मौज मस्ती में दो से बेहतर चार- 3

(Sex Orgy Ki Kahani)

सनी वर्मा 2024-08-06 Comments

सेक्स आर्गी कहानी में दो कपल केरल में घूमने आये, आपस में मिले, खुली बातें हुई और साथ साथ मस्ती में लग गए. वाट बीवियों की अदलाबदली तक पहुँच गयी. चारों इसके लिए राजी थे.

कहानी के दूसरे भाग
खुले में दो जोड़ों ने वासना का खेल खेला
में आपने पढ़ा कि उत्तर भारत के दो कपल एक साथ रहकर मौज मस्ती करते हुए आपस में काफी खुल गए. यहाँ तक कि खेल खेल में सबके सामने नंगे भी हो चुके थे.

अब आगे सेक्स आर्गी कहानी:

अगली सुबह नाश्ते के बाद तैयार होकर सभी ठेकडी के लिए निकले.
वहां हाउसबोट पर रुकना था.

पर इनका नसीब देखो, कोई हाउसबोट ऐसी मिली ही नहीं जिसमें दो रूम हों.
भीड़ ज्यादा थी.
एक ही बोट मिली वह भी केवल सिंगल रूम की.

तो एक बार तो इन लोगों ने ये मन बनाया कि शाम तक हाउसबोट में घूमते हैं, फिर रात को पूवर( दक्षिण भारत के केरल राज्य में एक पर्यटन स्थल) चले जायेंगे, वहां रिसोर्ट में कोई न कोई जुगाड़ हो ही जाएगा.

पर हाउसबोट सुंदर थी.
लड़कियों ने कहा- रात ऐसे ही गप्पों में काट देंगे. जिसे ज्यादा नींद आ रही होगी वह बेड पर सो जाएगा, बाक़ी बाहर सिटिंग एरिया में महफिल जमा लेंगे.

संजीव ने बियर खरीद ली और चिप्स वगैरा भी ले लिए.

दिन भर बेकवाटर की ख़ूबसूरती के बीच हाउसबोट तैरती रही.
जमकर धमाचौकड़ी मचाई चारों ने!

फिर थक कर ऐसे ही घुस लिपट कर एक ही बेड पर शाम को चारों सो गए.

नींद लेकर रात को 8 बजे उठे तो हाउसबोट में डिनर तैयार था.
हाउसबोट एक जगह पार्क कर दी थी.

पहले तो इन लोगों ने दो दो पेग ड्रिंक्स लीं.
आज तो लड़कियों ने भी ले ही ली.

फिर लड़कियों को नशा चढ़ता देख कर फटाफट डिनर भी कर लिया.

इस सबमें रात के 11 बज गए.
नींद तो पूरी थी.
लड़कियां भी अब संभल चुकी थीं.

इन लोगों ने हाउसबोट वालों को फ्री कर दिया.
वे दो लोग थे. उनमें से एक तो किनारे के गाँव में चला गया सोने. दूसरे ने किचन में बिस्तर लगा लिया.
इन लोगों ने कह दिया कि कोई बात होगी तो हम आवाज लगा देंगे, तुम बिना बुलाये मत आना.

हर्ष ने कहा- हम सब आपस में बहुत खुल चुके हैं तो रूम के बाहर क्या जाना. क्योंकि बाहर सब और अन्धेरा है, शीशे की किवाड़ लगी हैं. हम लोग इसी बेड पर डेरा जमाते हैं, नींद आएगी तो सो जायेंगे. मन करेगा तो और कुछ भी करेंगे. पर करेंगे अपनी अपनी के साथ. इसमें इमानदारी रखनी होगी.

तनु बोली- बड़ा ईमानदार बन रहा है? सारिका तू इसकी बातों में मत आना. ढक कर अपने सामान को संभाल कर सोना. इसका पता नहीं कब मेरा बहाना बना कर इसका हाथ कहाँ से कहाँ पहुँच जाए.

सब हंस दिए.

हाउसबोट का रूम और बेड छोटा ही होता है.

ए सी बढ़िया काम कर रहा था.

लड़कों ने तो टीशर्ट उतार कर केवल शॉर्ट्स पहनी.
लड़कियों ने फ्रॉक डाली.
पर आपस में इशारा करके फ्रॉक के नीचे पैन्टी पहन ली.

