तीन बुड्डों ने मेरी चूत की सील तोड़ी-6
Teen Buddon Ne Meri Seal Todi-6
उन्होंने सीधे मेरी ब्रा को पकड़ कर जोश में खींच दी.. तो एक पट्टी तो टूट ही गई और एक तरफ से ब्रा को उतार कर जैसे ही मेरे मम्मे ब्रा से बाहर हुए.. मेरी आँखों में आँखें डाल कर जॉन्सन अंकल एकटक देखते रहे और मैं उनकी आँखों में अपनी आँखों को समाए रही।
मुझे उस पल.. वो मेरे आशिक़ लगे.. पहली बार कोई मर्द मेरे दोनों मम्मों को एक-एक हाथ में पकड़ कर सहला रहा था।
वे मेरी आँखों में एकटक देखते हुए बोले- ये क्या है निकी?
मैंने बहकी सी आवाज़ में कहा- मेरे मम्मे हैं यार…
उन्होंने कहा- किसके?
मेरे मुँह से अपने आप निकल गया- आप लोगों के…
अब मेरी ज़ुबान से काबू हट गया था…
‘इतने बड़े कैसे हुए.. सच बताना मेरे भतीजे जैक्सन से कितनी बार चुदाई करवाई है.. उससे कब से चुदवा रही हो?’
मैंने कहा- मेरा यकीन करो, मैं अभी कुँवारी हूँ…
तो जॉन्सन अंकल बोले- फिर कितनों ने इन्हें चूसा और दबाया है.. सच-सच बताना आज.. अब हमसे क्या छुपाना.. शरमाना?
मैंने तुरन्त कहा- इन्हें 5-6 लोगों ने दबाया है बस?
‘कितनों ने चूसे हैं?’
मैंने भी बिंदास होते हुए कहा- एक बार मेरे अंकल ने सोते में चूसे थे.. फिर मैं जाग गई थी.. पर उन्हें जागने का अहसास नहीं होने दिया था.. तो वो सलवार सूट के ऊपर से ही इन्हें अपने मुँह में भर कर चूस चुके हैं बस…
तो बोले- आज मैं जमकर पी लूँ?
मैंने कहा- हाँ…
बोले- आराम से कि.. ज़ोर से?
मेरे मुँह से निकला- ज़ोर से ही..
और फिर पहली बार किसी मर्द ने मेरे नंगे मम्मों पर अपना मुँह रखा.. जैसे ही वो चूसने लगे.. मेरे पूरे बदन में जाने क्या होने लगा.. अब कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।
तभी जॉन्सन अंकल मेरे चूचुकों को जीभ से चाटने लगे.. तो मैंने उनका सर अपने हाथों से पकड़ कर अपने मम्मों पर दबा दिया और बोली- अंकल और ज़ोर से…
उन्होंने कहा- क्या डार्लिंग..
मैं बोली- चूसो…
तो उन्होंने मेरे ठोस मम्मों को पकड़ कर मुँह से दबा दिया और इतनी ज़ोर के साथ मसला कि मेरी चूचियों में उनका एक दाँत भी गड़ गया।
‘आह्ह..’
मैं चीख उठी.. तो पूछने लगे- क्या हुआ निकी?
मैंने कहा- कुछ नहीं…
इतनी देर में दूसरे वाले अंकल ने भी मेरे एक मम्मे को पकड़ा और वे भी चाटने लगे और मेरे चूचुक में अपनी जीभ फेरने लगे।
मुझे क्या पता था कि इन्हें वो सब पता है कि लड़की को कैसे मदमस्त करते हैं।
अब दोनों अंकल ने मेरा एक-एक चूचा मुँह में भर लिया और चूसने लगे।
मैं बस ‘उहह.. अहह.. ओह.. उंह उफफ.. सी.. सी..’ लगातार ज़ोर ज़ोर से आवाज़ करने लगी।
अब मुझे कुछ भी होश ना था.. इतने में उधर नीचे दादा जी मेरी चूत में ऊँगली घुसाए हुए थे।
अब उन्होंने कहा- निकी तुम्हारा लोवर उतार दूँ क्या..? अब तेरी चूत बहुत तप रही है।
मैं बोली- आअहह.. हाँ.. बस आप तो करो.. दादा जी.. जो भी आपका मन करे…
इतना सुनते ही वो मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरे लोवर को नीचे उतारने लगे।
तो वो दोनों अंकल बोले- रूको यार.. हमें भी ये नज़ारा देखने दो।
वो दोनों अब मेरे मम्मों को छोड़ कर मेरे लोवर को उतरता देखने लगे, जैसे ही मेरी गोरी जाँघों से नीचे लोवर घुटने की तरफ जाने लगा.. उन दोनों ने मेरी जाँघ को सहलाया और जीभ से चाटने लगे।
इतने में लोवर पैरों से खींच कर दादाजी ने उतार दिया…
अब तीनों आँखें फाड़ कर एकदम से एक साथ बोले- ये क्या है निकी?
