सास बहू को एक साथ चोदा

(Sas Bahu Sex Kahani)

राज शर्मा 9 2023-01-10 Comments

सास बहू सेक्स कहानी में मैंने दोनों को एक साथ एक बेड पर लिटा कर एक साथ चोदा. उन दोनों को मैंने अलग अलग चोद चुका था पर एक साथ चुदाई का मजा अलग था.

फ्रेंड्स, मैं राज शर्मा एक बार पुन: आपके सामने अपनी सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.

इससे पहले की सेक्स कहानी
बहू ने अपनी सास को चुदवा दिया
में आपने पढ़ा था कि मुझे करिज़्मा नाम की भाभी ने सेक्स करने के लिए अपने घर बुला लिया था.
उसे मुझसे एक बच्चे की चाह थी. उसकी इस चाहत में उसकी सास भी उसका साथ दे रही थी.

मैंने करिज़्मा को और उसकी सास को अलग अलग चोदा था.
करिज़्मा की चुदाई को उसकी सास ने देखा था और सास की चुदाई को करिज़्मा ने देखा था.
अब मेरा मन उन दोनों को एक साथ चोदने का करने लगा था.

आज की इस सास बहू सेक्स कहानी में आप सास बहू दोनों की एक ही पलंग पर चुदाई की कहानी का रस पढ़ेंगे.

उस दिन मैं करिज़्मा की सास की चुदाई करके उन्हीं के साथ नंगा सो गया.

शाम को करीब 6 बजे करिज़्मा मैक्सी पहन कर रूम में आई.
उसने हम दोनों को जगाया.

हम दोनों नंगे एक-दूसरे से चिपक कर लेटे हुए थे.
मैं आंटी जी के ऊपर से उठ कर अपनी अंडरवियर बनियान पहनकर बाहर हॉल में आ गया.

थोड़ी देर बाद करिज़्मा और आंटी जी भी आ गईं.

करिज़्मा ने सबके लिए चाय बनाई, हमने साथ बैठ कर चाय पी.

तब करिज़्मा ने मुझे इशारा किया.
तो मैं उसके पीछे बेडरूम में आ गया दरवाजा बंद करके दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे और एक दूसरे को नंगा कर दिया.
जल्द ही 69 की पोजीशन में आकर चूत लंड चूसने लगे.

मैंने करिज़्मा को घोड़ी बनाया और चोदने लगा.
वो आहह आहहह करके अपनी गांड आगे पीछे करके मस्ती से मेरा साथ देने लगी.

दो दिन से चुदवाने से उसकी चूत पहले से काफी खुल चुकी थी, लंड आराम से अन्दर बाहर जाने लगा था.

करिज़्मा और मेरे बीच कोई शर्म संकोच नहीं बचा था, मैंने उससे कहा- अब तुम्हारी सास को भी तुम्हारे साथ चोदने का मूड कर रहा है.
वो हंस दी और बोली- इसमें क्या बड़ी बात है. उनको भी यहीं बुला लो.

मैंने आंटी जी आने की आवाज देकर अन्दर आने का कह दिया.
उन्होंने ‘हां थोड़ी देर में आती हूँ …’ कह दिया.

मैंने करिज़्मा को लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़कर चोदने लगा, उसकी चूचियां दबाने लगा, होंठों को चूसने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी थी.

मैंने उसे उठाकर लंड पर बैठा दिया और वो आह आह हहह करके उछलने लगी थी.
उसकी चूचियां मेरे हाथों में थी जिन्हें मैं दबा रहा था.

करिज़्मा मेरे कड़े व खड़े लंड पर ऐसे उछल रही थी जैसे कोई घुड़सवार घोड़ी की सवारी कर रहा था.
लंड सटाक से अन्दर जाने लगा था और करिज़्मा इस चुदाई का भरपूर आनन्द ले रही थी.