अब मन तो लग नहीं रहा था … कुछ खुराफात होनी चाहिए थी.

हर्ष के दिमाग में आया कि रूम में जो टीवी है वह स्मार्ट टी वी है. तो उस पर तो मोबाइल से मूवी चल जायेगी.
उसने ट्राई किया तो चल पड़ी.

अब सारिका बोली- हर्ष, भगवान् के लिए ब्लू फिल्म मत लगाना.
तनु बोली- पकड़ी गयी चोर. इसका मन कर रहा है ब्लू फिल्म देखने का. वरना हर्ष तो रामायण लगाने वाला था.

हर्ष बोला- सब लोग चुपचाप चादर में समा जाओ. मैं हॉट मूवी लगा रहा हूँ. शर्त यह है कि जो कोई कुछ भी करेगा चादर के अंदर करेगा और कोई हल्ला नहीं मचाएगा. जो हो रहा है उसका चुपचाप मजे लेगा. जिसे ऐतराज हो वह बेड से उतर कर बाहर चला जाये. बाहर चिप्स और बियर रखी है, वह उनसे मजे ले.

माहौल गर्म हो चला था.
हर्ष का आईडिया वासनामय था.

यह तो तय था की आज सबके बदन पर दूसरे के हाथ फिरेंगे.
पर शर्त के मुताबिक़ कोई अपनी जगह से नहीं हटेगा और चादर नहीं हटाएगा.

बीच में दोनों लड़कियां बैठ गयीं और उनके एक एक और संजीव और हर्ष.
सबके हाथ में बियर की केन थी और चादर ओढ़ी हुई थी.

मूवी चालू हो गयी.

तनु मजाक नहीं कर रही थी.
हर्ष ने ऐसी ही मूवी ढूंढी थी जिसमें दो दोस्त अपनी जवान बीबियों के साथ पूल पार्टी कर रहे हैं.

जाम का दौर चालू था.
तो यह तो तय था कि आगे सेक्स भी होगा.
और जब पोर्न मूवी है तो बीबियाँ बदल कर सेक्स होने की संभावना ज्यादा थी.

मूवी में हंसी मजाक चल रहा था तो इनके बीच में भी छेड़छाड़ चालू थी.

नीचे से हाथ और पैर अपनी अपनी जगह बदल रहे थे.
पर अभी सब कुछ सिर्फ हंसी मजाक तक था.

तभी संजीव ने टी वी बंद किया और बोला- चलो ताश खेलते हैं, ये देखते रहे तो थोड़ी देर में कुश्ती चालू हो जायेगी.

सब गोले में बैठ गए.

संजीव ने नियम बनाया- हर व्यक्ति अपने राईट हैण्ड में बैठे व्यक्ति के जिस्म पर हाथ फेर सकता हैं, अंदर नहीं करेगा. और हर बार चोरी पकड़े जाने पर सीट बदल जायेंगी.
बात नयी थी.
तनु ने म्यूजिक भी लगा दिया.

पहले संजीव बैठा, उसके बगल यानि राइट हैण्ड को सारिका बैठी.
उसके बाद तनु बैठी फिर हर्ष.

यानि संजीव सारिका के, सारिका तनु के, तनु हर्ष के और हर्ष संजीव के जिस्म को छू सकेगा.

गेम शुरू हो गया.
अपनी चाल चल कर सबके हाथ बगल वाले की जिस्म को नापने लगे.

हर्ष ने तो संजीव का लंड पकड़ा.
संजीव बोला- एक करेक्शन है, प्राइवेट पार्ट्स नहीं छूने.

सब हंस दिए क्योंकि सारिका के हाथ भी तनु की पैन्टी की दरार को मसल रहे थे.

सबसे पहले तनु पकड़ी गयी तो वह एक सीट आगे मतलब हर्ष की जगह बैठी और हर्ष उसकी जगह.

गेम दुबारा शुरू हुआ.

सारिका ने हर्ष की जांघों को अपनी नाजुक उँगलियों से सहलाना शुरू किया.
हर्ष का तो तन गया उसका स्पर्श पाते ही. हर्ष ने पैर तनु की पैन्टी के पास किया और पैर के अंगूठे को तनु की पैन्टी के अंदर कर दिया.