मैं तो लेटी हुई थी.. तो हाँफते हुए बैठ गई। अब मेरे जिस्म पर सिर्फ़ पैंटी बची थी.. मैंने पूछा- क्या दादा जी.. क्या हुआ?
तो उन्होंने मेरी पैंटी के ऊपर जहाँ चूत थी.. हाथ रख कर बोले- ये निकी…
मैं ऊपर से पूरी नंगी थी.. फिर भी जाने क्यूँ शर्म सी आई.. मैं बोली- आप जानते हो क्या है…
तो दूसरे वाले अंकल बोले- हम जानते हैं तुम्हारी चूत है ये.. पर ऐसी फूली हुई चूत तो हमने अपनी जिन्दगी में कभी नहीं देखी.. कितनी मस्त फूली हुई है.. बहुत ही मस्त है ये.. सच बता कितने लण्ड घुसवा चुकी हो इसमें.. अब मत छुपा.. ना ही शर्मा…
मैंने अपना सर पर हथेली रखी और कहा- अपनी सौगंध.. अंकल आज तक नहीं.. किसी ने नहीं घुसाया…
इतने में दादा जी ने बोला- अब पैंटी भी उतार कर फाइनली ये मस्त तेरी चूत और देख लें?
मैंने कहा- हाँ दादा जी…
तो उन्होंने सीधे मेरी गाण्ड तरफ से हाथ डाल कर पैंटी का ग्रिप पकड़ा.. मैंने भी थोड़ा चूतड़ों को उठा दिया।
मैं देख रही थी कि जैसे ही मेरी कमर से नीचे दादा जी पैन्टी खिसकाने लगे.. वो दोनों अंकल आँखें फाड़ कर एकटक मेरी चूत को देखने लगे…
मेरे जीवन में आज पहली बार.. क्या दिन था.. वो भी एक नहीं.. तीन मर्द.. वो भी 60 साल के ऊपर के.. मेरी कुँवारी चूत को नंगा किए हुए थे।
अब जब पैंटी मेरी टाँगों से नीचे उतरी तो जाने कैसे चूत की जगह में कुछ गीलापन सा हो गया था…
तो पहले दादा जी ने पैन्टी को अपनी नाक में लगा कर सूँघा और जहां पैन्टी में चूत फिट होती है.. उसको उधर से ऐसे ही चाटने लगे।
फिर जॉन्सन अंकल ने पैंटी को लिया और उसे अपनी नाक से रगड़ने लगे.. बोले- वाह.. क्या महक है.. इसे तो मैं रखूँगा…
फिर दूसरे अंकल ने भी सूँघा।
अब दादा जी सीधे मेरे तलवे चाटने लगे और तलवों को चाटते हुए वे ऊपर की तरफ आ रहे थे।
उस समय जो माहौल था.. उस सबको देख कर मैं 18 साल की कुँवारी लड़की.. पागल सी हो रही थी।
इतने में दोनों अंकल ने मेरी चूत के अगल-बगल मेरी जाँघ को चाटने लगे।
मुझे बहुत गुदगुदी होने लगी.. तो मैंने उनके सर के बाल पकड़ लिए और ‘अहह.. ओह…’ करने लगी।
तभी जॉन्सन अंकल ने मेरी नंगी चूत पर अपना मुँह रख दिया और बोले- क्या मस्त खुश्बू है… उन्होंने उसे जैसे ही चूमा.. मैंने कस कर उनका सर अपनी चूत में दबा दिया।
तभी दूसरे अंकल मेरे पिछवाड़े में अपना मुँह घुसड़ेने लगे।
तो मैं बोली- क्या अंकल?