मैंने वापस करिज़्मा को लिटा दिया और चोदने लगा, मेरा लंड सनसनाता हुआ अन्दर बच्चेदानी तक जाने लगा था.

मेरे झटकों की रफ्तार बढ़ती जा रही थी और करिज़्मा आह हह आहह हह करके अपनी कमर उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी थी.
आखिर में दोनों की सिसकारियां तेज़ हो गई और एक दूसरे को चूमने लगे.

तभी लंड चूत ने पानी छोड़ दिया.
हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे.

थोड़ी देर साथ लेटने के बाद कपड़े पहन कर हॉल में वापस आ गए.
आंटी जी टीवी देख रही थीं.

मैं पास बैठकर टीवी देखने लगा और करिज़्मा खाना बनाने चली गई.
मैंने कहा- आप अन्दर क्यों नहीं आईं?
वो कुछ नहीं बोलीं.

इसका मतलब ये था कि अभी भी आंटी जी के मन कुछ झिझक बाकी थी.

मैंने कहा- आज रात मैं करिज़्मा के कमरे में आपका इन्तजार करूंगा.

लगभग एक घंटा बाद करिज़्मा ने खाना सजा दिया.
हम तीनों ने मिलकर साथ में खाना खाया.

मैं और करिज़्मा बेडरूम में आ गए और एक दूसरे को नंगा करके चूमने लगे.

दोनों 69 की पोजीशन में आकर चूत लंड चूस रहे थे, तभी हाथ में दो गिलास लेकर मुस्कुराते हुए आंटी जी आ गईं.
हम दोनों ने दूध खत्म किया और चूत लंड चूसने लगे.

करिज़्मा बोलने लगी- राज, अब मुझे खड़ा करके चोदो.
मैंने करिज़्मा को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और उसकी एक टांग उठा कर चूत में लंड डालकर चोदने लगा.

करिज़्मा ने इससे पहले ऐसे कभी नहीं चुदवाया था.
वो मेरे झटकों को ज्यादा देर तक नहीं झेल पाई.
मैंने करिज़्मा को गोद में उठा लिया और पलंग के किनारे झुका कर चोदने लगा.

मैंने करिज़्मा का मुँह पलंग पर दबा दिया और तेजी से चोदने लगा.
मेरा लंड करिज़्मा की चूत में पूरा अन्दर तक जाने लगा था.

करिज़्मा की जबरदस्त चुदाई से उसकी चूत ने जल्दी पानी छोड़ दिया.
लंड फच्च फच्च फच्च फच्च की आवाज करने लगा.

मैंने करिज़्मा को बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों को मोड़कर चोदना शुरू कर दिया.
गीला लंड फच्च फच्च करके सीधे बच्चेदानी में टकराया.

तो करिज़्मा ‘ऊईईई ऊईईई ऊईई मर गई राज बहुत दर्द हो रहा है …’ चिल्लाने लगी.
मैं बस अपनी स्पीड बढ़ा कर चोदने में लगा रहा.

थोड़ी देर बाद करिज़्मा को कुछ आराम हुआ, तो वो आहह आहहह करके मस्त होने लगी.
‘आह राज … चोदो … मुझे चोदो … बस मुझे जल्दी से मां बना दो.’

मैंने कहा- मेरी जान, मां भी बनाऊंगा और तुझे चुदाई का मज़ा भी दूंगा.
करिज़्मा ने अपनी टांगें फैला दीं और लंड लेने लगी.

मेरा भी समय आ गया था और मैं जोश में आकर जोर जोर से धक्का लगाकर चोदने लगा.
करिज़्मा की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और लंड तेज़ी से अन्दर बाहर चलने लगा.

थोड़ी देर बाद लंड से वीर्य की पिचकारी निकल पड़ी जो अन्दर बच्चेदानी तक जाने लगी.
हम दोनों थककर एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए.

थोड़ी देर बाद आंटी जी भी आ गईं और हमारे बगल में लेट गईं.
कुछ 20 मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.