तनु की आँख बंद हो गयी पर उसने अपने हाथों को संजीव की छाती पर फिराना बंद नहीं किया.
इस चक्कर में संजीव आउट हो गया.

अब संजीव को हर्ष की जगह बैठना पडा और हर्ष को संजीव की जगह.

गेम दुबारा शुरू हुआ.
अब सारिका का हाथ संजीव की हाफ पैन्ट के अंदर था और तनु का हाथ में हर्ष का लंड था.

संजीव बोला- ये बेईमानी है.
तनु बोली- चुपचाप मजे लो, बड़ा आया ईमानदार.

संजीव ने यह सुनकर तनु की जांघों को सहलाते हुए उसकी पैन्टी के अंदर उंगली कर दी.

तनु झटके से उठ कड़ी हुई बोली- सब बेईमानी कर रहे हो, मैं नहीं खेलती. इससे तो मूवी ही ठीक थी.
कहकर उसने चादर पलट दी.

अंदर सारिका के हाथ में संजीव का लंड मचल रहा था.

हँसते हुए संजीव ने अपना औज़ार अंदर किया.

गेम डिसमिस हुआ.

चरों बाहर आ गए डेक पर और बियर का आनन्द लेने लगे.

संजीव ने तनु के गले में हाथ ड़ाल दिया, तनु कुछ नहीं बोली.
देखा देखी हर्ष भी सारिका से चिपक गया.

सारिका बोली- ज्यादा बदमाशी नहीं. आज तो वैसे भी सूखी रात है. इसलिए मामला गर्म मत करो.

बियर खत्म कर चारों रूम में आ गए.

रात का 1 बज रहा था.
अब नींद भी आ रही थी … चुदास भी हावी थी.

यह तो सारिका और तनु ने तय कर लिया था कोई चाहे हाथ कहीं भी लग जाएं पर सेक्स नहीं होगा क्योंकि फिर वह कहाँ तक पहुंचेगा पता नहीं.

चारों शीट ओढ़ कर लेट गए.

थोड़ी देर में ही हाथ मचलने शुरू हो गए.

सबसे ज्यादा बदमाशी हर्ष कर रहा था. वह तनु के मम्मे लपकने की कोशिश कर रहा था.
तनु बोली- संजीव तुम यहाँ आ जाओ. तुम दोनों एक दूसरे का पकड़ कर सो जाना. हम दोनों एक दूसरे के पकड़ लेंगी.

इस पर संजीव बोला- जब पकडाने हैं तो आपस में बदल कर पकड़वा दो. झगड़ा क्या करना!
सारिका बोली- ज्यादा बोलो नहीं … मेरे पकड़ लो और चुपचाप सो जाओ.
इस पर हर्ष बोला- संजीव तू पकड़ ले, फिर मुझे पकड़वा देना.

हँसते हुए सब एक बार फिर सोने की कोशिश करने लगे.
पैर आपस में टकरा रहे थे.

चूमा चाटी शुरू हो गयी.

सारिका संजीव की और पीठ करके लेटी थी, उसके आगे तनु थी.
संजीव सारिका के माम्मे मसल रहा था.

तनु भी शायद हर्ष से चिपकी उसका लंड मसल रही थी.
हर्ष ने उसे जकड़ रखा था. उसके हाथ तनु की कमर पर थे.
उसने हाथ थोड़े से फैलाये तो उसके हाथ सीधे सारिका के मम्मों से जा टकराए जो संजीव की गिरफ्त में थे.

सारिका असहज हुई तो संजीव ने उसे और धक्का दिया तनु की ओर.

अब हर्ष के हाथ में सारिका के मम्मे थे.
सारिका कसमसा रही थी.
उसने हाथ पीछे किया और संजीव का लंड पकड़ लिया.
लगी वह उसे मसलने!

संजीव उसे कान के पास चूम रहा था.

हर्ष ने एक हाथ से तनु की टी शर्ट ऊपर की और उसके मम्मे चूमने लगा.

संजीव ने हाथ तनु के ऊपर किया.
तनु को अहसास हो गया था कि अब चारों एक दूसरे से लग चुके हैं.

वह सीधी हुई तो उसके मम्मों के ऊपर संजीव का हाथ आ गया.

