सविता भाभी का बकरा-12
(Savita Bhabhi ka Bakra-12)
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सोनम ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और बोली- अब देर न करो, लौड़ा डाल दो !
चूतड़ हिलाते हुए वो मेरा लौड़ा अपनी चूत में लगवाने को आतुर होने लगी।
मैं उसे चोदने लगा, वो उह उह आह करके चुदाई के मज़े लेने लगी।
सोनम को चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
तभी अचानक से दरवाज़ा खुला, मुझे पता भी नहीं चला।
मैं सोनम को सटासट चोदे जा रहा था, सोनम ने मुझे धक्का देका हटा दिया और एक झटके से उठकर चादर अपने ऊपर डाल ली।
मैंने हड़बड़ी में उठकर देखा तो सामने मौसी खड़ी थीं।
मैंने तेजी से सोनम का नेकर उठाकर अपने खड़े लौड़ा पर टांग लिया।
मौसी बोलीं- तुम दोनों कपड़े पहनो, मैं आती हूँ।
हम दोनों कपड़े पहनने लगे, सोनम मंद मंद मुस्करा भी रही थी जबकि मेरे चेहरे की हवाइयाँ उड़ी हुई थीं।
कुछ देर बाद मौसी और भाभी दोनों साथ साथ आई, हम दोनों कपड़े पहन चुके थे।
मौसी मुस्कराते हुए बोलीं- अरे सोनम तो बहुत अच्छी लड़की है। थोड़ा भाग्य खराब था जो दो दिन की शादी का कलंक लग गया। तुम दोनों इतना चाहने लगे हो तो मैं तुम्हारी शादी करा देती हूँ। इससे अच्छी लड़की तो तुम्हें मिलेगी भी नहीं। शादी के बाद तो तुझे आराम ही आराम है। कल ही दीदी को बुलाती हूँ।
भाभी चुटकी काटते हुए बोलीं- मम्मीजी, दोनों की जोड़ी तो बहुत अच्छी लगेगी, देखो लम्बाई भी कितनी मिलती हुई है।
मेरे चेहरे पर हवाइयाँ उड़ रही थीं।
उसके बाद मौसी बोलीं- चल अब जाकर सो जा।
सुबह के तीन बज़ रहे थे, मेरी नींद तो हवा हो गई थी।
मौसी ने भाभी का फ़ोन लेकर मेरे पापा को फ़ोन घुमाया और उन्हें बाहर जाकर मसाला लगा कर पूरी घटना बताने लगीं।
मुझे भाभी, मौसी और सोनम का व्यवहार देख कर ऐसा लगा कि मुझे बलि बकरा बनाया गया है।
अगले दिन भाभी मेरे कमरे में दस बजे चाय लेकर आईं, चाय रखकर उन्होंने अपना ब्लाउज उठाकर चूची बाहर निकाल कर मुझे आँख मारी और बोलीं- पहले दूध पियोगे या चाय?
भाभी की चूचियाँ इस समय किसी नाग के फन की तरह लग रही थीं और मुझे ऐसा लगा जैसे भाभी चूचियों से मेरी गाण्ड मार रही हों और कह रही हों चूत का मज़ा तो चख लिया अब गाण्ड मरवाने का मज़ा भी चख लो।
मैंने उनसे बचाने की गुहार की तो वो मुझे जहरीली मुस्कान देते हुई बोलीं- सोनम कोई गन्दी लड़की तो है नहीं शादी के लिए, तुम्हें इससे अच्छी बीवी कहाँ मिलेगी। तुम भी शादी को मान जाओ, नहीं तो यह हमारे तुम्हारे बारे में सब बता देगी। माल तो इसका बढ़िया है, सिर्फ दो रात का दाग लगा है, चूत भी चोदने लायक है, तुमने तो इसका रस चख ही रखा है। शादी के बाद जी भर कर पीना। घर का काम भी बहुत अच्छा करती है, दोनों समय बढ़िया बढ़िया खाना बना कर खिलाएगी।
तभी घर की डोर बेल बजी मेरे मम्मी-पापा आए थे।
मौसी ने भाभी को आवाज़ दी, भाभी बोलीं- चलती हूँ मौसी बुला रही हैं।
चाय नाश्ते के बाद मौसी ने उन्हें सोनम से मिलाया, मौसी बोलीं- ये दोनों तो बहुत प्यार करते हैं।
उन्होंने भाभी के मोबाइल पर मेरी और सोनम की साथ साथ खींची हुई फोटो दिखा दिन जिसमे मैं सोनम के सिन्दूर लगा रहा था, उसकी पप्पी ले रहा था और चूचियाँ दबा रहा था।
मेरे हाथ से बना हुआ गुलाब के फूल वाला कागज भी दिखाया जिस पर ‘आई लव यू’ लिखा था।
सोनम ने मेरे सामने अपनी ब्रा उतार कर चूचियों पर मेरे हाथ से बना गुलाब का फूल और ‘आई लव यू’ लिखा हुआ मेरी माँ को दिखाया।