करिज़्मा नंगी मेरे साथ लेटी हुई थी और दूसरी तरफ आंटी जी मैक्सी पहन लेटी थीं.
मैंने लंड पर थूक लगाया और एक झटके में पूरा लौड़ा अन्दर करिज़्मा की चूत में घुसा दिया.

अचानक हुए इस हमले से करिज़्मा की चीख निकल गई.
मैं करिज़्मा के ऊपर आकर चोदने लगा और तेज तेज झटके लगाने लगा.

अब करिज़्मा खुद को संभालते हुए आह ओहहह करके अपनी कमर उठा-उठा कर चुदाई में भरपूर साथ देने लगी थी.
आंटी जी चुपचाप हमारी चुदाई का मज़ा ले रही थीं.

मैं भी मन में सोचे बैठा था कि ये अपने आप नंगी होकर चुदने की कहेंगी, तभी चोदूंगा.

मैंने उठाकर करिज़्मा को घोड़ी बनाया और चोदने लगा.
करिज़्मा की चूचियों को मसलने लगा और झटके लगाने लगा.

अब करिज़्मा भी आहह आह हह करके अपनी गांड आगे पीछे करके मस्ती से मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी- राज, और तेज तेज झटके लगाओ. मेरी चूत को आज फाड़ दो आज जमकर चोदो मुझे प्लीज़ राज!

मैं अपनी पूरी रफ्तार से झटके लगाने लगा और थप थप थप करके लंड अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ मिनट की घमासान चुदाई के बाद दोनों ने पानी छोड़ दिया और थककर लेट गए.
थोड़ी देर बाद मैं उठकर बाथरूम चला गया.

पीछे पीछे आंटी जी आ गईं.
हम दोनों ने मूत्र त्याग किया, फिर आंटी जी मुझे अपने रूम में ले गईं.
हम दोनों लेट कर बातें करने लगे.

मैंने उनसे कहा कि आप करिज़्मा के सामने मेरे साथ सेक्स करने में कुछ झिझक रही हैं क्या?
वो चुप रहीं और कुछ नहीं बोलीं.

मैं जान गया था कि आंटी जी मुझसे अपनी चुदाई तो करवाना चाहती हैं, पर अपनी बहू के सामने चुदने में कुछ संकोच कर रही हैं.

मैंने उन्हें अपनी बांहों में ले लिया और चूमने लगा.

दस मिनट के बाद आंटी जी ने अपनी मैक्सी उतार दी और हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
आंटी जी करिज़्मा की चुदाई देखकर गर्म हो चुकी थीं और देर न करते हुए वो लंड को चूसने लगीं.

आंटी जी ने जमकर लंड चूसा, फिर दोनों टांगों को फैला कर मेरे सामने लेट गईं.
मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और चाट चाट कर चूत का पानी निकाल दिया.

थोड़ी देर बाद मैं आंटी जी के ऊपर आ गया, लंड चूत में डाल कर चोदने लगा.
आंटी जी की चूत करिज़्मा की चूत से टाइट थी और ज्यादा मज़ा दे रही थी.

मैं अपनी पूरी रफ्तार से आंटी जी को चोदने लगा.
आंटी जी- आह उम्महह राज … चोदो मुझे … और चोदो आह हह कितना अच्छा चोदता है.

मैंने कहा- आंटी जी, एक बार मेरा दिल भी रख लो.
वो चुप हो गईं.

मैं उनकी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा और आंटी जी की चूचियों को चूसने काटने लगा.
आंटी जी की चूत ने एक बार फिर से पानी छोड़ दिया और लंड फच्च फच्च फच्च फच्च की आवाज करके अन्दर बाहर करने लगा.

मैंने आंटी जी को घोड़ी बनाया और चोदने लगा.
गीला लंड तेज़ी से अन्दर बाहर जाने लगा और आंटी जी अपनी गांड आगे पीछे करके मस्ती से आह आह हहह करके चुदाई करवाने लगी थीं.
थप थप थप की आवाज़ लगातार बढ़ती जा रही थी.