अब दोनों लड़कियां सीधी हो गयी थीं. दोनों एक दूसरी की चूत में उंगली किये हुए थीं और दोनों के मम्मे एक दूसरे के पतियों के गिरफ्त में थे.

तनु कसमसा कर सारिका से बोली- यार, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा. चाहे तो तू संजीव से कर ले चाहे हर्ष से. वैसे आज की रात अगर हम अपने अपने से करें तो अच्छा होगा.

सुनकर संजीव सारिका के ऊपर चढ़ गया और पेल दिया अपना मूसल सारिका की पानी बहाती चूत में.

अब हर्ष भी क्यों रुकता … वह भी तनु की टाँगें चौड़ा कर चढ़ गया उसके ऊपर और धकापेल शुरू कर दी.

दोनों लड़कियाँ चुदाई का शोर मचाने लगीं.
पूरे कमरे मैं आह आऊच गूंजने लगा.

हाउसबोट थी कोई कोटेज का कमरा नहीं.

जल्दी ही दोनों जोड़ों ने काम निबटाया और कपड़े पहनकर चिपक कर सो गए.

सुबह उठे तो नाश्ता तैयार था.
हाउसबोट चल दी.

नाश्ता करके सामन पैक किया और किनारा आ गया.

आज उनको पूवर जाना था. आज की रात आखिरी रात थी. टूर की.
कल उनको अपने अपने घर की फ्लाइट पकडनी थी.

पूवर का रिसोर्ट बहुत खूबसूरत था.
उनको जो विला मिला, उसमें दो बेडरूम थे. बीच में बड़ी सी लॉबी.

पहुँचते ही वे लोग बेकवाटर में एक मोटरबोट से घूमने निकले.
बहुत हसीं नजारा था.

अब तो इन चारों में कोई शर्म नहीं थी. कोई किसी के पास बैठ ले, किसी को चूम ले.

रिसोर्ट में आकर वे लोग फ्रेश होकर घूमने निकले.
रिसोर्ट का अपना स्पा था.

हर्ष ने मालूम किया तो वहां हर तरह की मसाज मिलती थी, पर मिलती थी वहीं मसाज सेंटर में.

तब हर्ष ने उनसे पैसों का लालच देकर सेटिंग कर ली कि एक लड़का और एक लड़की शाम को 7 बजे उनके कोटेज में आयेंगे, थाई मसाज देंगे. सिवाय सेक्स के अलावा सब कुछ होगा.
हर्ष ने उन्हें पैसों का इतना बडा लालच दे दिया कि वे कुछ नहीं कह पाए.

लड़कियां कुछ असहज थीं तो उनको कह दिया कि लॉबी में लाइट बंद करके मसाज होगा. जो असहज हो वह उतने में ही रोक ले.

ठीक 7 बजे दोनों लड़के और लड़की आ गए.
लड़का बलिष्ठ केरल का था, मजबूत जिस्म.
लड़की साउथ ईस्ट की असामी सुंदर थी.

उन्होंने इन लोगों को डिस्पोजेबल अंडरगारमेंट्स पहने को दिए और अपना ताम झाम जमाया.

कमरे में उन्होंने सुगंध जलाई और नीचे तौलिया बिछा दिए.

उन्होंने पूछा- पहले कौन कराएगा?
लड़किया झिझकीं तो संजीव और हर्ष आगे आये.

पर लड़की ने कहा- बेहतर होगा आप जोड़े से आयें.
तो तनु आगे आ गयी.

कमरे में बहुत हल्की रोशनी थी.
मसाज शुरू हुई.

हर्ष की मसाज लड़की हिना कर रही थी और तनु की मसाज वह लड़का जॉन.

धीरे धीरे मसाज का माहौल बनता गया और धीरे धीरे तनु और हर्ष दोनों के कपड़े उतर गए.

हर्ष के लंड को हिना ने ऐसी बढ़िया मसाज दी कि उसका तो लंड फव्वारा मार के छूट गया.
उसका सारा वीर्य उसके पेट पर फ़ैल गया.

सारिका यह देख कर विस्मित थी.

उधर जॉन तनु की चूत में इतनी रगड़ कर मालिश कर रहा था कि वह कसमसा रही थी.