मेरी तो सिट्टी पट्टी गम हो गई।
पूरे दिन मेरी मौसी पापा और मम्मी में तनातनी रही।
सोनम को भी मेरे माँ बाप ने खूब खरी खोटी सुनाई।
अंत में यह तय हुआ कि अगर राजेश चाहेगा तो यह शादी हो जाएगी।
मुझे उन्होंने दो दिन का समय दिया।
भाभी और सोनम से दिनभर मैंने बात नहीं की पर मैंने देखा कि भाभी को दिन में दो तीन बार उलटी हुई।
मुझे यह देखकर कुछ अटपटा लगा।
अगला दिन तनाव में निकल गया।
सोनम ने मुझे मैसेज किया कि वो मुझसे मिलना चाहती है।
मैं उससे मिलने चला गया।
उसने मुझसे कहा- तुमने मुझसे पूरे मजे लिए हैं, फिर भी मैं शादी के लिए तुमसे जबरदस्ती नहीं करुँगी, मैं तुम्हें बताना चाहती हूँ कि मैं तुमसे सच्चा प्यार करती हूँ। मैं तुमसे छोटी भी हूँ वादा करती हूँ, एक अच्छी पत्नी बनकर रहूँगी और तुम्हें शिकायत का कोई मौका नहीं दूँगी। भाभी और तुम्हारे बीच के संबंधों को भी भूल जाऊँगी।
मेरी हालत पतली हो रही थी मैंने कुछ सोचकर कहा- मैं कल शाम को जवाब दूंगा।
सोनम जाने लगी, मैंने उसे रोककर कहा- एक बात बताओ, यह भाभी को उलटी क्यों हो रही है?
सोनम बोली- जो तुम सोच रहे हो वो सच है। भाभी पेट से हैं। उनके बच्चा होने वाला है वो भी तुम्हारा, भैया के तो स्पर्म काउंट इतनी कम है 5 साल से बिना कोंडोम के लगा रहे हैं आज तक बच्चा नहीं हुआ है। मैं अगर तुम्हारी पत्नी बन गई तो मैं वादा करती हूँ इस बात पर तुम से कभी नहीं लडूंगी।
मेरे को तो काटो खून नहीं रहा, पूरी रात नींद नहीं आई, पूरी रात सोचता रहा, मुझे लगा अगर मैंने किसी और से शादी कर ली तो इस बात को लेकर कभी भी बवाल मच सकता है।
अब मुझे लगने लगा सोनम से ही शादी करना ठीक है।
मैं बकरा बन चुका था।
अगले दिन सुबह मैंने अपने पिता से कह दिया- मैं भी सोनम से शादी करना चाहता हूँ।
शाम को सोनम से जब मैं मिला तो रोते हुए वो मुझसे चिपक गई।
मेरी शादी तय हो गई।
पनद्रह दिन में शादी हो गई।
धीरे धीरे सोनम से मुझे यह पता चल गया कि इस साज़िश की रचियता मेरी मौसी थीं, उनके एकमात्र पुत्र की स्पर्म काउंट निल थी।
अपने पुत्र की कमी छुपाने के लिए उन्होंने पुत्र और पुत्रवधू से मिलकर यह साजिश रची थी ताकि उनके घर में बच्चा आ जाए, भैया भी इसके लिए राजी थे वो नहीं चाहते थे कि उनकी कमी का पता किसी को चले, सोनम जीवन से झटका खाए हुए थी, वो भी एक अच्छी जिन्दगी की चाहत में उनके साथ शामिल हो गई थी।
इन सबने मिल कर मुझे बकरा बनाया और पूरे ऑपरेशन का कोड ऑपरेशन चूत रखा था।
मेरी फोटो डिलीट करने से पहले भाभी ने मोबाइल से भैया को फॉरवर्ड कर दीं थी।
शादी के 3 महीने तक मैं सोनम से उखड़ा रहा और उससे लड़ता रहा लेकिन उसने अपनी व्यवहार कुशुलता से घर अच्छी तरह संभाल लिया।
मम्मी पापा भी उससे खुश रहने लगे।
सोनम की चूत और गाण्ड पर मेरा पूरा कब्ज़ा है, वो मुझे जैसा मैं चाहता था वैसा सेक्स करने देती है, उसने मुझे घर मैं कभी कोई दिक्कत नहीं होने दी जब भी वो कुछ दिन के लिए घर जाती तो मुझे उसकी कमी महसूस होने लगी।
मेरे साथ के कुछ दोस्तों के शादी के बाद सुंदर बीवियाँ होते हुए भी झगड़े अदालत तक पहुँच गए थे।
कुछ शादी के बाद भी अपना लौड़ा अपने हाथों से सहलाते फिर रहे हैं।
यह सब देखकर मैंने भी सोनम को माफ़ कर दिया।
उसके बाद हममें प्यार बढ़ता गया और आज हम आपस में एक अच्छे पति-पत्नी हैं।
कहानी काल्पनिक है, इसका किसी के वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं है।
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