मैंने आंटी जी की चोटी पकड़ कर चोदना शुरू कर दिया और वो आगे पीछे करके चुदाई का मज़ा लेने लगी थीं.
मैं वापस आंटी जी के ऊपर आ गया और दोनों चूचियों को चूसने लगा.

मैंने लंड को चूत में डाल दिया और तेजी से झटके लगाने लगा.
मेरा लंड सनसनाता हुआ अन्दर बाहर अन्दर बाहर करते हुए बच्चेदानी तक जाने लगा था.

देर तक लगातार चुदाई करते हुए अब मेरा लंड भी झड़ने वाला था.
मैंने झटकों की रफ्तार अचानक से तेज कर दी और सटासट सटासट अन्दर बाहर करने लगा.

थोड़ी देर बाद आंटी जी ने पानी छोड़ दिया और फच्च फच्च करके अन्दर बाहर करते हुए लंड ने पिचकारी छोड़ दी.

दोनों थककर एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए.

आंटी जी को नींद आ गई और मैं उठकर करिज़्मा के रूम में आ गया.

करिज़्मा लेटी शायद मेरा इंतजार कर रही थी.
वो मुस्कुराती हुई बोली- मां जी को चोदने में ज्यादा मज़ा आने लगा क्या?

मैंने कहा- नहीं, ये तो बस उनकी खुशी के लिए था. वो शायद तुम्हारे सामने मेरे लंड से चुदने में कुछ संकोच कर रही हैं.
करिज़्मा हंसने लगी.

फिर हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
अब मैं भी थक चुका था. हम दोनों नंगे चिपककर हो गए.

सुबह 5 बजे करिज़्मा की नींद खुली तो उसने मुझे जगाया और बोली- राज, सुबह का सेक्स बच्चे के लिए अच्छा होता है, मां जी ने बताया था न!
हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे और करिज़्मा लंड को सहलाने लगी.

मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और होंठों को चूसने लगा.
करिज़्मा भी बराबर से साथ दे रही थी और होंठों को चूसने लगी थी.

करिज़्मा ने लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
वो बड़ी मस्ती से लंड को जल्दी जल्दी गपागप गपागप चूस रही थी.

थोड़ी देर बाद मैंने करिज़्मा को लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा.

फिर उसके ऊपर आकर चूत में लंड डालकर चोदने लगा. साथ ही मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा.
करिज़्मा आह आह करके अपनी कमर उठा-उठा कर चुदाई में भरपूर साथ देने लगी थी.

तब करिज़्मा बोलने लगी- राज, मुझे तेज तेज चोदो.
मैं तेजी से झटके लगाने लगा और लंड पूरा अन्दर तक जाने लगा.

वो बोल रही थी- आह राज … फाड़ दो मेरी चूत … आहह और चोदो मुझे … मेरे पति ने कभी ऐसे नहीं चोदा. तुम कितना अच्छा चोदते हो … आह पहले मुझे क्यों नहीं मिले तुम आह चोदो. राज लव यू.
मैं और जोश में आकर ताबड़तोड़ झटके लगाने लगा.

मैं करिज़्मा की गर्दन पीठ को चूमने लगा.
वो अपनी गांड आगे पीछे करके अब खुद लंड का पूरा मज़ा ले रही थी.

करिज़्मा बोलने लगी- राज, अब मेरे ऊपर आ जाओ और मुझे जमकर चोदो.
मैं ऊपर आकर चोदने लगा.

अब मेरा लंड सीधा बच्चेदानी तक जाने लगा और जब जब मैं झटका लगाता अब करिज़्मा ऊईईई ऊई ईईआ हह आह करने लगती थी.
थोड़ी देर बाद करिज़्मा की चूत ने पानी छोड़ दिया.