तनु ने हाथ बढ़ा कर हर्ष का हाथ पकड़ लिया था.

जब जॉन ने उसे पीठ के बल लिटा कर उसके मम्मे मसले तो एक बार तो तनु का मन किया कि वह जॉन का लंड पकड़ ले.
पर उसने जॉन का सर नीचे किया और उसे होंठों पर चूम कर थैंक्स बोला और उठ खड़ी हुई.

ये दोनों वाशरूम में गए तो संजीव और सारिका लेट गए.

अब चूँकि एक मसाज ये दोनों देख चुके थे तो इन्होने तो लेटते ही खुद ही अपने कपड़े उतार दिए.

हिना हंस पड़ी ये देख कर … बोली- अच्छा है अब आपको मसाज का ज्यादा टाइम मिलेगा.

संजीव बोला- मुझे डिस्चार्ज नहीं करना, वह तो मैं अपनी बीवी के अंदर होऊंगा.
सब हंस दिए.

जॉन के हाथ सारिका के जिस्म पर फिरने लगे.
सारिका गर्म हो चुकी थी तो उसने अपनी दोनों टांगें फैला रखी थीं.

जॉन उसकी बात समझ गया.
उसने सारिका की कमर और टांगों की मसाज जल्दी ख़त्म की फिर उसके हिप्स और चूत की फांकों पर ढेर सारा तेल लगा कर उसकी फांकों को मसलना शुरू किया.

सारिका मचलने लगी.
वह खुद ही पलट गयी.

जॉन ने अब उसके मम्मों और पेट पर होते हुए चूत पर तेल की नदी बहा दी.

उसके हाथ ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तैरने से लगे.

उसने सारिका से पूछ कर अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ अंडरगारमेंट्स में सारिका के जिस्म पर मचलने लगा.

सारिका उसका पूरा मजा ले रही थी.

जॉन ने उसके मम्मे दबा दबा कर मसले और अपने लंड के दबाव से उसकी चूत को मसला.

सारिका ने एक बार तो उसका लंड ऊपर से पकड़ ही लिया.
जॉन ने हँसते हुए उससे उसे छोड़ने को कहा.
सारिका ने लंड छोड़ तो दिया पर जॉन से कहकर एक बार उसे बाहर निकाल कर चूम लिया.

क्या बड़ा लंड था जॉन का!
सारिका की चूत तो अब बगावत पर उतर आई थी.

तो सारिका उठ खड़ी हुई और वाशरूम में चली गयी.

इधर हिना ने भी संजीव की हालत खराब कर रखी थी.
संजीव दो बार उसे होंठों पर चूम चुका था.

अब हालत यह थी कि हिना कुछ देर और मसलती तो संजीव या तो हिना को दबोच लेता या हिना उसे डिस्चार्ज कर देती.

हिना उसकी स्थिति समझ गई थी … रोज का काम था उसका!

उसने आँखों के इशारे से पूछा- डिस्चार्ज करना है क्या?
संजीव ने मना कर दिया तो हिना ने उसे छोड़ दिया.

संजीव भी वाशरूम में चला गया.

रात को डिनर में किसी का मन न लगा.
चूत लंड दोनों परेशान हो गए थे.

फटाफट डिनर लेकर चारों कोटेज में आ गए.
चारों बहुत खुश थे.

उनके वे अरमान जो शायद अकेले घूमने में पूरे नहीं होते, सब पूरे हो गए थे.

तभी तनु सारिका का हाथ पकड़ कर बाहर लेकर गयी.
दोनों पांच मिनट बाद आयीं तो मुस्कुरा रही थीं.

तनु ने हर्ष से कहा- ये भी तैयार है.

माजरा क्या था?

बात यह हुई कि हर्ष ने संजीव से कहा था कि कल हम सब हमेशा के लिए बिछड़ जायेंगे. न तुम हमसे कभी संपर्क करना, न हम तुमसे करेंगे! हम आपस के फोन नम्बर भी डिलीट कर देंगे. ताकि हम चारों जो वक्त साथ गुजारा है, ये हमारे वैवाहिक जीवन में अभी अड़चन न बने. तो क्यों न आज की रात को ऐसे जियें जैसे कि यह हमारी आखिरी रात हो. हम एक ही बेड पर शेयर करके सेक्स करें. मन करे तो आपस में बदल कर सेक्स करें. रात को भरपूर जियें और कल सुबह सब भूल जाएँ.
संजीव को तो उसने मना लिया था; पर अब बारी थी तनु और सारिका को मनाने की.
तनु को हर्ष ने मना लिया और अभी अभी सारिका को तनु ने मना लिया.

