जो एक बार मुझे चोद लेता है, पुनः भी मुझे बुलाता है. मेरे कई नियमित ग्राहक बन गए हैं जिससे मुझे कोई नये मर्द की आवश्यकता नहीं होती।

दोस्तो, उम्मीद करती हूं कि मेरी यह थ्री होल सेक्स कहानी आप लोगों को पसंद आई होगी।
आप अपनी राय मुझे बता सकते हैं.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top