मैं अब अपनी पूरी रफ्तार से अन्दर बाहर अन्दर बाहर झटके लगाने लगा.

थोड़ी देर बाद मेरे लौड़े ने वीर्य की पिचकारी बच्चेदानी के मुहाने पर छोड़ दी.
हम दोनों थक कर एक-दूसरे को चूमते हुए लेट गए.
मैं करिज़्मा के ऊपर ही लेट गया.

सुबह के 6 बज चुके थे हम दोनों लेटे हुए थे.

तभी आंटी जी नंगी ही हमारे रूम में आ गईं.
हम दोनों उन्हें देखकर मुस्कुराने लगे और वो भी मुस्कुराने लगीं.

आंटी जी मेरे बगल में आकर लेट गईं और बोलने लगीं- राज, तू रात को कब आ गया था?
मैंने कहा- आप तो चुदाई के बाद खर्राटे मारकर सो गई थीं तो मैं क्या करता?

करिज़्मा बोलने लगी- मां जी, आप खुश तो हो ना?
आंटी जी बोलने लगीं- हां, मैं बहुत खुश हूं. मुझे अब जल्दी से मेरा पोता दे दे. मेरी प्यासी चूत को राज ने फिर से पानी दे दिया … और अब मुझे क्या चाहिए मेरी बेटी.

दोनों तरफ मेरे दो मदमस्त जवानी औरतें बिल्कुल नंगी लेटी थीं.
सास बहू सेक्स के विचार से मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा.

जैसे ही मेरा लंड करिज़्मा की गांड में टकराने लगा, वो समझ गई कि अब एक बार फिर से उसकी चूत में पानी जाने का समय आ गया.
उसने कहा- मां जी, राज का फिर से खड़ा हो गया.

आंटी जी ने तुरंत लंड अपने हाथों में लेकर सहलाना शुरू कर दिया.
मैं अपनी दो उंगलियां करिज़्मा की चूत में डाल कर अच्छी तरह से चोदने लगा.

वो आह आह करके अपनी कमर चलाने लगी.
इधर आंटी जी मेरे लंड को चूसने लगीं.

सच में दोस्तो, लंड चुसाई में आंटी जी का कोई जवाब नहीं था.
वो लंड चुसाई की कला में माहिर खिलाड़ी थीं.

करिज़्मा की चूत ने पानी छोड़ दिया और वो हांफने लगी थी.

अब मैंने अपनी करवट बदल ली और आंटी जी की चूत में दो उंगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा.
आंटी जी ऊईईई ऊईईई ईई हहह आह करने लगीं.

मैं अब जल्दी जल्दी चूत को अपनी उंगलियों से चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद आंटी जी की चूत ने भी पानी छोड़ दिया.
मेरा हाथ गीला हो गया.

मैं आंटी जी की चूचियों पर चूत का रस लगाकर मसलने लगा.

आंटी जी सीधी लेट गईं और उनके हांफने की आवाज़ आने लगी.

मैं करिज़्मा की तरफ हो गया.
वो लंड को पकड़ कर हिलाने लगी और दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे.

तभी करिज़्मा ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और हाथ से पकड़ कर लंड चूत में डालने लगी.
मैंने झटका लगाया, पूरा लौड़ा अन्दर समा गया था.

मैं करिज़्मा को जमकर चोदने लगा और मेरा लौड़ा सनसनाता हुआ अन्दर बाहर अन्दर बाहर होने लगा था.
करिज़्मा मस्ती से सी सी सी सी ऊईईई ऊईई करके अपनी कमर उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी थी.

मैं उसकी चूचियों को मसलने लगा और ताबड़तोड़ झटके लगाने लगा.
आह आह उई ऊईई की सेक्सी आवाजें कमरे में गूंजने लगी थीं.

फिर मैंने करिज़्मा को लंड पर बैठने को कहा.
वो तुरंत लंड पर चूत रखकर बैठ गई और पूरा लंड उसकी गर्म चूत में समा गया.