तो फिर बिसात जम चुकी थी.

संजीव और हर्ष ने मिल कर बेड के गद्दे लॉबी में खींच लाये.
लॉबी भरपूर बड़ी थी.
डबल बेड के दोनों गद्दे वहां सेट करके बेड शीट्स बिछा लीं.

अब सेक्स आर्गी के लिए उनका हरम तैयार था.

चारों एक साथ वाशरूम में घुसे.

पहली बार चारों की जिन्दगी में ऐसा मौक़ा था कि वे अपने जोड़ीदार के अलावा किसी पराये के साथ शावर के नीचे नंगे खड़े हों.
अब आपसी शर्म लिहाज की कोई गुंजाईश नहीं थी.

सारिका हर्ष से चिपटी हुई थी और तनु संजीव की बाँहों में थी.

नहाकर अपने बदन को तौलिये में लपेटकर चारों लॉबी में पहुंचे.
तनु ने डियो से अपने को और सभी को महका दिया था.

सारिका ने सभी के लिए कॉफ़ी बनायी और फिर अपने अपने मग पकड़कर चारों बेड पर बैठ गए.
सभी की आँखों में चमक और मन में उत्सुकता थी.

शायद सभी ऐसे थे जो जिन्दगी में पहली बार अपने पार्टनर के अलावा किसी गैर के साथ सेक्स करने जा रहे थे.

कॉफ़ी ख़त्म कर तनु ने लाइट ऑफ कर दी.
वहां से बहुत झीनी सी रोशनी आ रही थी.

सारिका ने समझदारी दिखाते हुए सभी को एक एक छोटा तौलिया दे दिया था.
बेड पर सबसे पहले तनु और सारिका लेटी.
संजीव और हर्ष खड़े थे.

दोनों लड़कियों ने बाहें फैलायीं तो जैसा तय था, हर्ष तनु की बाँहों में जा गिरा और संजीव सारिका की बाँहों में!

चारों इसे चिपटे जैसे अब बिछड़ जायेंगे और फिर पता नहीं मिलेंगे या नहीं.

दोनों जोड़े अपने पार्टनर्स के आगोश में समाने को बेताब थे.

थोड़ी देर चूमाचाटी के बाद तूफ़ान रुका.

फिर संजीव उठा और हर्ष को इधर सरकाकर तनु के पास गया और उसके होंठों पर चूम लिया.
सारिका इतना सब्र भी न कर सकी और खुद बैठकर हर्ष से लिपट गयी और लगी ताबड़ तोड़ चूमने!

अब चूमा चाटी का जो दौर चला तो वह होंठों से मम्मों पर होता हुआ फिर चूत और लंड पर आ गया.
चारों 69 हो गए थे.

सारिका लंड चूसने में माहिर थी.
वह हर्ष का लंड पूरा अंदर लेती फिर बाहर करती.
बीच बीच में अपनी हथेलियों से भी रगड़ती.

तनु को चूत चटवाने में बड़ा मजा आता था.
उसने संजीव से फुसफुसाकर कहा- पहले मेरी चूसो अच्छे से!

संजीव उठ खड़ा हुआ और नीचे होकर तनु की टांगों के बीच अपना मुंह दे दिया.
तनु की चूत महक रही थी. तनु ने उसमें थोड़ा शहद भी लगा रखा था.

उसने अपनी फांकों को अपनी उँगलियों से अधिक से अधिक चौड़ा रखा था ताकि संजीव की जीभ अंदर से अंदर जा पाए.

संजीव ने उसकी चुदास देखते हुए अपनी जीभ के साथ एक उंगली भी अंदर कर दी थी और बीच बीच में वह जीभ निकाल कर अपनी दो उँगलियों से तनु की चूत को खूब मसलने लगा.

संजीव का लंड सारिका के मुह के पास था.
तो सारिका ने हर्ष को कहा- तुम भी मेरी चूत को प्यार करो.