बोले- मुझे तेरी गाण्ड चाटनी है और चूमना है..
मैंने ये शब्द जीवन में पहली बार अपने लिए सुना था.. ओह्ह.. इतना गंदा…
मुझसे तो कुछ कहा ही ना गया कि तभी दादाजी बोले- मैं तो निकी की चूत को चुम्बन करूँगा।
जॉन्सन अंकल बोले- मुझे तो बस निकी के मम्मों को चूसना और दबाना है।
तो दूसरे अंकल बोले- मैं तो निकी की गाण्ड को ही चाटना चाहता हूँ…
उन तीनों की बातों से ही मैं मदहोश हो गई थी।
तभी दादा जी ने बोला- तू निकी ऐसे करवट लेकर लेट जा.. बस कुछ मिनट की बात है.. बस तुझे चोदेंगे नहीं.. तू डर मत.. बस तुझे देखेंगे.. चूमेंगे और निकल जाएँगे…
पहले तो उन सब से मैंने ही वादा लिया था कि वो ऊपर-ऊपर मुझे चूस कर और सहला कर चले जाएँगे.. पर न जाने क्यूँ.. अब उनके मुँह से जाने का सुन कर मुझे कुछ बुरा सा लगने लगा.. पर मैं कुछ न बोली और करवट के बल लेट गई।
अब मेरे पीछे दूसरे वाले अंकल लेट गए.. पर वे उल्टा होकर लेटे थे। उनके पैर मेरे सर की तरफ थे और वो मेरी पीठ को चाटने लगे.. चूमने लगे।
अब मेरा बिल्कुल शांत रह पाना मुश्किल था।
वे नीचे से मेरे कूल्हों को चाटते हुए चूमने लगे और दबाने लगे.. और साथ ही जब उन्होंने मेरी गाण्ड के छेद पर हाथ लगाया.. तो जाने मुझे क्या हुआ मैं एकदम से उछल पड़ी और मेरे मुँह से ‘ओह..’ निकल गया।
चूँकि वो उल्टा लेटे हुए थे.. तो उनका लण्ड कई बार मेरे गालों से टकरा रहा था जो मुझे बहुत उत्तेजित करने लगा।
इधर जॉन्सन अंकल भी वैसे ही उल्टा लेटे हुए थे.. उनका लण्ड भी मेरे मुँह की तरफ आ रहा था.. तो जैसे ही उन्होंने मेरे खुले हुए दोनों मम्मों के बीच में अपना मुँह रखा चूँकि वो सामने थे और उल्टा तो उनका लण्ड मेरे कभी होंठों को तो कभी नाक के पास आ जाए तो उनकी लण्ड की महक जाने कैसी थी की वो मुझे पागल करने लगी…
अब जॉन्सन अंकल बोले- निकी मम्मों को दबाऊँ कि चूसूँ.. बोलो?
मुझे जाने क्या हो चुका था.. अब कुछ भी मेरे नियंत्रण में नहीं रह गया था… मेरे मुँह से.. मेरी ज़ुबान से वो सब कुछ निकलने लगा.. जो मैं भी सोच नहीं सकती थी।
उनके सवाल के उत्तर में मेरे मुँह से निकल गया- अंकल दोनों करो…
उनके फिर से पूछने पर- ज़ोर से.. कि आराम से..
मैंने कहा- नहीं.. जो भी करना है अंकल.. ज़ोर से ही करो…
यह सुनते ही वो बोले- तू बहुत हॉट है निकी.. तू बहुत गरम लड़की है…
अब वे कस-कस कर मेरे मम्मों को मसलने और भंभोड़ने लगे…
मैं सीत्कार करने लगी- उंह.. ओह.. आऊच.. आहह.. मम्मी…
उनका लण्ड कभी मेरे होंठों पर.. तो कभी मेरी नाक से रगड़ खा रहा था।
तभी ओह.. माय गॉड.. अब जो सबसे अधिक पागल कर देने वाली हरकत हुई वो दादा जी ने की..
मेरा आपसे निवेदन है कि मेरी कहानी के विषय में जो भी आपके सुविचार हों सिर्फ उन्हीं को लिखिएगा।
मेरी सील टूटने की कहानी जारी है।
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