करिज़्मा लंड पर सवार होकर अपनी दोनों चूचियों को दबाने लगी और आहहह आहह करके मस्ती से लंड पर उछल उछल कर अपनी चुदाई का मज़ा ले रही थी.
आंटी साथ में लेटकर अपनी बहू की चुदाई का पूरा आनन्द ले रही थीं.

मैं एक हाथ से आंटी जी की चूचियों को मसलने लगा और वो भी आह आहह करके अपनी चूत में उंगली अन्दर बाहर करने लगीं.
हम तीनों सेक्स के सागर में गोता लगा रहे थे.

करिज़्मा की रफ्तार अब धीरे धीरे कम होने लगी और उसकी चूत लंड पर अपनी गिरफ्त बढ़ाने लगी थी.

मैं नीचे से तेज तेज झटके लगाने लगा और उसकी दोनों चूचियों को हाथ में लेकर मसलने लगा.
करिज़्मा की चीख के साथ चूत ने पानी छोड़ दिया था.

मैंने करिज़्मा को बिस्तर पर लिटा दिया और ऊपर आकर होंठों को चूसने लगा.

आंटी जी ऊईईई ऊईईई ऊईई करके अपनी चूत में उंगली अन्दर बाहर कर रही थीं.

मैंने अपना हाथ आंटी जी की चूत में रख दिया और चूत को सहलाने लगा.
इधर करिज़्मा मेरे होंठों को चूसने लगी थी और मैं भी साथ देने लगा.

आंटी जी ने मेरी उंगलियां अपनी चूत में डाल दीं और हाथ पकड़ कर अन्दर बाहर करने लगीं.
मैंने करिज़्मा की चूत में लंड डालकर झटके लगाने शुरू कर दिए और मां जी की चूत को उंगलियों से चोदने लगा.

दोनों सास बहू आह आह उईईई उई सी ई सी ई आहहह आहह करके तेजी से चिल्ला रही थीं और मैं अपने लंड और उंगलियों से दोनों को चोद रहा था.
आंटी जी की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और वो थक कर हांफ रही थीं.

इधर अब मैंने दोनों चूचियों को पकड़कर करिज़्मा को जबरदस्त तरीके से सटा सट सटा सट चोदने लगा.

हम दोनों एक्सप्रेस ट्रेन की गति से चुदाई की इस रेस में दौड़ रहे थे और लंड पिस्टन के जैसे अपने आप चूत में अन्दर बाहर अन्दर बाहर हो रहा था.

करिज़्मा ऊईईई ऊईईई आह आह और तेज तेज और तेज चिल्ला रही थी और उसकी चूत ने गर्म पानी छोड़ दिया.

लंड फच्च फच्च फच्च फच्च करके अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा और थोड़ी देर बाद लंड ने अन्दर पिचकारी छोड़ दी.
हम दोनों पसीने से भीग गए थे और थककर ऐसे ही चिपक कर लेट गए.

थोड़ी देर बाद दोनों अलग हुए फिर हम मिलकर नहाये और नाश्ता किया.
फिर करिज़्मा मुझे छोड़ने बस स्टाप तक आई और मैं वहीं से डायरेक्ट कंपनी चला गया.

इस तरह दो दिन तक करिज़्मा को रात दिन और उसकी 47 साल की सास को जमकर चोदा.

सास बहू सेक्स के कुछ दिनों बाद करिज़्मा ने मुझे खुशखबरी सुनाई कि उसकी माहवारी आनी बंद हो गई है.

डॉक्टर ने उसे बताया कि वो प्रेग्नेंट हो गई है.
मैं भी बहुत खुश था और आंटी जी जल्दी दादी बनने वाली थीं.

इस तरह मैंने उन दोनों सास बहू को कई बार साथ साथ चोदा.

आपको मेरी सास बहू सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल से बताएं.
[email protected]

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