कह कर सारिका ने संजीव का लंड पकड़ कर मुंह में ले लिया और अपनी टाँगें चौड़ा दीं हर्ष की जीभ के लिए.

संजीव ने हाथ ऊपर बढ़ा कर तनु के मांसल मम्मे जकड़ लिए और उसके निप्पल को मसलने लगा.
अब तनु बेचैन हो गयी.

वह उठी तो उसे उठता देख हर्ष उसके पास आ गया और उसके होंठों से होंठ चिपका कर अपनी उंगली से उसकी चूत का दाना मसलने लगा.

इनको लगा देख कर संजीव वापिस सारिका के पास आया और उसकी टांगें चौड़ा कर ऊपर कीं और अपना लंड पेल दिया उसकी चूत में.
सारिका ऊंह आह करने लगी.

उसे चुदती देख कर हर्ष पास आया और सारिका के मुह में अपना लंड दे दिया.
तनु इन तीनों की लिपटा लिपटी देख कर उठी और संजीव के होंठ से होंठ भिड़ा कर सारिका के मुख पर बैठ गयी.

उसने हर्ष को वहां से हटा दिया और सारिका के मुख पर अपनी चूत रख दी.
सारिका ने उसकी चूत में अपनी जीभ कर दी.

संजीव ने अब अपने धक्कों की स्पीड धीमी की और बाहर निकल कर तनु को अपने पास खींच लिया.

अब संजीव तनु की चूत चोदने के मूड में था.

तनु हर्ष को भी इस चुदाई में जोड़ना चाहती थी.
तनु ने हर्ष को बुलाया और एक हाथ में हर्ष का लंड और एक हाथ में संजीव का लंड लेकर दोनों को चूसने लगी.

सारिका उसकी चूत के ऊपर बैठ कर अपनी चूत से उसकी चूत रगड़ने लगी.

अब फाइनल राउंड का टाइम आ गया था.

हर्ष ने सारिका को नीचे लिटाकर अपना लंड उसकी चूत में पेला.
और उधर संजीव ने तनु को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड घुसाया और धक्कों की रेल बना दी.

संजीव तो तनु के मम्मे छोड़ ही नहीं रहा था.
तनु भी पक्की चुदक्कड़ थी; उसने संजीव को नीचे लिटाया और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में सेट किया और ले लिया अंदर … और फिर लगी जोर जोर से उछलने.

संजीव दोनों हाथों से उसके मम्मे मसल रहा था.

अब तनु पागल सी हो रही थी; उसकी आहें और कसमसाहट उसके अंदर उठती चुदास की आग को दर्शा रही थीं.

तनु के मुख से झाग निकल रहे थे.
संजीव भी नीचे से धक्के लगा रहा था.

उछल कूद के बाद तनु जोर से चिहुंकी और एक झटके में संजीव की छाती पर लुढ़क गयी.
उसका और संजीव दोनों का स्खलन हो गया था.

इधर सारिका और हर्ष की पेलमपेल जोरों पर थी.

हर्ष ने सारिका की दोनों टाँगें को चौड़ा कर पूरा मूसल पेल रखा था और धक्कों की बौछार कर रखी थी.

सारिका भी मस्ती में खूब बोल रही थी- फ़क मी हार्ड … आज फाड़ दो मेरी चूत को. मजा आ गया!
जल्दी ही हर्ष ने अपना लावा सारिका की चूत में निकाल दिया.

चारों वहीं लुढ़क गए.
वाशरूम जाकर फ्रेश हुए फिर अपने अपने जोड़ीदार की बाहों में समाकर सो गए.

अगली सुबह उठकर फिर एक जोरदार सेक्स सेशन हुआ.
फिर नहाकर सामान पैक किया और ब्रेकफास्ट लेकर त्रिवेन्द्रम के लिए निकल लिए.

त्रिवेंद्रम पहुँच कर चारों ने एक दूसरे को चूमा और फिर आपस के मोबाइल नम्बर डिलीट किये.
फिर निकल लिए अपनी अपनी राह पर कभी न मिलने की चाहत में!

दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स आर्गी कहानी?
लिखिएगा मेरी मेल आई डी [email protected] पर.

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